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नई दिल्ली । ब्राह्मण रक्षा मंच ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'फुले' में ब्राह्मण विरोधी नफरत फैलाने वाले दृश्यों को तुरंत हटाने की मांग की है। रविवार को मंच के प्रमुख सदस्यों ने एकत्र होकर इस फिल्म का पुरजोर विरोध किया और कहा कि जब तक ये दृश्य हटाए नहीं जाते या फिल्म का प्रसारण रोका नहीं जाता, तब तक ब्राह्मण समाज चैन से नहीं बैठेगा।
दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में मंच के महन्त सतीश दास जी महाराज, महन्त भोला गिरि जी महाराज, और अन्य सदस्यों ने फिल्म पर आपत्ति जताते हुए बताया कि इस फिल्म को ज्योतिबा फुले के नाम पर ब्राह्मण समाज के गौरवशाली इतिहास को धूमिल करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन देकर फिल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है।
वक्ताओं ने कहा कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा समाज के सभी वर्गों को एक साथ लाने का कार्य किया है और यह अपमान केवल ब्राह्मण समुदाय ही नहीं, बल्कि संपूर्ण सनातन संस्कृति के लिए स्वीकार्य नहीं है। उनका कहना था कि फिल्म में ब्राह्मणों को गलत तरीके से प्रस्तुत करके दर्शाया गया है कि वे महिलाओं को शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है। वक्ताओं ने कहा, “ब्राह्मणों ने ज्योतिबा फुले को 20 स्कूल खोलने में मदद की थी और वे खुश थे। जब फुले ने सत्य शोधक समाज खोला तो ब्राह्मण वर्ग ही इसके स्तंभ थे।”
ब्राह्मण रक्षा मंच ने स्पष्ट किया कि सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली फिल्मों पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस फिल्म के माध्यम से नफरत और सामाजिक कुप्रथाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है, जो समाज के लिए हानिकारक है। मंच ने फिल्म के खिलाफ अपने आंदोलन को जारी रखने का संकल्प लिया है।
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