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दूरसंचार (प्रसारण और केबल) सेवा अंतरसंयोजन विनियमों के लेखापरीक्षा प्रावधानों पर ट्राई के परामर्श पत्र पर एक महत्वपूर्ण खुली चर्चा आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख हितधारकों ने लेखापरीक्षा प्रक्रियाओं और बुनियादी ढांचे के साझाकरण के भविष्य पर अपने मजबूत विचार व्यक्त किए।
इस चर्चा के दौरान, डिजिटल प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों (डीपीओ) द्वारा की जा रही विलंबित ऑडिट और अधूरी रिपोर्टों पर चिंता जताई गई। इससे क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को लेकर सभी ने एकमत होकर सहमति जताई, ताकि अनुपालन और प्रसारण क्षेत्र की उभरती गतिशीलता के बीच संतुलन स्थापित किया जा सके।
विचाराधीन मुख्य मुद्दा इंटरकनेक्शन विनियमन, 2017 का खंड 15(1) था, जो डीपीओ के लिए ऑडिट की आवश्यकता से संबंधित है। इस प्रावधान के तहत, डीपीओ को अपने सिस्टम का वार्षिक ऑडिट करना अनिवार्य है, जिसे ट्राई-सूचीबद्ध ऑडिटर द्वारा किया जाना चाहिए।
राधाकृष्णन नायर की टिप्पणियां
भारतीय प्रसारण और डिजिटल फाउंडेशन (आईबीडीएफ) के सचिव राधाकृष्णन नायर ने कहा कि ग्राहक डेटा रिपोर्टिंग में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए कड़े ऑडिट तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने डीपीओ द्वारा अधूरे या विलंबित ऑडिट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल राजस्व सृजन पर असर पड़ता है, बल्कि सिस्टम की अखंडता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
नायर ने यह सुझाव दिया कि ब्रॉडकास्टरों को डीपीओ का ऑडिट करने का प्राथमिक अधिकार होना चाहिए, जिससे सब्सक्राइबर संख्या, डेटा और सिस्टम की अखंडता का समय पर और सटीक सत्यापन किया जा सके। इससे छोटे डीपीओ को ऑडिट के वित्तीय बोझ से राहत मिल सकेगी।
अजय सिंह का दृष्टिकोण
हालांकि, हैथवे डिजिटल लिमिटेड के गैर-कार्यकारी निदेशक अजय सिंह ने खंड 15(1) का समर्थन किया और कहा कि यह प्रावधान "बहुत अच्छा" काम कर रहा है। सिंह के अनुसार, इस ऑडिट से संबंधित ब्रॉडकास्टर और डीपीओ के बीच होने वाले कानूनी विवादों में कमी आई है। उनका कहना था, "अगर डीपीओ अपना ऑडिट नहीं कर रहे हैं, तो ब्रॉडकास्टर उन्हें सिग्नल क्यों दे रहे हैं? अगर वे ऑडिट नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें सिग्नल न दें।"
मनोज छंगानी की राय
ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईडीसीएफ) के महासचिव मनोज छंगानी ने खंड 15(1) को बिना संशोधन के बनाए रखने का समर्थन किया। हालांकि, उन्होंने सुझाव दिया कि इस खंड की प्रभावकारिता को बढ़ाने के लिए कुछ सुधार किए जाने चाहिए, जैसे कि ब्रॉडकास्टर को उन एमएसओ की सूची साझा करनी चाहिए जो समय पर ऑडिट नहीं कर रहे हैं। साथ ही, ट्राई को अपनी वेबसाइट पर गैर-अनुपालन करने वाले एमएसओ की मासिक रिपोर्ट जारी करनी चाहिए।
संशोधन और नियामक अनुपालन की आवश्यकता
इस चर्चा का उद्देश्य डीपीओ के संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना था, ताकि नियामक निरीक्षण और निर्धारित मानकों का अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।
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