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उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित रानी घाट पर गंगा किनारे अवैध तरीके से बनाए जा रहे होटल का निर्माण वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र चड्ढा के नाम पर किया जा रहा था। इस होटल की मरम्मत और पुनर्निर्माण की अनुमति को वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने निरस्त कर दिया है। इस निर्णय का मुख्य कारण गलत सूचनाओं के आधार पर स्वीकृति प्राप्त करना और शासनादेश का उल्लंघन है।आपको बता दें कि राघवेंद्र चड्ढा दैनिक जागरण कानपुर में समाचार संपादक के अलावा वाराणसी, हल्द्वानी इत्यादि यूनिटों में संपादक रह चुके हैं.
भवन संख्या ए-11/4-ए-5-ए, मोहल्ला नया महादेव, वार्ड-आदमपुर, वाराणसी, को मरम्मत और पुनर्निर्माण के लिए अनुज्ञा- 1 जनवरी, 2024 को जारी की गई थी। यह अनुमति वरिष्ठ पत्रकार राघवेंद्र चड्ढा के नाम पर ली गई थी। परंतु उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में इस पर पुनः जांच की गई, जिसमें यह पाया गया कि गुमराह करने वाली सूचनाओं के आधार पर अनुमति प्राप्त की गई थी और गंगा के 200 मीटर के भीतर निर्माण पर शासनादेश का उल्लंघन भी किया गया था। शिकायत के आधार पर, वीडीए ने इस भवन के विभिन्न वर्षों के उपग्रह चित्रों का अध्ययन किया और पाया कि गूगल अर्थ और अन्य स्रोतों से लिए गए चित्रों में भवन की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई। आवेदक द्वारा प्रस्तुत किए गए फोटोग्राफ्स भी अस्पष्ट पाए गए, जिससे भवन की वास्तविक स्थिति संदेह के घेरे में आ गई।
शासनादेश के अनुसार, गंगा के किनारे स्थित किसी भी पुराने निर्माण का पुनर्निर्माण तभी किया जा सकता है जब भवन की वास्तविक स्थिति मौजूद हो और आवश्यक दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए हों। इन मानकों के अनुरूप दस्तावेज़ न होने के कारण समिति की सिफारिशों पर वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 6 नवंबर 2024 को इस अनुमति को निरस्त कर दिया है।
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