
Dakhal News

विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जा रहा है। ज्ञानपीठ की बड़ी उपलब्धि है।1971 में पहली कविता ‘अभिषेक जय हिंद’ प्रकाशित हुई, ‘नौकर की कमीज’ पर बनी है फिल्म।
कायदे से वे भी सत्तर दशक के रचनाकार हैं।यानि हमारे समकालीन। हमारे लिए यह खुशी का समाचार है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले हिंदी के शीर्ष कवि-कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को इस साल का ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा।
इसकी घोषणा आज नई दिल्ली में ज्ञानपीठ चयन समिति ने की है। विनोद शुक्ल के उपन्यास नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती थी हिंदी के श्रेष्ठ उपन्यासों में शुमार हैं।
दरअसल, 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में जन्मे विनोद कुमार शुक्ल पिछले 50 साल से लेखन कर रहे हैं। विनोद कुमार शुक्ल की पहली कविता संग्रह ‘अभिषेक जय हिंद’ 1971 में प्रकाशित हुई थी। उनकी कहानी संग्रह पेड़ पर कमरा और महाविद्यालय भी बहुचर्चित है।
हिंदीवालों को राजनांदगांव याद होना चाहिए। महाकवि गजानन माधव मुक्तिबोध का राजनांदगांव। नागपुर और भिलाई के बीच।
विनोद जी को बहुत बहुत बधाई।
Dakhal News
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
![]() |