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जर्मनी के स्टटगार्ट शहर में तीन दिवसीय News9 Global Summit 2024 का आगाज हो गया है। यह प्रतिष्ठित शिखर सम्मेलन 21-23 नवंबर तक चलेगा और इसे भारत के प्रमुख मीडिया हाउस TV9 Network द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस मेगा इवेंट का मुख्य उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और स्थायी विकास के लिए साझेदारी के नए आयाम तलाशना है।
जर्मनी के औद्योगिक शहर के स्टटगार्ट के फुटबॉल मैदान MHP एरिना में News9 ग्लोबल समिट के शुभारंभ पर TV9 नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ बरुण दास ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े न्यूज नेटवर्क को स्टटगार्ट में आमंत्रित करने के लिए हम जर्मनी के आभारी हैं। यह हमारे लिए और हमारे को होस्ट Fau ef B स्टटगार्ट के लिए ऐतिहासिक क्षण है।"
बरुण दास ने अपनी जुड़ाव की भावना साझा करते हुए कहा, "मैंने अक्सर अपने परिवार और दोस्तों से कहा है किअगर मुझे रहने के लिए भारत के अलावा किसी और देश को चुनने का मौका मिले, तो वह जर्मनी होगा।" उन्होंने भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख करते हुए बताया कि मैं नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर की धरती से हूं। टैगोर ने 1921, 1926 और 1930 में जर्मनी का दौरा किया था और यहां उनके साहित्य को व्यापक सराहना मिली थी। टैगोर के विचार और जर्मनी के साथ उनका जुड़ाव आज भी भारत और जर्मनी के सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
उन्होंने आगे कहा कि टैगोर की रचनाओं का अनुवाद जर्मन लेखक मार्टिन काम्पचेन ने किया है। टैगोर के बारे में मार्टिन ने कहा है कि वह जहां भी बोले हॉल खचाखच भरे थे, जिन्हें हॉल में एंट्री देने से मना कर दिया जाता था वह हाथापाई और झगड़े पर उतर आते थे, समाचार पत्रों में ऐसी कई खबरें प्रकाशित हुई हैं। जर्मनी के मीडिया ने भारतीय कवि की ‘पूरब के बुद्धिमान व्यक्ति’ और एक ‘रहस्यवादी और मसीहा’ के रूप में सराहना की है। यह लगभग एक सदी पहले की बात है। बरुण दास ने संस्कृत और जर्मन भाषा के बीच अद्वितीय संबंधों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि "संस्कृत और जर्मन के बीच का ऐतिहासिक जुड़ाव दोनों देशों को एक खास सांस्कृतिक DNA से जोड़ता है। जर्मनी के कई शीर्ष विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है और यह भाषा हमारे सांस्कृतिक संवाद का आधार है।"
TV9 नेटवर्क के MD व CEO बरुण दास ने कहा कि यह एक संयोग ही है कि आज आप सभी का स्वागत करने के लिए मैं यहां आपके सामने खड़ा हूं। एक न्यूज मीडिया के शिखर सम्मेलन में जो एक वैश्विक स्थल पर हो रहा है और वह जर्मनी का स्टटगार्ट शहर है। उन्होंने कहा कि इनोवेशन की राजधानी में एक नया मीडिया टेम्पलेट तैयार करना, विकास को बढ़ावा देना और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में योगदान देने का एक अलग ही एहसास है। भारत और जर्मनी के राष्ट्रगान को एक साथ गाना, एक ऐसा क्षण है जिसे मैं हमेशा संजोकर रखूंगा। बरुण दास ने कहा कि टैगोर से जुड़ाव के अलावा मैं भारत की सबसे पुरानी भाषा संस्कृत और जर्मन के बीच लैंग्वेज बॉन्ड से भी आश्चर्यचकित हूं।हेनरिक रोथ पहले ऐसे जर्मन थे जिन्होंने संस्कृत में मास्टर्स किया था। उन्होंने भारत की यात्रा की और भारतीय संस्कृति के रहस्यों से मंत्रमुग्ध हो गए।
फ्रेडरिक श्लेगल और ऑगस्ट श्लेगल ने संस्कृत भाषा के पीछे की विशिष्टताओं पर गहराई से शोध किया। अब जर्मनी के शीर्ष विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जा रही है। यह ऐसा मूल डीएनए है, जो भारत और जर्मनी को जोड़ता है। बरुण दास ने कहा कि मुझे यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पास इस न्यूज9 ग्लोबल शिखर सम्मेलन में जर्मनी और भारत के बीच संबंधों को नई ऊंचाई देने के लिए रोडमैप पर चर्चा करने वाले कई नेता यहां उपस्थित हैं। मैं अत्यंत आभारी हूं रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का जो भारत से लंबा सफर तय कर इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिस्सा लेने आए हैं। हम सौभाग्यशाली हैं कि जर्मनी के दो वरिष्ठ नीति निर्माता फेडरल मिनिस्टर केम ओजडेमिर और बाडेन-वुर्टेमबर्ग के मंत्री विल्फ्रेंड क्रेश्चमैन अगले दो दिन में हमारे साथ जुड़ेंगे।
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