गोवा सरकार ने अपने सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए एक नई पॉलिसी लॉन्च की है, जिसके तहत वे ऑडियो-विजुअल कंटेंट बनाने के लिए 50,000 रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। इस पॉलिसी का उद्देश्य गोवा की सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों, जैसे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI), का प्रमोशन करना है।
कमाई के अवसर
इंफ्लुएंसर की कमाई उनके सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या पर निर्भर करेगी। पॉलिसी के अनुसार, इंफ्लुएंसर को निम्नलिखित ग्रेड के आधार पर भुगतान किया जाएगा:
- ग्रेड A (1 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स): इन इंफ्लुएंसर को सबसे अधिक भुगतान मिलेगा।
- ग्रेड D (10,000-25,000 फॉलोअर्स): इन इंफ्लुएंसर को कम दर पर भुगतान होगा।
कंटेंट के प्रकार के आधार पर, इंफ्लुएंसर ₹2,000 से ₹50,000 तक की कमाई कर सकते हैं। इस पॉलिसी से जुड़ी अन्य शर्तों के अनुसार, केवल गोवा के निवासी सोशल मीडिया पर कम से कम एक साल से सक्रिय इंफ्लुएंसर ही इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें हर छह महीने में कम से कम 60 पोस्ट करने की आवश्यकता होगी।
नियम और शर्तें
- गोवा का निवासी होना आवश्यक: केवल गोवा में रहने वाले इंफ्लुएंसर इस पॉलिसी का लाभ उठा सकते हैं।
- एक साल की सक्रियता: सोशल मीडिया पर कम से कम एक साल से सक्रिय रहना जरूरी है।
- 60 पोस्ट का शर्त: हर छह महीने में कम से कम 60 पोस्ट करना अनिवार्य है।
- सरकारी मंजूरी: सभी कंटेंट को पोस्ट करने से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी।
बजट और विवाद
गोवा सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए बजट तो निर्धारित किया है, लेकिन खर्च अपेक्षाओं से कम रहा है। इस पॉलिसी को तैयार करते समय स्थानीय क्रिएटर्स या विभागों से राय नहीं ली गई, जिससे कुछ सवाल उठ रहे हैं।
अन्य राज्यों में समान पहल
यह पहली बार नहीं है जब किसी राज्य ने इस तरह की पॉलिसी लागू की है। उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में पहले ही सोशल मीडिया इंफ्लुएंसरों के लिए ऐसी नीतियां लागू हैं। वहीं, महाराष्ट्र जैसे राज्य भी बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए इस तरह के मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रहे हैं।
गोवा सरकार की यह नई पॉलिसी सोशल मीडिया पर सक्रिय इंफ्लुएंसरों के लिए एक अवसर बन सकती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ सवाल भी उठ रहे हैं कि यह नीति स्थानीय क्रिएटर्स के लिए कितनी फायदेमंद साबित होगी।
By: Sumit Giri