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कांग्रेस शासनकाल में राष्ट्रपति पद को अपमानित किया गया
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दी है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह का आदेश देना उसका काम नहीं है।इसी मुद्दे पर हिंदी न्यूज चैनल 'डीडी न्यूज' के डिबेट शो '5 की पंचायत' में वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने शो की एंकर 'रीमा पाराशर' के एक सवाल के जवाब में कहा कि आज हम इस बहस में पड़े हुए कि बड़ा कौन है? प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति! लेकिन वो समय याद करिए जब पीएम राजीव गांधी थे और राष्ट्रपति वेंकटरमण थे।उस समय मॉस्को में आयोजित हुए 'इंडिया फेस्टिवल' में तत्कालीन राष्ट्रपति ने पीएम राजीव गांधी का संदेश पढ़कर सुनाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में ना सिर्फ राष्ट्रपति बल्कि कई संवैधानिक पदों को अपमानित किया गया है।अगर देश के नए संसद भवन के उद्घाटन की बात है, तो ये उसी व्यक्ति का हक है जिसे देश की जनता ने जनादेश दिया है। उन्होंने बताया कि जब इस संसद का पहला सत्र होगा तो जाहिर सी बात है उसकी शुरुआत देश की माननीया राष्ट्रपति ही करेंगी। उन्होंने कहा कि इस देश की आदिवासी महिला पूरे शानो शौकत और मान सम्मान के साथ सत्र की शुरुआत करेंगी।
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