बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार: एक भारतीय नागरिक की दर्दनाक दास्तान
बांग्लादेश

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद से देश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमले और उत्पीड़न की खबरें आ रही हैं। हाल ही में, एक भारतीय नागरिक सयान घोष ने बांग्लादेश में अपनी यात्रा के दौरान हुए एक दर्दनाक अनुभव को साझा किया है, जिसने एक बार फिर इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई है।

23 नवंबर को अपने दोस्त से मिलने ढाका गए सयान घोष को 26 नवंबर को भारत लौटते समय हिंदू होने के कारण हिंसक हमले का सामना करना पड़ा। हमलावरों ने उन पर चाकू से हमला किया और साथ ही उनकी यात्रा साथी प्रतिमा दास को भी परेशान किया। इस घटना के बाद दोनों सदमे में वापस भारत लौटे।

घोष और दास का कहना है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को जातीय सफाए का निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों और चिकित्सा सेवाओं ने उनकी मदद करने के बजाय उन पर ही आरोप लगाए। किसी भी पुलिस स्टेशन ने उनकी शिकायत दर्ज नहीं की।

वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत में एक ऐसा इकोसिस्टम है जो हिंदू नरसंहार को कम आंकता है। उन्होंने कहा कि घोष और दास की कहानियों को सुनना और उन्हें दुनिया के सामने लाना बहुत जरूरी है।

यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक कितने असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हिंसा और उत्पीड़न की इन घटनाओं ने भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों को भी प्रभावित किया है।

यह मामला एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की ओर खींचता है। यह आवश्यक है कि बांग्लादेश सरकार हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए और बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करे।

Dakhal News 3 December 2024

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