Dakhal News
21 November 2024अनुराग उपाध्याय
कांग्रेस दफ्तर में बैठाए गए पत्रकार पियूष बबेले भी गिरोह बंदी का शिकार हो गए हैं। उनके आने के बाद से मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के काम काज में तो कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है। अलबत्ता कुछ नए सहाफी उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते जरूर नजर आते हैं। नए पत्रकारों की मानें तो बबेले भी पत्रकारों की गोल्डन गैंग के आगे नतमस्तक नजर आते हैं और नए पत्रकारों को भाव नहीं देते हैं। यही वजह है कि एक मीडिया के व्यक्ति के बैठने के बावजूद कांग्रेस को मीडिया में वो जगह नहीं मिल पा रही जिसकी कांग्रेस हकदार है। वहीँ दूसरी तरफ भाजपा में पत्रकार लोकेन्द्र पराशर मोर्चे पर हैं। नए पत्रकार कहते हैं अगर पराशर और बबेले की तुलना की जाए तो लोकेन्द्र पाराशर को जहाँ सौ में से 80 नंबर दिए जा सकते हैं वहीँ पियूष बबेले के खाते में सिर्फ 20 नंबर जाते हैं।
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4 August 2022
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