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चीन को अमेरिका के सबसे बड़े दुश्मन देश क्यूबा में जासूसी के लिए अक अड्डा मिल गया है, जहां से वह अमेरिका की गतिविधियों पर नजर रख सकेगा. क्यूबा में रूसी परमाणु पनडुब्बियों की मेजबानी के बाद इस बात का पता चला है कि चीन अमेरिका की जासूसी करने में सक्षम क्यूबा में एक नया रडार साइट बना रहा है. चीनी रडार सिस्टम अमेरिका के ग्वांतानामो बे नौसैनिक अड्डे के पास है, इसे अमेरिकी नौसेना ऑपरेट करती है. इस नए रडार साइट के शुरू होने के बाद चीन अमेरिकी युद्धपोतों, एयरक्राफ्ट कैरियर और परमाणु पनडुब्बियों पर निगाह रखने में सक्षम हो जाएगा. इसके अलावा वह अमेरिकी ग्वांतनामो बे नौसैनिक अड्डे पर होने वाली हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा क्यूबा की नई रडार साइट की सैटेलाइट तस्वीरों का वॉशिंगटन थिंक टैंक, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) ने विश्लेषण किया है. CSIS के मुताबिक, क्यूबा की निगरानी क्षमताओं में यह नवीनतम अपग्रेड है. नई रडार साइट चालू होने के बाद क्यूबा के लिए शक्तिशाली उपकरण साबित हो सकता है. यह अमेरिकी वायु सेना और नौसेना की समुद्री गतिविधियों की निगरानी करने में सक्षम होगा. CSIS ने क्यूबा की रडार फैसिलिटी को अत्यधिक आधुनिक बताया है, जो अमेरिकी उपग्रहों के डेटा को इंटरसेप्ट कर सकता है. साथ ही यह अमेरिकी रेडियो ट्रैफिक की निगरानी भी कर सकेगा CSIS की रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्लोरिडा में ही केप कैनावेरल में प्रमुख अंतरिक्ष प्रक्षेपण परिसर है. सीएसआईएस ने इस रिपोर्ट को 'सीक्रेट सिग्नल: डिकोडिंग चाइनाज इंटेलिजेंस एक्टिविटी इन क्यूबा' नाम दिया है. इसी जगह पर अमेरिका के दक्षिणी कमान और सेंट्रल कमान दोनों का मुख्यालय है. ऐसे में अमेरिका केई पनडुब्बी और अन्य सैन्य अड्डे भी इसी जगह पर हैं. क्यूबा का नया सेंटर साल 2021 से सैंटियागो डे क्यूबा के पूर्व में एल सलाओ के पास बनाया जा रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि बेस में लगभग 130 से 200 मीटर के व्यास के साथ एक गोलाकार एंटीना लगा है, जो 3 हजार से लेकर 8 हजार समुद्री मील के संकेतों को ट्रैक कर सकता है सीएसआईएस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि क्यूबा के दूसरे सबसे बड़े शहर सैंटियागो से 73 किलोमीटर पूर्व में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों का चीनी सेंटर आसानी से निगरानी कर सकेगा. हालांकि, सीएसआईएस की रिपोर्ट में किए गए दावे का क्यूबा के उप विदेश मंत्री, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता और अमेरिका में चीनी दूतावास ने खंडन किया है
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