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महिला फ्लाइंग अफसर से रेप मामले में जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने आरोपी विंग कमांडर को प्री-अरेस्ट बेल दे दी है। आरोपी विंग कमांडर ने ही याचिका लगाकर गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी। कोर्ट ने शुक्रवार को जारी किए बेल ऑर्डर में कहा- याचिकाकर्ता विंग कमांडर के पद पर हैं। उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में उनकी प्रतिष्ठा के साथ-साथ करियर पर भी फर्क पड़ेगा।
कोर्ट ने कि जमानत के लिए विंग कमांडर को 50-50 हजार के दो बेल बॉन्ड भरने होंगे। वे कोर्ट की इजाजत के बिना जम्मू-कश्मीर से बाहर नहीं जा सकते हैं। इसके अलावा अदालत ने कहा कि पुलिस को मामले की जांच जारी रखनी चाहिए। हालांकि, कोर्ट की इजाजत के बिना चार्जशीट फाइल नहीं होनी चाहिए। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, मामले को लेकर एयर फोर्स आंतरिक जांच शुरू कर चुका है।
दरअसल, एयरफोर्स की एक महिला फ्लाइंग अफसर ने अपने सीनियर विंग कमांडर पर रेप का आरोप लगाया था। महिला ने कहा था कि उनके साथ 31 दिसंबर 2023 को न्यू ईयर पार्टी के दौरान यौन शोषण हुआ था। महिला ने इसकी जानकारी 9 महीने बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस को दी। जम्मू-कश्मीर के बडगाम पुलिस ने 10 सितंबर को FIR दर्ज कराई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए ही विंग कमांडर ने 11 सितंबर को याचिका लगाई थी। याचिका लगाई थी।
महिला अफसर की पूरी शिकायत पढ़ें...
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, FIR में महिला अफसर ने कहा कि वह पिछले दो साल से विंग कमांडर के हाथों हैरेसमेंट, सेक्शुअल असॉल्ट और मेंटल टॉर्चर झेल रही है। 31 दिसंबर 2023 को ऑफिसर मेस में हुई न्यू ईयर पार्टी में गिफ्ट देने के बहाने विंग कमांडर उसे अपने कमरे में ले गया और वहां उसके साथ रेप किया।
महिला अफसर ने बताया कि न्यू ईयर पार्टी में विंग कमांडर ने उससे पूछा कि क्या उसे गिफ्ट मिल गया है। जब उसने कहा कि अभी नहीं मिला तो विंग कमांडर ने कहा कि गिफ्ट मेरे रूम में है। ऐसा कहकर वह महिला अफसर को अपने कमरे में ले गया। जब महिला अफसर ने पूछा कि आपका परिवार कहां है तो विंग कमांडर ने बताया कि सभी लोग कहीं गए हैं।
महिला अफसर ने कहा- अपने कमरे में विंग कमांडर ने मुझे ओरल सेक्स करने के लिए मजबूर किया और मेरा रेप किया। मैंने उन्हें बार-बार रुकने के लिए कहा और खुद को बचाने की पूरी कोशिश की। आखिरकार मैंने उन्हें धक्का दिया और वहां से भाग गई। विंग कमांडर ने मुझसे कहा कि वे मुझसे शुक्रवार को मिलेंगे, जब उनकी फैमिली चली जाएगी।
महिला अफसर ने कहा कि मुझे ये समझ पाने में कुछ वक्त लगा कि मेरे साथ क्या हुआ। मैं डरी हुई थी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। क्योंकि ऐसे कुछ मामले पहले भी हुए थे, जब मुझे शिकायत दर्ज कराने से रोका गया था। इस घटना के बाद विंग कमांडर मेरे ऑफिस आए। उन्होंने ऐसे बर्ताव किया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं। उनकी आंखों में कोई पछतावा नहीं था।
विक्टिम ने कहा कि इसके बाद मैंने दो महिला अफसरों को इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने मुझे शिकायत दर्ज कराने में मदद की। मैं बता नहीं सकती कि एक फौज में आने वाली अनमैरिड लड़की होने के नाते जिस तरीके से मुझे ट्रीट किया गया, उससे मानसिक रूप से मैं कितनी परेशान हुई।
महिला अफसर बोली- विंग कमांडर के साथ ही बैठाकर मेरा बयान दर्ज कराया गया
महिला अफसर ने कहा कि इस शिकायत के बाद कर्नल रैंक के अधिकारी ने मामले में जांच के आदेश दिए। इस साल जनवरी में दो बार मुझे और विंग कमांडर को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया। मैंने आपत्ति जताई कि मैं विंग कमांडर की मौजूदगी में अपना बयान नहीं दर्ज कराऊंगी। इसके बाद एडमिनिस्ट्रेशन की गलती छिपाने के लिए जांच ही बंद कर दी गई।
इसके बाद मैंने इंटरनल कमेटी के पास नई एप्लिकेशन फाइल की। इस कमेटी ने दो महीने बाद मुझसे मुलाकात की। सेक्शुअल ऑफेंडर की मदद करने के लिए जिस तरीके से स्टेशन अथॉरिटीज ने काम किया, वह मेरे लिए दुखद रहा। मेरा मेडिकल चेकअप भी तब हुआ, जब मैंने कई बार इसके लिए जिद की। -विक्टिम
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