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कोलकाता में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर मामले के बाद 42 दिन तक हड़ताल करने वाले जूनियर डॉक्टर्स फिर से हड़ताल कर सकते हैं।
डॉक्टरों ने शनिवार रात को कहा कि सोमवार यानी 31 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी। इस दौरान राज्य सरकार वर्कप्लेस पर सेफ्टी और सिक्योरिटी को लेकर जवाब दाखिल करेगी। राज्य सरकार के जवाब के बाद हम हड़ताल फिर से शुरू करने फैसला ले सकते हैं।
दरअसल, कोलकाता के सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 27 सितंबर को एक मरीज की मौत के बाद 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया था। इसी घटना से जूनियर डॉक्टर्स नाराज हैं। उन्होंने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। इस मामले में 4 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है।
42 दिन तक हड़ताल करने के बाद जूनियर डॉक्टर्स ने राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से साल्ट लेक स्थित CBI कार्यालय तक (लगभग 4 KM) मार्च निकालने के बाद 21 सितंबर को काम पर लौटे थे।
डॉक्टर बोले- सरकार के साथ हमारी बैठक को गंभीरता से नहीं लिया गया
शनिवार को एक डॉक्टर ने कहा कि राज्य सरकार हमें सुरक्षा देने पूरी तरह से विफल रही है। इसलिए शुक्रवार को सगोर दत्ता हॉस्पिटल में हमला हुआ। हम ममता सरकार को कुछ समय दे रहे हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद शाम 5 बजे हम फैसला लेंगे।
ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के साथ हमारी बैठकों को गंभीरता से नहीं लिया गया। मरीजों के परिवार के सदस्य हमारी एक महिला सहकर्मी को धमका रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आरजी कर अस्पताल में जो हुआ, वही दोहराएंगे। ये लोग ऐसी धमकी कैसे दे सकते हैं।
ममता-डॉक्टरों की मीटिंग को लेकर 7 दिन टकराव चला
डॉक्टरों और ममता की मीटिंग को लेकर कोलकाता में 7 दिन तक टकराव चला था। 4 कोशिशें नाकाम होने के बाद 16 सितंबर को ममता और डॉक्टरों के डेलिगेशन की CM हाउस में बैठक हुई। इस बैठक में ममता ने डॉक्टरों की 5 में से 3 मांगें मानी थीं और कहा था कि काम पर वापस लौटें।
डॉक्टरों की मांग पर बंगाल सरकार ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को पद से हटा दिया था। उनकी जगह मनोज वर्मा ने पद संभाला। स्वास्थ्य विभाग के भी 4 और अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। इसके अलावा 5 और पुलिस अधिकारियों के पद भी बदले गए।
19 सितंबर को डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया था। जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि हमारी मांग पर कोलकाता पुलिस कमिश्नर, मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर और हेल्थ सर्विसेज के डायरेक्टर को हटाया गया है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि आंदोलन खत्म हो गया है। हेल्थ सेक्रेटरी एनएस निगम को हटाने और अस्पतालों में थ्रेट कल्चर खत्म करने की हमारी मांग अभी भी जारी है।
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