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संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, भारतीय मीडिया क्षेत्र में 2023 में 1.7 लाख फ्लेक्सी या अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत हैं। सर्वेक्षण में भारतीय स्टाफिंग फेडरेशन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है कि यह संख्या ई-कॉमर्स क्षेत्र में नियोजित अनुबंधित कर्मचारियों के बराबर है।यह उन पत्रकारों के लिए अनिश्चित रोजगार स्थिति को दर्शाता है, जिन्हें सरकार को जवाबदेह ठहराना चाहिए। एक मीडिया प्रमुख ने नाम न बताने की शर्त पर हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया को बताया कि अनुबंधित और स्वतंत्र कर्मचारी स्थायी नियुक्तियों से जुड़ी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के बिना ही बदलते मार्केट ट्रेंड्स और प्रोजेक्ट्स की जरूरत के हिसाब से काम में फुर्ती दिखाते हैं। कुछ पत्रकारों के अनुसार, न केवल पारंपरिक और विरासत मीडिया घराने, बल्कि भारत और दुनिया भर में नए युग के डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म भी कम लागत पर कंटेंट क्रिएटर्स के अपने नेटवर्क को व्यापक बनाने के लिए फ्रीलांस कर्मचारियों को प्राथमिकता देते हैं डेटा सभी प्रमुख क्षेत्रों की फ्रीलांस, स्व-नियोजित या अनौपचारिक अर्थव्यवस्था के काम पर निर्भरता को रेखांकित करता है। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, 15 प्रमुख क्षेत्रों में 54 लाख से अधिक लोग संविदा कर्मचारियों के रूप में कार्यरत हैं। ऐसे कर्मचारी अब विधायी प्रावधानों पर निर्भर नहीं रह सकते। 476 पन्नों का आर्थिक सर्वेक्षण इस बात पर जोर देता है कि भारत की अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद अपनी रिकवरी को मजबूत किया है। नीति निर्माताओं ने आर्थिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, वैश्विक अस्थिरता के बावजूद अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है।
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