'वाटर सैल्यूट' के बाद एलसीए तेजस मार्क-1ए ने नासिक में पहली उड़ान भरी
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नई दिल्ली । देश ने विमानन और रक्षा आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में शुक्रवार काे एक मील का पत्थर पार किया जब लंबे इंतजार के बाद लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) मार्क-1ए ने महाराष्ट्र के नासिक में पहली उड़ान भरी।
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में स्वदेशी विमान को 'वाटर सैल्यूट' देकर भारत की बढ़ती ताकत का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद रक्षा मंत्री ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की नासिक यूनिट में एलसीए मार्क 1ए की तीसरी लाइन और एचटीटी-40 की दूसरी लाइन का उद्घाटन किया। इससे इन विमानों के उत्पादन में तेजी आएगी।
 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि एचएएल की नासिक यूनिट में एलसीए मार्क-1ए तेजस और एचटीटी 40 विमान का उत्पादन होता है। दोनों विमानों के निर्माण में तेजी लाने के लिए आज एलसीए तेजस बनाने वाली तीसरी उत्पादन लाइन और एचटीटी 40 विमान की दूसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन हो रहा है। उन्होंने कहा, "नासिक एक ऐतिहासिक भूमि है, जहां भगवान शिव त्र्यंबक के रूप में निवास करते हैं। नासिक आस्था, भक्ति, आत्मनिर्भरता और क्षमता का प्रतीक बन गया है। यहां एचएएल देश की रक्षा शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। जब मैंने आज सुखोई-30, एलसीए तेजस और एचटीटी-40 को एक साथ उड़ान भरते देखा, तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया।"
 
रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर को नई दिल्ली में 97 एलसीए एमके-1ए विमानों और संबंधित उपकरणों के लिए एचएएल के साथ 62,370 करोड़ रुपये के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे पहले 83 तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट के सौदे पर 03 फरवरी, 2021 को बेंगलुरु में एयरो इंडिया के दौरान एचएएल के साथ हस्ताक्षर हुए थे। इस तरह अब कुल 180 विमानों का उत्पादन किया जाना है। एचएएल ने 83 विमानों का पहला ऑर्डर मिलने पर प्रति वर्ष 16 जेट तैयार करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 97 विमानों का और ऑर्डर मिलने पर प्रति वर्ष 32 जेट का उत्पादन करने की तैयारी है। इसलिए रक्षा मंत्री ने आज एलसीए तेजस बनाने वाली तीसरी उत्पादन लाइन का उद्घाटन किया है।
 
एचएएल के मुताबिक एलसीए तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट में एवियॉनिक्स, हथियार और रखरखाव में 43 तरह के सुधार किये गए हैं। अब इसमें अत्याधुनिक एईएसए रडार होगा, जो तेजस मार्क-1 के इजराइली ईएल/एम-2032 रडार से बेहतर होगा। पहले बैच में इजराइली ईएल/एम-2052 रडार होगा, जबकि बाकी में स्वदेशी 'उत्तम' रडार होगा। तेजस मार्क-1ए में इजराइली ईएलएल-8222 जैमर पॉड होगा, जो बीवीआर या एसएएम मिसाइलों के रडार सिग्नल को बाधित करेगा। आधुनिक वायु युद्ध के लिहाज से यह सुधार काफी महत्वपूर्ण है। तेजस मार्क-1ए में युद्ध के लिए नजदीकी, बीवीआर और लंबी दूरी की बीवीआर बेहतर मिसाइलें होंगी। इसमें हवा से जमीन पर हमला करने के लिए 500 किलोग्राम एलजीबी और बिना गाइड वाले बम भी होंगे।
Dakhal News 17 October 2025

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