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पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को 'टाइम्स नाउ नवभारत' की टीवी रिपोर्टर भावना किशोर को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है, जबकि मामले में दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी है।सोमवार देर शाम जस्टिस एजी मसीह की कोर्ट में चीफ जस्टिस की मंजूरी के बाद मामला सुनवाई को पहुंचा। पंजाब सरकार की ओर से इस मामले में जवाब दाखिल किया गया और इस दौरान चली बहस के बाद कोर्ट ने मंगलवार को फिर से सुनवाई का आदेश दिया है। इसके साथ ही भावना की अंतरिम जमानत को भी मंगलवार तक बढ़ा दिया।सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने बताया कि शनिवार को हाई कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम तौर पर भावना को जमानत दे दी थी, लेकिन वाहन चला रहे ड्राइवर व चैनल के कैमरामैन को जमानत नहीं दी गई थी। सरकार ने कहा कि जमानत के लिए सीधे तौर पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की जा सकती। ऐसे में भावना को दी गई अंतरिम जमानत समाप्त करने की अपील की और अन्य दो आरोपियों की अंतरिम जमानत का विरोध किया।एससी/एसटी एक्ट में पत्रकार भावना किशोर की गिरफ्तारी के मामले में एफआईआर को राजनीतिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है। इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक उस राजनेता को पक्ष नहीं बनाया जाता जिस पर आरोप है, इस दलील पर आगे सुनवाई नहीं होगी। सोमवार को लंबी बहस के बाद जस्टिस दीपक सिब्बल ने इस मामले में शनिवार को सुनवाई करने वाली बेंच के पास ही इस याचिका को भेजने का निर्णय लेते हुए याचिका मुख्य न्यायाधीश को रेफर कर दी।भावना किशोर और दो अन्य को पंजाब पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। इन पर कथित तौर पर आरोप लगाया गया है कि उनके वाहन ने एक महिला को टक्कर मार दी थी। इससे उसके हाथ में चोट लग गई थी। रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने केंद्रीय जेल लुधियाना के अधीक्षक को जमानत बॉन्ड भरने के बाद टीवी रिपोर्टर को रिहा करने का आदेश दिया था।
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