2024 भारतीय मीडिया के लिए परिवर्तनकारी दौर साबित हुआ: अनुराधा प्रसाद
2024 भारतीय मीडिया

"हम अब केवल जानकारी के युग से आगे बढ़ चुके हैं; आज यह बुद्धिमत्ता का युग है, जहां गहराई और विवेक की कीमत साधारण तथ्यों से अधिक है।"

साल 2024 भारतीय मीडिया के लिए एक परिवर्तनकारी दौर साबित हुआ। डिजिटल और पारंपरिक मीडिया के बीच प्रतिस्पर्धा पहले से कहीं ज्यादा तीव्र हो गई है। तकनीकी प्रगति ने खबरों को प्रस्तुत करने, प्रसारित करने और उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स ने सटीकता बढ़ाने और उपभोक्ताओं की पसंद को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि, इन सबके बीच मीडिया की विश्वसनीयता को लेकर सवाल बार-बार उठे हैं। फेक न्यूज और गलत जानकारी के बढ़ते खतरे ने इंडस्ट्री को आत्ममंथन करने और सुधारात्मक कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।

 

भारत की डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री ने 2024 में 15% की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की, जबकि टेलीविजन और प्रिंट मीडिया ने क्रमशः 7% और 4% की मध्यम वृद्धि दर हासिल की। मोबाइल डिवाइस और इंटरनेट की बढ़ती पहुंच ने डिजिटल मीडिया को देश के सबसे दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचा दिया है। 450 मिलियन से अधिक सक्रिय यूजर्स मीडिया प्लेटफॉर्म्स से जुड़ रहे थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि दर्शक तेज, सुलभ और अपनी सुविधा के अनुसार खबरें चाहते हैं। हालांकि, इस तेज दौड़ में, खबरों की गहराई और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण अक्सर पीछे छूट गया है।

 

2024, जो एक चुनावी साल था। इस साल न्यूज चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने पूरे देश में नागरिकों को रियल-टाइम अपडेट प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, इस दौरान ध्रुवीकृत सामग्री और प्रचार-प्रेरित कथाओं को लेकर चिंताएं भी सामने आईं। दर्शक अब केवल सनसनीखेज सुर्खियों से संतुष्ट नहीं हैं, वे गहन रिपोर्टिंग और सूक्ष्म विश्लेषण की मांग करते हैं, जिसे पारंपरिक मीडिया को प्रासंगिक बने रहने के लिए प्राथमिकता देनी होगी।

2025 में, मीडिया इंडस्ट्री से अपनी विश्वसनीयता को पुनः स्थापित करने की दिशा में अधिक मजबूत कदम उठाने की उम्मीद की जाती है। तथ्यों पर आधारित और सभी दृष्टिकोणों को निष्पक्ष रूप से प्रस्तुत करने वाली गुणवत्ता पत्रकारिता समय की आवश्यकता होगी। हालांकि डिजिटल मीडिया का वर्चस्व जारी रहेगा, लेकिन टेलीविजन और प्रिंट जैसे पारंपरिक प्रारूप भी अपनी अहमियत बनाए रखेंगे, खासकर उन दर्शकों के लिए जो व्यापक और विस्तृत कवरेज चाहते हैं।

 

2025 में स्मार्ट टेक्नोलॉजी और इसका नैतिक उपयोग ही मीडिया के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी मॉडरेशन सिस्टम और आत्म-नियमन तंत्र बेहद महत्वपूर्ण होंगे। साथ ही, समाचार प्रस्तुति में विविधता को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री को प्रोत्साहित करना मीडिया की पहुंच को और अधिक व्यापक बनाएगा।

 

 

मीडिया का भविष्य केवल खबरों का स्रोत बनने में नहीं, बल्कि समाज का दर्पण बनने में है। इस सत्य, निष्पक्षता और जवाबदेही को अपने मूल सिद्धांतों में शामिल करना होगा। दर्शकों और पाठकों का विश्वास जीतना सबसे बड़ी चुनौती रहेगा और सफलता की कुंजी भी। 2025 में प्रवेश करते हुए, मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की जिम्मेदारी को पूरी तरह से अपनाना होगा। इसकी भूमिका सिर्फ खबरें देने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को दिशा दिखाने और सार्वजनिक संवाद को सशक्त बनाने तक विस्तारित है।

नई सोच, नए दृष्टिकोण और नवीन तकनीकों के साथ, मीडिया आने वाले वर्षों में अपनी प्रासंगिकता और प्रभाव को और मजबूत कर सकता है।

Dakhal News 31 December 2024

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