तीन बेटों ने बूढ़े माता-पिता को खाट पर बैठाकर चले 20 किमी पैदल
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भोपाल । सावन के पावन माह में भगवान शिव की भक्ति के बीच मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी क्षेत्र में एक अनूठा, श्रद्धा, सेवा और परिवार के गहरे संबंध की प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला। यहां तीन भाइयों ने अपने बुजुर्ग माता-पिता को खाट पर बिठाकर करीब 20 किलोमीटर पैदल यात्रा पूरी की और भगवान कोटेश्वर का जलाभिषेक कराया। इस दृश्‍य ने सभी के दिलों को छू लिया और श्रवण कुमार जैसी श्रद्धा की याद दिलाई। 
 
यह यात्रा सोमवार शाम को कोसमारा से लांजी तक हुई, जिसमें श्रद्धा और सेवा की मिसाल पेश करते हुए तीन भाइयों भीमराज, अनोत और दुर्गेश नेताम ने अपने माता-पिता जयलाल और सुगन बाई नेताम को कांवड़ यात्रा के रूप में धाम तक पहुंचाया। उनके साथ परिवार के अन्य सदस्य भी थे। 
 
भीमराज नेताम ने बताया कि यह संकल्प उन्होंने दो साल पहले लिया था कि वे अपने माता-पिता को कांवड़ में लेकर जाकर भगवान कोटेश्वर का जलाभिषेक कराएंगे। गांव में शिव मंदिर तो बन चुका था, लेकिन धाम तक ले जाने की इच्छा अधूरी थी। इस सावन तीनों भाइयों ने मिलकर यह मनोकामना पूरी की। रास्ते में पड़ने वाले गांवों के लोग उनकी इस सेवा और भक्ति को देखकर उनका उत्साह बढ़ाते रहे, उन्हें जल पिलाया और विश्राम की सुविधा दी। सभी जगह उन्हें श्रद्धा से देखा गया और उन्हें 'श्रवण कुमार' की उपाधि दी। 
 
कोटेश्वर धाम पहुंचकर विधि-विधान से भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। इसके बाद वे अपने माता-पिता को वापस कोसमारा लेकर आए। इस दृश्य ने श्रवण कुमार की कहानी को याद दिलाया, जिन्होंने अपने माता-पिता की सेवा और श्रद्धा को सर्वोपरि रखा था। ऐसी घटनाएं यह साबित करती हैं कि श्रद्धा और भक्ति के साथ जब सेवा होती है, तो वह एक अविस्मरणीय अनुभव बन जाती है, जो न केवल व्यक्ति, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दिखाती है।
Dakhal News 22 July 2025

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