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रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शनिवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि, साय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद किसानों की मांग एक नवंबर से धान खरीद को नजर अंदाज करते हुए मुख्यमंत्री ने घोषणा किया कि इस वर्ष धान खरीद 15 नवंबर से 3100 रुपये क्विंटल से होगी, इस वर्ष का खरीद का लक्ष्य भी 160 लाख मीट्रिक टन उन्होंने बताया। जिस प्रकार से समर्थन मूल्य दो सालों में बढ़ा है 117 रुपये और 69 रुपये धान खरीद 3286 रुपये प्रति क्विंटल में होनी चाहिए़। सरकार 3100 रुपये में धान खरीदने जा रही प्रति एकड़ 21 क्विंटल की खरीद होगी। इससे किसानों का प्रति एकड़ 21 क्विंटल गुणीत 186 रुपये = 3906 रुपये का नुकसान होगा। कुल 160 लाख मीट्रिक टन की खरीद में लगभग 2900 करोड़ रुपये सरकार किसानों का दबा लेगी।
प्रदेश में नकली कफ सिरप धड़ल्ले से बिक रहा
दीपक बैज ने कहा कि, नकली कफ सिरप और दवाइयां धड़ल्ले से बिक रही। सरकार के पास गुणवत्ता जांचने की सुविधा ही नहीं। सिरप और दवाओं में केमिकल जांचने वाली मशीन दो माह से बंद पड़ी है। स्वास्थ्य मंत्री झूठ बोल रहे कि प्रदेश में नकली कफ सिरप नहीं बिक रहा। जब आप जांच ही नहीं पा रहे कि बाजार में बिकने वाली दवा सही है या गलत फिर दावा कैसे कर सकते है? स्वास्थ्य मंत्री गलत बयानी कर लोगों की जान से खेल रहे। स्वास्थ्य मंत्री की लापरवाही कही राज्य के लोगों पर भारी न पड़ जाए।
रीपा बंद करने का दुष्प्रभाव दिखने लगा महिलाएं आंदोलन कर रही
दीपक बैज ने कहा कि, कांग्रेस सरकार के समय ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को रोजगार देने के लिए रीपा (रुरल इंडस्ट्रियल पार्क) की स्थापना की गई थी, जहां महिलाओं और स्वसहायता समूह को रोजगार देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जाती थी। रीपा के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजी-रोटी मिलती थी। भाजपा की सरकार बनने के बाद विद्वेषपूर्वक उनको बंद कर दिया गया। महिलाएं बेरोजगार हो गई। परसो ही बालोद के अरमुरकसा गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में कलेक्टर का घेराव करने पहुंची थी ताकि उनके गांव का रीपा फिर चालू किया जाए। गोठान बंद होने के कारण गायों की भूख से मौत हो रही, रीपा बंद करने से महिलाएं बेरोजगार हो गई। यह सरकार की अदूरदर्शिता है। हमारी मांग है सरकार ग्रामीण क्षेत्र की योजनाएं फिर शुरू करे।
बिजली कटौती और मंहगी बिजली बड़ी समस्या बन गई है
दीपक बैज ने कहा कि, सरकार की नाकामी लापरवाही और मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण प्रदेश के लोगों के लिए बिजली कटौती और मंहगी बिजली बड़ी समस्या बन गई है। राज्य बनने के बाद प्रदेश में बिजली के दाम सबसे ज्यादा वर्तमान समय में है। रकार ने बिजली बिल हाफ योजना को बंद कर दिया जिससे लोगों के बिजली के बिल दुगुना से भी अधिक आ रहा। महंगी बिजली के बाद भी सरकार जनता को चौबीस घंटे बिजली नहीं उपलब्ध करवा पा रही। ग्रामीण क्षेत्र में आठ-नौ घंटे तक हो रही बिजली कटौती से जनता परेशान हो रही, लोग बिजली कटौती के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर है। कल ही आरंग में रसनी गांव के ग्रामीणों बिजली कटौती के विरोध में नेशनल हाईवे जाम कर दिया था। यह बताता है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल हो गई है।
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