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शिवना प्रकाशन ने अपने प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा करते हुए, लेखक प्रवीण कक्कड़ को उनके कार्य के लिए 'शिवना कृति सम्मान' देने का निर्णय लिया है। कक्कड़ को यह सम्मान उनकी पुस्तक ‘‘दंड से न्याय तक’’ के लिए मिला है, जो भारतीय कानून पर आधारित एक महत्वपूर्ण और सामयिक लेखन है।
प्रवीण कक्कड़ की पुस्तक की मिली व्यापक सराहना
लेखक प्रवीण कक्कड़ की पुस्तक ‘‘दंड से न्याय तक’’ ने बहुत कम समय में देशभर में अपनी पहचान बनाई है। यह पुस्तक भारतीय दंड संहिता (IPC) और बीएनएसएस (BNS) जैसे जटिल कानूनी मामलों को सामान्य और सरल भाषा में प्रस्तुत करती है। इसे न केवल कानूनी छात्रों द्वारा पढ़ा जा रहा है, बल्कि अधिवक्ता, पुलिस अधिकारी, और आम नागरिक भी इसकी समझ से लाभ उठा रहे हैं।
इस पुस्तक की बिक्री ने ऑनलाइन पोर्टल्स पर भी कीर्तिमान स्थापित किए हैं, और यह बहुत ही तेज़ी से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। इसकी सरल और प्रभावी शैली ने इसे एक बेस्टसेलर बना दिया है।
प्रवीण कक्कड़ का लेखन और समाज में योगदान
प्रवीण कक्कड़ का लेखन क्षेत्र में एक मजबूत पहचान बना चुका है। उनकी पहले प्रकाशित पुस्तक ‘‘मैन ऑफ़ मैनेजमेंट’’ भी काफी चर्चित रही है। इसके अलावा, कक्कड़ के लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। वे सोशल मीडिया पर ‘‘पीके का फंडा’’ के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने का कार्य भी करते हैं।
कक्कड़ का यह सम्मान उनके अद्वितीय योगदान का प्रतीक है, जो न केवल कानूनी क्षेत्र में, बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं में सुधार और जागरूकता का काम करता है।
समाज में बदलाव की दिशा में योगदान
लेखक प्रवीण कक्कड़ का यह काम समाज में कानूनी समझ बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। ‘‘दंड से न्याय तक’’ जैसी पुस्तकें न केवल कानूनी पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह आम लोगों के लिए भी उपयोगी साबित हो रही हैं, जो कानून और न्याय के बारे में अधिक जानना चाहते हैं।
शिवना कृति सम्मान के साथ, कक्कड़ का यह योगदान न केवल उनके लेखन को बल्कि समाज में कानूनी जागरूकता और न्याय की प्रक्रिया को समझने में एक नया आयाम जोड़ता है।
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