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सिद्धि ज्योतिष केंद्र - ओंकार पीठ, का अष्टादश दीक्षांत समारोह में कहा गया कि ज्योतिष परोपकार का माध्यय, कमाई का जारिया नहीं ... इस अवसर पर तीस प्रशिक्षणार्थीओं को न्योतिष श्री की उपाधि दी गई ...
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दीक्षांत समारोह आयोग्य भारती के केंद्रीय कार्यलय में हुआ .. समोराह में मुख्य अतिथि स्वामी रामप्रवेश महाराज, आचार्य रमेश त्रिपाठी, और विशिष्ट अतिथि आशीष पांड्या पं. रमेश शर्मा .. इस संस्थान की शुरुआत 1995 में श्री प्रहलाद पांड्या द्वारा की गई थी, जिसमें ज्योतिष का पठन-पाठन कार्य शुरू किया गया। संस्था का ये अठारहवां दीक्षांत समारोह था ... समारोह में स्वामी रामप्रवेश महाराज ने ज्योतिष को भगवान के नेत्रों के समान बताया और कहा कि सनातन परंपरा में जन्मों के कर्मफल का विचार किया जाता है ... ज्योतिष परोपकार का माध्यय, कमाई का जारिया नहीं ...
प्रक्षिणार्थी सुषमा दुरापे ने बताया कि राजेश मिश्र के नेतृत्व में ज्योतिष केंद्र ने ज्योतिष को घर-घर तक पहुंचाया है। यहां छात्रों ने पंचांग देखना, ग्रहप्रवेश, भाव, राशियां, दशा, महादशा, सूक्ष्मदशा और रत्नों के बारे में जानकारी प्राप्त की ... इस अवसर पर दीक्षांत समारोह में हितेंद्र शर्मा ,हेमंत प्रजापति सहित 30 प्रशिक्षणार्थियों को ज्योतिष श्री की उपाधि प्रदान की गई ... आचार्य रमेश त्रिपाठी ने कहा कि ज्योतिष में कई सिद्धांत हैं, और यह साक्षात वेद का नेत्र है, वेदांग है, और प्रत्यक्ष विद्या है ... यह विज्ञान कई अन्य विज्ञानों का जनक है ...
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