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केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया को बताया कि ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म को विनियमित करना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब दूरसंचार विभाग (DoT) दूरसंचार ऑपरेटर्स के अनुरोधों की जांच कर रहा है, जिन्होंने मंत्रालय से अपील की है कि वह OTT प्लेटफॉर्म्स को उनके साथ बुनियादी ढांचे की लागत साझा करने के लिए बाध्य करें।
केंद्रीय संचार मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा गठित छह सलाहकार समूहों में से एक ने इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) के दृष्टिकोण से चिंताओं को उजागर किया गया है।वही, ऑपरेटर्स का कहना है कि डेटा खपत की वृद्धि के मुकाबले दूरसंचार बुनियादी ढांचे का विस्तार अपेक्षित गति से नहीं हुआ है।
इन प्लेटफॉर्म्स ने इस थोपे गए नियम का विरोध किया है और कहा है कि टेलीकॉम सेक्टर के लिए बनाए गए ऐसे नियम OTT में इनोवेशन को बाधित करेंगे और उन्हें उपभोक्ताओं से उन सेवाओं के लिए शुल्क लेने पर मजबूर कर देंगे, जो पहले मुफ्त में उपलब्ध थीं। सिंधिया ने एक समर्पित मैन्युफैक्चरिंग जोन स्थापित करने का समर्थन भी किया है, जहां दूरसंचार उपकरण बनाए जा सकें। उन्होंने कहा कि BSNL को पुनर्जीवित करने और 4G के विस्तार को बढ़ावा देने के बाद यह DoT की प्राथमिकता होगी।
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