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पंजाब केसरी’ (Punjab Kesari) समूह के हिंदी अखबार 'नवोदय टाइम्स' के कार्यकारी संपादक अकु श्रीवास्तव की नई किताब 'मोदी 3.0 और आगे: पटरी पर साख' ने मार्केट में दस्तक दे दी है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डॉ.सुधांशु त्रिवेदी के मुख्य आतिथ्य में दिल्ली स्थित ‘कॉन्स्टीट्यूशन क्लब’ के डिप्टी स्पीकर हॉल में नौ दिसंबर, 2024 को आयोजित एक कार्यक्रम में इस पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार व ‘सी वोटर’ के संस्थापक यशवंत देशमुख और ‘डीडी न्यूज’ में वरिष्ठ सलाहकार संपादक अशोक श्रीवास्तव बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए, वहीं ‘प्रभात प्रकाशन’ के प्रभात कुमार और पीयूष कुमार ने भी मंच की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम में डॉ. सुधांशु त्रिवेदी का कहना था कि 16 मई 2014 में नरेंद्र मोदी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने। उस समय एक सरकार परिवर्तन की शुरुआत हुई। 2019 में फिर से नरेंद्र मोदी पीएम बने, इस बार लोगों ने व्यवस्था परिवर्तन होते देखा और मोदी-3 में लोगों की सोच में बदलाव स्पष्ट झलक रहा है। आलम यह है कि विश्व भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मान रहा है कि भारत वर्ल्ड का ग्रोथ इंजन भी बनेगा। उन्होंने बौद्धिक वर्ग की खास बिरादरी का तमगा ओढ़े रहने वाले सफेदपोश अथवा राजनीतिक दल से जुड़े वर्ग पर निशाना साधते हुए कहा कि दरअसल किताब में जो विषय और नाम दिया गया है, वास्तव में पटरी पर तो साख उन लोगों और उस विपक्षी दलों की है, जो स्वयंभू बौद्धिक जगत के सिरमौर बने हुए हैं।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि तमाम राजनीतिक भविष्यवाणी के बीच तीसरी बार नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनने के साथ कई तरह के समीकरण और फेक नैरेटिव भी इस बार देश के सामने आए। खासतौर पर चुनाव के परिणाम के बाद कुछ फेक नैरेटिव गढऩे की पुरजोर तरीके से कोशिशें की गईं। लेकिन सब को धता बताते हुए मोदी-3 कार्यकाल आरंभ हो चुका है।
उन्होंने कहा कि वासतव में जिस तरह के चुनावी परिणाम सामने आए हैं, चाहें बात लोकसभा चुनाव की हो या फिर हरियाणा अथवा महाराष्ट्र के परिणाम की, सभी में महिला वोटरों का योगदान और उनका प्रभाव भी गौर करने लायक है। उन्होंने कहा कि मोदी ने पीएम बनने के बाद पहले भाषण में स्वच्छता और बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ का जो नारा देते हुए अभियान शुरु किया था, उसका परिणाम सभी के सामने है।
भाजपा सांसद ने कहा कि एक भी ऐसा मुस्लिम देश नहीं है, जहां लेफ्ट जमात को बैन न किया हुआ हो और एक भी ऐसी लेफ्ट पार्टी की सरकार वाला देश नहीं, जहां मुस्लिमों की मस्जिद को न तोड़ा गया हो। चीन से लेकर चेक रिपब्लिक तक इसमें शामिल हैं। लेकिन दोनों ही एक दूसरे के तारीफ का नैरेटिव गढ़ते हैं और लेफ्ट लिबरल की बात की जाती है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के कार्य का ही असर है कि आज चार मुस्लिम देश जिसमें फिलिस्तीन जैसा मुल्क भी है, वहां मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया गया है। राम मंदिर अगर अयोध्या में बना है तो आबू धाबी में भी मंदिर बना है। यह मोदी शासन के तीसरे कार्यकाल में लोगों की सोच में हुए परिवर्तन को दर्शाता है।
‘सी वोटर’ के संस्थापक यशवंत देशमुख ने कहा कि नरेंद्र मोदी की इस जीत में महिलाओं का योगदान काफी अहम है। मुस्लिम वर्ग की महिलाओं ने भी खुलकर मोदी के समर्थन में वोट किया है। उन्होंने कहा कि 2009 में मनमोहन सिंह की सरकार के गठन में सबसे बड़ा योगदान नैरेटिव का था, उस समय जब मनमोहन सिंह पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे थे, तब लोगों में उनकी ईमानदार और बेदाग छवि अहम साबित हुई। लेकिन 2014 के आते-आते लोगों ने माना कि ईमानदार व्यक्ति अगर भ्रष्ट सरकार में है तो कोई लाभ नहीं। यशवंत देशमुख ने मुफ्त की रेवड़ी को लेकर मचे घमासान पर कहा कि निश्चित रूप से चुनाव में फ्री का सब्जबाग और सुविधाओं का खेल नया नहीं है। लेकिन महिलाओं को फ्री मिलने वाला लाभ न केवल उनके लिए फायदेमंद होता है,बल्कि उनके परिवार और आर्थिक भरण-पोषण में भी महत्वपूर्ण होता है। इसलिए बदलते समय के साथ मंडल, कमंडल के बाद अब नया आभामंडल तैयार हो रहा है और महिलाओं को मुफ्त में दी जाने वाली सुविधाओं को रेवड़ी अथवा चुनाव के दौरान फ्री के सुविधाओं से जोडऩा उचित नहीं।
वहीं, अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि देश में मोदी सरकार के गठन और 2024 के चुनावी परिणाम के बाद फेक नैरेटिव गढऩे की प्रक्रिया काफी बढ़ी है। लेकिन लोग फेक नैरेटिव को समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि 2024 का चुनावी परिणाम के बाद मोदी 3 पुस्तक प्रकाशित होने के साथ ही कई बातें चुनावी परिणाम को समझने में मददगार साबित होंगे। ऐसी उम्मीद है।
पुस्तक के लेखक अकु श्रीवास्तव ने कहा कि दरअसल जिस तरह से लोकसभा के चुनाव परिणाम आए और हरियाणा, महाराष्ट्र के परिणाम आए, इस कारण पुस्तक में कई तरह के बदलाव लेखन और तथ्य एवं विश्लेषण की दृष्टि से करने पड़े। इसलिए पुस्तक के आने में कुछ विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सामयिक विषय पर लिखी गई पुस्तक में कई बातें रह जाना स्वाभाविक है, जैसा कुछ लोग पुस्तक को पढऩे के बाद अपने विचारों के जरिये व्यक्त भी करेंगे, लेकिन यह तय है कि मोदी-2 के बाद मोदी-3 में कई महत्वपूर्ण विश्लेषण बदलती राजनीतिक परिवेश को लेकर किया गया है, जिससे लोगों को भी समझने में सहायता मिलेगी, ऐसी उम्मीद है।
पुस्तक विमोचन के मौके पर अकु श्रीवास्तव की पत्नी ज्योति श्रीवास्तव एवं परिवार के अन्य सदस्यों के साथ-साथ कई वरिष्ठ पत्रकार और साहित्य जगत एवं राजनीतिक क्षेत्र की दिग्गज हस्तियां शामिल रहीं।
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