राहुल गांधी के इस बयान पर बोले आलोक मेहता
राहुल गांधी के इस बयान पर बोले आलोक मेहता

 

अभिव्यक्ति के दुरुपयोग से घातक होंगे परिणाम

 

राहुल गांधी ने बुधवार सुबह कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में एक कार्यक्रम में भारतीयों को संबोधित किया। सैन फ्रांसिस्को में राहुल गांधी ने अपने संबोधन के दौरान भारत के मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा, 'जो हाल 80 के दशक में दलितों का था, वही हाल अब मुसलमानों का हो गया है।उनके इस बयान पर समाचार4मीडिया से बात करते हुए आलोक मेहता ने कहा कि सचमुच विदेशों में राहुल गांधी के भाषण भारत के सम्बन्ध में एक नेता के बजाय एक्टिविस्ट की तरह हैं जो भारत की सामाजिक, राजनीतिक स्थितियों को भयावह रूप में पेश कर रहे हैं।अब 80 के दशक में  कांग्रेस राज के दौरान दलितों की स्थिति बदतर होने की तुलना वर्तमान में मुस्लिम की हालत से कर रहे हैं। उनके सलाहकार शायद यह ध्यान नहीं दिला रहें कि भारत के मुस्लिम समुदाय के गरीब लोग अन्य करोड़ों भारतीयों के साथ समान अनाज,आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, खेती या रोजगार के प्रशिक्षण की सुविधाएं पा रहे हैं, क्योंकि भाजपा या कांग्रेस अथवा अन्य गैर भाजपा शासित राज्यों में किसी भी योजना में धर्म के आधार पर भेदभाव संभव नहीं है।यही नहीं, उनके सांसद रहते कांग्रेस सरकार के बजट में अल्पसंख्यक मंत्रालय में रही धनराशि का 600 से 800 करोड़ रुपए तक की धनराशि साल में खर्च ही नहीं हो पाती थी, रिकॉर्ड चेक कर लें। अब भी कांग्रेस के नेता और उनके कार्यकर्त्ता क्या उत्तर प्रदेश-बिहार जैसे राज्यों में मुस्लिमों के बीच सक्रिय रहकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में क्या कोई सहायता कर रहे हैं?दुनिया के मुस्लिम देश तो मोदी सरकार का समर्थन कर बड़े पैमाने पर पूंजी लगा रहे हैं। पाकिस्तान के कई नेता और अन्य लोग भारत की हालत बेहतर बता रहे हैं। बहरहाल,अभिव्यक्ति के दुरुपयोग से विदेशी समर्थन और लाभ लेने के दूरगामी परिणाम घातक भी हो सकते हैं। कुछ विदेशी ताकतें तो हमेशा भारत में राजनीतिक अस्थिरता और अराजकता पैदा करने के लिए अवसर और मोहरे तलाशती रहती है। 

 

Dakhal News 1 June 2023

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.