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पुरानी पेंशन व्यवस्था की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों को मोदी सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने शनिवार को नई पेंशन व्यवस्था लागू कर दिया है. इसी बीच मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों के लिए एक और बड़ा फैसला ले सकती है. यूक्रेन की यात्रा से वापस आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (24 अगस्त) संयुक्त सलाहकार तंत्र (जेसीएम) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी.
इस मुलाकात में जेसीएम के प्रतिनिधियों ने न्यूनतम वेतन में संशोधन की मांग उठाई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पेंशन की मांग तो लगभग पूरी हो गई.
न्यूनतम वेतन को लेकर उठाई ये मांग
इस बैठक में जेसीएम की राष्ट्रीय परिषद के प्रमुख ने सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन को संशोधित कर 32,500 रुपये प्रति माह करने की मांग रखी है. इसके अलावा सरकारी विभागों, खासकर रेलवे में नए पदों के सृजन पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह भी किया है. इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए जेसीएम के कर्मचारी पक्ष के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने यूपीएस के बारे में कैबिनेट के फैसले पर खुशी जताई.'
बता दें कि जेसीएम, सरकार और उसके कर्मचारियों के बीच मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए बातचीत के लिए एक वैधानिक निकाय है. इसमें एक तिहाई से अधिक लोग रेलवे कर्मचारी हैं. इस बैठक के बाद जेसीएम प्रमुख एम राघवैया ने कहा, 'सरकार के सामने हमने जो भी मुद्दे उठाए थे, उनमे से अधिकांश को माना लिया गया है.'
जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कही ये बात
इस बैठक को लेकर जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा, 'PM में हमारी लगभग सभी मांगों को मान लिया है'. ये पहली बार हुआ जब प्रधानमंत्री ने जेसीएम को बुलाकर उनसे चर्चा की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि प्रधानमंत्री ने जेसीएम की लगभग सभी मांगों को मान लिया है. जेसीएम 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है.
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