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भारत ने वॉशिंगटन पोस्ट की दो हालिया रिपोर्टों को सख्ती से खारिज करते हुए उन्हें पूरी तरह से आधारहीन और भारत-विरोधी मानसिकता का उदाहरण बताया है। इन रिपोर्टों में एक ओर जहां भारत को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग की कथित साजिश से जोड़ा गया था, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में भारतीय एजेंटों द्वारा आतंकवादी तत्वों को खत्म करने के प्रयास का आरोप लगाया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन रिपोर्ट्स को नकारते हुए कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि वॉशिंगटन पोस्ट और उसके रिपोर्टर भारत के प्रति एक बाध्यकारी शत्रुता रखते हैं। उनकी गतिविधियों में एक तय पैटर्न है। इन खबरों की विश्वसनीयता का फैसला मीडिया जगत पर छोड़ते हैं, लेकिन हमारी ओर से यह स्पष्ट है कि इनमें कोई सच्चाई नहीं है।"
मालदीव पर आरोप:
मालदीव पर रिपोर्ट में वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया था कि ‘डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव’ नामक एक दस्तावेज के आधार पर मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिश की गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने 40 सांसदों को रिश्वत देकर महाभियोग के लिए समर्थन जुटाने की योजना बनाई थी। जायसवाल ने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया।
पाकिस्तान पर आरोप:
पाकिस्तान में भारत के कथित छद्म अभियानों पर वॉशिंगटन पोस्ट ने अनाम पाकिस्तानी और पश्चिमी अधिकारियों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने 2021 से अब तक पाकिस्तान में कम से कम आधा दर्जन लोगों को खत्म करने के लिए कार्यक्रम चलाया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जायसवाल ने पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की टिप्पणी का हवाला दिया, "आप अपने पिछवाड़े में सांप नहीं पाल सकते और यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वे सिर्फ आपके पड़ोसियों को काटेंगे।"
भारत का स्पष्ट रुख:
भारत ने इन खबरों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट्स न केवल आधारहीन हैं, बल्कि भारत के खिलाफ एक सोची-समझी रणनीति के तहत बनाई गई हैं। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के झूठे आरोपों से भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन सच्चाई खुद सामने आएगी।
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