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जबलपुर । गढ़ा थाना क्षेत्र स्थित आमनपुर में शुक्रवार दोपहर 57 वर्षीय प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल की उनके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में लाश मिलने से हड़कंप मच गया। जानकारी के मुताबिक प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल के घर उनकी मेड जब काम करने के लिए पहुंची तो उसने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आई। कई बार कोशिश करने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खुला, तो उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही गढ़ा थाना पुलिस टीम मौके पर पहुँची। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए दरवाजा तोड़ा और जब घर के अंदर दाखिल हुई तो प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल को मृत अवस्था में पाया। पुलिस ने शव का पंचनामा कर मर्ग कायम किया और पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजकर घटना की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला है कि प्रोफेसर घर पर अकेली रहती थीं। मृतका प्रोफेसर प्रज्ञा अग्रवाल जिले के होम साइंस कॉलेज में वनस्पति शास्त्र पढ़ाया करती थीं। हाल ही में उनका ट्रांसफर जबलपुर से दमोह हुआ था। मृतका प्रज्ञा अग्रवाल अविवाहित थीं। उनके छोटे भाई भोपाल में रहते हैं। प्रज्ञा अग्रवाल की हत्या की गई है या उन्होंने आत्महत्या की है, यह पुलिस के लिए अब भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। जिस स्थान पर उनका शव मिला, वहां पास में एक चाकू भी पड़ा था। पुलिस की पूछताछ में मेड ने बताया कि वह कई सालों से उनके घर पर काम कर रही है। प्रज्ञा ने उसे घर की एक चाबी भी दे रखी थी, जिससे वह दिन में दो से तीन बार आकर काम करती और चली जाती थी। एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि प्रज्ञा अग्रवाल होम साइंस कॉलेज में पढ़ाया करती थीं। कुछ दिनों पहले ही उनका ट्रांसफर दमोह हो गया था, इस कारण वे अभी कॉलेज नहीं जा रही थीं। मृतका के गले और हाथ में चाकू से कटने के निशान मिले हैं। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है, इसलिए मौके पर एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया है।
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