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मणिपुर के जिरीबाम जिला स्थित बोरोबेक्रा में उपद्रवियों ने बुधवार रात करीब 12.50 बजे एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आग लगा दी। घटना पुलिस चौकी से महज 150 मीटर दूरी हुई। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। घटना के पीछे कुकी समुदाय के लोगों के शामिल होने की आशंका है।
दूसरी तरफ, राजधानी इंफाल में कल पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। इंफाल ईस्ट और वेस्ट में कर्फ्यू जारी है। मैतेई बहुल 5 जिलों में इंटरनेट बंद है। राज्यपाल एल. आचार्य असम चले गए। उनके पास मणिपुर गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार है।
इंफाल में 10 सितंबर को सुरक्षाबलों और स्टूडेंट्स में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें करीब 100 स्टूडेंट्स घायल हुए थे। इस प्रदर्शन में इंफाल घाटी के 100 से ज्यादा स्कूल-कॉलेजों के बच्चे शामिल थे। CRPF डीआईजी का कहना है कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं।
इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन कर रहे
कर्फ्यू के बावजूद इंफाल के इमा मार्केट में 300 से ज्यादा छात्र प्रदर्शन पर डटे हुए हैं। भास्कर ने प्रदर्शन को लीड करने वालों में से एक छात्र नेता दीजेन तालेख मायुम से बात की। वे धनामांजुरी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ महासचिव हैं।
उन्होंने कहा कि हम लंबी लड़ाई की तैयारी में हैं। हमने बांग्लादेश में छात्रों की ताकत देखी है। बीते 16 महीने में राज्य बर्बाद हो चुका है, इसलिए हम राज्यपाल से मांगें मनवाकर ही घर लौटेंगे।
जब भास्कर ने उनसे वजह पूछी तो उन्होंने कहा- कुकी उग्रवादी ड्रोन हमले कर रहे, सरकार सुरक्षा नहीं दे पा रही है। हमारे माता-पिता प्रदर्शन करते-करते थक चुके हैं। कभी कर्फ्यू तो कभी हिंसा के चलते बाजार बंद। स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन वहां पढ़ने कैसे जाएं? ऐसे में अब हम खुद को बचाने नहीं उतरेंगे तो कौन उतरेगा?कुकी बोले- हमने रॉकेट-ड्रोन हमले नहीं किए, मैतेई झूठ फैला रहे
उधर, कुकी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (KSO) के गृह सचिव मांग खोंगसाई ने भास्कर से कहा कि मणिपुर पुलिस आईजी और असम राइफल्स के डीजी बुधवार (11 सितंबर) को कुकी बहुल चूराचांदपुर आए थे। उन्होंने हमारे साथ बैठक की। इसमें डीजी ने मुद्दों को सुलझाने और 10 दिन के लिए सीजफायर करने की अपील की है।
ड्रोन और रॉकेट हमलों के सवाल पर उन्होंने कहा कि 3 मई 2023 के बाद से दोनों जनजातियां सर्विलांस के लिए ड्रोन इस्तेमाल कर रही हैं। लेकिन, ड्रोन से बम गिराने और रॉकेट से मिसाइलें दागने के आरोप गलत हैं।
खोंगसाई ने कहा कि हम अपने इलाकों की रक्षा के लिए पुंपि का इस्तेमाल करते हैं। पुंपि धातु से बनी एक पाइप होती है, जिसमें बारूद और लोहे के टुकड़े भरे होते हैं। इसे हम 1919 के एंग्लो-कुकी वॉर के समय से बना रहे हैं।
मणिपुर में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन, दो दिन कॉलेज बंद
मणिपुर में 3 मई 2023 से कुकी-मैतेई समुदाय के बीच जातीय संघर्ष जारी है। इस महीने 1 सितंबर से मैतेई इलाकों में ड्रोन और रॉकेट हमलों के बाद हिंसा और बढ़ गई है। हमलों के खिलाफ 8 सितंबर से लोगों का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
सरकार ने राज्य में 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन कर दिया है। 12 सितंबर तक कॉलेज बंद हैं। इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट सहित तीन जिलों में कर्फ्यू लगा है। केंद्र ने मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है।
छात्रों का हिंसक प्रदर्शन; 4 जरूरी पॉइंट्स
मणिपुर के लोग राज्य के डीजीपी, सुरक्षा सलाहकार, केंद्रीय सुरक्षा बलों को हटाने, 16 महीने से छिड़े गृह युद्ध जैसे हालात खत्म करने और सुरक्षा बलों की यूनिफाइड कमांड को केंद्रीय गृह मंत्रालय के हाथ से लेकर मुख्यमंत्री को सौंपने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये सभी हमारी सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं। ड्रोन और रॉकेट अटैक के बाद से हम 24 घंटे डर के माहौल में जी रहे हैं।
8 सितंबर को मैतेई समुदाय के छात्रों ने इंफाल में किशमपट के टिडिम रोड पर 3 किलोमीटर तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारी राजभवन और CM हाउस तक पहुंच गए। ये गवर्नर और CM को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। सुरक्षाबलों ने छात्रों को अगले दिन यानी 9 सितंबर को ज्ञापन सौंपने की मांग पूरी कर दी, इसके बाद भी स्टूडेंट्स सड़क पर रात भर प्रदर्शन करते रहे।
9 सितंबर को सैकड़ों स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भागते दिखे। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड लगाकर रोका। कई राउंड आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट दागे। इसमें 20 स्टूडेंट्स घायल हो गए।
10 सितंबर को छात्रों का प्रदर्शन और हिंसक हो गया। उन्होंने राज्य सरकार को अपनी छह मांगें सौंपी थीं। इन्हें पूरा करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन जब सरकार से कोई जवाब नहीं मिला तो करीब 2500 छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए। इस दौरान 50 से ज्यादा लोग घायल हुए।
1 सितंबर से तीन ड्रोन हमले, अब तक 8 की मौत
मणिपुर में 1 सितंबर से 7 सितंबर तक, एक हफ्ते के बीच हिंसा की चार घटनाएं हुईं। इनमें 8 लोगों की मौत और 12 घायल हो गए। चार में से तीन हमले ड्रोन और रॉकेट से किए गए थे। चारों घटनाएं सिलसिलेवार पढ़ें...
1 सितंबर: 1 साल से जारी हिंसा में पहली बार ड्रोन अटैक, 2 मौतें
मणिपुर में मई 2023 से हिंसा जारी है। हालांकि, इस साल सितंबर में पहली बार ड्रोन हमला देखने को मिला। इंफाल वेस्ट जिले के कोत्रुक गांव में 1 सितंबर को उग्रवादियों ने पहाड़ी के ऊपरी इलाके से कोत्रुक और कडांगबांड घाटी के निचले इलाकों में फायरिंग की और ड्रोन से हमला किया। इसमें 2 लोगों की मौत और 9 घायल हुए।
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