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शिवपुरी । मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले की नरवर तहसील में मंगलवार को लोकायुक्त ग्वालियर की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव एक युवती को आंगनवाड़ी सहायिका की नौकरी दिलवाने के बदले 1.80 लाख रुपए की मांग कर रही थी। तय राशि में से 20 हजार रुपए लेते ही लोकायुक्त टीम ने उसे धर दबोचा।
जानकारी के अनुसार, अटा वीरपुर निवासी शिशुपाल जाटव की बहन ने अपने गांव में खाली पड़े आंगनवाड़ी सहायिका के पद के लिए आवेदन किया था। कुछ दिन बाद महिला पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव ने फोन कर शिशुपाल की बहन को बताया कि उसका नाम चयन सूची में दूसरे नंबर पर है, लेकिन यदि वह कुछ पैसा दे देती है तो उसकी नौकरी पक्की कर दी जाएगी। इसके बाद शिशुपाल जाटव अनीता श्रीवास्तव से व्यक्तिगत रूप से मिला। यहां महिला पर्यवेक्षक ने खुलकर 1.80 लाख रुपए की रिश्वत मांगी। काफी बातचीत के बाद सौदा डेढ़ लाख रुपए में तय हुआ। शिशुपाल ने पूरी बातचीत का ऑडियो अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और इसे लेकर लोकायुक्त ग्वालियर के दफ्तर में शिकायत की।
लोकायुक्त टीम ने शिकायत को गंभीरता से लिया और योजना बनाकर मंगलवार को कार्रवाई की। जैसे ही शिशुपाल ने महिला पर्यवेक्षक को 20 हजार रुपए थमाए, लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर अनीता श्रीवास्तव को रंगे हाथों पकड़ लिया। रिश्वत की रकम उसके हाथ से बरामद की गई है।
नियुक्ति सूची में छेड़छाड़ का भी आरोप -
शिकायतकर्ता शिशुपाल जाटव का कहना है कि चयन सूची में भले ही कोई प्रथम स्थान पर क्यों न हो, लेकिन दस्तावेजों में गड़बड़ी दिखाकर हटाने की कोशिश की जाती है। आंगनवाड़ी की भर्ती प्रक्रिया में खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है और लाखों रुपए की अवैध वसूली की जा रही है।
लोकायुक्त टीम ने रिश्वतखोर महिला पर्यवेक्षक अनीता श्रीवास्तव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। टीम अब उससे पूछताछ कर रही है कि वह यह रकम किसके लिए ले रही थी और इसमें और कौन-कौन शामिल हैं यह एक गहन जांच का विषय है।
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