सुप्रीम कोर्ट बोला- महिला डॉक्टरों की सुरक्षा सरकार का काम
Supreme Court said – protection

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (17 सितंबर) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने रातिरेर साथी योजना के तहत महिला डॉक्टरों की नाइट ड्यूटी खत्म करने के फैसले पर बंगाल सरकार को फटकार लगाई।

CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? उन्हें कोई रियायत नहीं चाहिए। सरकार का काम उन्हें सुरक्षा देना है। पायलट, सेना जैसे सभी प्रोफेशन में महिलाएं रात में काम करती हैं।

कोर्ट ने विकिपीडिया को मृत ट्रेनी डॉक्टर का नाम और तस्वीर हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि रेप पीड़ित की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी और कहा कि वह एक हफ्ते के बाद अगली सुनवाई करेगा।

CJI बोले- अस्पतालों में 18-23 साल की डॉक्टर्स काम कर रहीं, वहां ​​​पुलिस होनी चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने अस्पतालों में डॉक्टरों और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर प्राइवेट एजेंसियों के सुरक्षाकर्मियों की नियुक्त पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट पर काम रहे लोगों को 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है और वे पूरे अस्पताल में घूमते हैं। इनके जरिए सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है।

कोर्ट ने कहा कि रेप-मर्डर मामले का मुख्य आरोपी भी एक सिविक वॉलंटियर ही है। बंगाल में 28 सरकारी अस्पताल हैं। वहां 18-23 साल की युवा डॉक्टर काम कर रही हैं। राज्य के 45 मेडिकल कॉलेजों में लड़कियां 12वीं कक्षा के बाद आती हैं। वे बहुत छोटी हैं। उनमें इंटर्न भी हैं। ऐसे में कॉन्ट्रैक्ट पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती पूरी तरह से असुरक्षित है।

CJI ने कहा कि राज्य सरकार को सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में पुलिस बल तैनात करना चाहिए। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में भी प्रोग्रेस काफी स्लो है। वहां 415 अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाने की मंजूरी मिली है, लेकिन अब तक सिर्फ 36 लगे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में इन 4 मुद्दों पर भी चर्चा हुई...

1. जूनियर डॉक्टर्स बोले- हम हड़ताल खत्म करना चाहते हैं: वकील इंदिरा जयसिंह ने जूनियर डॉक्टरों का पक्ष रखते हुए कहा कि डॉक्टर्स हड़ताल खत्म करना चाहते हैं। बंगाल सरकार ने डॉक्टरों के काम पर लौटने की तारीख पूछी। जयसिंह ने कहा कि जब तक डॉक्टर अपने एसोसिएशन की बैठक नहीं कर लेते, तब तक कोई तारीख नहीं दी जा सकती। बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

2. कोर्ट बोला- CBI पीड़ित के माता-पिता से मिले इनपुट की जांच करे: CJI ने कहा कि बेंच खुली अदालत में CBI की जांच पर टिप्पणी नहीं करना चाहती। इससे आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी। बेंच ने CBI को 24 सितंबर को रेप-मर्डर और वित्तीय अनियमितता की जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने CBI को पीड़ित के माता-पिता से मिले इनपुट की जांच करने का निर्देश दिया। CJI ने कहा कि पीड़ित के पिता ने 12 सितंबर को एक लेटर लिखा था, जिसमें कई चिंताएं व्यक्त की गई थीं। CBI को इन सुरागों की जांच करनी चाहिए।

3. कोर्ट का सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग से इनकार: पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की। सिब्बल ने कहा कि बंगाल सरकार का पक्ष रखने वाले वकीलों को सोशल मीडिया पर रेप और एसिड अटैक की धमकियां मिल रही हैं। हालांकि, CJI ने कहा कि कोर्ट लाइव स्ट्रीमिंग बंद नहीं करेगा, क्योंकि यह जनहित का मुद्दा है। अगर किसी को ऐसा कोई खतरा है तो हम कदम उठाएंगे।

4. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पद से हटाने की मांग वाली याचिका खारिज: सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जताते हुए याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील से कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है। आप बार के सदस्य हैं। हम जो कहते हैं उस पर हमें आपकी वैधता की जरूरत नहीं है।

कोर्ट रूम लाइव...

CJI चंद्रचूड़: जांच पूरी होने में अभी वक्त है। हमें CBI को पर्याप्त समय देना होगा, वे सोते नहीं रहेंगे। उन्हें सच्चाई सामने लाने के लिए समय दिया जाना जरूरी है।

वकील (डॉक्टरों की तरफ से): क्राइम सीन पर कई लोग मौजूद थे। हम उन लोगों के नाम सीलबंद कवर में CBI को सौंपने को तैयार हैं। मैं अदालत में सार्वजनिक नहीं कर रही हूं।

CJI चंद्रचूड़: जांच में कुछ जरूरी सुराग मिलने को लेकर मृतक के पिता की ओर से चिंता जताई गई है। हम उनके लेटर का खुलासा नहीं करेंगे, यह गोपनीय है। हम कहेंगे कि CBI के लिए ये बहुत अहम इनपुट है।

सॉलिसिटर जनरल: एक चिंता की बात है, विकिपीडिया में लड़की का नाम और फोटो अभी भी मौजूद है।

CJI चंद्रचूड़: हम आदेश पारित करेंगे, नाम और फोटो नहीं हो सकता।

वकील: विकीपीडिया से इसे हटाने के लिए कहा गया है। उसने कहा कि इसे सेंसर नहीं किया जा सकता।

सॉलिसिटर जनरल: यह सेंसरिंग नहीं है, यह अपराध न करने के लिए कहना है।

CJI चंद्रचूड़: ठीक है हम इससे निपटेंगे, हम एक आदेश पारित करेंगे।

वकील: कोलकाता पुलिस ने केवल 27 मिनट की CCTV फुटेज दी। पूरी फुटेज नहीं दी। CBI को पूरी फुटेज जब्त करनी होगी।

सिब्बल: ये सच नहीं है। 7-8 घंटे की फुटेज दी गई है।

CJI चंद्रचूड़ (सॉलिसिटर जनरल से): क्या आप पुलिस से आपको फुटेज सौंपने के लिए नहीं कह सकते? आपने ब्लॉकर डिवाइस का इस्तेमाल किया है या नहीं? हमें उम्मीद है कि CBI पूरी डीवीआर और फुटेज जब्त करेगी।

वकील: जिस जगह पर कैमरा लगाया गया था वह प्रवेश कक्ष में नहीं था। वहां और कैमरे भी लगे हैं। इसमें कोई विवाद नहीं है कि कोई शव चालान भी नहीं है।

CJI चंद्रचूड़ (सॉलिसिटर जनरल से): क्या आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका वकील पता लगाए कि हाई कोर्ट में क्या हुआ था, जब जहां चालान दिखाया गया था।

सॉलिसिटर जनरल: जब कलकत्ता पुलिस ने दस्तावेज दिए थे तो शव चालान नहीं दिया गया था।

Dakhal News 17 September 2024

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