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पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए ने लोकसभा चुनाव 2024 में शानदार जीत दर्ज की। एक तरफ पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की तैयारी कर रहे थे, तो दूसरी तरफ भारत विरोधी शक्तियाँ भारत सरकार और खासकर मोदी सरकार को बदनाम करने के प्रयास में लगातार जुटे हुए थे। इन्हीं प्रयासों में एक है ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) की कथित ‘पत्रकार’ अवनि डायस द्वारा झूठ फैलाने का प्रयास, जिसमें अवनि ने 5 जून 2024 को भारत के संविधान के बारे में फर्जी बातें प्रसारित की।अवनि डायस ने कुछ समय पहले ही ये फर्जी खबर फैलाई थी कि ‘निगेटिव रिपोर्टिंग’ की वजह से भारत सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है, जबकि वो दावा फर्जी निकला था। इस बार अवनि ने दावा किया है कि ‘धर्मनिरपेक्षता’ भारतीय संविधान का अहम हिस्सा है, वो भी अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद यानी 1947 से। अवनि ने ‘नरेंद्र मोदी से पहले के भारत की कहानी’ हेडलाइन के साथ एक वीडियो बनाकर ये बताने की कोशिश की कि भारत में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत की धर्मनिरपेक्षता किस तरह के खतरे में है।अपने वीडियो के 9.19 मिनट पर अवनि डायस ने कहा, “आपको बता दें कि जब 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद भारत की स्थापना हुई थी, तो इसके संविधान में लिखा गया था कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जिसका मतलब है कि धर्म के आधार पर देश में सभी को आजादी होनी चाहिए।” अवनि ने दावा किया कि भारत के संविधान में सेक्युलर शब्द पेज नंबर 33 पर बड़े अक्षरों में लिखा है
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