पत्रकारों के खिलाफ दर्ज मामलों को तेजी से निपटाने के लिए याचिका
cases registered against journalists

हाई कोर्ट ऑफ मद्रास में पत्रकारों, यूट्यूबर्स और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामलों को तेजी से निपटाने के लिए स्पेशल बेंच के गठन की मांग संबंधी एक याचिका दायर की गई है मामला कार्यवाहक चीफ जस्टिस आर महादेवन और जस्टिस मोहम्मद शफीक की बेंच में आया तो पीठ ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट में ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ लंबित मामलों की संख्या के आंकड़े देने का निर्देश दिया. साथ ही प्रतिवादियों को याचिका का जवाब देने का भी निर्देश दिया गया याचिकाकर्ता एस मुरलीधरन ने आरोप लगाया कि राज्य में सत्तारूढ़ दल किसी भी पत्रकार/यूट्यूबर्स के खिलाफ विंच-हंट कर रहा है और जब भी कोई असहमति की आवाज उठती है तो उनके खिलाफ मामले दर्ज कर दिए जा रहे हैं. उन्होंने तर्क दिया कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की रक्षा की जानी चाहिए और किसी भी प्रकार की चुप्पी को रोका जाना चाहिए. उन्होंने आगे तर्क दिया कि राज्य असहमति जताने वालों के खिलाफ मामले दर्ज कर प्रतिशोध की राजनीति में लिप्त है हाईकोर्ट के वकील ने तर्क दिया कि रोस्टर के मास्टर होने के नाते मुख्य न्यायाधीश के पास किसी भी मामले की सुनवाई के लिए बेंच तय करने का विशेषाधिकार है. उन्होंने कहा कि वर्तमान मामले में रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाया गया है.जो केवल प्रशासन का प्रमुख हैऔर रोस्टर तय करने में उसका कोई रोल नहीं है.इस पर न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि, क्या आप हमें आंकड़े दे सकते हैं कि हाई कोर्ट में पत्रकारों के खिलाफ कितने मामले लंबित हैं. हम मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए कदम उठा सकते हैं, लेकिन इसके लिए हम विशेष पीठ का गठन नहीं कर सकते. यदि आप कोई आंकड़े देते हैं तो हम अभी भी कुछ कर सकते हैं न्यायालय ने अपने कथन में जोड़ा कि मामले को उचित आदेश के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखने के लिए प्रार्तना में बदलाव किया जा सकता है, अदालत ने यह बात फिर से इसी पहलू पर जोर देते हुए कहा कि, याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के समक्ष पत्रकारों के खिलाफ लंबित मामलों का कोई सांख्यिकीय विवरण नहीं दिया है.

 

 

 

 

Dakhal News 26 June 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.