यूट्यूब क्रिएटर्स के लिए नया दौर: नियमों में बदलाव और कमाई में गिरावट की चुनौती
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आने वाले समय में यूट्यूब पर काम करने वाले क्रिएटर्स के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। हाल ही में यूट्यूब ने अपनी नीतियों में कुछ बदलाव की घोषणा की है, जिनके चलते न्यूज़ कैटेगरी से जुड़े क्रिएटर्स और रिपोर्टर्स के लिए मुश्किलें और भी बढ़ सकती हैं। इसके साथ ही, फेसबुक जैसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स ने पहले ही न्यूज कैटेगरी के कंटेंट पर पैसे देने में कमी कर दी है और उनकी रीच को भी घटा दिया है। यूट्यूब ने भी अब 3 मिनट तक के वीडियो को शॉर्ट्स कैटेगरी में शामिल करने का निर्णय लिया है, जो कि क्रिएटर्स के लिए एक नया सिरदर्द बन सकता है। 

यूट्यूब के नियमों में आने वाले बदलावों का सबसे बड़ा असर उन क्रिएटर्स पर पड़ने वाला है जो न्यूज या छोटी-छोटी जानकारियों को लेकर वीडियो बनाते थे। पहले, 3 मिनट तक के वीडियो को लंबे फॉर्मेट में कैटेगरी में रखा जाता था और उन पर अच्छा खासा पैसा मिल जाता था। लेकिन अब यूट्यूब ने 3 मिनट तक के वीडियो को शॉर्ट्स कैटेगरी में डालने का फैसला किया है, जिससे इन वीडियो की कमाई में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है।

शॉर्ट्स वीडियो को लेकर पहले से ही यूट्यूब के अंदर और बाहर दोनों ही जगह विवाद रहा है। चूंकि शॉर्ट्स वीडियो का मुख्य उद्देश्य तेजी से उपभोक्ताओं को ध्यान में लाना और उन्हें संक्षिप्त कंटेंट दिखाना होता है, इसलिए इन पर मिलने वाली कमाई और दर्शकों की संख्या में भी उतनी बड़ी वृद्धि नहीं होती, जैसा लंबे वीडियो में देखने को मिलता था। 

अब, यदि एक वीडियो को शॉर्ट्स कैटेगरी में डाला जाता है, तो उसके व्यूज पर मिलने वाली कमाई बहुत कम हो जाएगी। उदाहरण के लिए, 1 लाख से डेढ़ लाख व्यूज पर एक वीडियो को लगभग 1 डॉलर (लगभग 80-90 रुपये) ही मिलेगा। यह आंकड़ा सुनकर किसी भी क्रिएटर के लिए यह समझना मुश्किल नहीं होगा कि अब बड़े पैमाने पर वेरिफाइड जानकारी और न्यूज़ से जुड़े कंटेंट के लिए यह एक मुश्किल दौर हो सकता है।

न्यूज़ क्रिएटर्स के लिए हालात पहले से ही कठिन हो चुके हैं। फेसबुक ने पहले ही न्यूज़ कैटेगरी में पैसे देने वाली स्कीमों को लगभग समाप्त कर दिया है। न केवल पैसे कम हो गए हैं, बल्कि रीच भी घटा दी गई है। इसका असर उन छोटे और मझले क्रिएटर्स पर ज्यादा पड़ा है, जो न्यूज़ कंटेंट पर आधारित चैनल चलाते थे। अब यूट्यूब की नई नीतियों से यह स्थिति और भी विकट होने वाली है।

यूट्यूब के प्लेटफार्म पर न्यूज आधारित वीडियो पर दर्शकों का ध्यान आकर्षित करना पहले भी कठिन था, और अब ये और भी मुश्किल हो जाएगा। शॉर्ट्स कैटेगरी में वीडियो डालने से न केवल कमाई कम होगी, बल्कि इन वीडियो के व्यूज पर भी असर पड़ेगा। यदि वीडियो 3 मिनट से ज्यादा का होता है, तो फिर भी उसे दर्शकों से पर्याप्त वॉच टाइम चाहिए होगा, तब जाकर वह वीडियो अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। लेकिन यदि कंटेंट कमजोर हुआ, तो दर्शक जल्दी ही वीडियो छोड़ देंगे और क्रिएटर की मेहनत बेकार चली जाएगी। 

 

 

नए नियमों के चलते यह साफ हो गया है कि अब बिना तैयारी के किसी भी वीडियो को बनाना और अपलोड करना संभव नहीं होगा। यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के दर्शक अब पहले से कहीं ज्यादा समझदार हो चुके हैं। उन्हें किसी भी वीडियो के सिर्फ शीर्षक या थंबनेल देखकर आकर्षित करना अब उतना आसान नहीं रहेगा। अब दर्शक गुणवत्तापूर्ण और ज्ञानवर्धक कंटेंट की तलाश में रहेंगे। 

किसी भी वीडियो को वायरल करने के लिए अब आपको मेहनत करनी होगी, पढ़ाई करनी होगी और पूरी तरह से कंटेंट पर शोध करना होगा। खासकर न्यूज़ कैटेगरी में काम करने वाले क्रिएटर्स के लिए यह एक बडी चुनौती हो सकती है। आपको पहले से जानकारी जुटानी होगी और फिर उसके बाद उस जानकारी को अपने वीडियो में अच्छे तरीके से प्रस्तुत करना होगा। केवल 8-10 मिनट के वीडियो से ही अब ज्यादा कमाई होने की संभावना है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि वीडियो में दर्शक का ध्यान लंबे समय तक बना रहे। 

यूट्यूब पर कमाई बढ़ाने के लिए अब सिर्फ वीडियो का लंबा होना जरूरी नहीं है। इसका मुख्य कारण है 'वॉच टाइम'। अगर वीडियो लंबा है, लेकिन दर्शक पूरी तरह से उसे नहीं देखते हैं, तो उसे कोई फायदा नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, अगर आप 8-10 मिनट का वीडियो बनाते हैं, लेकिन दर्शक केवल 2-3 मिनट ही देखते हैं, तो यूट्यूब आपके वीडियो को प्रमोट नहीं करेगा और न ही आपको ज्यादा कमाई मिलेगी। 

वहीं, छोटे वीडियो जो शॉर्ट्स कैटेगरी में आते हैं, अगर उनकी गुणवत्ता अच्छी होगी और दर्शक उन्हें अंत तक देखेंगे, तो उनका प्रदर्शन बेहतर हो सकता है। इसका मतलब यह हुआ कि अब क्रिएटर्स को न सिर्फ वीडियो की लंबाई पर ध्यान देना होगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वीडियो में दिलचस्पी बनाए रखी जाए। 

कुल मिलाकर, यूट्यूब पर न्यूज़ और अन्य कैटेगरी में काम करने वाले क्रिएटर्स के लिए यह समय बदलाव का है। पहले जो आसान तरीका था—छोटे और बिना तैयारी के वीडियो बनाकर तुरंत पैसे कमाने का—अब वह तरीका नहीं चलेगा। अब सफलता पाने के लिए आपको कंटेंट में गुणवत्ता लानी होगी, दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नई तकनीकों को अपनाना होगा और सबसे महत्वपूर्ण, मेहनत करनी होगी। 

यूट्यूब का नया अपडेट यह संकेत देता है कि अब मार्केट में एक तरह का करेक्शन आ चुका है। अब सिर्फ मनोरंजन या हल्की-फुल्की बातें करने से काम नहीं चलेगा। न्यूज कैटेगरी में जो भी कंटेंट चलेगा, उसे पूरी तरह से सोचा-समझा और तैयार किया गया होना चाहिए। केवल इस प्रकार की तैयारी के बाद ही क्रिएटर्स अपना अच्छा भविष्य बना सकते हैं।

 

By Sumit Giri

Dakhal News 18 November 2024

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