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महाराष्ट्र में हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, और उनके साथ एकनाथ शिंदे तथा अजित पवार ने डिप्टी सीएम के तौर पर जिम्मेदारी संभाली। हालांकि, एकनाथ शिंदे के इस पद में शामिल होने को लेकर पहले ही काफ़ी सस्पेंस था। इस पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट के ज़रिए अपनी प्रतिक्रिया दी और अपनी राय व्यक्त की।
हर्षवर्धन त्रिपाठी ने ट्वीट किया, "यह वही हुआ था, जैसा मैं लगातार कह रहा था। भाजपा और शिवसेना दोनों के लिए यही सबसे बेहतर था कि एकनाथ शिंदे खुद उप मुख्यमंत्री बनें। हालांकि, शिंदे जी ने यह बात देर से समझी, लेकिन अच्छा हुआ कि समझ में आ ही गया। हालांकि, उन्होंने अनावश्यक रूप से रहस्य बनाए रखकर अपना ही नुकसान किया। अब उन्हें आगे अपरिपक्व और बचकाना व्यवहार से बचने की ज़रूरत है।"
राजनीति के जानकारों का कहना है कि एकनाथ शिंदे के पास इससे बेहतर विकल्प नहीं था। शिवसेना के लिए यह बेहद ज़रूरी था कि वे सत्ता में बने रहें, और इसके लिए उन्हें भाजपा के साथ समंजस्य बनाकर ही चलना था। खासतौर पर इस स्थिति में, बीजेपी के पास सबसे ज्यादा विधायकों की संख्या थी, जिससे शिंदे को उनके कहे अनुसार ही कदम उठाने थे।
इस पोस्ट के जरिए त्रिपाठी ने स्पष्ट किया कि शिंदे को अपनी राजनीतिक यात्रा में और परिपक्वता दिखानी चाहिए, ताकि वे भविष्य में राजनीतिक फैसले और व्यवहार में बेहतर दिशा में बढ़ सकें।
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