रजत शर्मा को मानहानि के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने दी राहत
Rajat Sharma defamation case

न्यूज़ चैनल ‘India TV’ के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा को मानहानि के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने राहत दी है। साथ ही कॉन्ग्रेस नेताओं को रजत शर्मा के खिलाफ किए गए ट्वीट्स डिलीट करने के लिए कहा गया है। ‘आप की अदालत’ इंटरव्यू शो के लिए लोकप्रिय रजत शर्मा पर कॉन्ग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक को उन्होंने बीच शो में धीमे से गाली दी। हालाँकि, वीडियो में गाली सुनाई नहीं दे रही है कॉन्ग्रेस के कम्युनिकेशन विभाग के सेक्रेटरी इंचार्ज जयराम रमेश, मीडिया एवं पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के चेयरमैन पवन खेड़ा और पार्टी के विदेश मामलों की संयोजक रागिनी नायक को अब रजत शर्मा के खिलाफ किए गए ट्वीट्स हटाने पड़ेंगे। जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इसके लिए तीनों नेताओं को एक सप्ताह का समय दिया है। Google को आदेश दिया गया है कि जो वीडियो सार्वजनिक हो चुके हैं उन्हें प्राइवेट किया जाए, बिना न्यायिक आदेश के उन्हें सार्वजनिक न किया जाए साथ ही इन तीनों नेताओं ने YouTube और X (पूर्व में ट्विटर) पर इस संबंध में जो भी पोस्ट किए, उनके URLs को हटाने के लिए भी दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है। मामला लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के दिन चल रहे डिबेट शो का है। तीनों नेताओं ने एक एडिटेड वीडियो को ये कह कर पोस्ट किया कि ये इंडिया टीवी के डिबेट शो के रॉ फुटेज हैं। कोर्ट ने टी डिबेट का फुटेज देख कर कहा कि प्रारंभिक रूप से लगता है कि रजत शर्मा ने किसी गाली का इस्तेमाल नहीं किया हाईकोर्ट ने कहा कि अगर ये वीडियो सार्वजनिक मीडिया में मौजूद रहते हैं तो इससे रजत शर्मा को भविष्य में बदनाम किए जाने की आशंका बनी रहेगी और उनकी प्रतिष्ठा को देखते हुए व्यावहारिक रूप से नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकेगी। कोर्ट ने कहा कि मानहानि और आलोचना के बीच एक पतली सी रेखा है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अभिव्यक्ति एवं बोलने की आज़ादी के तहत किसी की प्रतिष्ठा को ठेस नहीं पहुँचाई जा सकती।

 

Dakhal News 18 June 2024

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