मणिपुर में लगातार दूसरे दिन ड्रोन अटैक:कुकी उग्रवादियों ने मैतेई में घरों पर बम गिराए
Kuki militants dropped bombs on houses in Meitei

मणिपुर में इंफाल जिले के सेजम चिरांग गांव में सोमवार (3 सितंबर) की शाम उग्रवादियों ने ड्रोन अटैक किए। जिसमें में एक महिला समेत 3 लोग घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह 2 दिन में दूसरा ड्रोन अटैक है।

सोमवार शाम करीब 6.20 बजे सेजम चिरांग के रिहायशी इलाके में ड्रोन से 3 विस्फोटक गिराए। जो छत को तोड़ते हुए घरों के अंदर फटे। उग्रवादियों ने पहाड़ी की चोटी से गोलीबारी भी की। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी फायरिंग की।

सेजम चिरांग गांव, कोत्रुक से करीब 3 किमी दूर है, जहां रविवार 1 सितंबर को ड्रोन हमले और गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी और 9 लोग घायल भी हुए थे। ये आशंका जताई जा रही है कि कुकी उग्रवादियों को ड्रोन वॉरफेयर के लिए म्यांमार से टेक्निकल सपोर्ट और ट्रेनिंग मिल रही है, या वे सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं।

ड्रोन से आबादी और सुरक्षा बलों पर बम गिराना आतंकवाद है। मैं इस कायरता की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। राज्य सरकार कार्रवाई करेगी। मणिपुर के लोग नफरत और अलगाववाद के खिलाफ एकजुट होंगे।- एन बीरेन सिंह, मुख्यमंत्री (मणिपुर)

2 बम घरों पर गिरे, तीसरा नदी किनारे फटा

ड्रोन से पहला बम सेजम चिरांग गांव के मानिंग लीकाई में 65 साल के वाथम गंभीर के घर की छत पर बम गिरा, दूसरा बम उसके घर के बगल वाली गली में गिरा, जबकि तीसरा बम नदी के किनारे फटा। वाथम गंभीर की बेटी सनातोम्बी (23) के पेट में छर्रे लगे। उसे तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सनातोम्बी को शिजा अस्पताल रेफर कर दिया गया। गंभीर के छोटे भाई जोतिन (56) को भी विस्फोट में कंधे पर मामूली चोट लगी।

पुलिस को तलाशी में गोला-बारूद मिला

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कांगपोकपी जिले के खारम वैफेई गांव के पास से एक ड्रोन बरामद किया है। कांगपोकपी जिले के कांगचुप पोनलेन में सुरक्षा बलों के तलाशी अभियान के दौरान हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। इनमें दस 12 इंच की सिंगल-बोर बैरल राइफलें, एक इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार, नौ इम्प्रोवाइज्ड मोर्टार बैरल, 20 जिलेटिन रॉड, 30 डेटोनेटर, दो देशी रॉकेट जब्त किए गए।

रविवार 1 सितंबर को हुए हमले के बाद की तस्वीरें...

खाली पड़े 5 घरों में भी आग लगाई

रविवार को इंफाल से 18 किमी दूर बना कोत्रुक गांव में मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। रविवार दोपहर 2 बजे गोलीबारी हुई। जिसके बाद लोग वहां से जान बचाकर भागे। उग्रवादियों ने खाली पड़े घरों में लूटपाट की। साथ ही 5 घरों और वहां खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी। हालांकि सुरक्षा बलों ने रविवार रात को हमलावरों को खदेड़ दिया।

ड्रोन हमले के बाद गांव के सभी 17 परिवार भागे

इंफाल वेस्ट जिले के कौत्रुक गांव समेत 3 गांव में रविवार रात कुकी हथियारबंद उग्रवादियों ने ड्रोन से बम गिराकर हमला किया था। इसके बाद कौत्रुक गांव के सभी 17 परिवार गांव छोड़कर भाग गए हैं। सभी अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सुरक्षित जगहों जैसे इंफाल, खुरखुल और सेक्माई चले गए हैं। लोगों में डर है। उन्हें अंदेशा है कि एक बार फिर बड़े स्तर पर हिंसा भड़क सकती है।

कौत्रुक निवासी प्रियोकुमार ने बताया कि गांव में अब तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हुए हैं, जिससे सभी ने डर कर गांव छोड़ दिया है। इस बीच, कौत्रुक और आसपास के क्षेत्रों के छात्रों को डर है कि हिंसा भड़कने के कारण कॉलेज फिर से बंद हो सकता है।

विधायक व CM के दामाद की केंद्रीय बलों को हटाने की मांग

भाजपा विधायक व सीएम बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेटर लिख केंद्रीय बलों को वापस बुलाने का अनुरोध किया है। उनकी मांग है कि सुरक्षा की सारी ​जिम्मेदारी अब राज्य को दी जानी चाहिए। राज्य में 60 हजार केंद्रीय बलों की मौजूदगी से शांति बहाल नहीं हो पा रही है, इसलिए बेहतर है कि सुरक्षा बलों को हटा दिया जाए।

कुकी वॉलंटियर्स की धमकी- 3 दिन में गांव खाली करें

CM बीरेन सिंह के बयान से नाराज कुकी-जो विलेज वॉलंटियर्स ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने धमकी दी है कि मैतेई लोगों ने 3 दिन में गांव खाली नहीं किए तो कुकी वॉलंटियर्स उन्हें खदेड़ देंगे। वीडियो में एक कुकी वॉलंटियर यह कहता दिख रहा है- मैतेई उग्रवादी चूराचांदपुर-कांग्पोकपी को लगातार निशाना बना रहे हैं, और CM ने कहा है कि राज्य में शांति है। वे हमें मूर्ख समझते हैं।

कुकी-जो संगठनों की मणिपुर में कुकीलैंड की मांग

कुकी-जो समुदाय के लोगों ने 31 अगस्त को मणिपुर के चुराचांदपुर, कांगपोकपी और टेंग्नौपाल में रैलियां निकालीं। इन संगठनों की मांग है कि मणिपुर में अलग कुकीलैंड बनाया जाए, जो केंद्र शासित प्रदेश हो। इन संगठनों का कहना है कि पुडुचेरी की तर्ज पर विधानसभा के साथ एक केंद्र शासित प्रदेश बनाना ही राज्य को जातीय संघर्ष से बाहर निकालने का इकलौता रास्ता है।

CM बीरेन के इंटरव्यू और वायरल ऑडियो का विरोध

मणिपुर में 31 अगस्त को निकाली गई रैलियों में CM बीरेन सिंह के न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू का विरोध किया गया। मुख्यमंत्री ने कुकी समूहों की अलग प्रशासन (कुकीलैंड) की मांग को खारिज कर दिया था।

CM बीरेन ने कहा था कि वे राज्य की पहचान को कमजोर नहीं होने देंगे। बीरेन मैतेई समुदाय से आते हैं, हालांकि उन्होंने जिस इलाके में कुकी रहते हैं, उस क्षेत्र के लिए एक विशेष विकास पैकेज देने का आश्वासन दिया है।

इसके अलावा CM बीरेन के एक अन्य वायरल ऑडियो पर भी बवाल मचा है। इस ऑडियो को CM बीरेन सिंह का बताया गया है। ऑडियो में मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा पर आपत्तिजनक टिप्पणियां सुनाई दे रही हैं।

हालांकि, मणिपुर सरकार का कहना है कि ऑडियो क्लिप में मुख्यमंत्री की आवाज से छेड़छाड़ की गई है। यह हिंसा से प्रभावित राज्य में शांति की पहल को पटरी से उतारने के लिए किया जा रहा है।

BJP नेता के घर में आग लगाई गई

मणिपुर के पेनियल गांव में 31 अगस्त को BJP प्रवक्ता टी माइकल एल हाओकिप के पिता के घर पर आग लगा दी गई। हाओकिप ने X पर वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि यह काम कुकी लोगों का है। हाओकिप ने कहा था कि उनके घर पर एक साल में तीसरी बार हमला हुआ। पिछले हफ्ते भी 30 से ज्यादा हथियारबंद लोगों ने कई राउंड फायरिंग की थी।

मई 2023 से जारी हिंसा में 200 से ज्यादा लोग मारे गए

मणिपुर में 3 मई, 2023 से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसा की अब तक 226 लोगों की मौत हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।

जानिए क्या है मणिपुर हिंसा की वजह...

मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतेई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।

नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।

सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

Dakhal News 3 September 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.