Patrakar Priyanshi Chaturvedi
वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने महिला आरक्षण पर कहा, मेरा मानना है कि जो हम तय करते हैं कि उसे हमें करना ही चाहिए। महिला आरक्षण विधेयक के लिए विशेष सत्र बुलाकर नए संसद भवन की शुरुआत करना एक बड़ा संदेश है न सिर्फ भारत के लिए बल्कि विश्व के लिए। जो आप (विपक्ष) ने आज तक नहीं किया, उसे अगर मौजूदा सरकार करा पाती है तो यह उसकी प्रतिबद्धता दर्शाता है। हमारे यहां पुरुष देवों से ज्यादा स्त्री देवियों की संख्या है, लेकिन काल खंड में धीरे-धीरे महिलाएं पीछे होती गईं। मैं निजी तौर पर मानता हूं कि समाज के वंचित तबके को आगे लाने के लिए सरकार को विशेष व्यवस्थाएं करनी चाहिए, लेकिन यह एक निश्चित कालखंड के लिए होनी चाहिए।जो पार्टियां आलोचना कर रही हैं कि तत्काल इसे क्यों नहीं लागू किया क्या, वह अगले चुनाव से अपनी पार्टी से 33 फीसदी महिलाओं को टिकट देंगी। बीते कई वर्षों से परिसीमन से सरकारें बचती रही हैं। मेरा मानना है कि विरोध करने वाले इतिहास में अपना नाम अंकित कराने से चूक गए हैं। मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि महिलाओं में पुरुषों से काम करने की क्षमता बहुत ज्यादा है। अगर महिलाएं किसी क्षेत्र में आएंगी तो उसमें आपको एक बड़ा बदलाव दिखेगा। हमारे यहां कहा गया है कि अरे हंस अगर तुम ही पानी और दूध में भेद करना छोड़ दोगे तो दूसरा कौन करेगा।
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