“लक्ष्य तक वही पहुँचता है, जो सही समय पर लेता है ‘निर्णय’”
bhopal, “Only he can reach, right time.”

(प्रवीण कक्कड़)

जीवन अवसरों और चुनौतियों का अनवरत सिलसिला है, और इनके बीच सबसे निर्णायक सेतु है—निर्णय। हम अक्सर किसी चौराहे पर खड़े होते हैं: ‘हाँ’ कहें या ‘ना’, सुरक्षित मार्ग चुनें या जोखिम लें, कदम आगे बढ़ाएँ या यथास्थिति बनाए रखें। यह क्षणिक ठहराव—यदि लंबा खिंच जाए—धीरे-धीरे जीवन की गति और ऊर्जा को सोख लेता है। अनिर्णय व्यक्ति को निष्क्रियता की ओर धकेलता है और निष्क्रियता अंततः ठहराव का कारण बनती है।

एक पूर्व पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ निभा चुका व्यक्ति होने के नाते मेरा अनुभव यही कहता है: निर्णय लेना ही नहीं, सही समय पर सही निर्णय लेना सफलता का सबसे बड़ा तत्व है। इतिहास साक्षी है कि समयबद्ध और साहसिक निर्णयों ने व्यक्तियों, संस्थाओं और राष्ट्रों की दिशा बदल दी।

 

निर्णय: अस्तित्व का आधार और प्रेरणा की धुरी

निर्णय केवल विकल्प चुनना नहीं, भविष्य की रूपरेखा तय करना है। जिस क्षण हम साहसिक निर्णय लेते हैं, उसी क्षण हम अपने आने वाले अवसरों की दिशा भी चुन लेते हैं।

– स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में बोलने का निर्णय लिया—भारतीय अध्यात्म की आवाज़ विश्व मंच पर अजर-अमर हो गई।

– महात्मा गांधी ने चंपारण में उतरने का निर्णय लिया—स्वाधीनता संग्राम की धारा ही बदल गई।

– असंख्य युवाओं ने सुरक्षित नौकरी छोड़कर स्टार्टअप का निर्णय लिया—अपना भविष्य गढ़ा और हज़ारों के लिए रोज़गार के द्वार खोले।

 

हर बड़ा परिवर्तन—व्यक्तिगत हो या राष्ट्रीय—एक निर्णायक कदम से ही शुरू होता है।

 

सही निर्णय: विवेक और दूरदृष्टि का संगम

निर्णय लेना एक बात है; सही निर्णय लेना एक कला है। यह तीन बातों पर आधारित होता है—

- स्थिति का यथार्थपरक विश्लेषण,

- विकल्पों का संतुलित मूल्यांकन,

- दीर्घकालिक प्रभाव को समझना।

सफलता की गारंटी केवल मेहनत नहीं, बल्कि सही दिशा में लिया गया विवेकपूर्ण निर्णय होती है। मेहनत इंजन है, दिशा निर्णय तय करता है।

 

समय पर निर्णय: अवसरों को थामने की कुंजी

अवसर दरवाज़ा खटखटाते हैं, पर इंतज़ार नहीं करते। जो “सोचते” रह गए, वे पीछे छूट गए; जो “निर्णय” ले बैठे, वही आगे बढ़े।

देरी की तीन कीमतें होती हैं—

(1) अवसर का पलायन,

(2) प्रतिस्पर्धा की बढ़त,

(3) आत्मविश्वास का क्षय।

 

यही कारण है कि समय पर लिया गया साधारण निर्णय भी देरी से लिए गए श्रेष्ठ निर्णय से अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है।

 

 

जीवन के हर मोर्चे पर निर्णय की भूमिका

विद्यार्थी के लिए कुछ अतिरिक्त घंटे पढ़ने या सही करियर-विषय चुनने का निर्णय भविष्य के दरवाजे खोलता है।

उद्यमी या व्यापारी के लिए बाजार को समझकर नई साझेदारी का त्वरित निर्णय (जैसे किसी सक्षम भागीदार से टाई-अप या रणनीतिक निवेश) मंदी में भी विकास का इंजन बन सकता है।

पेशेवर जीवन में प्राथमिकताएँ तय करने और समय प्रबंधन के निर्णय से न केवल उत्पादकता बढ़ती है बल्कि आत्मविश्वास भी।

गृहस्थ जीवन में शिक्षा, पोषण और बचत को लेकर सही निर्णय पूरे परिवार को सुरक्षित आधार देता है।

सामाजिक जीवन में गलत के खिलाफ़ आवाज़ उठाने का निर्णय एक सजग नागरिक गढ़ता है।

 

राष्ट्र की शक्ति उसके नागरिकों के छोटे-बड़े, समयबद्ध निर्णयों में ही निहित होती है।

 

नेतृत्व का शिखर: जब एक निर्णय लाखों को प्रभावित करता है

नेतृत्व का बड़ा दायित्व निर्णय लेना है—अपने लिए और उन सबके लिए जो उस पर निर्भर हैं।

चाहे जनप्रतिनिधि का जनहित में साहसिक कदम हो या किसी प्रशासनिक अधिकारी का नीतिगत निर्णय—एक पल की अनिर्णय स्थिति लाखों जीवनों को प्रभावित कर सकती है। निर्णय में देरी से नीतियाँ अटकती हैं, योजनाएँ ठहरती हैं और सपने अधूरे रह जाते हैं।

 

गलत निर्णय से डरना नहीं, उससे सीखना ज़रूरी है

निर्णय गलत हो सकते हैं—पर निर्णय न लेना सबसे बड़ी भूल है। गलत निर्णय सुधारे जा सकते हैं; अनिर्णय की स्थिति नहीं।

जो गिरकर भी उठते हैं, गलतियों से सीखते हैं और आगे बढ़ते हैं—वही विजेता बनते हैं। जीतने और हारने वालों में फर्क यही होता है।

 

अपना निर्णय स्वयं लेकर अपना भाग्य लिखिए

जीवन में निर्णय से कोई नहीं बच सकता। या तो परिस्थितियाँ आपके लिए निर्णय लेंगी, या आप अपने विवेक और साहस से अपना भाग्य स्वयं लिखेंगे।

सही निर्णय, समय पर निर्णय और साहसिक निर्णय—यही जीवन को दिशा और मंज़िल देते हैं। ‘कल’ की दिशा हमेशा ‘आज’ लिए गए एक निर्णायक कदम से तय होती है।

उठिए, सोचिए, और एक स्पष्ट निर्णय के साथ अपने जीवन की नई दिशा तय कीजिए।

Dakhal News 25 October 2025

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