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सहारा इंडिया परिवार के लाखों निवेशक और कार्यकर्ता आज असमंजस और पीड़ा के दौर से गुजर रहे हैं। करोड़ों निवेशकों की रकम अभी भी फंसी हुई है, और हजारों कार्यकर्ता बेरोजगारी की कगार पर हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर सहारा इंडिया परिवार ने शनिवार 20 जुलाई को एक याचना पत्र बैतूल के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री डीडी उइके को सौंपा है।इस याचना पत्र में सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं ने राज्य मंत्री से आग्रह किया है कि करोड़ों निवेशकों के भुगतान और लाखों सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं की बेरोजगारी की समस्या से केंद्र सरकार को अवगत कराएं। उन्होंने यह भी मांग की है कि सभी भुगतान सहकारिता विभाग की देखरेख में सहारा इंडिया के काउंटर से कराए जाएं। पीड़ितों ने बताया की सहारा इंडिया के निवेशकों की समस्याएं तब शुरू हुईं। जब सहारा समूह की सहकारी समितियों से जुड़े करोड़ों निवेशकों की जमाराशि के भुगतान के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई।
अमित शाह ने किया था वादा
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई 2023 को इस पोर्टल का शुभारंभ किया था और कहा था कि पोर्टल पर पंजीकरण के उपरांत 45 दिनों के भीतर 10 हजार रुपये प्रत्येक जमाकर्ता के खातों में पहुंच जाएंगे। हालांकि, एक साल पूरा होने को है और बैतूल जिले के लाखों निवेशक अभी भी इस लाभ से वंचित हैं। कुछ प्रतिशत निवेशकों को ही 10 हजार रुपए की राशि प्राप्त हुई है। इसके बाद शेष जमा राशि और ब्याज का भुगतान कैसे और कब तक होगा, इसके बारे में कोई दिशा निर्देश नहीं दिये जा रहे हैं।
मार्च-2023 के बाद के खातों पर अनिश्चितता
वर्तमान में केवल 31 मार्च 2023 के पहले पूर्ण हुए खातों का ही पोर्टल पर पंजीकरण हो पा रहा है। जिनकी परिपक्वता तिथि मार्च 2023 के बाद और आज दिनांक तक पूरी हो गई है। उनके बारे में कोई दिशा-निर्देश नहीं मिलने से भ्रांतियों के कारण निवेशकों और कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
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