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भारतीय जनता पार्टी के मंडल चुनाव में उम्र के दायरे ने अच्छे-अच्छे नेताओं की सियासत फीकी कर दी। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के गृह जिले जबलपुर में एक ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष की उम्र 40 साल एक महीने होने से निर्वाचन अधिकारी द्वारा उसका नाम घोषित करने से इंकार कर दिया गया। ऐसा ही मामला पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पूर्व मंत्री जयंत मलैया सहित कई दिग्गज नेताओं के इलाकों में हुआ। जहां उम्रसीमा के पालन के लिए दिग्गज नेताओं को नए नाम पर सहमत होना पड़ा। उम्र के ऐसे ही 72 विवादास्पद मामलों को भी पार्टी ने रोक लिया है। इन लोगों के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उम्र के दस्तावेज प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारियों ने भेजे थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब तक 47 जिलों के मंडलों पर चर्चा कर लगभग 750 मंडल अध्यक्षों के नाम प्रदेश स्तर से घोषित हो चुके हैं। बचे नौ संगठनात्मक जिलों का मामला अभी चर्चा में है। झाबुआ जिले के मंडल अध्यक्षों का चुनाव अभी नहीं हुआ है। उपचुनाव के कारण वहां अभी सिर्फ बूथ के चुनाव हो पाए हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक हर मंडल में पर्यवेक्षकों और निर्वाचन अधिकारियों ने स्थानीय नेताओं के साथ पहले रायशुमारी की, फिर जिले के नेताओं के साथ चर्चा की पर सबसे महत्वपूर्ण दो कारणों ने मंडल के चुनाव में परेशानी खड़ी कर दी। पहला उम्र का बंधन था, दरअसल पार्टी ने मंडल अध्यक्ष के लिए 35 साल से 40 साल के बीच उम्रसीमा निर्धारित की हुई है और दूसरा कारण जातीय संतुलन बैठाना, इसमें पार्टी को काफी समय देना पड़ा। इस वजह से अब तक 750 के लगभग मंडल चुनाव के परिणाम घोषित हो पाए हैं। बाकी जिलों को लेकर प्रदेश कार्यालय में संगठन के साथ बैठकें चल रही हैं। जिलाध्यक्ष का चुनाव 30 नवंबर और एक दिसंबर को संभावित पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंडल चुनाव के बाद 30 नवंबर और 1 दिसंबर को जिलाध्यक्षों के चुनाव कराए जा सकते हैं। पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए भी उम्रसीमा तय की हुई है। इसके तहत 50 साल तक की उम्र वाले नेताओं को ही जिले की कमान सौंपी जाएगी। अपवाद स्वरूप मामलों में 55 साल तक के नेताओं को भी जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
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देश की पूर्व प्रधानमंत्री रहीं दिवंगत इंदिरा गांधी की जयंती के मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह द्वारा इंदिरा गांधी के समाधि स्थल शक्ति स्थल पहुंचकर उन्हें श्रध्दांजलि दी। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी शक्तिस्थल पहुंचे और उन्होंने इंदिरा गांधी को याद किया। इसके अलावा बड़ी संख्या में कांग्रेस के अन्य नेता भी समाधि स्थल पहुंचे और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री को भावभीनी श्रध्दांजलि दी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस द्वारा सभी 14 जिलों में इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर इंदिरा प्रियदर्शनी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी की 102 वीं जयंती मनाई गई । इंदिरा गांधी द्वारा पीएम रहते लिए गए कड़े निर्णयों की वजह से उन्हें देश में 'आयरन लेडी' के तौर पर भी पहचाना जाता है। इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल के दौरान बैंकों के राष्ट्रीयकरण का अहम निर्णय लिया था। इसके साथ ही 19 जुलाई 1969 को 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी ने राजा-महाराजाओं को मिलने वाला प्रिवी पर्स बंद किया था। इसके अलावा पाकिस्तान में अलग बांग्लादेश की लड़ाई लड़ने वाली जनता के अनुरोध पर इंदिरा गांधी ने इस समस्या पर हस्तक्षेप किया जिसके बाद 1971 का युद्ध हुआ। इसमें करीब 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।
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मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ के जन्मदिन पर सोमवार को पीसीसी से एक विवादित विज्ञापन छपने पर कांग्रेस नेता बचाव ने आ गए। विज्ञापन को लेकर कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि इसे कांग्रेस ने जारी नहीं किया है। पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा कि पीसीसी इसकी जांच कराएगी। मुख्यमंत्री के जन्मदिन की बधाई का एक विज्ञापन मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के नाम से प्रकाशित हुआ है। इसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ के बारे नौ खास बातें छपी हैं | जिसकी कुछ चीजों से सोशल मीडिया में राजनीती हुई और मजाक उड़ाया गया। विज्ञापन में कमलनाथ को 1996 में मिली पराजय और 1993 में बनी सरकार में मुख्यमंत्री न बनने की वजह का जिक्र है। इन सभी पूर्व की बातों को जन्मदिन के बधाई विज्ञापन में दिए जाने पर प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने सोशल मीडिया पर व्यंग्य बाण चलाए। और यह विज्ञापन मिडिया की खबर बन गया | इस विज्ञापन को लेकर पीसीसी में आयोजित एक पत्रकारवार्ता में जब मीडिया ने सवाल किए तो कांग्रेस बैकफुट पर नजर आई। पीसीसी के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष शेखर ने कहा कि पीसीसी की तरफ से कोई विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। इसकी वे जांच कराएंगे। पत्रकारवार्ता में मौजूद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि उन्हें इस विज्ञापन के बारे में कुछ नहीं पता है। उधर, इस विज्ञापन पर भाजपा चुटकी ले रही है। पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ये विज्ञापन किस गुट ने जारी किया है, बताओ। मिश्रा ने कहा कि जाहिर है एक गुट ने दूसरे गुट को निपटाने के लिए ऐसा विज्ञापन जारी किया है।
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अवैध रेत उत्खनन रोकने बनेगा आयोग नदी न्यास अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा की शिवराज सिंह चौहान के लागए गए साथ करोड़ पेड़ में से सात पेड़ भी नहीं दिखाई दे रहे है पौधारोपण में व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है | भाजपा और कांग्रेस को सत्ता में बैठने को लेकर बाबा ने कहा की बीजेपी में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर था | इसलिए स्तीफा दिया अगर कमलनाथ सरकार काम नहीं करेगी तो इसके खिलाफ भी बोलूंगा | टीकमगढ़ में नदी न्यास अध्यक्ष के निशाने पर एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा रही | एक दिवसीय प्रवास पर टीकमगढ़ आए कंप्यूटर बाबा ने शिवराज सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा की | शिवराज सिंह की सरकार में पौधारोपण में व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार हुआ है | जहाँ सात करोड़ पेड़ लगाए जाने की बात की जा रही थे | वहां सात पेड़ भी नहीं दिखे | कंप्यूटर बाबा ने नदियों को लेकर कहा की नदियों को कैसे साफ स्वच्छ बनाया जाए इसके लिए उनके द्वारा बड़े स्तर पर काम किया जा रहा है | रेत के उत्खनन पर बाबा ने बताया कि उनके द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जा रहा है | यदि कहीं पर भी नदी में उत्खनन होता है | तो तुरंत कार्यवाई की जाएगी इसके लिए एक आयोग गठित किया जा रहा है | उसके सदस्य जिला स्तर से ब्लॉक स्तर पर बनाए जाएंगे |और उसकी पूरी मॉनिटरिंग भोपाल से की जाएगी कंप्यूटर बाबा ने भाजपा को भ्रष्टाचार से लिप्त बताते हुए कहा की | बीजेपी में भ्रष्टाचार बढ़ने के चलते उन्होंने शिवराज सरकार से स्तीफा दिया था | अगर कमलनाथ सरकार कार्य नहीं करती है तो वो इसके खिलाफ भी बोलेंगे |
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जो काम पीएम मोदी नहीं कर पाए वो सुप्रीम कोर्ट ने किया नदी न्यास अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने दावा करते हुए कहा की | कमलनाथ सरकार में रेत अवैध उत्खनन कम हुआ है | अवैध उत्खनन रोकने के लिए अब साधू संत रेत उत्खनन की जगह बैठेंगे अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बाबा ने कहा की जो कार्य बीजेपी और पीएम मोदी नहीं कर सके वो सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया | रेत अवैध उत्खनन की घटनाये आये दिन प्रदेश में बढ़ती जा रही है | लेकिन कमलनाथ सरकार में नदी न्यास अध्यक्ष बनाये गए कंप्यूटर बाबा इससे इत्तफाक नहीं रखते | छतरपुर के खनिज विभाग की बैठक लेने आये कंप्यूटर बाबा का कहना है की | कमलनाथ की सरकार में अवैध उत्खनन कम हुआ है | और यदि कही हो रहा है ,तो अब उन जगहो पर दो हजार साधू महात्मा बैठेगे वहीं रहेगे | वही खाना खायेगे और अवैध उत्खनन रोकेगे | राममंदिर के पक्ष मे फैसला आने के बाद कंप्यूटर बाबा ने बीजेपी की खिल्ली उडाते हुये कहा कि | जो काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी नही कर पाई वह काम सुप्रीम कोर्ट मे इस फैसले के आने के बाद कर दिया |
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देशव्यापी प्रदर्शन राहुल गांधी के पोस्टर फाड़े राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के नाम पर गलतबयानी करने और फिर मांफी मांगने के मसले पर राहुल गाँधी और कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी ने देशभर में प्रदर्शन किया | इस दौरान राहुल गाँधी के पोस्टर्स जलाये गए | इस दौरान बीजेपी ने राहुल गाँधी से सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगने की मांग की राफेल डील मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपना फैसला सुनाया जा चुका है | इस फैसले को लेकर कांग्रेस द्वारा कहा गया था कि शीर्ष कोर्ट ने मोदी सरकार के खिलाफ आपराधिक जांच का रास्ता खोल दिया है | इस लेकर भारतीय जनता पार्टी ने देशभर में कांग्रेस और राहुल गांधी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया . इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका खत्म होने के बाद राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की प्रदर्शन के दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ राहुल गांधी के पोस्टर्स को फाड़ा बल्कि उनकी तस्वीरों पर कालिख भी पोत दी पश्चिम बंगाल से महाराष्ट्र तक भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस और राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया | मुंबई में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने जमा होकर प्रदर्शन किया | एमपी यूपी ,छत्तीसगढ़ ,बिहार झारखण्ड हर जगह प्रदर्शन हुए मोदी सरकार के कार्यकाल में फ्रांस से हुए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद मामले में विपक्ष ने सरकार पर डील में भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया था | हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर फैसला देते हुए एक बार फिर मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी इसके बाद कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि यह भाजपा के लिए जश्न मनाने का वक्त नहीं है | बल्कि आपराधिक जांच को स्वीकार करने का वक्त है |
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जिसकी इच्छा हो अंडा ले या फल ले सामाजिक और राजनैतिक दबाव के बाद एमपी की कांग्रेस सरकार को अंडे का फंडा समझ में आ गया है महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने अंडे को अनिवार्य करने से मना कर दिया है और कहा है जो चाहेगा उसे अंडा मिलेगा और जो नहीं चाहेगा उसे फल दिए जाएंगे | मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए आंगनबाड़ियों में बच्चों को अंडा खिलाने का ऐलान किया था | लेकिन इस मसले पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर वाक् युद्ध चला | ऐसे में सामाजिक और राजनैतिक दबाव के चलते सरकार को अंडे का फंडा समझ आ गया और सरकार को अपने फैसले पर एक बार फिर विचार करना पड़ा | अब आंगनवाड़ियों में अंडा ऐच्छिक खाद पदार्थ हो गया है | सरकार का कहना है जिन बच्चों की इच्छा होगी वो अंडा खाएंगे और जिनकी इच्छा फल खाने की होगी वो फल खाएंगे |
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पृथ्वीराज चौहान जैसे राजाओं को शराबी बता दिया सबलगढ़ के कांग्रेस विधयक का ज्ञान उन ही के गले पड़ गया | एमएलए नशे को बुरा बताते हुए, पृथ्वीराज चौहान जैसे राजाओं को शराबी बता दिया | कई संगठन और लोग जब विधायक बैजनाथ कुशवाहा के बयान के विरोध में खड़े हो गए तो उन्होंने सफाई देते हुए माफी मांग ली | सबलगढ़ के विधायक बैजनाथ कुशवाहा ने अपना ज्ञान बघारने के चक्कर में अपनी जग हंसाई करवा ली | बैजनाथ कुशवाहा ने बाल दिवस पर नशे की बुराई बताते हुए पृथ्वीराज चौहान समेत कई बड़े-बड़े राजाओं को शराबी बता दिया एक निजी विद्यालय में मंच से भाषण देते हुए कुशवाहा ने कहा दिल्ली का राजा पृथ्वीराज चौहान | महोबा का राजा परिमाल व कन्नौज के राजा जयचंद जो भी बड़े-बड़े राजा हुए हैं | उनके किलों व महलों में आज चमगादड़ उड़ रहे हैं और नाम लेने वाला कोई नहीं बचा है | इस दौरान कुशवाह हाथ से इन राजाओं के शराब पीने की ओर इशारा कर रहे थे | मच पर माइक पकड़कर तो विधायक कुशवाह ने अपना ज्ञान पेल दिया लेकिन उनको इस बात का अहसास नहीं था की इस बात की व्यापक और जबरदस्त प्रतिक्रिया होगी कई संगठन अब विधायक के बयान के विरोध में खड़े हो गए तब उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि ''मैं बच्चों के बीच नशामुक्ति को लेकर कार्यक्रम था मैं उनको समझा रहा था कि जब इतने बड़े-बड़े राजा महाराजा दारू के चक्कर में बर्बाद हो गए तो हमारी क्या औक़ात है मेरी ऐसी कोई भावना नहीं थी | भावावेश में मैंने कह दिया, वो हमारे आदर्श हैं मेरी बात किसी को बुरी लगे तो मैं उनसे सार्वजनिक रूप से माफी मांगता हूं |
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राज्यपाल लालजी टंडन ने विश्वविद्यालयों में कम्प्यूटराईजेशन के कार्य को व्यापक स्तर पर कराने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि डिजिटलाईजेशन समय की जरूरत है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आधार है। यदि समय रहते विश्वविद्यालयों ने इस दिशा में प्रयास नहीं किये, तो भविष्य में दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित शिक्षा नीति में कम्प्यूटरीकरण आवश्यक होगा। टंडन आज राजभवन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की समीक्षा कर रहे थे। राज्यपालटंडन ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य, संविधान के दो प्राथमिक विषय हैं। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा में हिन्दी को बढ़ावा देना जरूरी है। इजराइल जैसा देश, जिसकी भाषा की शब्दावली भी छोटी है, वहाँ भी स्थानीय भाषा में तकनीकी शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में चिंतन और नवाचारों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शिक्षा की गुणवत्ता आवश्यक है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्यों और नवाचारों के पारस्परिक विनिमय पर बल दिया। टंडन ने सभी शासकीय, अशासकीय विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित कर कम्प्यूटराईजेशन का कार्य पूरा करवाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि शासकीय विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय आपस में सामंजस्य स्थापित कर उत्कृष्ट कार्यों का अनुसरण करें। बैठक में कुलपति सुनील कुमार ने प्रजेन्टेशन द्वारा विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और समस्याओं से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद ने विश्वविद्यालय को ए ग्रेड प्रदान किया है। विश्वविद्यालय द्वारा इंजीनियरिंग और नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की एन आई आर एफ रैंकिंग के लिये प्रयास किये जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के शैक्षणिक कैलेन्डर की नियमितता और नवाचारों के कारण मानव संसाधन विकास मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा 13 तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालयों में आर जी पी वी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। विश्वविद्यालय में सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर शोध को प्राथमिकता दी जाती है और शोधार्थियों को स्कॉलरशिप दी जाती है। शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया पूर्णता की ओर है। कुलपति सुनील कुमार ने विश्वविद्यालय की विशेष उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार किये जा रहे हैं। हमनें विद्यार्थियों को कोर्स के साथ साथ इच्छानुसार ऑनलाइन अन्य कोर्स करने की सुविधा दी है। अन्य कोर्स को भी अंकसूची में दर्ज करके मान्यता देंगे। स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक लाख रू तक की सीड मनी प्राध्यापकों को अद्यतन ज्ञान से अवगत कराने 50 से अधिक फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम पर्यावरण संरक्षण के लिये पौधा रोपण और मूक्स लैब के तहत ऑन वीडियो लेक्चर जैसी सुविधाओं में शिक्षकों की भागीदारी जैसे महत्वपूर्ण कार्य भी विश्वविद्यालय कर रहा है। इस अवसर पर प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा प्रमोद अग्रवाल राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे और कुलपति सुनील कुमार भी उपस्थित थे।
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जनसम्पर्क मंत्री शर्मा तथा खेल मंत्री पटवारी ने किया शुभारंभ जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा तथा उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने ज्ञान गंगा इंटरनेशनल अकादमी में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता का विधिवत शुभारंभ किया। प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों के साथ खाड़ी देश कतर, ओमान, कुवैत, बहरीन तथा साऊदी अरब के लगभग 1900 छात्र-छात्राएँ भाग ले रहे हैं। जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि खिलाडियों में खेल भावना का होना आवश्यक है। यही भावना जीवनपर्यन्त विपरीत परिस्थिति में संबल प्रदान करती है। उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता में जो जीतता है, वो तो नम्बर वन हो जाता है परन्तु जो हारता है, वह अपने अगली जीत के लिए तैयार होता है। पटवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिता में 110 प्रकार की अलग-अलग तैराकी प्रतिस्पर्धा में विभिन्न आयु वर्ग में 11 से 19 वर्ष तक आयु के छात्र-छात्राएँ हिस्सा ले रहे हैं। प्रकाश तरण पुष्कर में स्विमिंग एसोसिएशन के सहयोग एवं तकनीकी सहायता से प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता में 14 नवम्बर को एक्वाथलॉन प्रतिस्पर्धा भी शामिल है। इसके प्रतिभागी 500 मीटर तैरने के बाद तीन किलोमीटर की दूरी दौड़ कर तय करेगें। इसमें लगभग 150 खिलाड़ी भाग लेंगे। शुभारंभ अवसर पर एलएनसीटी की वाईस चेयरपर्सन मती पूनम चौकसे, म.प्र. तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, ज्ञान गंगा इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध संचालकविनी राज मोदी तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ी और उनके अभिभावक उपस्थित थे।
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होशंगाबाद जिले में विभिन्न कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए जनसम्पर्क मंत्री विधि-विधायी कार्य तथा जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने कहा है कि राज्य सरकार नर्मदा नदी को स्वच्छ एवं प्रदूषणमुक्त रखने के लिये कृत-संकल्पित है। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के दर्शन मात्र से ही पुण्य-लाभ प्राप्त होता है। नर्मदा प्रदेश की जीवन-रेखा है। शर्मा ने कहा कि हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि नर्मदा की स्वच्छता बनाये रखने के लिये काम करें। मंत्री शर्मा प्रभार के जिले होशंगाबाद में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही होशंगाबाद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की पहल की जायेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित मेग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश में उद्योगपतियों को होशंगाबाद जिले में भी उद्योगों की स्थापना के लिये प्रोत्साहित किया गया है। जनसम्पर्क मंत्री शर्मा ने नर्मदा को प्रदूषित जल से बचाने के उद्देश्य से बनाये जाने वाले ड्रेन मैनेजमेंट सिस्टम का भूमि-पूजन किया। जिला चिकित्सालय का निरीक्षण कर मरीजों से उनकी समस्याओं की जानकारी ली तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। शर्मा ने चिकित्सालय में नवीनीकृत नेत्र वार्ड का शुभारंभ भी किया। जनसम्पर्क मंत्री ने सेठानी घाट पर आयोजित कवि सम्मेलन में कहा कि होशंगाबाद अपने धार्मिक महत्व के साथ साहित्यिक नगरी के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। कार्यक्रम में नगरपालिका अध्यक्ष अखिलेश खण्डेलवाल पूर्व विधायक अम्बिका प्रसाद शुक्ला और विजय दुबे काकू अजय सैनी उपस्थित थे।
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एक भी सांसद ने नहीं की राहत राशि की मांग किसानों पर सिर्फ राजनीति हो रही हैं | प्रदेश की सरकार और विपक्ष रोज बयां बाजी कर रहे हैं मगर किसानों की असल सुध कोई नहीं ले रहा हैं | राज्य की कमलनाथ सरकार ने किसानो की दस दिन में कर्ज माफ़ी की बात कही थी | मगर अब अतिवृष्टि से ख़राब फसलों के मुआवजे के लिए केंद्र सरकार को घेर रहे हैं पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने कहां कलंकित एमपी को शिवराज ने कमलनाथ के हाथो सौपा था | पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की अतिवृष्टि से किसानो की फसल खराब हो गई प्रदेश में बीजेपी के अट्ठाइस सासंद है और एक ने भी राहत राशि की मांग नहीं की है सांसद राशि माँगने के बजाय नौटंकी करने में लगे है | मुलताई विधान सभा का भावनात्मक मुद्दा है कुछ असमाजिक तत्वों ने थाने मे घुस कर मारपीट की आतंक के कारण आरोपियों को भगाया गया | बेइमान लोग किस मुह से बात करते हैं | बीजेपी वालों ने सिर्फ घोषणा की वो आज तक पूरी नही हुई कलंकित एमपी को शिवराज ने कमलनाथ के हाथो सौपा था | सीएम कमलनाथ अच्छे काम करने के प्रयास कर रहे हैं | पांसे ने कहा की एमपी मे औद्योगिक नीति के तहत सीएम ने पहले उद्योग पतियों के लिए विश्वास तैयार किया | मैग्निफिसेंट एमपी उसकी बानगी थी अब उसी के तहत वो दुबई दौरे पर हैं | उद्योगपतियों से बात करेंगे पांसे ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की हिंदुस्तान,पाकिस्तान की बात करने से जनता का पेट नही भरता | जनता के लिए काम करना पड़ता है | झाबुआ की जनता ने बता भी दिया कि लोगों का कमलनाथ सरकार पर विश्वास है |
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अपील का है अधिकार,सदस्यता निरस्त करना निंदनीय एक राजनीतिक पार्टी को लाभ देने वाला निर्णय पवई विधायक प्रहलाद लोधी की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा की विधानसभा अध्यक्ष का यह एक तरफ़ा निर्णय है |विधायक को कोर्ट में अपील करने का अधिकार है | लेकिन उससे पहले ही राजनीतिक द्वेषवश यह निर्णय लिया गया है | नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने निर्णय की आलोचना करते हुए कहा की सरकार के दबाव में जिस तरह आनन फानन में कार्रवाई की गई है | वह सरकार के डर को दर्शाती है | तहसीलदार से मारपीट करने के आरोप में जेल की सजा के बाद पवई विधायक प्रहलाद लोधी की विधानसभा से सदस्यता रद्द किये जाने के बाद अब सियासत शुरू हो गई है | पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष के इस निर्णय को एक तरफ़ा बताया है शिवराज ने कहा की विधायक को उच्च न्यायालय में इस के खिलाफ अपील करने का अधिकार है | लेकिन प्रक्रिया होने से पूर्व ही विधायक की सदस्यता निरस्त करना राजनीतिक द्वेष को दर्शाता है | विधानसभा अध्यक्ष विधायकों के संरक्षक होते हैं | यह संरक्षक का फैसला नहीं है एक पार्टी को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए लिया गया फैसला है| नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा की विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के दबाव में जल्दबाजी में यह कार्यवाई की है | किसी भी व्यक्ति को उसका पक्ष रखने का अधिकार है देश में कसाब और अफजल जैसे खूंखार आतंकवादी तक को सुनवाई का मौका दिया गया | लेकिन एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि जो जनता की सेवा में लगे रहते है | उनसे जुड़े मामले पर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जल्दबाजी में कार्रवाई की गई वह निंदनीय है |
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राहत राशि के लिए शिवराज केंद्र के खिलाफ दे धरना खेल और युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा की शिवराज दोहरे मापदंड की राजनीती करते है केंद्र सरकार से मध्य प्रदेश को राशि नहीं मिली है | पर शिवराज केंद्र सरकार के खिलाफ धरना नहीं दे रहे शिवराज सिंह के बात और काम करने का तरीका अलग अलग है | केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को अब तक राशि ना दिए जाने को लेकर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्र और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर निशाना साधा | पटवारी ने कहा की शिवराज दोहरे मापदंड की राजनीती करते हैं | पहले शराब बंदी को लेकर शिवराज ने कई देशों का जिक्र किया था | और कहा था की शराब बंदी नहीं हो सकती अब कुछ और बोल रहे है जब शिवराज सत्ता में थे तो अलग भाषा का उपयोग करते थे और अब अलग बात करते हैं शिवराज पहले केंद्र सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ जाते थे |अब क्या उनको सांप सूंघ गया है अब क्यों धरना नहीं दे रहे | पटवारी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा की केंद्र सरकार द्वारा अब तक प्रदेश को राशि नहीं दी गई है | केंद्र से राहत राशि लेना हमारा हक़ है | हम भीख नहीं मांग रहे | जीतू पटवारी ने शिवराज को नसीहत दी और कहा की वो योग और आत्म चिंतन करे | और अपने मन के विचलन को कम करे | शिवराज पीड़ित किसान और जनता पर राजनीतिक रोटियां सेक रहे है | जो की सही नहीं है |
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आरक्षण नियम में संशोधन तय करने को कैबिनेट की मंजूरी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार जातिगत जनसंख्या के आधार पर आरक्षण देगी भूपेश कैबिनेट की बैठक में जिला संवर्ग के पदों पर भर्ती आरक्षण में बदलाव पर मुहर लगा दी गई | इसके लिए सरकार नई नियमावली तैयार करेगी | सरकार के इस निर्णय का असर ओबीसी और गरीब सवर्णों के कोटे पर पड़ेगा | कैबिनेट में हुए इस फैसले की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि सरकार ने इसी वर्ष लोक सेवा भर्ती नियम के तहत आरक्षण में बदलाव किया था इसके तहत अनुसूचित जाति का आरक्षण 12 से बढ़कार 13, अन्य पिछड़ा वर्ग का 14 से बढ़कार 27 तथा अनुसूचित जनजाति का 32 फीसद रखते हुए गरीब सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने का फैसला किया था | इस नियम के लागू होने से कुछ जिले जहां जिला संवर्ग के पदों में भर्ती में पहले से आरक्षण लागू है, वहां आबादी के अनुपात में आरक्षण सौ फीसद से अधिक हो जाता | विशेष रूप से आदिवासी बाहुल्य बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर समेत कुछ और जिले शामिल है | इसी वजह से सरकार ने फैसला किया है कि ऐसे जिलों में एससी और एसटी के आरक्षण में तो कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन ओबीसी और गरीब सवर्णों को दिए जाने वाले आरक्षण में बदलाव किया जाएगा | कैबिनेट ने कैबिनेट ने शिक्षकों के करीब 14800 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को जारी रखने का फैसला भी किया है |
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शिवराज सिंह हिटलर की भाषा बोलते हैं उच्च शिक्षा और खेल मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है | इसके नेता हिटलट की भाषा बोलते हैं जो की ठीक बात नहीं हैं | कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी बीजेपी से खासे खफा हैं उन्होंने कहा की सीएलपी लीडर और शिवराज सिंह हिटलर की भाषा बोलते हैं | अगर नगर निगम को दो भागों में बांटा जा रहा है तो ये साम्प्रदायिक कैसे हो गया | बीजेपी के शासन में मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ का बंटवारा हुआ तो क्या वो साम्प्रदायिक था | पटवारी ने कहा कि विधान परिषद् की बात हमने अपने वचन पत्र में कही थी हम उसे पूरा करने जा रहे हैं | भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र का मजाक उड़ाती है और अपमान करती है |
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कांग्रेस की किसानों की मदद की मंशा नहीं पूर्व मंत्री नरोतम मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कांग्रेस की किसानों को मदद देने की मंशा ही नहीं है |क्योंकि किसानों की फसल बर्बादी का पूरा सर्वे किया ही नहीं और जो सर्वे किया वो गलत किया है | केंद्र सरकार पर मदद न करने के आरोप पर बीजेपी नेता पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा पहले कांग्रेस तय कर ले कि केंद्र से कितने पैसे मांगने है | मुख्यमंत्री कमलनाथ कुछ और कहते है | जनसंपर्क मन्त्री कुछ और कहते है | सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह कोई और राशि बताते है पहले सब आपसे में तय कर ले फिर कोई बयान दे मिश्रा ने कहा कांग्रेस की किसानों की मदद करने की मंशा नहीं है सर्वे किया नही है, जो किया है गलत किया है | खुद कुछ कर नही पा रहे है और केंद्र पर झूठे आरोप लगा रहे हैं |
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55 लाख किसान प्रभावित कमलनाथ करेंगे उपवास मध्यप्रदेश के साथ केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे भेदभाव के खिलाफ मध्यप्रदेश के मंत्री केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में धरना देंगे | वहीँ मुख्यमंत्री किसानों के लिए उपवास रखेंगे | मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता मेंमंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए | जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि अतिवृष्टि की वजह से प्रदेश के 55 लाख किसान प्रभावित हुए हैं, इससे 16 हजार करोड़ रुपए की फसलों को नुकसान हुआ है | किसानों को मुआवजा देने के लिए सभी मंत्री अपनी एक महीने की सैलरी देंगे | इसके साथ ही सभी मंत्री केंद्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश से किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ दिल्ली में धरना देंगे | मंत्री शर्मा ने कहा कि सीएम कमलनाथ किसानों के लिए उपवास रखेंगे मंत्रिमंडल की बैठक में इसके अलावा होर्डिंग नीति तय की गई मध्यप्रदेश सरकार का 17 साल पुराना विमान बेचने पर भी सहमति बनाई गई | इसके साथ नया विमान खरीदने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई | वरिष्ठ पत्रकार सम्मान निधि बढ़ाये जाने को भी हरी झंडी दी गई | कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार द्वारा अतिवृष्टि के लिए राहत पैकेज ना दे दिए जाने को लेकर चिंता जताई गई | साथ ही कहा गया कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश के साथ भेदभाव कर रही है | मंत्रियों ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी 4 नवंबर को मध्यप्रदेश में जो प्रदर्शन करने जा रही है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के घर के बाहर करना चाहिए ताकि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश को राहत की राशि दे दें |मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम कमलनाथ का सम्मान किया गया |
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हरियाणा में बीजेपी को झटका,जेजेपी किंग मेकर महाराष्ट्र-हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजेमहाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सरकार की वापसी तय हो गई है | वहीँ हरियाणा में बीजेपी बहुमत से दूर है |हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की JJP बड़ी भूमिका में नजर आ रही है | वहीँ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की एक एक विधानसभा सीट पर हुए चुनाव के परिणाम कांग्रेस के पक्ष में गए हैं | महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों की तस्वीर अब साफ हो गई है | महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना की जोड़ी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी के लिए तैयार है, लेकिन हरियाणा में भाजपा को झटका लगा है | बीजेपी हरियाणा में बहुमत के आंकड़े से दूर है, इसी उम्मीद में कांग्रेस और जेजेपी अपनी कोशिशें जारी कर रही हैं और सरकार बनाने में जुट गई हैं महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीेटें हैं, वहीं हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं दोनों राज्यों में 21 अक्टूबर को एक साथ मतदान हुआ था | महाराष्ट्र में 60.46% और हरियाणा में 65.75% मतदान हुआ था महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना सत्ता में तो आ रही है, लेकिन इस बार पिछली बार से कम सीटें हाथ लगी हैं | बीजेपी ने पिछले चुनाव में 122 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार 100 पर सिमटती दिख रही है वहीं शिवसेना उसी 63 के आंकड़े पर अटकी है | वहीं, कांग्रेस-एनसीपी ने इस बार अपने प्रदर्शन में सुधार किया है |
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क्या सहज पीसी शर्मा अब घमंडी हो गए हैं जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा बहुत ही सहज राजनेता माने जाते हैं | लेकिन उनका एक वायरल हो रहा वीडिओ कुछ और ही कह रहा है | इस वीडिओ में पीसी शर्मा एक कार्यकर्ता का हाथ पकड़कर उसे झटकते हुए नजर आ रहे हैं | मध्यप्रदेश के नेताओं और मंत्रियों में सबसे सहज माने जाने वाले जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा क्या घमंडी हो गए हैं | मंत्री बनाने के बाद क्या पीसी शर्मा का व्यवहार बदल गया है या आम कार्यकर्ता अब पीसी शर्मा को रास नहीं आ रहे हैं इस तरह के तमाम सवाल पीसी शर्मा को लेकर किये जा रहे हैं | पीसी शर्मा का एक वीडिओ जमकर वायरल हो रहा है | यह वीडिओ उनके जन्मदिवस के कार्यक्रम का है पीसी शर्मा अपने समर्थकों के साथ बैठे हैं तभी एक युवती मोबाईल से उनका वीडिओ बनाना शुरू करती है इतने में उनका समर्थक एक कांग्रेस कार्यकर्ता उनके पास आता है और जन्मदिन की बधाई के साथ उनके पैर छूने की कोशिश करता है | यह क्या उसकी सुनने या उसे आशीर्वाद देने की बजाये पीसी शर्मा उसका हाथ पकड़कर दबाते हैं और दोनों हाथों से पकड़कर उसे झटका देते हैं उसके बाद गुस्से से आग बबूला मंत्री जी उसे भागने का इशारा करते हैं | ये क्या ये एक और कार्यकर्ता उन्हें गुलदस्ता देने की कोशी करता हैं मंत्रीजी उसे भी दायं बायं कर देते हैं | मंत्री पीसी शर्मा जी आप तो ऐसे नहीं थे | यही कार्यकर्ता तो आपकी ताकत हैं जिन्हें आप झटका दे रहे हैं | हो सकता है उस वक्त आप का मूड ठीक न हो | लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप अपने प्रशंसकों का अपमान करने लगें | इस वीडीओ में साफ़ दिख रहा है कि आपके समर्थक भी आपके इस व्यवहार से खिन्न नजर आ रहे हैं | मंत्री जी इस वीडिओ को देखने के बाद साफ़ नजर आ रहा है कि इस बार गलती आपने की है | ये वक्त बदलाव का है लेकिन आप तो इतना मत बदलिए कि आपको सर आँखों पर बैठने वाले आपसे दूरियां बनाना शुरू कर दें |
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झाबुआ चुनाव में भाजपा की जीत होगी बीजेपी नेता पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने ग्रामीण और गरीब के साथ धोखा किया है इसका खामियाजा उसे झाबुआ चुनाव में उठाना पडेगा | झाबुआ का परिणाम बीजेपी के पक्ष में आएगा | भाजपा शासनकाल में जनसंपर्क मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने आज कहा है कि भारतीय जनता पार्टी झाबुआ का उप चुनाव जीत रही है | कांग्रेस ने पिछले 9 महीनों में प्रदेश के लोगों और किसानों के लिए कुछ नहीं किया है | उसका प्रतिफल उसको झाबुआ उपचुनाव में देखने को मिलेगा नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि झाबुआ चुनाव में भाजपा प्रत्याशी पूरी विधानसभा क्षेत्र में हर जगह गया है | वह ईमानदार और प्रयत्नशील है | निश्चित ही भाजपा की जीत झाबुआ में होगी |
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28 लाख से बनेगा सिंगारचोली शासकीय विद्यालय हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा ने अपने इलाके में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया सिंगारचोली में 28 लाख से शासकीय स्कूल बनाये जाने की बात कही | शर्मा ने सिंगारचोली इलाके में लगाने वाले जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए अधिकारीयों को निर्देश दिए | भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ,विधायक रामेश्वर शर्मा ने N H A I और जिला प्रशासन के अधिकारीयों के साथ भोपाल के लालघाटी पर लगने वाले जाम एवं सिंगारचोली फ्लाईओवर के नीचे लगने वाले जाम से निजात के लिए अवलोकन किया और इसके जल्द निराकरण के निर्देश दिए | उन्होंने लालघाटी से संत नगर की और जाने वाले ग्रेड सेपरेटर की सर्विस रोड का भी अवलोकन किया | इस दौरान विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बनवाया गया यह फ्लाईओवर नागरिको की सुविधा के लिए है उन्होंने कहा कि ROB के दोनों ओर सर्विस रोड चौड़ी की जाए एवं BDA कॉलोनी के पास बिजली खम्बो को शिफ्ट कर इस रोड को चौड़ा किया जाए | विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस दौरान NHAI के अधिकारियों को शासकीय विद्यालय के पुनः निर्माण के लिए स्वीकृत 28 लाख की राशि शिक्षा विभाग को देने के निर्देश दिए | ताकि राशि जारी होने के बाद बहुत जल्द ही विद्यालय का निर्माण हो सके |
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भूपेश सरकार ने की केवल वादा खिलाफी छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने चित्रकोट उपचुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार पर निशाना साथ और कहा कांग्रेस सरकार केवल वादा खिलाफी कर सकती है और कुछ नहीं | चित्रकोट विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सभा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी मोर्चा संभाला |रमन सिंह ने लोहंडीगुड़ा से लेकर करंजी तक रोड शो किया और पांच सभाएं की रमन सिंह ने 15 वर्षों तक किये गए भाजपा के विकास कार्यों का उल्लेख किया और कांग्रेस की 11 महीने की सरकार पर जमकर बरसे | रमन सिंह ने बताया कि 15 साल में उनकी सरकार ने बस्तर में कई विकास कार्य कर बस्तर का समुचित विकास किया | इस दौरान रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेश बघेल की सरकार ने केवल वादाखिलाफी की है | कांग्रेस ने हाथ में गीता और गंगाजल उठाकर महिलाओं से वादा किया था की शराबबंदी की जाएगी , पर आज तक इस पर कोई पहल नहीं की गई | कांग्रेस में विचारधारा में भी मतभेद है जिससे आधे कोंग्रेसी 370 के पक्ष में हैं तो आधे विरोध में |
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सात करोड़ में से सात सौ पौधे नहीं बचे कम्प्यूटर बाबा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नर्मदा किनारे किये गए पौधरोपण अभियान पर सवाल उठाये और कहा उनके साथ करोड़ में से सात सौ पौधे भी नहीं बच पाए | कंप्यूटर बाबा ने कहा नर्मदा किनारे शराब नहीं बिकने दी जाएगी | नदी न्यास के प्रमुख कम्प्यूटर बाबा ने हरदा जिले के भ्रमण किया कंप्यूटर बाबा द्वारा टिमरनी में नर्मदा युवा सेना के कार्यकर्ताओं से भेंट कर अवैध रेत उत्खनन पर चर्चा की यहाँ कंप्यूटर बाबा ने कहा कि शिवराज सिंह ने सात करोड़ पौधे लगवाए लगाए थे उनमे से सात सौ भी नहीं बचे | इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्यवाही होना चाहिए उन्होंने नर्मदा किनारे शराब बेचे जाने को लेकर अधिकारीयों से चर्च की और तुरंत इस पर रोक लगाने को कहा | कम्प्यूटर बाबा ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर वृक्षारोपण, स्वच्छता एवं नर्मदा नदी में हो रहे प्रदूषण व रेत का अवैध उत्खनन पर रोक लगाने हेतु चर्चा की और सर्किट हाउस में वृक्षारोपण भी किया |
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कमलनाथ सरकार पोल खोल कर रख दें बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने झाबुआ में चुनाव प्रचार किया और कहा जनता ने नौ महीने का कमलनाथ शासन भी आपने देख लिया और हमारा 15 साल का | आप दोनों का आकलन कीजिये और फिर बीजेपी को वोट दीजिये | मिश्रा ने भरोसा जताया कि इस उपचुनाव में जीत बीजेपी की ही होगी | पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी भानु भूरिया के समर्थन में प्रचार किया | मिश्रा ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान मुझे कमलनाथ सरकार के झूठे वादों और गलत इरादों से पीड़ित गरीब शोषित वंचित किसान का असहनीय दर्द महसूस हुआ | मिश्रा ने कहा जनता ने हमारा 15 साल का शासन भी देखा है और कमलनाथ का नौ महीने का | आप दोनों का आकलन कीजिये और फिर बीजेपी को वोट दीजिये | पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुनाव प्रचार के दौरान झाबुआ में बीजेपी कार्यकर्ताओं से अपील की, कि महा जनसंपर्क अभियान चलाकर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पोल खोल कर रख दें और भारतीय जनता पार्टी के 15 साल की सरकार और कमलनाथ की 9 महीने की सरकार का अंतर भी मतदाता को समझाएं
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सही समय पर दीक्षा लेंगी मायावतीमहाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए पहुंची बसपा चीफ मायावती ने ऐलान करते हुए कहा कि जब सही वक्त आएगा तो वो बौद्ध धर्म अपना लेंगी अपनी चुनावी रैली में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के बौद्ध धर्म अपनाने के फैसले का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा, 'बाबा साहब ने अपने देहांत से पहले अपना धर्म बदल लिया था | आप लोग सोचते होंगे कि कब बहनजी बाबा साहब के रास्ते पर चलते हुए बौद्ध धर्म को अपनाएंगी | मैं कहना चाहती हूं कि मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी लेकिन यह तब होगा जब इसका सही समय आएगा | चुनाव प्रचार के दौरान मायावती ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग मेरे साथ धर्मांतरण करेंगे और मैं बौद्ध धर्म अपनाउंगी | धर्मांतरण की यह प्रक्रिया तब संभव है जब बाबा साहब के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते पर चलें | मायावती ने इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू राष्ट्र वाले बयान का विरोध करते हुए कहा कि वो इससे सहमत नहीं हैं | मायावती बोलीं कि बाबा साहब आंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था | उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था आरएसएस प्रमुख को इस तरह का बयान देने से पहले सच्चर समिति की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए | वहीं देश की अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मायावती ने मोदी सरकार को मंदी के लिए जिम्मेदार ठहराया | उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विफल नीतियों की वजह से मौजूदा आर्थिक सुस्ती आई है | उन्होंने दावा किया कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस और सत्तारूढ़ बीजेपी की सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिए दलितों और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को रोकने के लिए आंतरिक समझ है |
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दल-बदल रोकने के लिए भी सरकार लाए अध्यादेश नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार को भयग्रस्त सरकार बताते हुए कहा कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव में बदलाव के लिए लाए गए अध्यादेश से | पार्षदों की ख़रीद-फरोख्त बढ़ेगी | ख़रीद-फरोख्त रोकने के लिए सरकार को नगरीय निकायों में भी दल बदल कानून लागू करना चाहिए इसके लिए सरकार अध्यादेश लाए | नगरीय निकाय चुनाव में महापौर का प्रत्यक्ष चुनाव ना कराने का मामला गर्माता जा रहा है नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा की | इस निर्णय से लोकप्रिय जनसेवक अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे | सरकार के इस अध्यादेश के लागू होने से लोकप्रिय और आर्थिक रुप से कमजोर लोग | जो वर्षों से राजनीति के क्षेत्र में जनसेवा कर रहे है | वे अब सरकार के इस अध्यादेश से अपने अधिकार से वंचित हो जाएंगे | भार्गव ने कहा कि मध्य प्रदेश ही ऐसा राज्य है | जहां पर जनता से सीधे अध्यक्ष और महापौर चुनने की व्यवस्था है और इसके साथ ही अगर चुना हुआ जनप्रतिनिधि भ्रष्ट, निकम्मा और अलोकप्रिय हो तो उसे वापिस बुलाने का अधिकार , राइट टू रिकॉल भी भाजपा शासन में लागू हुआ | इस अध्यादेश से जनप्रतिनिधियों में निरंकुशता बढ़ेगी, क्योंकि एक ओर चुने गए जनप्रतिनिधी मनमानी करेंगे | भार्गव कहा कि यह अध्यादेश एक अलोकप्रिय और जनाधार विहीन भयग्रस्त सरकार के द्वारा लाया अध्यादेश हैं | इससे प्रदेश के नगर अब विकास की दौड़ में पिछड़ जाएंगे | सरकार धनबल, बाहुबल ओर सत्ताबल के आधार पर गिने-चुनें पार्षदों को प्रभावित करेगी | आम मतदाता की आवाज का कोई महत्व नही होगा | उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के लागू होने के बाद ही तत्काल लोग अभी से पार्षदों को प्रभावित करने के हथकंडे अपनाने लगे है |
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एमपी में बीस साल बाद बदलेगी नगरीय निकाय चुनाव प्रणाली छह दिन से महापौर और अध्यक्ष के चुनाव प्रणाली को लेकर चली आ रही ऊहापोह की स्थिति अब खत्म हो गई | मुख्यमंत्री कमलनाथ के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने के बाद उन्होंने दशहरा के दिन नगर पालिका विधि संशोधन अध्यादेश 2019 की फाइल पर हस्ताक्षर करके निकाय चुनाव प्रणाली में बदलाव को मंजूरी दे दी | राज्यपाल की मंजूरी के बाद इसके तहत अब महापौर पार्षदों में से चुना जाएगा यानी चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा | बुधवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग अध्यादेश की अधिसूचना जारी की | निकाय चुनाव व्यवस्था में करीब बीस साल बाद बदलाव होने जा रहा है | सन 1999 से प्रत्यक्ष प्रणाली के माध्यम से नगर निगम में महापौर, नगर पालिका व नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है | दिग्विजय सिंह के किये इस बदलाव को कमलनाथ सरकार ने पलट दिया है | कैबिनेट ने अनुमति लेकर नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने राज्यपाल को चुनाव प्रणाली में संशोधन का अध्यादेश मंजूरी के लिए भेजा था | भाजपा के तमाम विरोध के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा के ट्वीट कर राज्यपाल को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी तो मामले के उलझने के आसार बढ़ गए थे | इसका आभास होते ही सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कमान संभाली उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की और यह भरोसा दिलाया कि सरकार जिन लोगों ने राजभवन की गरिमा के खिलाफ सार्वजनिक चर्चा का विषय बनाकर राज्यपाल पर दबाव बनाने का प्रयास किया, उससे सरकार का कोई लेना-देना नहीं है | वह उनके निजी विचार हैं | सरकार के पक्ष से संतुष्ट होने के बाद राज्यपाल ने मंगलवार को अध्यादेश को अनुमोदन दे दिया | राजभवन की ओर से अधिकृत तौर पर बताया गया कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को स्पष्ट किया है कि सरकार संवैधानिक मर्यादाओं को लेकर प्रतिबद्ध है | राजभवन की ओर से कहा गया कि राज्यपाल का दृढ़ अभिमत है कि संवैधानिक पदों के विवेकाधिकार पर टीका टिप्पणी करना संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन है |
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संघ बताये क्या नाथूराम गोडसे देशभक्त था कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि गांधी की विचारधारा से आरएसएस व भाजपा की विचारधारा बिल्कुल विपरीत है | इन लोगों को जवाब देना चाहिए कि क्या नाथूराम गोड़से देशभक्त था | दिग्विजय सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले में जिन्हें क्लीनचिट मिली, उनकी जांच दोबारा की जाए | पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि व्यापमं घोटाले में सीबीआई ने जिन लोगों को क्लीन चिट दी है, उन पर लगे आरोपों की जांच नए सिरे से होनी चाहिए | इसके लिए वह पहले राज्य सरकार से अनुरोध करेंगे कि वह कोर्ट जाए | अगर सरकार कोर्ट नहीं जाती है तो वह खुद व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में इसकी लड़ाई लड़ेंगे | दिग्विजय सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को व्यापमं घोटाले में जेल जाना पड़ा था | व्यापामं घोटाले के मुख्य सूत्रधार नितिन महेंद्र को सीबीआई ने जांच में क्लीन चिट दे दी | इसलिए सीबीआई जांच पर शुरू से सवाल उठ रहे हैं | भाजपा व आरएसएस द्वारा गांधी जयंती मनाए जाने पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि गांधी की विचारधारा से आरएसएस व भाजपा की विचारधारा बिल्कुल विपरीत है | उन्होंने कहा कि वह इन लोगों से एक ही सवाल करना चाहते हैं कि क्या नाथूराम गोड़से देशभक्त था? इस सवाल का उत्तर उन्हें देना चाहिए | दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश में अति बारिश के कारण काफी धन-जन की हानि हुई है सीएम कमलनाथ आर्थिक मदद मांगने दिल्ली गए थे | सीएम ने केंद्र सरकार को बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से 16 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है | भाजपा सांसदों को प्रदेश की जनता को राहत दिलाने के लिए पीएम पर मदद के लिए दबाव बनाना चाहिए दिग्विजय सिंह ने कहा कि हनीट्रेप मामले में राज्य सरकार काफी गंभीर है पिछले 15 साल से प्रदेश में भाजपा सरकार होने के कारण स्थितियां काबू से बाहर हो गई थीं हर कोई प्रदेश को लूटने लगा इसी लूट का प्रतिफल हनीट्रेप है | उन्होंने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता से इस मामले की जांच करा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा |
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खनन माफिया और आरिफ साथ नहीं रह सकते अवैध खनन को लेकर गैस राहत अल्पसंख्यक मंत्री आरिफ अक़ील ने बड़ा बयान दते हुए कहा की सीहोर जिले में या तो रेत माफिया रहेगा या फिर आरिफ अक़ील | दोनों एक साथ नहीं रह सकते | सीहोर में गैस राहत और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने रेत खनन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि जिले में या तो रेत माफिया रहेगा या फिर आरिफ अक़ील | दोनों एक जगह रहें यह संभव नहीं है | आरिफ अकील जिला पंचायत सभाकक्ष के कार्य्रकम में शामिल होने के लिए पंहुचे थे | गौरतलब है कि विगत दिनों जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्य्क्ष ने प्रभारी मंत्री आरिफ पर रेत माफिया और खनिज अधिकारी को संरक्षण देने का आरोप लगाया था | और उनका पोस्टर शहर के लिसा टाकीज चोराहा पर रेत में गाड़ दिया था | उसके बाद आरिफ अकील ने कहा था की ये लोग अधिकारी से पैसे की मांग कर रहे थे | ना देने पर इन्होने खनिज अधिकारी की शिकायत की है |
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ऐसे में कमलनाथ सरकार के परिवहन और राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने कहा कि इस मामले का निष्पक्ष रूप से खुलासा होना चाहिए | हनी ट्रेप मामले में एसआईटी अधिकारियों के बार बार बदलने से कमलनाथ सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं | ऐसे में कमलनाथ सरकार के परिवहन और राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ने इसे स्वीकारते हुए कहा कि हनी ट्रंप मामले का निष्पक्ष खुलासा होना चाहिए | जो भी दोषी है उन्हें पकड़ा जाए ... इस मामले में वीडियो लीक हुए हैं जो नही होना चाहिये थे | इसी लिए एसआईटी में फेरबदल जैसा बड़ा कदम उठाया गया है... परिवहन मंत्री राजपूत ने र कहा कि जिनके पास है मनी | उन्होंने ही चखी है हनी |
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'जम्मू कश्मीर में सिर्फ 200-250 लोग हिरासत में' कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने हजारों की संख्या में घाटी के लोगों को हिरासत में लिया गया था | अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का एक बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि घाटी से अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जहां दो ढाई हजार लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया था | वहीं अब यह आंकड़ा सिर्फ दो -ढाई सौ लोगों तक ही सिमट गया है | राम माधव ने कहा कि 'आज जम्मू और कश्मीर में लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए सिर्फ 200-250 लोग ही एहतियातन हिरासत में हैं | इनमें से कुछ लोगों को सम्मानित तरीके से फाइव स्टार गेस्ट हाउस और फाइव स्टार होटल में रखा गया है राम माधव ने कहा मैं साथ ही यह भी कहना चाहता हूं कि इन 200-250 लोगों को हिरासत में रखा गया है और पिछले 2 महीनों से कश्मीर में शांति बनी हुई है | आप समझ सकते हैं कि कश्मीर की जनता क्या चाहती है और ये सिर्फ 200-250 लोग क्या चाहते हैं | उन्होंने कहा कि साल 1994 में भी पाकिस्तान से सिर्फ एक बिंदु पर चर्चा करने का निर्णय लिया गया था, जिसमें पाकिस्तान कब भारत को पीओके सौंपेगा इस पर बात होना थी | भारत और पाकिस्तान के बीच सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ही मुद्दा है |
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कम्प्यूटर:राजनैतिक और नैतिक पतन है भार्गव का बयान नदी न्यास अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पर निशाना साधते हुए कहा की | गोपाल भार्गव का यह बयान उनके राजनैतिक , सामाजिक और नैतिक पतन को दर्शाता है | देश में विभिन्न धर्म और जाती के लोग रहते है सबका संवैधानिक अधिकार है | गोपाल का बयान उनके पार्टी के चाल और चरित्र को दर्शाता है | नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के झाबुआ वाले बयान पर अब सियासत तेज हो गई है | नदी न्यास अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने गोपाल भार्गव पर निशाना साधते हुए कहा की | ये देश सब का है | कोई किसी भी पार्टी का हो सब हिन्दुस्तानी है | ... सभी को संविधान में अधिकार प्राप्त है यहाँ सभी जाती और वर्ग के लोग रहते है | गोपाल भार्गव का यह बयान उनके राजनैतिक , सामाजिक और नैतिक पतन को बताता है कम्प्यूटर बाबा ने कहा की अगर जनता भाजपा को वोट नहीं करती तो क्या वो देश द्रोही मानी जाएगी | बाबा ने कहा की गोपाल भार्गव बताये उनके पूर्वज किस पार्टी को वोट करते थे | गौरतलब है की भार्गव झाबुआ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए प्रचार करने पहुंचे थे | गोपाल भार्गव ने विवादित बयान देते हुए कहा था की यह कांग्रेस और भाजपा के बीच होने वाला चुनाव नहीं बल्कि यह ‘हिन्दुस्तान एवं पाकिस्तान’ के मध्य चुनाव है | कांग्रेस ने गोपाल भार्गव के बयान पर नाराजगी जताई थी | और चुनाव आयोग में शिकायत भी की ... जिसके बाद गोपाल भार्गव पर मामला दर्ज किया गया |
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ट्रांसफर करने पर सरकार के रूपये लगते हैं ऊपर से पडी झाड़ के बाद एमपी की महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी अपने बयान से पलट गई हैं | इमरती देवी ने कहा था कि अगर ट्रांसफर करेंगे तो पैसा लगेगा | अब इसमें उन्होंने सरकार शब्द और जोड़ दिया है और उनका कहना है कि ट्रांसफर करने में सरकार का तीस चालीस हजार रूपया लग जाता है | ऐसे में सवाल यह उठता है इमरती देवी सरकार का पैसा बचाने की यह स्कीम मुख्यमंत्री कमलनाथ को क्यों नहीं बतातीं ताकि तबादलों में कांगली सरकार का पैसा फिजूल खर्च न हो | महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी अपने ही बायान में उलझ गई हैं | उन्होंने अपने ट्रांसफर के लिए पैसे देने वाले बयान पर सफाई दी बताया जा रहा है महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बयान से कमलनाथ सरकार की जमकर किरकिरी हुई और कांग्रेस ने उन्हें सोच समझ के बोलने की नसीहत दी | इसके बाद इमरती देवी ने अपने कल के बायान में सरकारी शब्द और जोड़ दिया और कहा कि ट्रांसफर करने में सरकारी पैसा खर्च होता है | एक ट्रांसफर पर तीस चालीस हजार रुपये खर्च होते हैं पहले इमरती देवी की सफाई सुन लीजिये | इमरती देवी की सफाई के साथ सवाल यह उठता है कि ट्रांसफर में खर्चे का यह गणित मंत्री इमरती देवी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को क्यों नहीं बताया | इस हिसाब से तो मुख्यमंत्री तबादलों में ही कांगली सरकार का करोड़ों रूपया तबादलों में फूँक चुके हैं | कमलनाथ की सरकार बनने के बाद से अब तक मध्यप्रदेश में जितने काम नहीं हुए उससे कई गुना ज्यादा तबादले हो चुके हैं |
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एमपी के मंत्री ने माना पटवारी घूसखोर पटवारी करेंगे मुख्यमंत्री से मंत्री की शिकायत मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की हालत का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सार्वजानिक मंच से कमलनाथ सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि सौ प्रतिशत पटवारी रिश्वत खोर हैं और ये बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करते हैं | इसके बाद पटवारी संघ मंत्री के इस बयान से ख़ासा नाराज हो गया है और वो इस मामाले में मंत्री की शिकायत मुख्यमंत्री से करेगा | उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की बात पर गौर करें तो उनका कहना है सौ प्रतिशत पटवारी घूसखोर हैं | मंत्री जीतू पटवारी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के रंगवासा गांव में 'आपकी सरकार-आपके द्वार' कार्यक्रम में हजारों की तादाद में मौजूद किसानों और अधिकारियों के सामने कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव को संबोधित करते हुए कहा कि 100 प्रतिशत पटवारी रिश्वत लेते हैं | बिना पैसा लिए काम ही नहीं करते मेरे नाम में भी पटवारी है, इसलिए मेरा भी नाम बदनाम होता है | मंत्री पटवारी ने यह भी कहा कि पटवारियों से हाथ जोड़कर निवेदन करने पर भी नहीं मानते कोई किसान ऊपर का पैसा दे रहा है तो वह गलत कर रहा है, उसकी भी जिम्मेदारी है रिश्वत लेने वाला दोषी है तो देने वाला भी दोषी है थोड़ा लड़ो, नेताओं को भी झिंझोड़ो, चार बात सुनाओ, क्योंकि आपके वोट की कीमत है | मंत्री ने कलेक्टर से अनुरोध किया कि वे पटवारियों पर लगाम कसें | जीतू पटवारी ने सभी पटवारियों को रिश्वतखोर कह कर ईमानदार पटवारियों का दिल दुखा दिया है | मंत्री तो अपनी बात कह कर चले गए लेकिन इसके बाद पटवारी संघ मंत्री की इस बयानबाजी से ख़ासा नाराज नजर आया और कहा इस मसले पर भोपाल में मुख्यमंत्री कमल नाथ से मिल कर मंत्री की |
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कांग्रेसी नेताओ में अब खुल के गुटबाजी कांग्रेस के दिग्गज नेता जोतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर धमकी भरी पोस्ट लिखकर कहा... सिंधिया ही हमारे नेता हैं सिंधिया में ही उन्हें विश्वास है | जो भी सिंधिया के खिलाफ बोलेगा उसकी वे जीभ काट लेंगे | ग्वालियर में सिंधिया समर्थक कांग्रेस नेता ने सिंधिया के समर्थन में धमकी भरी पोस्ट अपनी फेसबुक वॉल पर की है जिसमें उन्होंने लिखा है जो भी सिंधिया के खिलाफ बोलेगा उसकी वे जीभ काट लेंगे साथ ही उन्होंने लिखा है कि सिंधिया ही हमारे नेता हैं | सिंधिया में ही उन्हें विश्वास है हाल ही में मनोज भार्गव भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए हैं जिसकी वजह से कांग्रेस में खलबली मची हुई है | कुछ दिन पहले प्रभारी मंत्री उमंग सिंघार द्वारा ली गई बैठक के दौरान सिंधिया के खिलाफ नारेबाजी की गई थी इस पोस्ट को उसी घटना से जोड़कर देखा जा रहा है | ग्वालियर कांग्रेस के भीतर गुटबाजी चरम पर है | और यह गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है | कहीं बैठकों में खींचतान तो कहीं सड़कों पर घमासान मचा हुआ है अब इस पोस्ट के सामने आने के बाद एक बार फिर दो गुट आमने-सामने हो गए हैं | हालांकि इस मामले में कांग्रेस का कोई भी नेता कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बचता नजर आ रहा है।
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घड़ियाली आंसू बहा रहे शिवराज सिंह खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कहा कि अंग्रेजो ने जितना नही लूटा उससे ज्यादा शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश को लूटा है | उन्होंने कहा अभी तो पिछले 15 सालों के दुष्परिणाम सामने आरहे है | जैसे जैसे सरकार आगे बढ़ेगी वैसे वैसे 15 साल के और भी दुष्परिणाम सामने आएंगे। सीहोर में कमलनाथ सरकार के खनिज मंत्री प्रदीप जयसवाल ने शिवराज सिंह पर हमला करते हुए कहा की अंग्रेजो ने जितना नही लूटा इससे ज्यादा शिवराज सरकार ने प्रदेश को लूटा है | पहले नीति नाम की कोई चीज नही थी | भारतीय जनता पार्टी की सरकार और नेताओं ने मध्यप्रदेश को लूटा है | हाल ही में हुए हनीट्रेप मामले को लेकर मंत्री जयसवाल ने कंहा .पिछले 15 सालों के दुष्परिणाम सामने आ रहे है | अवैध खनन हनीट्रेप या पेंशन घोटाला बहुत सारे घोटाले जैसे जैसे सरकार आगे बढ़ेगी वैसे वैसे 15 साल के और भी दुष्परिणाम सामने आएंगे | शिवराज सिंह चौहान के धरना प्रदर्शन को लेकर मंत्री प्रदीप जयसवाल ने कहा की प्रदेश में शिवराज सरकार थी | पूरे देश मे सबसे ज्यादा किसानो के आंदोलन किसानो की आत्महत्याएं मध्यप्रदेश में देखने को मिले | शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भर में अपनी नाकामी को छुपाने के प्रयास कर रहे है |
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शिवराज के जागरण में हुए भजन कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रात्रि जागरण के दौरान भजन कीर्तन किया और धरना प्रदर्शन के लिए आये लोगों के लिए बाटियां भी सेकी | कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ और किसानों की मांगों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नसरुल्लागंज के तहसील प्रांगण में डेरा डाला | तहसील प्रांगण में शिवराज सिंह चौहान ने भजन कीर्तन किया यंहा शिवराज सिंह चौहान के साथ बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे शिवराज सिंह चौहान ने रात्रि जागरण के दौरान भजन भी गाए | इस दौरान शिवराज सिंह चौहान इस प्रदर्शन में शामिल होने आये लोगों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं और आगंतुकों के लिए बाटियाँ भी सेकी...पूर्व मुख्यमंत्री ने सबके लिए बाटियां सिकवाई और फिर भोजन भजन और जागरण का दौर चला |
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मंत्री ने दिए समस्याओं को हल करने के निर्देश किसानो की गुहार , ख़राब फसल का हो सर्वे हरदा में आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में मंत्री पी सी शर्मा के निश्चित समय से एक घण्टे देरी से पहुँचने पर ग्रामीण भड़क गए | ... ग्रामीणों ने समस्या नही सुनने के भी आरोप लगाए | इसके बाद प्रभारी मंत्री पी सी शर्मा ने जनता की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को मंच पर बुलाकर उन आवेदनों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए | हरदा के ग्राम झाड़पा में आपकी सरकार आपके द्वार जिला स्तरीय शिविर में दो बजे तक प्रभारी मंत्री पी सी शर्मा के आने का समय तय था | परन्तु मंत्री एक घंटे देर से पहुंचे जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा तो कार्यक्रम में लेट पहुंचे ही साथ ही प्रशासन के आला अधिकारी भी समय पर नहीं आये शिविर की व्यवस्था में लगे विभागों के अधिकारियों ने लोगों के आवेदन लिए | जानकारी के अनुसार शिविर में 101 आवेदन आए, जिनमे से अनेक आवेदनों का मौके पर ही निराकरण किया गया | मंत्री द्वारा निश्चित समय से एक घण्टे देरी से पहुँचने पर ग्रामीण भड़क गए थे ग्रामीणो ने उनकी समस्य नही सुने जाने का आरोप लगाया | शिविर में अनेक लोगों द्वारा प्रभारी मंत्री शर्मा को अपने आवेदन दिए गए | प्रभारीमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मंच पर बुलाकर उन आवेदनों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए | शिविर में किसान खराब हुई फसलों के पौधे को साथ लेकर लेकर आए और तत्काल सर्वे करवाने की गुहार लगाई मंत्री पीसी शर्मा ने भी खेत जाकर फसलों की स्थिति देखी |
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किसान विरोधी है सरकार,बीजेपी ने कहा मुआवजे दो भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश भर में कमलनाथ सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया | सांसद जनार्दन मिश्रा ने कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा की कमलनाथ सरकार किसान विरोधी सरकार है | उन्होंने कांग्रेस भगाओ प्रदेश बचाओ का नारा दिया | भारतीय जनता पार्टी कमलनाथ सरकार के खिलाफ अब सडकों पर आ गई है | बीजेपी के द्वारा प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन किया | रीवा में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ सरकार की योजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया | और कमलनाथ सरकार और कांग्रेस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की | बीजेपी ने अतिवृष्टि के कारण फसलों की बर्बादी के लिए किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग रखी है | बीजेपी नेताओं ने कमलनाथ सरकार को पूरी तरह से फेल बताते हुए उसे किसान विरोधी करार दिया | सांसद जनार्दन मिश्रा ने कमलनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस भगाओ, प्रदेश बचाओ का नारा दिया | जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ता तथा नेताओं ने कलेक्ट्रेट भवन पहुंचकर ज्ञापन सौंपा | वही छतरपुर के बड़ामलेहरा विधानसभा मे भी | प्रदेश की पूर्व मंत्री ललिता यादव की अगुवाई मे किसानो की बरबाद हुई फसलो का मुआवजा दिलाने के लिये धरना दिया गया और कमलनाथ सरकार से चुनाव के दौरान जनता से किये वादे निभाने की मांग की | प्रदशर्न में बीजेपी कार्यकर्ता और किसान अपनी खराब हुई फसलों को भी साथ लाये थे |
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24 अक्टूबर को आएंगे चुनाव परिणाम चुनाव आयोग महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है | मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने कहा दोनों ही राज्यों में आचार संहिता लागू हो गई है | दोनों ही राज्यों में सिर्फ एक चरण में चुनाव है | मतदान 21 अक्टूबर को होगा और 24 अक्टूबर को नतीजे आ जाएंगे | मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया पर बताया दोनों राज्यों में एक ही चरण में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को मतगणना के साथ नतीजे आ जायेंगे | चुनाव के लिए नोटिफिकेशन 27 सितंबर को होगा नोटिफिकेशन की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर तय की गई है | 7 अक्टूबर तक नाम वापसी की जा सकती है चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में 8.9 करोड़ मतदाता है वहीं हरियाणा में 1.28 करोड़ मतदाता हैं | आयोग ने उम्मीदवारों से कहा है कि उन्हें 30 दिन का चुनाव खर्च का हिसाब देना होगा |अब चुनाव में 28 लाख से ज्यादा खर्च नहीं कर सकते उम्मीदवार | मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि हरियाणा-महाराष्ट्र में 2 नवंबर और 9 नवंबर को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है | ऐसे में इससे पहले इन राज्यों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी होंगी | हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं जबकि महाराष्ट्र में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं | महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन की सरकार है 2014 के चुनाव में भाजपा ने जहां 122 सीटें जीती थीं वहीं शिवसेना 63 सीटें जीत पाई थी कांग्रेस 42 और एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं | वहीं हरियाणा में भाजपा को 47 सीटों पर जीत मिली थी जबकि इनेलो को 19 और कांग्रेस को 15 पर जीत मिली थी |
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प्रदेश में गांधीजी के विचारों पर केन्द्रित स्थायी कार्यक्रम और अभियान चलेगा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गांधीजी के 150वें जन्म वर्ष आयोजन समिति की बैठक सम्पन्न मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि गांधीजी के विचार, उनके दर्शन और सिद्धांतों को घर-घर तक पहुँचाना है। हमारा मूल लक्ष्य यह होना चाहिए कि युवा पीढ़ी गांधीजी के व्यक्तित्व और कृतित्व को जाने और उसे अपनाए। कमल नाथ आज मंत्रालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जन्म वर्ष पर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा आयोजित गतिविधियों के लिए गठित समिति को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि गांधीजी के विचार और उनकी प्रासंगिकता हमारे देश में सदैव रही है, आज भी है और आगे भी रहेगी। उन्होंने कहा कि जिस दौर से आज भारत गुजर रहा है, उसमें यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम गांधीजी के सिद्धांतों और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को जन-जन तक पहुँचाये, उसे लोग अपनाएँ, यह भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से हम किसी एक वर्ष में गांधीजी को समेट नहीं सकते बल्कि हमारे प्रयास सदैव गांधीजी को लोगों तक पहुँचाने के होंगे। इसके लिए स्थायी कार्यक्रम बनाने होंगे। उन्होंने कहा कि गाँधीजी की 150वीं जयंती पर हमारी सारी गतिविधियाँ केवल टी.वी. पर दिखाने और अखबारों में छपने तक सीमित न रहें। युवा पीढ़ी तक उनके विचार और आज के समय में उनकी प्रासंगिकता पहुँचे, इस पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में गांधीजी के विचारों का क्रियान्वयन कैसे हो, इसका एक समग्र प्रारूप तैयार किया जाये। अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में पुन: एक बैठक की जाएगी, जिसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के दर्शन और सर्वधर्म समभाव, धर्म-निरपेक्षता और राष्ट्रीय एकता के लिए उनके जो विशेष आग्रह थे, उस पर एक स्थायी कार्यक्रम के संचालन की रूपरेखा प्रस्तुत की जाएगी। उस रूपरेखा के आधार पर हम मध्यप्रदेश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लोगों तक पहुँचाने का काम करेंगे। आज के दौर में महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत की सबसे ज्यादा जरूरत बैठक में समिति के सदस्यों ने गांधीजी द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव, राष्ट्र की एकता, सभी वर्गों के कल्याण और धर्म के प्रति उनके विचारों, उनके दर्शन, सिद्धांतों और मूल्यों को शहरों से लेकर गाँव तक कैसे पहुँचाये, इसके बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सभी सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि आज के दौर में महात्मा गांधी के विचार और सिद्धांत की सबसे ज्यादा जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गांधीजी के 150वें जयंती वर्ष में आजादी की लड़ाई में उनके द्वारा अपनाए गए प्रमुख शस्त्र, जिनसे उन्होंने युवाओं, महिलाओं, आदिवासियों, दलितों में नई चेतना जागृत की और खादी को लेकर उनके दर्शन, को जन-जन तक पहुँचाने का सुझाव दिया। उन्होंने बैतूल जिले में हुए जंगल सत्याग्रह को केन्द्रित करते हुए वन क्षेत्रों में पदयात्रा निकालने, ग्राम स्वराज्य की अवधारणा पर ग्रामीण क्षेत्रों में पदयात्रा निकालने, महात्मा गांधीजी के नाम पर पाठशाला का नामकरण करने और सरकार के सभी पत्राचारों और विज्ञापन में गांधीजी की 150वीं जयंती का लोगो तथा उनकी सूक्तियाँ अंकित करने का सुझाव दिया। समाज में कटुता फैलाने वाले लोगों को प्रतिबंधित करने, स्कूलों में प्रार्थना में रामधुन और गांधीजी की सुप्रसिद्ध प्रार्थना 'ईश्वर अल्लाह तेरे नाम-सबको सन्मति दे भगवान', सभी सरकारी कार्यक्रमों में गांधीजी की प्रार्थना तथा खादी के उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया। उन्होंने गांधीजी के नशामुक्ति संबंधी विचारों के आधार पर युवाओं को नशे से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास करने को कहा। सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी गांधीजी के विचारों को प्रचारित करने तथा हाई-स्कूल पाठ्यक्रम की पुस्तकों में गांधीजी का पाठ शामिल करने को कहा। महाराष्ट्र के वर्धा से आये सुमन बरंत ने कहा कि पर्यावरण को लेकर गांधीजी का विशेष आग्रह रहा है। इस विषय पर हमें युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित करना चाहिए। उन्होंने चरखा पर प्रबोधन कार्यक्रम और गांधीजी पर केन्द्रित पोर्टेबल प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया। बरंत ने कहा कि भागवत कीर्तन के जरिए भी हम गांधीजी को जन-जन तक पहुँचा सकते हैं। उन्होंने गांधीजी के विचारों और उन पर लिखे जाने वाले नए साहित्य को सामान्य भाषा में लिखकर लोगों तक पहुँचाने को कहा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में गांधीजी पर केन्द्रित पाँच दिवसीय कार्यक्रम हों और आदिवासी क्षेत्रों में भी गांधीजी से संबंधित आयोजन किये जाये। गांधीवादी चिंतक डॉ. एस.एन. सुब्बाराव ने मुख्यमंत्री कमल नाथ को बधाई दी कि उन्होंने मध्यप्रदेश में महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम करने का निर्णय लिया है। डॉ. सुब्बाराव ने सुझाव दिया कि सबसे पहले हमें सांप्रदायिक सद्भाव और देश की अखंडता को मजबूत बनाने वाले कार्यक्रम करना चाहिए। उन्होंने गांधीजी के विचारों को आत्म-सात कर निष्ठावान कार्यकर्ताओं का निर्माण करने और धर्म तथा भाषा में एकता तथा भूख, गरीबी, बेगारी, भ्रष्टाचार और छूआछूत मुक्त भारत बनाने संबंधी प्रयासों को कार्यक्रम में जोड़ने का सुझाव दिया। पूर्व महाधिवक्ता और गांधीवादी आनंदमोहन माथुर ने सभी सरकारी स्कूलों में 1857 से 1947 तक हुए स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले महापुरुषों पर केन्द्रित लघु पुस्तिकाएँ बाँटने को कहा। उन्होंने स्कूल-कॉलेजों में गांधीजी के जीवन पर केन्द्रित निबंध प्रतियोगिता के आयोजन, संग्रहालय, शोध संस्थान की स्थापना स्थापित करने और विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में उदार विचार वाले क्रांतिकारी वक्ताओं के व्याख्यान आयोजित करने का सुझाव दिया। उन्होंने स्कूली तथा महाविद्यालयीन शिक्षा में महापुरुषों पर केन्द्रित पाठ पाठ्यक्रम में शामिल करने तथा महापुरुषों के स्मारकों का जीर्णोद्धार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मध्यकालीन इतिहास को लेकर जो भ्रांतियाँ फैलायी गई हैं, उससे युवा पीढ़ी को अवगत कराने के लिए भी कार्यक्रम करने होंगे। उन्होंने हर 6 गाँव के बीच स्वास्थ्य केन्द्र खोलने और उनमें भारतीय चिकित्सा पद्धति से इलाज करवाने की सुविधा उपलब्ध करवाने, स्कूलों में सभी भाषाएँ पढ़ाने और पुस्तकालय बनाने का सुझाव दिया। गांधीवादी नेता पी. राजगोपाल ने शांति और अहिंसा का मंत्रालय गठित करने, सर्वोदय संगठनों को मजबूत बनाने और शांति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि यह वर्ष कस्तूबा गांधीजी का भी 150वां जन्म वर्ष है। इसलिये हमें महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें भूमि अधिकार देने और गाँवों को भूमि विवाद से मुक्त कराने की मुहिम भी चलाना चाहिए। चंद्रिकाप्रसाद द्विवेदी ने बड़वानी जिले में डूब में आये गांधीजी के स्मारक को अन्य स्थान पर भव्य रूप में स्थापित करने, वास्तविक रूप में ग्राम-स्वराज्य को लागू तथा युवा पीढ़ी को भ्रमित करने वाले इतिहास तथा प्रदूषित विचारधारा से मुक्त करने का अभियान चलाने का सुझाव दिया। एल.एस. हरदेनिया ने गांधीजी के शिक्षा, संस्कृति, महिलाओं और विश्व-शांति को लेकर जो विचार हैं, उन्हें हर पंचायत तक पहुँचाने और गांधीजी पर केन्द्रित फिल्में स्कूलों में दिखाने तथा गांधीजी के प्रति पूरे विश्व के जिन महापुरुषों ने विचार व्यक्त किए हैं, उनसे बच्चों और युवाओं को अवगत कराने का सुझाव दिया। करुणाकर त्रिवेदी ने नागरिकों को गांधीजी के विचार, व्यवहार और मूल्यों से अवगत कराने, खादी के महत्व को पुन:स्थापित करने और गांधीजी के विचारों को लेकर जो संस्थान काम कर रहे हैं, उन्हें सशक्त बनाने को कहा। चिन्मय मिश्रा ने गांधीजी के विचारों के साथ काम करने वाले व्यक्तियों को रेखांकित करने को कहा। गांधीजी के विचारों पर केन्द्रित सांस्कृतिक उत्सव आयोजित करने और जो कानून दमनकारी हों, उन्हें नरम बनाने या समाप्त करने का सुझाव दिया। घनश्याम सक्सेना ने गांधीजी के जंगल सत्याग्रह को प्रचारित करने और धर्म-निरपेक्षता को मजबूत बनाने के संबंध में सुझाव दिए। सुश्री मीनाक्षी नटराजन ने एनएसएस के राष्ट्रीय एकता शिविर लगाने, विश्वविद्यालय में गांधी अध्ययन केन्द्र खोलने और फैलोशिप स्थापित करने को कहा। सुश्री नटराजन ने संविधान पर केन्द्रित पुस्तक के प्रकाशन और बच्चों तथा युवाओं को उससे अवगत कराने का सुझाव दिया। प्रारंभ में प्रमुख सचिव संस्कृति पंकज राग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी 150वीं जयंती पर प्रस्तावित कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। बैठक में संस्कृति मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ, सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह, जनसम्पर्क मंत्री पी.सी. शर्मा, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, ग्रामोद्योग मंत्री श्री हर्ष यादव एवं पंचायत तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल उपस्थित थे। बैठक में मुख्य सचिव एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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ट्रेन में बैग चोरी के लिए मोदी को ठहराया जिम्मेदार ट्रेन में सफर के दौरान छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षामंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम का बैग चोरी हो गया | उन्होंने बचकाना सा बयान दिया और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया | हालांकि उन्होंने इसकी शिकायत जीआरपी थाने में दर्ज नहीं कराई है डॉ. टेकाम बिलासपुर जिले के पेंड्रा में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने अमरकंटक एक्सप्रेस से पहुंचे थे | इस दौरान उनका बैग चोरी हो गया | छत्तीसगढ़ के स्कूली शिक्षा मंत्री का बैग ट्रेन से चोरी हो गया तो उन्होंने बड़ा बेतुका सा बयान दिया और इसके लिए सीधे प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहरा दिया | बताया जाता है जब बैग चोरी हुआ तब उनके सुरक्षा कर्मी और पार्टी के लोग उनके साथ थे | स्कूल शिक्षा मंत्री के बयान से पता चलता है कि छत्तीसगढ़ में कैसे कैसे मंत्री हैं | पहले सुनिए मंत्री जी का बेतुका बयान | बैग चोरी को लेकर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है | पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिादानंद उपासने ने मंत्री से पूछा कि आखिर बैग में ऐसा क्या था, जिसे खोने से इस तरह वे अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं | उपासने ने कहा कि पार्टी इस मामले में कानूनी उपायों पर भी विचार कर रही है ताकि ऐसी अशिष्टता का समुचित जवाब दिया जा सके | उपासने ने कहा कि विश्व में सबसे लोकप्रिय जननेता और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री, जिन्होंने भारत की साख को आसमान पर पहुंचा दिया है, उनके प्रति किसी मंत्री की ऐसी बदजुबानी की जितनी भर्त्सना की जाए, वह कम है |
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मुख्य मंदिरों पर रात में चिपके पोस्टर दिग्विजय के लिए मंदिर के दरवाजे बंद हो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने विवादस्पद बयानों के कारण चर्चाओं में ज्यादा रहते हैं | इस बार भी दिग्विजय ने एक अजीबोगरीब बयान दिया कहा भगवा वस्त्र पहनकर सबसे ज्यादा रेप हो रहे है | इस बयान के बाद से कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी सड़कों पर आ गई और कहा दिग्विजय के बयान उनकी हिंदू विरोधी मानसिकता को प्रकट करते हैं | वंही रात के अँधेरे में शहर के मुख्य मदिरों में पोस्टर लगाए गए हैं जिसमे लिखा गया है की दिग्विजय के लिए मंदिर के दरवाजे बंद हों | कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के विवादित बयान के बाद सियासत गरमा गई हैं | आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया हैं | विपक्ष खुलकर दिग्विजय के विरोध में उतर चुका हैं | और शहर में पोस्टर वॉर शुरू हो चूका हैं | रात को शहर के मुख्य मंदिर परशुराम मंदिर, हनुमान मंदिर, साईं मंदिर सहित कई मंदिरों के बाहर पोस्टर चिपके गए हैं जिसमे लिखा गया हैं की दिग्विजय के लिए मंदिर के दरवाजे बंद हो | वही जनसम्पर्क मंत्री पी.सी शर्मा दिग्विजय के बचाव ने नजर आये कहाँ दिग्विजय ने 3500 किलोमीटर पैदल चलकर नर्मदा जी की परिक्रमा की है | जो आज तक किसी राजनेता ने नहीं की | आपको बता दे कि | इससे पहले पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा था की संत समाज को आगे आकर दिग्विजय सिंह के मंदिरों में प्रवेश को रोकना चाहिए |
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हाईवे पर भारी वाहन चालकों के लिये रोड साइड आराम करने की जगह विकसित करने के निर्देश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में गृह मंत्री श्री बच्चन गृह मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा है कि सड़क दुर्घटनाएँ रोकने के लिये प्रत्येक जिले का रोड सेफ्टी एक्शन प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि ब्लेक स्पॉट पर रोड सेफ्टी ऑडिट के सुधार के बाद थर्ड पार्टी ऑडिट करवाया जाए। श्री बच्चन आज राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मंत्रालय में हुई बैठक में श्री बच्चन ने कहा है कि जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति और काउन्सिल की बैठक नियमित हो। उन्होंने कहा कि देखने में आया है कि शाम 6 से 9 और रात 12 से सुबह 6 बजे के बीच दुर्घटनाएँ अधिक हुई हैं। इसके लिये हाईवे पर भारी वाहन चालकों के लिये रोड साइड सोने/आराम करने की जगह विकसित की जायें। इसके कारण लम्बी दूरी पर निकले चालक को रात में नींद की झपकी आने की संभावनाएँ कम होंगी और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। श्री बच्चन ने कहा है कि नोडल एजेन्सियाँ अपने काम को अंजाम तक पहुँचाये। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से नवाचारों पर युद्ध स्तर पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव को दूर कर ट्रेफिक नियमों का पालन करवाया जाए। सड़क निर्माण एजेन्सी नवम्बर के पहले सड़क सुधार के आवश्यक कार्य के साथ दुर्घटनाओं को रोकने के उपायों को अपना कर उन्हें रोकने के कार्य करें। श्री बच्चन ने वाहनों की अनाधिकृत पार्किंग के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने को कहा। उन्होंने कहा कि मवेशियों को सड़क से दूर रखने के प्रयासों में स्थानीय निकाय महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इसके लिये नगर पंचायत एवं नगरीय निकाय स्थानीय स्तर से प्रयास करें। श्री बच्चन ने कहा है कि ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक आदि पर रेडियम, रिफ्लेक्टर आदि लगाने का कार्य निरन्तर जारी रखें। बताया गया कि इस साल दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये कटनी, अलीराजपुर, भिण्ड, अशोकनगर और शहडोल ने बेहतर परिणाम दिये हैं। सड़क सुरक्षा और जागरूकता अभियान के दौरान 4088 जागरूकता कार्यक्रम कर 3 लाख 70 हजार 436 विद्यार्थियों को यातायात के प्रति जागरूक किया गया। बैठक में देश में घटित सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़ों की जानकारी के आधार पर मध्यप्रदेश की स्थिति, प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं का संख्यात्मक विश्लेषण, दुर्घटनाओं पर प्राप्त जानकारियों की समीक्षा और सड़क दुर्घटनाओं में कमी करने के लिये कार्य-योजना एवं सुझावों पर चर्चा की। बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री एस.एन.मिश्रा, परिवहन आयुक्त श्री शैलेन्द्र श्रीवास्तव और विशेष पुलिस महानिदेशक श्री महान भारत सागर उपस्थित थे।
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आश्वासन के बाद भी पद ना मिलने से है नाराज दो दिन बाद ठोस कदम उठाने की चेतावनी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले आचार्य देवमुरारी बापू ने कंप्यूटर बाबा से अपनी जान को खतरा बताया है | देव मुरारी इस समय कमलनाथ सरकार से नाराज चल रहे है | उनका कहना है की आश्वासन के बाद भी कमलनाथ सरकार ने उन्हें कोई पद नहीं दिया उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए सरकार से सुरक्षा की मांग की है | कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करने वाले आचार्य देव मुरारी बापू इन दिनों कमलनाथ सरकार से नाराज चल रहे है | उन्होंने कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की आश्वासन के बाद भी उनको कोई पद नहीं दिया गया जबकि उन्होंने कांग्रेस के लिए जगह जगह जाकर प्रचार प्रसार किया था | देव मुरारी बापू ने कंप्यूटर बाबा से अपनी जान को खतरा बताया है | उनका कहना है की कंप्यूटर बाबा के समर्थकों से उनको मारने की धमकी मिल रही है इसलिए वो टीटी नगर थाने में बैठकर सुरक्षा की मांग कर रहे है | संत समागम को लेकर मुरारी बापू ने कहा की इस संत समागम में बहोत सरे संतो को नहीं बुलाया गया मुरारी बापू ने कमलनाथ सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की सरकार ने 19 सितम्बर तक का समय माँगा था अगर उनको कोई पद नहीं दिया गए तो वो कोई ठोस कदम उठाएंगे | टीटी नगर थाना प्रभारी संजीव चौकसे ने बताया की देव मुरारी बापू ने सुरक्षा की मांग की है | उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया है | जिसको देखते हुए उनको सुरक्षा प्रदान की गई है | और बापू जी की मांग है की उनको और भी सुरक्षा दी जाय जिसके इंतजाम किये जा रहे है |
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शिवराज सिंह ने दी मोदी को शुभकामनायें एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंदसौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्म दिन की शुभकामनाएं दीं और बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में भ्रमण किया | यहां शिवराज सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को भेजे गए बिजली के बिल जलाये और सरकार क्र खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया | मालवा इलाका बाढ़ से जूझ रहा है | ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह मंदसौर के ग्राम अलावदा खेड़ी पहुंचे | यहां ग्रामीणों को संबोधन के दौरान मंच से शिवराज सिंह ने ही बिजली के बिल जलाए | शिवराजसिंह चौहान ने बिजली बिल पकड़े और उन्हें आग सांसद सुधीर गुप्ता ने दिखाई | यहां भी चौहान ने कहा कि तुम्हारा मामा अभी जिंदा है | शिवराज बाढ़ पीड़ितों को अनाप शनाप बिजली के बिल भेजे जाने से नाराज नजर आये शिवराज सिंह ने ऐलान किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ 21 सितंबर तक राहत नहीं पहुचाएंगे तो वे 22 सितंबर को आंदोलन करेंगे | यहीं से शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी को शुभकामना भी दी |
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सिंधिया का इंदौर में शक्ति प्रदर्शन मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रेशर पोलटिक्स का इस्तेमाल कर रहे हैं | इसी सिलसिले में वे इंदौर पहुंचे और कांग्रेस के आम और ख़ास व्यक्ति से मुलाक़ात की | सिंधिया ने कहा हर आदमी के काम हों प्रदेश का विकास हो यही उनका एजेंडा है | पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर के सभी कांग्रेस विधायकों और आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात की | सिंधिया की नजर फिलहाल मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर है उनके समर्थक भी उन्हें अध्यक्ष बनाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगाए हैं | ऐसे में सिंधिया का इंदौर में यह एक किस्म का शक्ति प्रदर्शन ही था जिसके जरिये उन्होंने खुद को पार्टी का एक कमान मेन साबित करने की कोशिश की | उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओ की बात सुनी जाए और उनकी समस्याओं का निपटारा हो वह यही चाहते हैं | इंदौर में सिंधिया ने सबकी सुनी और अपनी बात कही | उन्होंने कहा जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार जल्द से जल्द फैसले कर जनहितैषी कार्यो को पूर्ण कर जनता को लाभ दे सके | यही सब कांग्रेस जनों की इच्छा है | वही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रहे घमासान पर सिंधिया ने कहा कि जो भी फैसला आलाकमान लेगा वो स्वीकार होगा |
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अब रामबाई ने पार्षद की लगाई फटकार लोगों से कहा अब इसे वोट मत देना पथरिया से bsp विधायक रामबाई एक बार फिर अपने ही अंदाज में नजर आयीं | एक पार्षद ने जब सरकारी नल को अपने कब्जे में ले लिया तो राम बाई ने उसकी जमकर क्लास लगाई और लोगों से कहा कि इस आदमी को अब वोट मत देना | बीएसपी विधायक रामबाई अपनी तेज तर्रार छवि के लिए जानी जाती हैं | रामबाई को जानकारी मिली की पथरिया नगर पंचायत के पार्षद ने सरकारी नल को अपने कब्जे में ले लिया है और कई सरकारी योजनाओं का लाभ सिर्फ पार्षद के रिश्तेदारों को मिल रहा है | इसके बाद रामबाई का पारा सातवें आसमान पर पहुँच गया और उन्होंने जमकर पार्षद को फटकार लगाई | जब लोगों ने रामबाई से शिकायत की कि पार्षद बीएसपी के लोगों को परेशान करता है तो फिर रामबाई ने उससे कहा कि आज सम्मानजनक स्थान पर बैठ रहे हो तो बाबा साहब के कारण |
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सांवेर,देवास,महू में भी मेट्रो चलाने की मांग इंदौर मे मेट्रो रेल की आधारशिला रखने पहुंचे मुख्यमंंत्री कमलनाथ ने कहा कि केंद्रीय मंंत्री रहते हुए मैंने अनुभव किया कि दिल्ली में मेट्रो चलने वाली थी उस समय यह प्रश्न था कि किस क्षेत्र को जोड़ा जाए, लेकिन फिर तय किया कि इसे शुरू कर दिया जाए फिर शहर दर शहर जोड़ते चले जाएं | ... यदि हम इस सोच में पड़ जाएंगे कि किस स्थान पर इसे चलाना है तो इसे शुरू किस तरह से किया जाएगा | यही बात यहां शुरू होने वाली मेट्रो रेल सेवा को लेकर भी ध्यान में रखनी होगी | सीएम कमलनाथ ने कहा कि इंदौर की जो जनसंख्या है वह अधिक है और इसकी कैरिंग कैपेसिटी खत्म हो रही है। यदि नोएडा नहीं बना होता, गुड़गांव नहीं बना होता तो दिल्ली का क्या होता | मुंबई में थाणे को विकसित किया गया | इसी प्रकार इंदौर और राज्य में होने वाले विकास को लेना होगा उन्होंने इस दिशा में सुनियोजित विकास करनेे पर बल दिया | इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के शिलान्यास समारोह में राज्य के मंत्री जयवर्धन सिंह, तुलसी सिलावट, सज्जन वर्मा, जीतू पटवारी आदि मौजूद थे | समारोह में सांसद शंकर लालवानी भी शामिल हुए इस अवसर पर मंत्ती जयवर्धन सिंह ने ब्रिलियन्ट कन्वेेंशन सेंटर में कहा कि 8 साल पहले 2011 में इंदौर मेट्रो की डीपीआर तैयार की गई थी | उस समय नगरीय विकास मंत्री बाबूलाल गौर थे और केंद्रीय मंत्री कमलनाथ थे | उस समय भी कमलनाथ ने इंदौर मेट्रो को लेकर कोशिश की थी | उन्होंने देश के अन्य शहरों में भी मेट्रो रेल स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया लेकिन यह तो उपरवाले का करिश्मा है कि इंदौर मेट्रो का भूमिपूजन भी तब हुआ जब राज्य के सीएम कमलनाथ हैं | उन्होंने बताया कि मेट्रो रेल के लिए पूरे शहर को सर्कल फेस में लिया गया है | हालांकि सांवेर, देवास, महू अन्य शहरों में भी मेट्रो चलाने की मांग नेताओं ने की | उन्होंने आश्वासन दिया कि परियोजना की शुरूआत के बाद इस दिशा में प्रयास किए जाएंगे राज्य के मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि राज्य सरकार विकास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है | उन्होंने हुकूमचंद मिल के कर्मचारियों के हितों में आवश्यक कदम उठाने की मांग सीएम कमलनाथ से की | इंदौर के सांसद शंकर लालवानी के कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिले ऐसे प्रयास शहर में होते रहे हैं | यहां मेट्रो की भी आवश्यकता है तत्कालीन सीएम ने इसके लिए प्रयास किेए थे |
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शाह ने की एम्स में सेवा लगाई झाड़ू की सफाई एंकर - PM मोदी का जन्मदिन पुरे सप्ताह | सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जायेगा जिसकी शुरुआत शाह ने AIIMS में 'सेवा' करके की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर भारतीय जनता पार्टी सेवा सप्ताह का आयोजन कर रही है | बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पहुंचकर मरीजों से मुलाकात की और फल बांटे और परिसर में झाडू भी लगाई | इस दौरान अमित शाह के साथ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन है | भारतीय जनता पार्टी पीएम मोदी का जन्मदिन 'सेवा सप्ताह' अभियान के जरिये मना रही है | इस अभियान की आज से शुरुआत हुई है | इस अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ता और नेता सेवा कार्य करेंगे | भाजपा अध्यक्ष व् गृह मंत्री अमित शाह और कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा दिल्ली के AIIMS अस्पताल में पहुंचे | यहां उन्होंने बच्चों के वार्ड में जाक उनसे मुलाकात की और फल बांटे | इसके बाद अमित शाह और जेपी नड्डा ने AIIMS में साफ़ सफाई की इस दौरान भाजपा नेता विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता भी मौजूद थे | अमित शाह ने कहा कि 'भाजपा कार्यकर्ता देशभर में आज से सेवा सप्ताह की शुरुआत करेंगे | हमारे प्रधानमंत्री ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया और गरीबों के लिए काम किया | इसलिए यह ज्यादा सही रहेगा कि हम उनके जन्मदिन के सप्ताह को सेवा सप्ताह के तौर पर मनाएं।'
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विपक्ष के विरोध पर बढ़ाया गया मुआवजा गणेश विसर्जन के दौरान हुए हादसे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने सरकार से मांग की कि हादसे में जान गंवाने वाले युवाओं के परिजनों को पच्चीस -पच्चीस लाख रुपये मुआवजा और उनके किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए | इस के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुआवजे की रकम को चार लाख से बढाकर ग्यारह लाख किया | भोपाल के खटलापुरा में नाव डूबने के हादसे में युवाओं की मौत ने सभी को दहला दिया है | इस हादसे के बाद से ही मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और वो दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं हादसे के फौरन बाद मृतकों के परिजनों से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे | लोग उनसे लिपटकर रोने लगे | शिवराज सिंह ने कहा ये ये आरोप-प्रत्यारोप का वक्त नहीं है | लेकिन प्रशासन को इस बात की जानकारी होना चाहिए थी कि विसर्जन के दिन घाट पर भारी भीड़ होती है | इस दुर्घटना के लिए केवल बच्चे जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी भी बनती है | ये आपराधिक लापरवाही का मामला है | ऐसे में मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख का मुआवजे के साथ आश्रित को सरकारी नौकरी देनी चाहिए | शिवराज सिंह के अलावा भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी इसे लापरवाही मानते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है | उन्होंने चेतावनी दी थी कि, अगर मृतकों के परिजनों की मांगें पूरी नहीं हुई तो वो आंदोलन छेड़ देंगी | वहीं भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने भी इसी बात को दोहराते हुए कहा था कि, "मुआवजे की राशि कम है | जहां प्रदेश सरकार मंत्रियों के बंगलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है | उसे गरीबों को 25 लाख का मुआवजा देने में इतनी देरी क्यों हो रही है | इसके फौरन बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मृतकों के लिए पहले से घोषित 4-4 लाख मुआवजे की राशि को बढ़ाकर 11 लाख कर दिया | इस बीच कलेक्टर और डीआईजी मृतकों के परिजनों से मिलने पिपलानी स्थित उनके घर पहुंचे हैं | उन्होंने बताया कि अब तक इस मामले में दो नाविकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है |
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राजस्व मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने अंतर्विभागीय समिति की बैठक में शिवपुरी जिले के कोलारस में बस स्टेण्ड के लिए 0.827 हेक्टेयर, सीहोर जिले के आष्टा में वाचनालय के लिए 2220 वर्ग मीटर एवं केन्द्र शासन के खण्डवा स्थित उप क्षेत्रीय कार्यालय के लिए 5 हजार वर्ग फीट भूमि आवंटन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। खण्डवा में उप क्षेत्रीय कार्यालय को आवंटित भूमि का बाजार मूल्य 50 लाख 18 हजार और वार्षिक भू-भाटक 3 लाख 76 हजार रूपये तय किया गया है। सीहोर जिले की आष्टा नगर पालिका परिषद में सार्वजनिक वाचनालय के लिये लगभग आधा एकड़ जमीन इस शर्त पर नि:शुल्क आवंटित की गई है कि व्यावसायिक उपयोग किये जाने पर बाजार दर पर भुगतान करना होगा।
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PoK को भारत में मिलाना सरकार का अगला एजेंडा' कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद मोदी सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया | जितेंद्र सिंह ने कहा कि 'हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में मिलाना है | इस बयान के साथ ही मोदी सरकार के अगले कदम की तस्वीर भी बहुत हद तक साफ होती नजर आने लगी है | केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 'यह सिर्फ मेरा या मेरी पार्टी की ही प्रतिबद्धता नहीं है, बल्कि यह उस संकल्प का हिस्सा है जो साल 1994 में पी वी नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान सर्वसम्मति से पास किया गया था | जितेंद्र सिंह का बायान बहुत स्पष्ट और साफ़ है | सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री मोदी इस मसले पर कई देशों के प्रमुखों से चर्चा कर साफ़ कह चुके हैं कि pok हमारा हिस्सा है और हम कभी भी उसे अपने कब्जे में ले सकते हैं | ... और यह सिर्फ दो देशों के बीच का मसला है | मोदी सरकार कभी भी pok को लेकर एक्शन ले सकती हैं | एक तरफ जहां पाकिस्तान कश्मीर का राग अलापता रहा है वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार के अगले एजेंड को जानकर अब उसकी बौखलाहट और बढ़ना लाजमी है | पीओके से चीन की आर्थिक जरुरते भी जुड़ी हुई हैं। ऐसे में मोदी सरकार के मंत्री के इस अगले एजेंडे से चीन को भी तकलीफ हो सकती है |
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प्रदेश की कमल नाथ सरकार फेल हैं विपक्ष यह आरोप लगातार लगता आ रहा हैं | इस बार विपक्ष मतलब बीजेपी ने एक अनोखे तरीके से सड़कों पर आंदोलन कर रही हैं | विपक्ष का कहना हैं की सो रही हैं और हम घंटा बजा कर सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं | कमलनाथ सरकार को सत्ता में आये 10 महीने हो गए हैं | मगर प्रदेश विकास करने की जगह पीछे जा रहा हैं | कमलनाथ ने सत्ता में आने के लिए जो वाडे किये थे वो भी पुरे नहीं किये इसलिए भारतीय जनता पार्टी पहली बार 'घंटानाद" आंदोलन के जरिए कमलनाथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर रही है। पार्टी का दावा है कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने से अराजकता की स्थिति है। किसान परेशान है, कर्जमाफी के नाम पर किसानों से छलावा किया गया। अब उन पर 14 फीसदी जुर्माने के साथ कर्ज के भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। तबादलों ने गवर्नेंस को चौपट कर दिया है। जन समस्याओं के निपटारे पर किसी का ध्यान नहीं है। इन सारे मुद्दों को लेकर भाजपा बुधवार को सड़कों पर उतरी। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में भाजपा का घंटानाद आंदोलन हुआ। भोपाल में महापौर आलोक शर्मा के साथ भाजपा कार्यकर्ता हाथों में शंख, घंटे और मंजीरे लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रदेश की कमलनाथ सरकार की नीतियों को लेकर अपना विरोध जताया। तो वहीं कांग्रेस ने इसके जवाब में ढोल बजाया। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने भाजपा से 15 साल का हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि, "प्रदेश की कमलनाथ सरकार आज हर वर्ग के लिए काम कर रही है। पिछड़े वर्ग को प्रदेश सरकार ने आरक्षण दिया। आज प्रदेश में किसानों का कर्ज माफ हुआ है। वहीं निवेश की स्थिति भी बेहतर हो रही है।
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हाईकमान तय करेगा कौन बनेगा अध्यक्ष पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने कहा कि झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस की जीत होगी |भूरिया ने कहा कि बीजेपी ने जो विकास कार्य 15 साल में नहीं किये वो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 6 महीने में कर दिखाए | झाबुआ उपचुनाव पर कांतिलाल भूरिया ने कहा पूरा प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा किये गए विकास कार्य को देख रहा है बीजेपी ने जो काम पंद्रह साल में नहीं किये उसे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 6 महीने में कर दिया | बीजेपी ने रोजगार गारंटी बन्द कर दी थी | लेकिन कांग्रेस सरकार ने यह योजना चालू कर दी है | लोगों को हमारी सरकार पर भरोसा है... मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर कांतिलाल भूरिया ने कहा कांग्रेस हाईकमान तय करेगा की अगला अध्यक्ष कौन बनेगा |
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भाजपा ने महमूद गजनवी की तरह प्रदेश को लूटा मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने पूर्व भाजपा सरकार और शिवराज सिंह चौहान को महमूद गजनवी बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरे प्रदेश को लूट लिया मंत्री गोविन्द सिंह ने कहा कि पिछले 15 सालों में ऐसा कोई विभाग नहीं बचा जहां लूट नहीं की गई हो | आज प्रदेश कर्ज की गर्त में है | पूरा प्रदेश खोखला हो गया है | इसी समस्या से सीएम कमलनाथ को जूझना पड़ रहा है | मंत्री गोविन्द सिंह ने ग्वालियर में कहा कि महमूद गजनवी ने जब हिंदुस्तान में लूटपाट मचाई थी तब वह रहम करके कुछ छोड़ गया था | भाजपा तो गजनवी की ग्रांड फादर निकली | भाजपा द्वारा लगाए गए ट्रांसफर उद्योग के आरोप पर उन्होंने कहा कि मैंने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को इस बात की चुनौती थी कि वे मेरे बारे में इसे साबित करके बताएं उन्होंने कहा था कि अगर मैंने ऐसा किया है तो मंत्री मंडल से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति छोड़कर घर चले जाएंगे | उन्होंने कहा बीजेपी ने प्रदेश को गजनवी की तरह पंद्रह साल तक लूटा है |
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नामी क्रिमिनल वकीलों में शुमार रहे जेठमलानी भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं वरिष्ठ वकील रहे राम जेठमलानी का 96 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया | जेठमलानी का अंतिम संस्कार लोधी रोड श्मशान घाट पर किया गया ... वह सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता थे | जेठमलानी बीते कुछ समय से बीमार चल रहे थे | देश के नामी क्रिमिनल वकीलों में शुमार रहे जेठमलानी भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं | वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी के निधन पर तमाम लोगों ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं | राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक अनुभवी वकील रामजठमलानी के निधन पर दुख व्यक्त किया | उन्होंने कहा कि वे वाक्पटुता के साथ सार्वजनिक मुद्दों पर अपना विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते थे | राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद को खो दिया है | पीएम मोदी ने राम जेठमलानी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने एक असाधारण वकील और एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को खो दिया है, जिन्होंने अदालतों और संसद में समृद्ध योगदान दिया है | उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अनुभवी वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम जेठमलानी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी | गृहमंत्री अमित शाह ने राम जेठमलानी को उनके आवास पर श्रद्धांजलि दी | राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 को सिंध प्रांत में हुआ था | उन्होंने महज 18 साल की उम्र में ही वकालत करना शुरू कर दिया था | राम जेठमलानी ने एक बार बताया था कि उन्हें स्कूल में डबल प्रमोशन मिला था, इसके साथ ही 13 साल की उम्र में उन्होंने हाई स्कूल पास कर लिया था | महज 17 साल की उम्र में उन्हें एलएलबी की डिग्री मिल गई थी उनके परिवार में एक बेटा महेश जेठमलानी है, जो प्रख्यात वकील हैं, वहीं एक बेटी अमेरिका में रह रही है | राम जेठमलानी ने कई हाई-प्रोफाइल केस लड़े हैं, जिसमें सबसे अहम केस 1959 का केएम नानावटी वर्सेस स्टेट ऑफ महाराष्ट्र केस था | उनके अन्य हाई प्रोफाइल मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे का साल 2011 में मद्रास हाई कोर्ट में लड़ा गया मामला भी था | वह मुंबई से भाजपा के टिकट पर छठवीं और सातवीं लोकसभा में संसद के सदस्य चुने गए थे | अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में वह केंद्रीय कानून मंत्री और शहरी विकास मंत्री भी रहे | बाद में साल 2004 में वह अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ से आम चुनाव में खड़े हुए थे |
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अनुच्छेद 370 हटाए जाने से ज्यादातर कश्मीरी खुश डोभाल जम्मू कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में कड़ी पाबंदियां कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए एक महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है | अब भी जम्मू कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में कड़ी पाबंदियां हैं | इसे लेकर विपक्ष कड़ी आपत्ति जता रहा है | इसे कश्मीरी लोगों की परेशानी से जोड़कर देखा जा रहा है | वहीं देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का हालिया बयान सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने से ज्यादातर कश्मीरी खुश हैं | उन्हें पता है कि इससे उनका भविष्य सुधरेगा, आर्थिक तरक्की होगी और रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी | साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व ही इसका विरोध कर रहे हैं | कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा अत्याचार करने को लेकर डोभाल ने कहा कि 'भारतीय सेना द्वारा अत्याचार करने का सवाल ही पैदा नहीं होता सिर्फ जम्मू कश्मीर पुलिस और कुछ सेंट्रल फोर्सेस ही पब्लिक ऑर्डर को हैंडल कर रही हैं | भारतीय सेना वहां आतंकवादियों से लड़ने के लिए है | उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के 199 पुलिस थाना क्षेत्रों में से सिर्फ 10 में ही प्रतिबंधित आदेश जारी है | बाकि सभी जगह से प्रतिबंध हटा दिए गए हैं | प्रदेश में सौ फीसदी लैंडलाइन फोन चालू हो चुके हैं | डोभाल ने कहा कि 'पाकिस्तान परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहा है | 230 पाकिस्तानी आतंकियों को स्पॉट किया गया है | इनमें से कुछ ने घुसपैठ की है | कुछ गिरफ्तार हुए हैं | 'बॉर्डर से 20 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के कम्यूनिकेशन टॉवर हैं। वे मैसेज भेजने की कोशिश कर रहे हैं | हमने कुछ सुने हैं जिसमें वे उनके आदमियों को कह रहे हैं कि कैसे इतने सेब से लदे ट्रक जा रह हैं | क्या तुम उन्हें रोक नहीं सकते हो? क्या हम तुम्हें चूड़िया भेजें?' | बता दें कि जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर विपक्ष सरकार को लगातार घेरने की कोशिश में है | इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जा चुकी हैं |
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अंतरराष्ट्रीय महिला उद्यमी सम्मेलन का आयोजन मध्यप्रदेश में मंत्रियों की बयानबाजी को लेकर ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा की | सभी को कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देशों का पालन करना चाहिए प्रियव्रत सिंह अंतरराष्ट्रीय महिला उद्यमी सम्मेलन में हिस्सा लेने जबलपुर पहुंचे थे | जबलपुर में ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों द्वारा की जा रही बयानबाजी को लेकर कहा कि सभी कांग्रेस सदस्यों को सोनिया गांधी के निर्देश का पालन करना चाहिए | सोनिया गांधी के आदेश का पालन करना पहला काम होना चाहिए | प्रियव्रत सिंह यहां मावे की अंतरराष्ट्रीय महिला उद्यमी सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे | उन्होंने कार्यक्रम को लेकर कहा कि मंदी के दौर में यह महिलाओं का प्रदेश को आगे लाने का प्रयास है | इसमें सरकार भी उनका पूरी तरह से सहयोग करेगी | छोटे और लघु उद्योगों को सरकार मदद देने नई योजना भी लाएगी | एम एस एम ई के लिए बिजली बिलों में छूट और अन्य सहायत भी दी जाएगी | इस कार्यक्रम में नगरीय विकास मंत्री जयवर्द्धन सिंह भी मौजूद रहे |
Patrakar amitabh upadhyay
मंदी से ध्यान हटाने की कोशिश है चंद्रयान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक अजीब सा बयान सामने आया है | ममता का कहना है देश में आर्थिक मंदी से ध्यान हटाने के लिए चंद्रयान-2 मिशन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है | ऐसा लग रहा है कि मोदी के सत्ता में आने से पहले इस तरह के मिशन शुरू नहीं हुए थे | राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर बोलते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश में आर्थिक मंदी है | इससे ध्यान हटाने के लिए चंद्रयान-2 मिशन का ढिंढोरा पीटा जा रहा है | ऐसा लग रहा है कि मोदी के सत्ता में आने से पहले इस तरह के मिशन शुरू नहीं हुए थे | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए ममता ने कहा कि आप अमेरिका, रूस और इजरायल को मैनेज कर सकते हैं, लेकिन बंगाल को नहीं | पश्चिम बंगाल विधानसभा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया | ममता सरकार की ओर से पेश किए गए इस प्रस्ताव को पारित भी कर दिया गया है | भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर अन्य सभी दलों ने प्रस्ताव का समर्थन किया | बीजेपी विधायक स्वाधीन सरकार ने बंगाल में भी एनआरसी की मांग की है |12 सितंबर को ममता बनर्जी असम जा सकती हैं | इस मुहिम पर काम करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रही हैं |
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दिग्विजय ने साफ किया उनकी लड़ाई सिर्फ भाजपा से एमपी के वन मंत्री उमंग सिंघार को लेकर कोंग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कडा रुख देखने को मिला | उन्होंने कहा अनुशासनहीनता के मामले में सोनिया गाँधी और कमलनाथ कोई फैसला लें | दिग्विजय सिंह ने कहा कि, "मेरी राजनैतिक लड़ाई भाजपा की विचारधारा से है | मैंने कभी इस मामले में समझौता नही किया | एमपी के वन मंत्री उमंग सिंघार के बयान पर कि पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह सरकार चला रहे हैं पर छिड़े विवाद के बाद दिग्विजय सिंह मीडिया के सामने आये | उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि, "मुख्यमंत्री कमलनाथ कमजोर नहीं है, वो फैसले लेने में सक्षम हैं | वहीं जब वनमंत्री से उनकी मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने सीधे तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों-इशारों में ये साफ कर दिया कि वो फिलहाल उमंग सिंघार से नहीं मिलेंगे | उन्होंने कहा मैं कड़वी नहीं, मीठी चाय पीता हूं | वहीं जब वनमंत्री उमंग सिंघार से दिग्विजय सिंह से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि, अगर वो मिलने के लिए आते हैं तो उनका स्वागत है | दिग्विजय सिंह ने कहा मैं सबसे यही अपील करूंगा कि सभी अनुशासन का पालन करें भाजपा को मौका न दें | ये जब से शुरू हुआ है, जबसे मैंने भाजपा पर आरोप लगाए हैं | उन्होंने कहा मैं बीजेपी से डरने वाला नहीं हूँ | मेरे खिलाफ कोई जाँच भी नहीं चल रही जो डरूं | दिग्विजय ने बीजेपी पर भी जमकर हमला बोला |
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राकेश सिंह के निशाने पर कमलनाथ जबलपुर के सांसद और मध्यप्रदेश भाजपा के अध्यक्ष राकेश सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए उन्हें मध्यप्रदेश के इतिहास का सबसे असहाय मुख्यमंत्री बताया | उन्होंने कहा कि इससे पहले प्रदेश में कोई भी सीएम इतना असहाय नहीं रहा, जितने कमलनाथ हैं | एमपी बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कमलनाथ घोषित रूप से मुख्यमंत्री है लेकिन कांग्रेस के और बड़े नेता, वो भी इस प्रयास में हैं कि कमलनाथ ज्यादा समय तक सीएम न रहें | उधर कमलनाथ इस प्रयास हैं कि वे मुख्यमंत्री बने रहें | राकेश सिंह ने कहा कि हम पहले से कहते आ रहे है कि इस सरकार ने प्रदेश में एक ही उद्योग स्थापित किया है और वो है तबादला उद्योग | अब यही बात कांग्रेस के मंत्री और विधायक भी कह रहे हैं | ऐसे में कमलनाथ को खुद ही सीएम पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस आलाकमान ने यह कहना चाहिए कि वो जिसे चाहे प्रदेश का सीएम बनाएं | लेकिन मैं चुनौती देता हूं कि कमलनाथ कभी ऐसा नहीं कर पाएंगे, अगर वे ऐसा करेंगे तो उनकी ही पार्टी के लोग इस सरकार को चलने नहीं देंगे | भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमने पहले ही कहा है कि हम सरकार नहीं गिराएंगे | लेकिन उनके भीतर की जिस अंतर्कलह की हम बात करते हैं वो सामने है | उनके तमाम मंत्री और विधायक ही अब सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं |
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कमलनाथ की भी नहीं सुनी दिग्गी समर्थकों ने दिग्विजय समर्थकों ने उमंग सिंघार का पुतला फूंका मुख्यमंत्री कमलनाथ और एमपी कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया की बातों का कांग्रेस नेताओं पर कोई असर नहीं दिखा | दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने वन मंत्री उमंग सिंघार के बंगले पर प्रदर्शन किया और उनका पुतला जलाया | सीएम कमलनाथ की समझाइश के बाद वनमंत्री उमंग सिंघार ने मौन साध लिया है लेकिन दिग्विजय सिंह खेमा अब खुलकर सामने आ गया है | मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की चिठ्ठी से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है | वन मंत्री उमंग सिंघार द्वारा लगातार तीन दिनों तक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर आरोपों की बौछार जारी रही | सिंघार ने अपने पुराने आरोपों को दोहराने के अलावा दिग्विजय सिंह पर सरकार को ब्लैकमेल करने, शेडो सीएम की भांति काम करने के और शराब और रेत का धंदा करने के आरोप लगाए थे | आरोप के बाद मंगलवार देर शाम मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में सिंघार को बुलाकर चर्चा की और उन्हें इस मुद्दें पर आगे चुप रहने की हिदायत भी दी | सीएम कमलनाथ और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने अब इस मसले पर कोई भी बात सार्वजनिक तौर पर नहीं करने को कहा | सीएम से मुलाकात के बाद सिंघार फिलहाल चुप हैं लेकिन दिग्विजय सिंह खेमा वनमंत्री उमंग सिंघार के विरोध में आ गया है | उमंग सिंघार के बंगले के बाहर दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया और अपने नेता के खिलाफ दिए गए वनमंत्री के बयान पर नाराजगी जताते हुए जमकर नारेबाजी भी की इसके बाद दिग्विजय सिंह के समर्थकों ने वनमंत्री का पुतला फूंक दिया | सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ ने वनमंत्री सिंघार और दिग्विजय सिंह से इस विवाद को खत्म करने को कहा है | लेकिन ऐसा लगता नहीं है | सूत्र बताते हैं दिग्विजय समर्थक प्रदेश भर में उमंग सिंघार के खिलाफ आंदोलन का मन बना रहे हैं | वहीँ खबर है इस मसले पर अधिकांश मंत्री उमंग सिंघार से सहमत हैं और हाईकमान से अपने अपने तरीके से प्रदेश के ताजा हालातों से अपडेट कर रहे हैं | इस मामले पर अब तक तीन मंत्री कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिख कर चिठ्ठी काण्ड पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं |
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ज्योतिरादित्य का दिग्गी और नाथ पर निशाना कमलनाथ दोनों पक्षों को बैठाकर समाधान निकालें मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में मचे घमासान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का वन मंत्री उमंग सिंघार के प्रति नरम रुख सामने आया और उन्होंने प्रदेश की कमलनाथ सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय पर निशाना साधा और कहा कि कमलनाथ दोनों पक्षों को बैठाकर समाधान निकालें | कांग्रेस में मचे घमासान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राज्य सरकार को स्वतंत्र होकर काम करना चाहिए | इसमें किसी का भी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए | मंत्री उमंग सिंघार की दिग्विजय के बारे में कही गई बातों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि कमलनाथजी को उमंग सिंघार की बात सुनना चाहिए | यदि आरोप गंभीर हैं तो इनकी जांच होना चाहिये | सिंधिया का कहना है कि उमंगजी ने जो मुद्दे उठाए हैं, उसको सुनना चाहिए | ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा मुख्यमंत्री को इस विषय पर दोनों पक्षों को बैठाकर समाधान निकालना चाहिए | उन्होंने कहा कि 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद कांग्रेस का शासन आया है जबकि अभी 6 महीने भी नहीं हुए हैं | ऐसे में कांग्रेस के लोगों की विकास को लेकर कई अभिलाषाएं हैं | सिंधिया के अनुसार मतभेद हो रहे हैं तो मुख्यमंत्री का दायित्व है कि दोनों पक्षों को बैठा लें और उनमें सुलह कराएं |
Patrakar Anurag Upadhyay
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को बधाई मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। शिक्षक समुदाय की साधना को नमन् करते हुए उन्होंने सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन का विन्रम स्मरण किया है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि समाज की नींव मजबूत करने में शिक्षकों का योगदान अतुलनीय है। शिक्षकों की गरिमा के अनुरूप उनके हितों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री कमल नाथ ने कहा कि शिक्षकों के योगदान के बिना यह कार्य सार्थक नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थितियों में जो शिक्षक अपना कर्त्तव्य निभा रहे हैं, उनका समर्पण अतुल्य है।
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आदिवासी वर्ग को आर्थिक बोझ से बचाने शुरू हुई मदद योजना राज्य सरकार ने आदिवासी वर्ग के परिवारों को जन्म एवं मृत्यु के अनिवार्य सामाजिक संस्कारों में आर्थिक सहायता देने के लिये 89 आदिवासी विकासखण्ड में 'मदद योजना' शुरू की है। प्रारम्भिक तौर पर झाबुआ जिले के राणापुर और झाबुआ विकासखण्ड के कुल 222 गाँव को योजना के क्रियान्वयन के लिये 55 लाख 50 हजार रूपये की राशि आवंटित की गई है। इसमें से प्रतिग्राम 25 हजार रूपये के मान से झाबुआ विकासखण्ड के 127 ग्रामों के लिये 31 लाख 75 हजार और राणापुर विकासखण्ड के 95 ग्रामों के लिये 23 लाख 75 हजार रूपये की राशि आवंटित की गयी है। योजना में आदिवासी विकासखण्ड में आदिवासी परिवार को जन्म के समय 50 किलोग्राम गेहूँ अथवा चावल और परिवार में मृत्यु होने पर 100 किलोग्राम अनाज नि:शुल्क उपलब्ध कराया जायेगा।
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स्वच्छ भारत के लिए अमेरिका में होंगे सम्मानित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अनतर्राष्ट्रीय स्तर पर दबदबा बढ़ता जा रहा है | मोदी को अमेरिका में बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के लिए पुरस्कार से नवाजा जाएगा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक और पुरस्कार मिला है | बिल मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की तरफ से स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करने के लिए पीएम मोदी को अमेरिका में पुरुस्कृत किया जाएगा | केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी | जितेंद्र सिंह ने लिखा कि एक और पुरस्कार | हर भारतीय के लिए गर्व का एक और क्षण | क्योंकि पीएम मोदी की मेहनती और अभिनव पहल की वजह से दुनिया भर से तारीफ मिलती है | मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की पूरी दुनिया में जमकर तारीफ़ हुई है | जिस तरह मोदी ने आम जान मानस को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया उससे पूरी दुनिया उनकी मुरीद हुई है |
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सोनिया गाँधी से हुई दिग्विजय की शिकायत कमलनाथ को अस्थिर कर रहे हैं दिग्विजय मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के बाद से ही यह कहा जाता रहा है कि कमलनाथ कहने को तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं लेकिन कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह सुपर सीएम हैं | परदे के पीछे से पूरी सरकार दिग्विजय सिंह ही चलाते हैं |अब सूबे के वन मंत्री उमंग सिंघार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पर्दे के पीछे से सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं | मध्यप्रदेश में क्या कमलनाथ सिर्फ नाम के मुख्यमंत्री हैं | या फिर कमलनाथ दिग्विजय सिंह के रबर स्टाम्प हैं | क्या दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश में सुपर सीएम हैं | इस तरह के तमाम सवालों के जवाब राजनीति करने वाले पिछले आठ महीने से तलाश रहे हैं कुछ लोगों ने दिग्विजय सिंह से भी ये सवाल किये तो वे इसे काल्पनिक प्र्शन बता कर टाल गए | कमलनाथ ने कभी ये बताना उचित ही नहीं समझा कि दिग्विजय सिंह का उनकी सरकार में क्या रोल है जाहिर है ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है | पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने मंत्रियों को चिठ्ठी लिखी कि मेरे बताये कामों का क्या हुआ ... दिग्विजय ने मंत्रियों से इस पर चर्चा करना चाही | इस के बाद दबी जुबान में कांग्रेस के भीतर दिग्विजय सिंह को लेकर कानाफूंसी शुरू हो गई और कुछ मंत्रियों ने खुलकर कहा कि जब पर्दे के पीछे दिग्विजय सिंह खुद सरकार चला रहे हैं तो उन्हें चिठ्ठी लिखने की क्या जरूरत है | पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद दिग्विजय सिंह के पत्र पर सिंधिया समर्थक वनमंत्री उमंग सिंघार ने पलटवार किया है | सूत्र बताते हैं कि सिंघार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर दिग्विजय सिंह की शिकायत भी की है | इधर, सिंह के पत्र पर कमलनाथ सरकार के अधिकांश मंत्रियों ने उन्हें जवाब भेज दिए हैं तो कुछ ने व्यक्तिगत स्तर पर मुलाकात की है | बताते हैं मंत्रियों ने ऐसा कमलनाथ के कहने पर ही किया है | दिग्विजय के सामने भले ही मंत्री कुछ न बोलें लेकिन अधिकांश मंत्री दिग्विजय सिंह की चिठ्ठी से नाखुश हैं | ऐसे ही तीन मंत्रियों ने इस चिठ्ठी को सार्वजानिक कर दिया कुछ मंत्रियों ने दिग्विजय सिंह की चिठ्ठी पर आपत्ति जाहिर की और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी इससे अवगत करवाया | कुछ मंत्रियों ने दिग्विजय की चिठ्ठी से हाईकमान को भी अवगत करवा दिया | वहीँ खबर है कि तीन मंत्रियों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर भी दिग्विजय सिंह की शिकायत की गई है | उन्हें भेजे पत्र में एक मंत्री ने लिखा है कि दिग्विजय सिंह | कमलनाथ सरकार को अस्थिर कर खुद को पॉवर सेंटर के रूप में स्थापित करने में जुटे हैं |
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गलत नीतियों से बना देश में आर्थिक संकट पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के आर्थिक हालातों पर चिंता जाहिर की है और कहा सरकार तत्काल ठोस कदम उठाये और हमारी अर्थ व्यवस्था को इस मानव निर्मित संकट से बाहर निकालें | अर्थशास्त्री कांग्रेस नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के आर्थिक हालातों को लेकर बेहद चिंतित हैं | उन्होंने केंद्र सरकार से कहा है योग्य लोगों से सलाह मशविरा करके इस समस्या से निजात पाएं | मनमोहन सिंह ने गिरती हुई अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया | उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूँ कि वो बदले की राजनीति छोड़े और सभी बुद्धिजीवियों एवं विचारकों का सहयोग लेकर हमारी अर्थव्यवस्था को इस मानव-निर्मित संकट से बाहर निकालें |
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ISI के लिए काम करते हैं बीजेपी और बजरंग दल दिग्विजय ने किया बीजेपी और बजरंग दल पर हमला मध्यप्रदेश की सियासत में खुद को जमाने की कोशिश में लगे दो पूर्व मुख्यमंत्री एक बार फिर आमने सामने हैं | पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए, वे सब बजरंग दल, भारतीय जनता पार्टी के हैं आईएसआई से पैसा ले रहे हैं | आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं | उन्होंने कहा हमारी विचारधारा की लड़ाई भाजपा से है, संघ से है ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा दिग्विजय सिंह की कोई विश्वसनीयता नही है | वो सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित बयान देते हैं | आतंकी ओसामा को जी बोलते हैं | ISI जो बोलता है वही दिग्विजय सिंह बोलते हैं | अपने बयानों को लेकर अकसर विवादों में रहने वाले कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में हैं | दिग्विजय सिंह ने कहा है कि बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी आईएसआई से पैसा ले रहे हैं | पाकिस्तान से आई एस आई के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं | उन्होंने कहा हमारी विचारधारा की लड़ाई भाजपा से है, संघ से है | जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में भाग नहीं लिया | हमें वो राष्ट्रीयता का सबक सिखाना चाहते हैं | कहां थे यह लोग 1947 से पहले | दिग्विजय सिंह के विवादित बोल के बाद बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सामने आये और कहा दिग्विजय सिंह सुर्खियों में बने रहने के लिए विवादित बयान देते हैं | उनकी खुद की कोई विश्वसनीयता है नहीं वो पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं | ओसामा को जी बोलते हैं ISI जो बोलता है वही दिग्विजय सिंह बोलते हैं आतंकियों की मौत पर मातम मुर्सी करते है लेकिन शहीद के घर नहीं जाते | कांग्रेस के नेता पकिस्तान की भाषा बोलते है पाकिस्तान कांग्रेस के नेताओं के बयान को अंतरराष्ट्रीय फोरम पर कोट करता है | अपने बयान पर विवाद उठने के बाद दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा कि कुछ चैनल चला रहे हैं कि मैंने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि वे आईएसआई से पैसा ले कर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हैं। यह पूरी तरह से गलत है | बजरंग दल व भाजपा के आईटी सेल के पदाधिकारी द्वारा आईएसआई से पैसे लेकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करते हुए मप्र पुलिस ने पकड़ा है | मैंने यह आरोप लगाया है जिस पर मैं आज भी कायम हूं |
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"आपकी सरकार-आपके द्वार" अंतर्गत जनसमस्या निवारण शिविर में मंत्री श्री शर्मा जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने आज बिजली विभाग के कर्मचारियों को निर्देशित किया कि विच्छेदित बिजली कनेक्शनों को तत्काल प्रभाव से जोड़ना सुनिश्चित करें जिससे की जनता को परेशानी का सामना न करना पड़े। वे सूरज नगर (वार्ड क्रमांक 26) में 'आपकी सरकार-आपके द्वार' योजना के अंतर्गत आयोजित लोक कल्याण एवं जन समस्या निवारण शिविर में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनता को रोजगार उपलब्ध कराना कमलनाथ सरकार की पहली प्राथमिकता है। शिविर में 49 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से सात शिकायतों का मौके पर निराकरण किया गया। शेष 42 शिकायतें निराकृत किये जाने हेतु समय सीमा तय की गई। मंत्री श्री शर्मा ने कमलनाथ सरकार द्वारा आम जनता को बगैर किसी भेदभाव के 100 यूनिट तक की बिजली मात्र 100 रुपये में दिये जाने के निर्णय और आदेश से अवगत कराया। उन्होंने जनता से अपेक्षा की कि बिजली का उपयोग समझदारी से करें ताकि योजना का पूरा-पूरा लाभ उन्हें मिल सके। श्री शर्मा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को विच्छेदित किये गये बिजली कनेक्शनों को तत्काल जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने सूरज नगर क्षेत्र के निवासियों को अवगत कराया कि शीघ्र ही क्षेत्र में साइंस सिटी और इंटरनेशनल स्टेडियमों के निर्माण संबंधी कार्यों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जायेगा। इनके निर्माण के दौरान और बाद में भी कमलनाथ सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार स्थानीय लोगों के रोजगार उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दी जायेगी। विधायक निधि से वार्ड क्रमांक 26 को विकासशील बनाया जायेगा मंत्री श्री शर्मा ने वार्ड क्रमांक 26 में अधोसंरचनात्मक विकास के साथ ही जनता की समस्याओं के निराकण के लिये विधायक निधी की अधिकतम राशि क्षेत्र में व्यय करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वार्ड 26 के विकास के लिये आपके साथ हर समय मदद के लिये तैयार हूँ। ऋण पुस्तिकायें, लाड़ली लक्ष्मी के प्रमाण पत्र और पात्रता पर्चियां वितरित जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने शिविर में बरखेड़ी खुर्द एवं बरखेड़ी कला के किसानों को ऋण-पुस्तिकायें वितरित की। उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण पत्र और खाद्य विभाग के अंतर्गत परिवारों को खाद्यान की पात्रता-पर्चियां भी वितरित की। प्रत्येक स्टॉल पर मंत्री श्री शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों से जानकारी ली मंत्री श्री शर्मा ने शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों पर जाकर अधिकारियों से पूछताछ की कि वे किस प्रकार से जनता की शिकायतों का निराकण कर रहे हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि प्राप्त होने वाले आवेदनों की समुचित पूर्तियां करवाने की अधिकारी स्वयं पहल करें। ताकि जनता की समस्या का निराकरण और मांगों को पूरा किया जा सकें। मंत्री श्री शर्मा ने जनता को आश्वस्त किया कि उनकी सभी मांगे हर हाल में पूरी की जायेंगी। शिविर में पार्षद श्री योगेन्द्र सिंह चौहान, श्री मोनू सक्सेना, श्री मती संतोष कसाना, नगर निगम के पूर्व सभापति श्री कैलाश मिश्रा, श्री अभिषेक शर्मा, एसडीएम टीटी नगर श्री संतोष शुक्ला, नगर निगम अपर आयुक्त श्री मयंक वर्मा एवं विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी और नागरिक गण मौजूद थे। डॉक्टर नियमित रूप से डिस्पेंसरी में बैठे : सिविल डिस्पेंसरी सूरज नगर का अवलोकन किया जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने सूरज नगर स्थित सिविल डिस्पेंसरी का अवलोकन किया। उन्होंने डिस्पेंसरी में मौजूद दवाईयों और इंजेक्शन के स्टॉक संबंधी जानकारियों की पड़ताल की। श्री शर्मा ने डिस्पेंसरी की चिकित्सा अधिकारी को तत्परतापूर्वक अपने कर्तव्य निर्वहन के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के लिये वे स्वयं परिवार एवं लोकस्वास्थ्य कल्याण मंत्री श्री सिलावट से चर्चा करेंगे।
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19 लाख से ज्यादा लोगों को सूची से बाहर असम में भारतीय नागरिकता स्थापित करने वाले नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन्स की अंतिम सूची आज जारी कर दी गई है | इस लिस्ट में असम के 19 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल नहीं किया गया है | इसके बाद से ही प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है | प्रदेश में काबिज भाजपा के ही एक मंत्री ने गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई सूची पर नाखुशी जताते हुए इसके दोबारा सत्यापन की मांग कर डाली है | सरकार ने NRC की फाइनल लिस्ट जारी की है | इसमें 19 लाख से ज्यादा लोगों को सूची से बाहर रखा गया है | वहीं 3.11 करोड़ लोगों ने सूची में जगह बनाई है | फाइनल लिस्ट से असंतुष्ट बीजेपी के मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने दोबारा दस्तावेज सत्यापन की मांग की है | असम सरकार में वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने एनआरसी लिस्ट पर असंतुष्टि जताई है | वे भाजपा की नॉर्थ ईस्ट में ग्रोथ के साथ ही NRC के समर्थक रहे हैं | उनका कहना है कि अंतिम सूची से कई ऐसे लोगों का नाम छूट गया है जिनका अधिकारियों द्वारा रिफ्यूजी सर्टिफिकेट लेने से इंकार कर दिया था | शर्मा ने कहा 'भारतीय नागरिक जो 1971 के पहले बांग्लादेश से आकर यहां बसे थे उनके नाम NRC सूची में शामिल नहीं किए गए हैं | वहीं दूसरी ओर कई ऐसे लोगों के नाम इसलिए जोड़ दिए गए हैं क्योंकि उन्होंने वंशावली के दस्तावेजों को हेरफेर कर सही कर लिया था |
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प्रियंका :सरकार ने अर्थव्यवस्था पंचर की देश में बिगड़ती अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए सरकार ने हाल ही में कई कदम उठाए हैं, इसी बीच देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है | कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है | उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है | ताजा आर्थिक हालातों पर सुब्रमण्यम स्वामी ने भी सवाल उठाये हैं | प्रियंका गाँधी वाड्रा ने ट्वीट में लिखा 'G D P विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंचर कर दी है | न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती | रोजगार गायब हैं | अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?' | प्रियंका गांधी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में GDP ग्रोथ धीमी होकर 5 प्रतिशत हो गई है | पिछले क्वार्टर से इसमें 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई है | इसके पूर्व, भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी कह चुके हैं कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनते दिखाई नहीं दे रहा है | उन्होंने कहा 'अगर नई इकानॉमिक पॉलिसी नहीं आती है तो 5 ट्रिलियनइकॉनामी को गुडबाई कहने के लिए तैयार रहिए | सिर्फ नॉलेज या सिर्फ बोल्डनेस से ही अर्थव्यवस्था को चौपट होने से नहीं बचाया जा सकता | बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच हाल ही में सरकार ने आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ की राशि ली है, वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं | आर्थिक मंदी की आशंका और बाजार में उथल पुथल के बीच सरकार के लिए इस मुश्किल हालात से उबरना बड़ी चुनौती दिखाई दे रही है | देश के ऑटो सेक्टर के साथ ही बैंकिग और अन्य सेक्टर में भी आर्थिक मंदी का असर अब नजर आने लगा है |
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न्यू इंडिया में सरनेम नहीं योग्यता के मायने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा न्यू इंडिया हर भारतीय की आवाज है | यह वह भारत है जहां भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है | कोई कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों ना हो सिर्फ उसकी क्षमता ही मायने रखती है | न्यू इण्डिया में सरनेम नहीं योग्यता के मायने हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्यू इंडिया में सरनेम मायने नहीं रखता है | बल्कि अपना नाम बनाने की काबिलियत मायने रखती है | न्यू इंडिया चुनिंदा लोगों की आवाज नहीं है, बल्कि हर भारतीय की आवाज है | यह वह भारत है जहां भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है | कोई भी व्यक्ति क्यों ना हो सिर्फ उसकी क्षमता ही मायने रखती है |पीएम मोदी ने कहा कि अब लोग बोल रहे हैं कि हम स्वच्छ भारत बनाकर रहेंगे हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाकर रहेंगे | यह सब सिर्फ दृढ इच्छा शक्ति की वजह से ही संभव हो सका है | मोदी ने कहा देश में आबादी के मुकाबले जरुरी चिकित्सा सुविधाओं का अभाव बना हुआ है | इसी के चलते सरकार ने देशभर में साढ़े बारह हजार आयुष केंद्र शुरू करने का लक्ष्य बनाया है | आयुष मंत्रालय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस साल देश में 4 हजार आयुष केंद्रों को खोले जाने का लक्ष्य है |
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पिता पुत्र की जाति भूपेश राज में है अलग छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाती प्रमाण पत्र को लेकर हुई FIR के बाद सियासत गरमा गई है | अजीत जोगी के बेटे ने अपने जाती प्रमाण पत्र के साथ थाने पहुंचकर खुद पर FIR दर्ज करने और जाती प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाती प्रमाण पत्र को लेकर सियासत गरमा गई | अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी बिलासपुर के सिवल लाइन थाने में अपने जाति प्रमाण पत्र के साथ पहुंचे और थानेदार से अपना जाती प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की | और कहा कि जब रात के अंधेरे में मेरे पिता अजीत जोगी के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर चुके हैं | तो दिन के उजाले में मेरे ख़िलाफ़ भी वैसी ही FIR दर्ज करिए | मेरा जाति प्रमाण निरस्त कीजिए |और मुझे लॉकअप में डाल दीजिए | अमित ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कस्ते हुए कहा की | पूरे विश्व में केवल भूपेश राज में ही बेटे की जाति बाप से अलग हो सकती है | मरवाही विधायक अमित जोगी अपने ही खिलाफ एफ.आई.आर. कराने थाने पहुंचे |
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टेक्नोलॉजी ने इंसान को आलसी बना दिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इण्डिया मूवमेंट को लॉन्च किया | प्रधानमंत्री मोदी ने कहा टेक्नोलॉजी ने इंसान को आलसी बना दिया है और वहीं टेक्नोलॉजी लोगों को बताती है कि वो एक दिन में कितने कदम चले | उन्होंने कहा आपने स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का हिस्सा बनाया वैसे ही फिट इंडिया मूवमेंट को भी अपने जीवन का हिस्सा बनाईए | मेजर ध्यानचंद के जन्मदिन को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है | इसी खेल दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुवात इंदिरा गांधी स्टेडियम से की | फिट इंडिया अभियान में उद्योग जगत, फिल्मी जगत, खेल जगत के अलावा अन्य अनेक हस्तियां शामिल हुईं इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देश के लोगों को फिटनेस मंत्र दिया | प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि टेक्नोलॉजी ने इंसान को आलसी बना दिया है और वहीं टेक्नोलॉजी लोगों को बताती है कि वो एक दिन में कितने कदम चले | उन्होंने कहा कि जिस तरह आपने स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का हिस्सा बनाया वैसे ही फिट इंडिया मूवमेंट को भी इपने जीवन का हिस्सा बनाईए | अपने जीवन के उद्देश्य को हासिल करने के लिए हमारे अंदर एक जुनून, एक इच्छाशक्ति और लगन का होना बहुत जरूरी है| जब एक पर्पस और पैशन के साथ हम काम करते हैं तो सफलता हमारे कदम चूमती हैं | जीवन में जब हम एक लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो उस लक्ष्य के अनुसार ही हमारा जीवन ढल जाता है | प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि Lifestyle disorders की वजह से lifestyle diseases हो रही हैं | Lifestyle disorders को हम अपने लाइफ स्टाइल में बदलाव करके ठीक कर सकते हैं | ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें अपने लाइफ स्टाइल में छोटे बदलाव करके दूर कर सकते हैं | कुछ लोग जोश में आकर फिटनेस की बातें भी करते हैं और फिटनेस से संबंधित गैजेट भी खरीदते हैं | लेकिन कुछ दिन बाद वो गैजेट घर के कोने में रख दिए जाते हैं लोग मोबाइल में फिटनेस ऐप तो रखते हैं, लेकिन कुछ समय बाद उस ऐप का उपयोग ही नहीं करते |
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पाकिस्तान से अब सिर्फ पीओके पर ही बात होगी भारत ने कश्मीर को लेकर अपना रुख साफ़ कर दिया है | उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि अगर पाकिस्तान से कोई बात होगी तो वह सिर्फ पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर पर ही होगी | उन्होंने कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया | कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी बढ़ गई है | पाकिस्तान की ओर से जहां लगातार भारत को उकसाने की कोशिश की जा रही है| .... पाकिस्तान इस मसले को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की कई बार कोशिश कर चुका है | इस बीच देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का बड़ा बयान सामने आया | उप राष्ट्रपति नायडू ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा है कि भारत की अगर पाकिस्तान से कोई बात होगी तो वह सिर्फ पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर पर ही होगी | उन्होंने कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया है | उप राष्ट्रपति नायडू आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में नेवेल साइंट एंड टेक्नालॉजी लेबोरेटरी की गोल्डन जुबली के मौके पर बोल रहे थे | उन्होंने कहा कि हम युद्ध करने वालों में से नहीं हैं, हम शांतिप्रिय नागरिक हैं | देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के एक हफ्ते पहले दिए गए बयान के बाद उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू का यह बयान सामने आया है | जिसमें राजनाथ सिंह ने कहा था कि पाकिस्तान से तब तक कोई बात नहीं होगी जब तक वह आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है | और आतंकवादी गतिविधियों को मदद देना बंद नहीं करता है |
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लोकतंत्र में झूठे मुकदमे नहीं सहेंगे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने शिवपुरी के पिछोर में भीड़ भरी किसान आक्रोश रैली को सम्बोधित करते हुए कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लिया | उन्होंने कहा न हम झूठे मुक्द्म्मे स्वीकार करेंगे और न किसानों के साथ धोखा होने देंगे | इस रैली के बाद बीजेपी उपाध्यक्ष शिवराज सिंह सहित कई बीजेपी नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया | बीजेपी उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछोर में किसान आक्रोश रैली में कमलनाथ सरकार को जमकर कोसा | उन्होंने कहा कमलनाथ सरकार कर्जमाफी पर किसानों के साथ धोखा कर रही है | हम ऐसा नही होने देंगे उन्होंने किसानों और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दर्ज किये जा रहे मुकदमों की चर्चा अपने भाषण में की | ... उन्होंने कहा हम मर जायेंगे लेकिन लोकतंत्र में इसे सहन नहीं करेंगे इसके बाद मंच से उतारते ही पुलिस ने शिवराज सिंह सहित कई बीजेपी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया | पुलिस स्टेशन में भी शिवराज सिंह ने पुलिस और प्रशासनिक अफसरों से दो टूक कहा कि किसी के दबाव में , राजनैतिक प्रतिशोध में झूठे मुकदमे दर्ज न हो, निष्पक्ष कार्यवाई हो और अगर यही जारी रहा तो मर जायेंगे लेकिन लोकतंत्र में यह सहन नही करेंगे |
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बहन सुषमा और दोस्त अरुण हमें छोड़ चले गए पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के परिवार से मिलने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके घर पहुंचे | यहां उन्होंने जेटली को श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार से मुलाकात कर सांत्वना दी | इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे मोदी ने कहा कुछ दिनों पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा हमें छोड़कर चली गईं और अब हमारा दोस्त अरुण चला गया | प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के परिवार से उनके घर में मुलाकात की | मोदी ने जेटली को श्रद्धानजलि देकर परिवार को सांत्वना दी नरेंद्र मोदी अपना तीन देशों का दौरा पूरा कर सोमवार रात भारत लौटे | भारत लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को अपने दोस्त और पूर्व वित्त मंत्री दिवंगत अरुण जेटली के घर पहुंचे इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी यहां मौजूद रहे | प्रधानमंत्री के आने के बाद अमित शाह ने ही उन्हें कैलाश कॉलोनी स्थित जेटली के घर रिसीव किया गौरतलब है कि जब अरुण जेटली का निधन हुआ था | तब मोदी बहरीन में थे और उन्होंने जेटली के परिवार से बात कर उन्हें सांत्वना दी थी | इस दौरान जेटली के परिवार ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा था कि वो अपना दौरा पूरा करके ही भारत लौटें | बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दुख का इजहार भी किया उन्होंने कहा था, 'मैं बहरीन की धरती से अपने दोस्त अरुण को श्रद्धांजलि देता हूं | भगवान इस दुख की घड़ी को सहने के लिए उनके परिवार को शक्ति प्रदान करें | उन्होंने कहा कुछ दिनों पहले हमारी पूर्व विदेश मंत्री बहन सुषमा हमें छोड़कर चली गईं और अब हमारा दोस्त अरुण चला गया' |
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समस्याएं सुनना विधायक जी को पसंद नहीं लोगों की समस्याओं को लेकर उनकी आवाज उठाने वाला विधायक ही जब जनता का मुँह बंद करने लगे तो समझ लीजिये आपने गलत व्यक्ति को चुन लिया है | ऐसा ही नजारा सागर में देखने को मिला जहाँ समस्याएं बता रही एक महिला का बीजेपी विधायक शैलेन्द्र जैन ने मुँह बंद कर दिया | बीजेपी नेताओं इस दृश्य को देख लीजिये |ये हैं मोदी जी और अमित शाह जी की बीजेपी के विधायक शैलेन्द्र जैन सागर जिला मुख्यालय में पिछले कई दिन से हो रही बारिश से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया है | इन इलाकों का जायजा लेने के लिए निकले भाजपा विधायक शैलेंद्र जैन निकले थे | हर जगह आम लोग एक ही किस्म की समस्याएं बता रहे थे |विधायक जी भी सब सुन सुन के परेशान हो गए थे स्नेहा नगर में इतने में एक बुजुर्ग महिला ने जब समस्या बतानी चाही तो विधायक ने अपने हाथ से उनका मुंह बंद कर दिया | बेचारी आम महिला विधायक जी से कुछ कह भी नहीं सकती सो उन्होंने चुप रहना ही मुनासिब समझा | प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं |विधायक जी को महिला का बार-बार बीच में बोलना पसंद नहीं आ रहा था और महिला की समस्या का उनके पास कोई ठोस जवाब भी नहीं था सो उन्होंने बुजुर्ग महिला की बोलती बंद करवा दी | इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद वह बुजुर्ग महिला कुछ डेरे चुप रही और विधायक जी को कोसती हुई वहां से चली गई | जनता अपना नेता इसलिए चुनती है कि वह उनकी आवाज बनेगा लेकिन जब नेता ही जनता की आवाज बंद करने लगे तो जनता को भी ऐसे नेताओं के बारे में विचार करना चाहिए |
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मायावती खुलकर आईं सरकार के समर्थन में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही देश की सियासत में दो ध्रुव बनते नजर आ रहे हैं | एक तरफ जहां कुछ राजनीतिक दलों ने कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार विरोधी कुछ राजनीतिक दल इस मामले में खुलकर केंद्र के समर्थन में आ गए हैं | बसपा सुप्रीमो मायावती ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मामले में केंद्र सरकार को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है | एएसपी सुप्रीमों मायवती ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर हमेशा ही देश की समानता, एकता और अखंडता के पक्षधर रहे हैं | वे जम्मू कश्मीर राज्य में धारा 370 का प्रावधान करने के कतई पक्ष में नहीं थे | इसी वजह से बीएसपी ने संसद में इस धारा को हटाये जाने का समर्थन किया इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों का भी मायावती ने समर्थन किया है उन्होंने इसे लेकर भी ट्वीट करते हुए कहा कि 'लेकिन देश में संविधना लागू होने के लगभग 69 वर्षों के उपरांत इस धारा 370 की समाप्ति के बाद अब वहां पर हालात सामान्य होने में थोड़ा समय अवश्य ही लगेगा | इसका थोड़ा इंतजार किया जाए तो बेहतर है,जिसको माननीय कोर्ट ने भी माना है | केंद्र सरकार के इस बड़े फैसले के बाद जहां बसपा ने सरकार का समर्थन किया था, वहीं दूसरी ओर भाजपा गठबंधन में शामिल नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया था |
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कृष्ण, गांधी और स्वच्छता पर मन की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम 'मन की बात' के जरिए देश को संबोधित किया | पीएम मोदी ने भगवान श्री कृष्ण और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया | साथ ही स्वच्छता अभियान, फिट इंडिया समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी | उन्होंने कहा, पिछले दिनों हम लोगों ने कई त्योहार मनाए. शनिवार को देश में श्री कृष्ण जन्म-महोत्सव मनाया गया | मित्रता कैसी हो तो सुदामा वाली घटना कौन भूल सकता है और युद्ध भूमि में इतनी सारी महानताओं के बावजूद भी उन्होंने सारथी का भार स्वीकारा | मन की बात में पीएम ने कहा, आज भारत एक और बड़े उत्सव की तैयारी में जुटा है और वह है | महात्मा गांधी की 150वीं जयंती | मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, गांधी जी ने किसानों की सेवा की, जिनके साथ चम्पारण में भेदभाव हो रहा था | उन मिल मजदूरों की सेवा की, जिन्हें सही मजदूरी नहीं मिल रही थी | गांधी जी ने गरीब, बेसहारा और कमजोर लोगों की सेवा को अपने जीवन का परम कर्तव्य माना | पीएम ने कहा, गांधी जी ने सेवा शब्दों में नहीं - जी करके सिखाई थी | सत्य के साथ गांधी जी का जितना अटूट नाता रहा है, सेवा के साथ भी उतना ही अनन्य अटूट नाता रहा है | पीएम मोदी ने कहा, इस बार 2 अक्टूबर को जब बापू की 150वीं जयंती मनाई जाएगी तो इस मौके पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे | उन्होंने कहा कल, हिन्दुस्तान में श्री कृष्ण जन्म-महोत्सव मनाया गया | मित्रता कैसी हो, तो सुदामा वाली घटना कौन भूल सकता है और युद्ध भूमि में इतनी सारी महानताओं के बावजूद भी सारथी का भार स्वीकारना | कोई कल्पना कर सकता है कि कैसा व्यक्तित्व होगा उनका कि आज हजारों साल के बाद भी समस्याओं के समाधान के लिए कृष्ण का उदाहरण दे सकते हैं | हर कोई व्यक्ति श्री कृष्ण के जीवन से वर्तमान की समस्याओं का समाधान ढूंढ सकता है | मन की बात के दौरान पीएम मोदी ने मैन वर्सेस वाइल्ड का भी जिक्र किया | उन्होंने कहा, भारत का संदेश, उसकी परंपरा, संस्कार यात्रा में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, इन सारी बातों से विश्व को रूबरू कराने में ये एपिसोड बहुत मदद करेगा, ऐसा मेरा पक्का विश्वास है पीएम ने कहा, यह न्यू इंडिया है | हम लक्ष्यों को जल्दी से जल्द पूरा करते हैं | हमने 2019 में ही अपने यहां टाइगर की संख्या दोगुनी कर दी है | भारत में बाघों की संख्या ही नहीं बल्कि संरक्षित इलाकों और कम्युनिटी रिजर्व की संख्या भी बढ़ी हैं | भारत में बाघों की आबादी 2967 है | उन्होंने कहा, 29 अगस्त को ‘राष्ट्र खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है | इस अवसर पर हम देश भर में ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ शुरू करने वाले हैं |
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पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत नहीं चिदंबरम के मामले की सुनवाई अब सोमवार को INX Media Case में पी चिदंबरम की अंतरिम याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई लेकिन वहां से भी उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिली अदालत इस मामले की सुनवाई अब सोमवार को करेगी | दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका रद्द होने के बाद चिदंबरम ने शीर्ष कोर्ट का रुख किया था | . इसके पूर्व बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इंकार कर दिया था | सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत दिए जाने के पक्ष में तर्क रखे हालांकि इस दौरान कोर्ट ने उनसे पूछा कि पी चिदंबरम को कब तक सीबीआई की कस्टडी में दिया गया गया | इसके बाद कोर्ट ने अग्रिम याचिका को लेकर अगली सुनवाई सोमवार को तक टाल दी | मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पी चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल द्वारा बताया गया है कि पहले 19 महीनों तक अग्रिम जमानत को लटकाया गया, फिर खारिज कर दिया गया था | सीबीआई की विशेष अदालत ने गुरुवार को इसी मामले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक सीबीआई रिमांड पर भेजने का फैसला सुनाया था | कोर्ट ने कहा था कि चिदंबरम के खिलाफ लगे सभी आरोप गंभीर है, इनकी गहराई से जांच की जाना चाहिए |
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बिजली के बारे में बता रहे थे प्रियव्रत सिंह मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह और कांग्रेस नेता उस वक्त खीज गए | जब वे कांग्रेस मुख्यालय में मध्यप्रदेश में बिजली सुधार के बारे में जानकारी दे रहे थे और बिजली गोल हो गई | एमपी के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह कमलनाथ सरकार के बिजली सुधार और आम लोगों को बिजली सुविधा के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी अचानक बिजली चली गई | मीडिया के लोग बोले मंत्री जी यही समस्या है | इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल कांग्रेस कार्यालय में ठहाके लगने लगे | लेकिन इस सब से कांग्रेस नेता खीज गए | मध्यप्रदेश में बिजली की लुकाछिपी सभी के लिए परेशानी का सबब बानी हुई है | कोंग्रेसी भी इससे अछूते नहीं है इससे पहले भी कांग्रेस कार्यालय में एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बत्ती गुल हो गई थी | इंदौर में भी खुद ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह की मीटिंग में बिजली चली गई थी | मंगलवार को भी कांग्रेस दफ्तर मंद हालाँकि कुछ देर बाद बिजली आ गई लेकिन उसने यह मैसेज जरूर दे दिया की एमपी में बजली आपूर्ति सिस्टम अभी ठीक नहीं है |
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बिजली के बारे में बता रहे थे प्रियव्रत सिंह मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह और कांग्रेस नेता उस वक्त खीज गए | जब वे कांग्रेस मुख्यालय में मध्यप्रदेश में बिजली सुधार के बारे में जानकारी दे रहे थे और बिजली गोल हो गई | एमपी के ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह कमलनाथ सरकार के बिजली सुधार और आम लोगों को बिजली सुविधा के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे तभी अचानक बिजली चली गई | मीडिया के लोग बोले मंत्री जी यही समस्या है | इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थल कांग्रेस कार्यालय में ठहाके लगने लगे | लेकिन इस सब से कांग्रेस नेता खीज गए | मध्यप्रदेश में बिजली की लुकाछिपी सभी के लिए परेशानी का सबब बानी हुई है | कोंग्रेसी भी इससे अछूते नहीं है इससे पहले भी कांग्रेस कार्यालय में एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बत्ती गुल हो गई थी | इंदौर में भी खुद ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह की मीटिंग में बिजली चली गई थी | मंगलवार को भी कांग्रेस दफ्तर मंद हालाँकि कुछ देर बाद बिजली आ गई लेकिन उसने यह मैसेज जरूर दे दिया की एमपी में बजली आपूर्ति सिस्टम अभी ठीक नहीं है |
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कश्मीर मसले पर सुप्रीम कोर्ट का दखल से इंकार कहा- हालात सामान्य होने में लगेगा वक्त सुप्रीम कोर्ट से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य में हालात को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में दखल से इनकार कर दिया है | साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को हालात सामान्य करने के लिए वक्त भी दिया है | जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाए जाने तथा मोबाइल व इंटरनेट सेवा शुरू करने की मांग करने वाली तहसीन पूनावाला की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई की | तहसीन पूनावाला की याचिका में जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू और प्रतिबंध हटाए जाने और मोबाइल व इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग की गई है | साथ ही याचिका में हिरासत में लिए गए नेताओं को तत्काल रिहा करने की भी मांग की गई थी ... इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ ने कहा कि रातों रात हालात सामान्य नहीं हो सकते | इसमें कुछ वक्त लगेगा | यह कहते हुए कोर्ट ने मामले में दखल से इनकार कर दिया | अब इस मामले में अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी | राष्ट्रपति ने आदेश जारी कर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया है | इतना ही नहीं जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया है | संसद के दोनों सदनों से अनुच्छेद 370 खत्म करने का प्रस्ताव भारी बहुमत से पास होने के बाद राष्ट्रपति ने आदेश जारी किया था | इसके बाद राज्य में सुरक्षा के लिहाज से कुछ कदम उठाए गए हैं |
Patrakar Anurag Upadhyay
370 धारा हटना सराहनीय कदम केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा की कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद अब कश्मीर का सही मायने में विकास होगा | उन्होंने कहा कि लम्बे समय से देश के लोग चाहते थे कि कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ा जाए | कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बयान देते हुए कहा की पूरी कांग्रेस दुविधा में है ... की किसे अध्यक्ष बनाया जाये ... हालॉंकि पटेल ने कहा की कांग्रेस पार्टी खुद इसका रास्ता निकलेगी | जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने पर पटेल ने कहा की केंद्र सरकार का यह सराहनीय कदम है |सही मायने में अब कश्मीर का विकास होगा |निश्चित तौर पर कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं कम होंगी |और कश्मीर से आतंकवाद को ख़त्म किया जा सकेगा |
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राहुल गाँधी कांग्रेस अध्यक्ष बने रहें इसके लिए देश भर के युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गाँधी के बंगले पर धरना दिया | वहीँ राहुल गाँधी ने एक बार फिर साफ़ साफ़ कह दिया है कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर नहीं रहना चाहता | राहुल गाँधी को मानने देशभर के युवा कांग्रेस नेता दिल्ली पहुंचे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बंगले के बाहर धरने पर बैठा गए राजस्थान और मध्यप्रदेश के तमाम युवा नेता चाहते हैं कि राहुल फिलहाल पार्टी अध्यक्ष का पद सम्हालें मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुणाल चौधरी भी ने कहा पार्टी को स समय राहुल जी की जरूरत है | वहीँ राहुल गाँधी यूपीए की बैठक में शामिल हुए बैठक में कांग्रेस के 51 सांसद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा वापस लेने को लेकर नहीं मना पाए राहुल गांधी ने पार्टी सांसदों से कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहेंगे राहुल गांधी ने इस्तीफे को लेकर पहली बार मीडिया में भी अपनी बात रखी उन्होंने कहा कि आज की बैठक में मैंने अध्यक्ष पद को लेकर स्टैंड साफ कर दिया है | मैं अध्यक्ष बने रहना नहीं चाहता लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हैं | इससे पहले भी कांग्रेस की बैठकों में वह इस्तीफे की बात कर चुके हैं | कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी राहुल ने पद छोड़ने की बात की थी | जिसे कार्यसमिति ने सिरे से खारिज कर दिया था | इस बैठक में भी राहुल अपनी बात पर अड़े थे, बाद में कांग्रेस के नेताओं ने राहुल से कहा कि, आपका विकल्प नहीं है|
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कांग्रेस को 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और कोंग्रेसियों की बोलती बंद कर दी मोदी ने कहा अहंकार की सीमा होती है लोकतंत्र हार गया कहना जनतंत्र का अपमान है | अगर ऐसा है तो क्या वायनाड और बरेली में भी लोकतंत्र हार गया है ? कांग्रेस हारी तो देश हार गया ये कौन का तर्क है, कांग्रेस का मतलब देश नहीं है | राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को भी जवाब दिया पीएम मोदी ने कहा कि कई सालों बाद दोबारा बहुमत की सरकार बनी है उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा अहंकार की सीमा होती है | लोकतंत्र हार गया कहना जनतंत्र का अपमान है | अगर ऐसा है तो क्या वायनाड और रायबरेली में भी लोकतंत्र हार गया है ? विपक्ष द्वारा किसानों को बिकाऊ कहकर उनका अपमान किया गया ऐसा कहने वाले लोगों ने देश की जनता को कटघरे में ला दिया | पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा कि 60 साल तक देश में सरकार चलाने वाला दल 17 राज्यों में एक सीट नहीं जीत पाया क्या हम आसानी से कह देंगे कि देश हार गया | इस तरह के बयान से हमने देश के मतदाताओं को कटघरे में खड़ा कर दिया, वोटरों का ऐसा अपमान इस तरह की पीड़ा देता है | पीएम ने कहा कि कड़ी तपस्या के बाद देश में चुनाव होता है और हम उनका मजाक उड़ा रहे हैं | पीएम मोदी ने कहा कि आप सिर्फ ईवीएम का विरोध नहीं करते, आपने विरोधी दल के मतलब के शब्द के रूप में उतार लिया है और हर चीज का विरोध करते हैं | उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन का विरोध हुआ, आधार का विरोध किया जिसे आप महान बताते थे | हम अगर न्यू इंडिया बनाना चाहते हैं तो तकनीक से कितना दूर भागेंगे | जीएसटी का भी विरोध किया गया, यह नकारात्मकता है | उन्होंने कहा कि जिन दलों का व्यवहार इस सदन में रुकावट डालने का रहा है, सरकार को काम करने से रोकने का रहा है, उन्हें देशवासियों ने सजा दी है | लोकसभा में क्या किया इस पर नहीं बल्कि राज्यसभा में क्या कर रहा है, इसे देखकर जनता ने वोट किया है |
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जर्जर मकान तोड़ने के दौरान हुआ विवाद आकाश विजयवर्गीय को पुलिस ने गिरफ्तार करकोर्ट में पेश किया हैं | मामला कुछ यूं हैं की भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक बेटे आकाश विजयवर्गीय ने अपने साथियों के साथ जर्जर मकान तोड़ने आये नगर निगम अधिकारी की क्रिकेट के बेट से पिटाई कर दी निगम के अधिकारियों और विधायक के बीच पहले विवाद हुआ और उसके बाद विधायक आकाश ने बेट से अधिकारी की पिटाई की गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि इस मामले में आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी वहीँ आकाश विजयवर्गीय ने कहा मकान तोड़ने के नाम पर महिलाओं के साथ अधिकारी बदतमीजी कर रहे थे गरीबों के घर तोड़े जा रहे थे तो कैसे चुप बैठें इंदौर में बीजेपी विधायक और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने नगर निगम अधिकारी को धमकाते हुए क्रिकेट बल्ले से पिटाई कर दी बताया जा रहा है की गंजी कंपाउंड क्षेत्र में एक जर्जर मकान को तोड़ने के लिए निगम की टीम पहुंची थी | इस दौरान तीन नंबर क्षेत्र से विधायक आकाश विजयवर्गीय भी वहां आ गए | उन्होंने निगम अधिकारियों को धमकी देते हुए कहा कि आप 5 मिनट में यहां से नहीं गए तो आगे जो होगा इसकी जिम्मेदारी आपकी होगी इसके बाद उनके साथ मौजूद लोगों ने पोकलेन की चाबी निकाल ली | जिसके बाद निगम के अधिकारियों और विधायक के बीच जमकर विवाद शुरू हो गया और मारपीट होने लगी आकाश विजयवर्गीय और उनके साथियों ने पोकलेन मशीन पर पथराव कर उसे फोड़ दिया| निगम अधिकारिओं की पिटाई को लेकर कांग्रेस ने इसे बीजेपी की गुंडा गर्दी बताया कांग्रेस मीडिया प्रभारी नरेंद्र सलूजा ने घटना की कड़ी निंदा की और कहा की जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है उन पर कार्यवाही होनी चाहिए शिवराज सिंह चौहान पर सलूजा ने तंज कसते हुए कहा की इस घटना के बाद इंदौर में भी कानून व्यवस्था को लेकर शिवराज को धरना देना चाहिए इधर प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा की विजयवर्गीय के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी | इधर इस मामले को राजनैतिक रंग दिया जा रहा है | वहीं विधायक आकाश विजयवर्गीय ने इस मामले का दूसरा पक्ष सामने रखा जिसके बाद किसी को भी आक्रोश आ जाना लाजिमी है | आकाश ने आरोप लगाया कि कमिश्नर और एक मंत्री जानबूझकर इंदौर में ऐसे हालात पैदा करवा रहे हैं | उन्होंने कहा आज भी अतिक्रमण हटाने आये लोग महिलाओं के साथ बदसलूकी कर रहे थे |
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पुणे में भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार विदेशियों को दिए जाने वाले क्रम में है। पुणे के एमसीसीआइए भवन में आयोजित समारोह में भारत में मेक्सिको की राजदूत मेल्बा प्रिआ ने पाटिल को सम्मानित किया। पाटिल 2007 से 2012 तक राष्ट्रपति रही हैं। वह भारत की पहली महिला राष्ट्रपति थीं। राजदूत प्रिआ ने बताया कि 1993 में इस पुरस्कार की शुरुआत हुई थी। यह प्रमुख देशों के राष्ट्राध्यक्षों और मेक्सिको में राजदूत रहे लोगों को प्रदान किया जाता है। यह पहला मौका है जब एज्टेक ईगल से किसी महिला को सम्मानित किया गया है। पाटिल ने कहा कि मैं इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को प्रदान करने के लिए धन्यवाद देती हूं। यह सम्मान दोनों देशों की दोस्ती का सम्मान है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने ट्वीट करके पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को बधाई दी है।
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केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद पटेल अपने गृह नगर गोटेगांव पहुंचे। यहां सभी ने उनका जमकर स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे जो जिम्मेदारी सौपी है, उसे मैं पूरा करूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम हर काम तय समय से पहले पूरा करेंगे। पर्यटन मंत्रालय में काम करने की खूब गुंजाइश है। मंत्री पटेल ने कहा कि पहले में मंत्रालय को समझ लूं, इसके बाद यह आश्वस्त करता हूं कि बेहतर से बेहतर कार्य होगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा नदी पर बसे स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ डुमना नेचर पार्क के लिए भी काम किया जाएगा।
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विपक्ष तनाव मुक्ति के लिए कपालभाती करे बाबा रामदेव ने कहा इस समय विपक्ष बहुत तनाव में है | इसलिए विपक्ष के नेताओं को नियमित कपालभाती करना चाहिए | बाबा ने कहा विपक्ष के नेताओं को अब कपालभाति की आदत डाल लेना चाहिए | योग गुरु बाबा रामदेव ने लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि विपक्षी नेताओं को अपने तनाव पर नियंत्रण पाने के लिए अगले 10 से 15 साल तक 'कपालभाती' करना चाहिए | उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को आर्थिक, काल्पनिक और सांस्कृतिक दरिद्रता से मुक्ति मिलेगी | उन्होंने कहा कि अमित शाह, पीयूष गोयल और नितिन गडकरी सहित जिन सभी ने मंत्री के रूप में शपथ ली है वे लोगों की उम्मीदों को पूरा करेंगे और इसके लिए ये अगले पांच वर्षों तक वे कठिन परिश्रम करेंगे | बाबा ने कहा कपालभाति से बड़े से बड़ा तनाव दूर हो जाता है वैसे भी इसे करना चाहिए |
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मोदी की टीम में एमपी के चार चेहरे तोमर,कुलस्ते ,प्रहलाद ,गेहलोत मंत्री बने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नई कैबिनेट में विभागों का बंटवारा कर दिया है | मध्य प्रदेश के मुरैना से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर को देश का नया कृषि मंत्री बनाया गया है | कृषि मंत्रालय के अलावा तोमर के पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है | वहीं मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद थावरचंद गहलोत का विभाग नहीं बदला गया है | उन्हें एक बार फिर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया है | इसके अलावा प्रह्लाद सिंह पटेल जो पहली बार मोदी की नई टीम इंडिया का हिस्सा बने हैं | उन्हें पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है | वहीं आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते को स्टील मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया है | एनडीए-2 सरकार में मध्यप्रदेश के अनुभवी चेहरों को शामिल कर सियासी, जातिगत और भौगोलिक संतुलन बैठाने की कोशिश की है | चंबल-ग्वालियर से सवर्ण नेता नरेंद्र सिंह तोमर | बुंदेलखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले ओबीसी नेता प्रहलाद पटेल ,महाकोशल से आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते और अनुसूचित जाति के वरिष्ठ नेता थावरचंद गेहलोत को मालवांचल के प्रतिनिधि के रूप में मोदी कैबिनेट में स्थान मिला है | संख्या के नजरिए से देखा जाए तो पिछली सरकार में मप्र से पांच मंत्री हुआ करते थे, लेकिन इस बार मप्र को केंद्र सरकार में प्रतिनिधित्व के लिहाज से नुकसान हुआ है | हालांकि शपथ लेने वाले मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मप्र से राज्यसभा सदस्य हैं | इस लिहाज से चार मंत्री एनडीए-2 में शामिल हुए हैं | मोदी सरकार में पिछली बार उमा भारती सहित सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, डॉ. वीरेंद्र कुमार मंत्री थे | अनिल माधव दवे के निधन के बाद डॉ. वीरेंद्र कुमार को कैबिनेट में लिया गया था | इसी तरह मप्र से राज्यसभा सदस्य रहे एमजे अकबर, प्रकाश जावड़ेकर, धर्मेंद्र प्रधान भी मोदी सरकार में शामिल रहे हैं | भाजपा ने प्रदेश में संतुलन बैठाने की कोशिश तो की लेकिन ब्राह्मण वर्ग उपेक्षित रहा , प्रदेश में भाजपा के पास इस वर्ग के नेताओं का टोटा हो गया है | नरेंद्र सिंह तोमर पिछले पांच साल से मोदी सरकार में मंत्री रहे हैं पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ संसदीय कार्य का भी प्रभार रहा प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की सफलता का श्रेय तोमर को मिलता है | मप्र सरकार में मंत्री रहने के साथ ही तोमर मप्र भाजपा के दो बार प्रदेशाध्यक्ष भी रह चुके हैं | राष्ट्रीय महासचिव के साथ उत्तरप्रदेश के प्रभारी रहे हैं | पार्टी में तोमर की संगठन क्षमता का लोहा माना जाता है | थावरचंद गेहलोत देश में भाजपा के सशक्त दलित चेहरे के रूप में पहचाने जाते हैं वे पिछले एक दशक से हाईकमान के करीब रहे हैं पांच बार से लगातार संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं 1996 से 2009 तक शाजापुर सीट से पांच बार लोकसभा के लिए चुने गए फिलहाल वे राज्यसभा सदस्य हैं सामाजिक न्याय मंत्री के रूप में एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन कराने का श्रेय भी गेहलोत को जाता है | राष्ट्रीय महासचिव रहते हुए उत्तरांचल सहित अन्य राज्यों के प्रभारी रहे हैं | प्रहलाद पटेल प्रदेश में ओबीसी वर्ग का बड़ा चेहरा हैंअब तक अलग-अलग तीन सीटों से चौथी बार सांसद बने हैं | मूल रूप से महाकोशल के गोटेगांव निवासी पटेल ने पहला चुनाव 1989 में सिवनी लोकसभा सीट से जीता था | इसके बाद 1999 में बालाघाट से लोकसभा सदस्य रहे 2004 में पटेल ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव लड़कर कांग्रेस नेता कमलनाथ को कड़ी चुनौती दी थी | पिछला चुनाव 2014 में पटेल को बुंदेलखंड की दमोह सीट से लड़वाया गया था | इस बार वे दूसरी बार दमोह से सांसद चुने गए हैं | प्रहलाद पटेल अटल सरकार में राज्यमंत्री भी रहे लोधी जाति के पटेल पिछली सरकार में भी मंत्री पद की दौड़ में थे, लेकिन इसी वर्ग की उमा भारती के केंद्र में मंत्री होने के कारण अन्य किसी भी ओबीसी नेता को मंत्री नहीं बनाया गया था | आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला सीट से छठवीं बार लोकसभा सदस्य चुने गए हैं | अटल सरकार में 1999 में पहली बार कुलस्ते को राज्यमंत्री बनाया गया था | मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी कुलस्ते मंत्री बनाए गए थे, लेकिन विस्तार में हटा दिए गए थे | 1996 में पहली बार लोकसभा सदस्य बने कुलस्ते 2009 में एक बार चुनाव हार गए थे | कुलस्ते भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं |
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रतलाम से चुनाव हारे कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने अपनी हार का ठीकरा बैंकवालों पर फोड़ दिया हैउन्होंने कहा कर्जमाफी पर बैंक वालों ने बीजेपी का साथ दियाइसलिए हम चुनाव हार गएलोकसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे पूर्व सांसद कांतिलाल भूरिया ने कहा चुनाव में भाजपा ने झूठ फैलाया कर्जमाफी के बाद भी किसानों को भ्रमित कर अफवाह फैलाई कि कर्ज नहीं चुकाने पर कुर्की हो जाएगी इसमें बैंक वाले भी शामिल थे इससे जनता भ्रमित हो गई और यही हार का कारण बना झाबुआ से विधायक सीट खाली होने या सांसद के तौर पर भाजपा के सांसद गुमानसिंह डामर द्वारा इस्तीफा देने की संभावना के बीच दोबारा चुनाव लड़ने पर भूरिया ने कहा कि यह हाईकमान तय करता है | भाजपा किस सीट को रिक्त कराएगी यह उनका आंतरिक मामला है। वे रतलाम में हार की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे |
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पटना के गाँधी मैदान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला और महागठबंधन को भी निशाने पर लिया। पीएम मोदी नेकहा वोट लेकर भूल जाने वालों को अब देश पहचान गया है। परिवार की राजनीति करने वालों के पास मोदी को गाली देने के अलावा कोई काम नहीं बचा है। विपक्ष में मोदी को गाली देने का कम्पटीशन चल रहा है। ये वो लोग हैं जिन्हे सेना पर भरोसा नहीं हैं ये सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगते है। पीएम मोदी ने कहा मैं एक बार फिर आप लोगों के बड़ी संख्या में यहां आने के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत माता की जय।पीएम मोदी: यह नियत-नियत का फर्क है। मैं देश को आगे बढ़ाने में लगा हूं और वो मुझे विकास के रास्ते से हटाना चाहते हैं। वो कहते हैं आओ मिलकर मोदी को खत्म करें, मैं कहता हूं आओ मिलकर आतंकवाद को खत्म करें। वे कहते हैं आओं मिलकर मोदी को खत्म करें, मै कहता हूं सब मिलकर गरीबी, भ्रष्टाचार को खत्म करें। पीएम ने कहा क्राउन प्रिंस ने हमारे आग्रह पर भारतीय कैदियों के साथ सकारात्मक रुख अपनाया और सैकड़ों कैदियों को रिहा किया। हमारे आग्रह पर क्राउन प्रिंस ने हज को कोटा बढ़ाया। ऐसा सिर्फ दुनिया में भारत के साथ ही हुआ है। कांग्रेस ने लंबे समय तक देश पर राज किया, लेकिन पहले ऐसा क्यों नही हुआ, इसका जवाब कांग्रेस को देना चाहिए। अब भारत अपने वीर जवानों के बलिदान पर चुप नहीं बैठता है चुन-चुनकर बदला लेता है। इस्लामिक देशों की कांफ्रेंस में भारत को बुलवाया गया और उसकी बात को सुना गया। पीएम मोदी ने कहा उनकी बातों पर पाकिस्तान में लोगों के चेहरे खिल उठे हैं। क्या पाकिस्तान में ताली बजे ऐसा पाप करना चाहिए क्या? हमारे वीर जवानों के पराक्रम पर संदेह कर रहे हैं। पहले सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांग रहे थे अब फिर से वही काम वह कर रहे हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेता ऐसी बाते कर रहे हैं जिससे देश के दुश्मनों को फायदा हो रहा है। महामिलावट के घटक अपने लिए जीते हैं उनको देश की परवाह नहीं है। जब देश की सेना आतंक को कुचलने में जुटी है ऐसे समय में देस के अंदर कुछ लोग देश की आवाज को सेना के हौंसलों को पस्त करने में लगे हुए हैं।
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इंदौर में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक का सबूत मांगा था। दिग्विजय को इस मामले में महबूबा मुफ्ती का साथ मिला है। मेहबूबा ने भी यही मांग दोहराई है। इस बीच दिग्विजय सिंह द्वारा पाकिस्तान में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक का सबूत मांगने पर बवाल खड़ा हो गया। भाजपा नेताओं ने इसका विरोध किया है । दिग्विजय सिंह ने कहा था कि हमें भी अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन के खिलाफ किए गए ऑपरेशन की तरह सबूत देना चाहिए। इस दौरान उन्होंने भारतीय पायलट को लौटाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की तारीफ भी की थी। इस बारे में दिग्विजय के बेटे और मध्यप्रदेश के मंत्री जयवर्धन सिंह ने पिता के बयान को सही बताया है। जयवर्धन ने कहा कि हम सेना के साथ खड़े हैं, पिता ने पायलट को लौटाने पर इमरान खान को धन्यवाद दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि पाकिस्तान हाफिज सईद और अजहर मसूद को भी भारत को सौप दे। इस बीच, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में वायुसेना की स्ट्राइक और दुश्मन देश से सुरक्षित लौट आए वायुसेना के पायलट अभिनंदर वर्तमान को लेकर भी देश में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद को इस बात का फक्र है कि अभिनंदन यूपीए शासन में फाइटर पायलट बने। खुर्शीद ने अपने ट्वीट में लिखा, ''दुश्मन की आक्रामकता के सामने भारतीय प्रतिरोध के चेहरे विंग कमांडर अभिनंदन को बहुत-बहुत बधाई। संकट के समय उन्होंने शानदार संतुलन और आत्मविश्वास दिखाया। हमें इस बात का गर्व है कि वे 2004 में एयरफोर्स में शामिल हुए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के शासनकाल के दौरान एक मैच्योर फाइटर पायलट बने।'
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भोपाल में मुख्यमंत्री कमल नाथ को एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सी.ई.ओ. संजय अग्रवाल ने मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए 10 लाख रूपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री श्री नाथ को श्री अग्रवाल ने बताया कि एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने पिछले 21 माह में 2 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया है।
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गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विधेयक तो मंजूर हो चुका है, लेकिन ये राज्य सरकारों पर निर्भर है कि वे इसे अपने राज्यों में किस तरह से लागू करती हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश में इस विधेयक के लागू होने का रास्ता पूरी तरह से अब साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में गरीब सवर्ण को दस फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। लोक भवन में केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर आज योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश में भी लागू करने को हरी झंडी प्रदान कर दी है। यूपी में सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 14 जनवरी से 10 फीसदी गरीब सवर्ण आरक्षण लागू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में 14 महत्वपूर्ण फ़ैसले किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज कैबिनेट की बैठक बुलाई। इस बैठकमें कई महत्वपूर्ण निर्णयों को भी मंजूरी दी गई। इसमें गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके साथ एक जिला एक उत्पाद योजना, आबकारी विभाग, सहित 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया। बैठक में तय किया गया कि मंत्रियों को एक करोड़ रूपये तक की परियोजना संस्तुत करने के लिए कैबिनेट के अनुमोदन की ज़रूरत नहीं होगी। सवर्णों के लिए आरक्षण लागू करने वाला उत्तर प्रदेश चौथा राज्य बन गया है।समाज कल्याण विभाग ने सरकारी नौकरियों व सभी तरह की शिक्षण संस्थाओं (अल्पसंख्यक छोड़कर) में प्रवेश में गरीबों को आरक्षण देने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।इसके लिए अध्यादेश के मसौदे को भी मंजूरी दी जाएगी। इसके तहत गरीब सवर्णों को शिक्षा व नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने केंद्र सरकार और गुजरात सरकार के आरक्षण फार्मूले का अध्ययन किया है। अध्ययन के बाद तय किया है कि केंद्र सरकार के आरक्षण फार्मूले को यहां लागू करने के लिए अध्यादेश लाया जाए। केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले के बाद गुजरात, झारखंड और उत्तराखंड सरकार ने भी अपने-अपने राज्य में लागू कर दिया। केंद्र सरकार के फैसले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्वीकृति की मुहर लगा चुके हैं। उसके सरकार ने गजट नोटिफिकेशन भी कर दिया। केंद्र सरकार के संस्थानों में शिक्षा व नौकरियों में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
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आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए ममता बनर्जी बीजेपी विरोधी दलों को साथ लाने का काम कर रही हैं।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर मैदान में उतर चुकी हैं। इसके लिए अब ममता 19 जनवरी को बड़ी रैली का आयोजन करने जा रही है। जहां भाजपा विरोधी पार्टियों को रैली में आमंत्रित किया गया है। इस रैली को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने समर्थन दे दिया है। राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखते हुए कहा है कि पूरा विपक्ष एकजुट है। मैं ममता दीदी को एकता और उम्मीद के इस प्रदर्शन को समर्थन देते हैं जो एक देश का संदेश देगा। तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि आज़ादी के बाद ये विपक्ष की सबसे बड़ी रैली होगी। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, डीएमके, जनता दल यूनाइटेड (सेक्युलर ) , कांग्रेस तेलगुदेशम पार्टी के सदस्यों के रैली में शामिल होने की खबर है। आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए ममता बनर्जी बीजेपी विरोधी दलों को साथ लाने का काम कर रही हैं। 19 जनवरी को कोलकाता के सबसे बड़े मैदान ब्रिगेड परेड ग्राउंड में पार्टी की महारैली होने वाली है। इस रैली में भाजपा विरोधी गुटों को आमंत्रित किया गया है। इस रैली में विपक्षी नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के शीर्ष नेता फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार, उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सहमति दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती खुद नहीं शामिल होकर अपना प्रतिनिधि भेजेंगे। बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा,कांग्रेस से मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे।साथ ही सीएम ममता की इस रैली के माध्यम से विपक्षी एकता का भी प्रदर्शन किया जाएगा। शहर के मध्य में स्थित ब्रिगेड परेड में आयोजित होने वाली रैली में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। विशाल रैली में मुख्यमंत्रियों अरविंद केजरीवाल, एच कुमारस्वामी, एन चंद्रबाबू नायडू के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला तथा राजद नेता तेजस्वी यादव, द्रमुक के एम के स्टालिन, असंतुष्ट भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के अलावा अन्य नेताओं के शामिल होने की संभावना है। ममता बनर्जी के साथ मंच पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, राकांपा नेता शरद पवार, रालोद नेता चौधरी अजीत सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी, पाटीदार नेता हार्दिक पटेल, दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रमुख बाबूलाल मरांडी भी मौजूद रहेंगे।लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे भी कांग्रेस की ओर से रैली में शामिल होंगे।
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कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पहली अनौपचारिक बैठक हुई। बैठक में मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि बिजली बिल की वसूली में अधिकारी मनमानी कर रहे हैं। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। सूत्रों के मुताबिक, अनौपचारिक कैबिनेट बैठक में मंत्रियों ने कहा कि बिजली कंपनियां किसानों को नोटिस दे रही हैं। जब्ती बना रही हैं। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। इसके साथ ही मंत्रियों ने कर्ज माफी को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इतना बड़ा फैसला लिया है तो इसे किसानों तक पहुंचाना चाहिए कि कांग्रेस ने कर्ज से मुक्ति दिलाई है। मंत्रियों में से डॉ. गोविंद सिंह, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, तुलसीराम सिलावट, ओमकार सिंह मरकाम व तरुण भनोत ने विचार रखे। सूत्र बताते हैं कि अनौपचारिक बैठक में मुख्यमंत्री नाथ ने मंत्रियों को काम और आने-जाने के लिए समय का ध्यान रखने की नसीहत दी। वहीं, उन्होंने कांग्रेस संगठन को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि यह मातृ संस्था है और इसीलिए पहली कैबिनेट की अनौपचारिक बैठक यहां रखी गई है। मंत्रियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र और उसके आसपास के क्षेत्र में विकास के काम करें। सबको मिलकर काम करना है और वचन पत्र के हिसाब से काम करें। अनौपचारिक बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और मंत्रियों को भीड़ के बीच से गुजरना पड़ा। पीसीसी के मुख्यद्वार पर कमांडों को खड़ा कर बंद कर दिया गया तो दूसरे प्रवेश द्वार से मंत्रियों का प्रवेश कराया गया। यहां भी भीड़ के कारण पुलिस ने घेरा बनाकर मंत्रियों को भीतर प्रवेश कराया। मुख्यमंत्री को ताले तोड़कर बैठक स्थल तक पहुंचना पड़ा। मंत्रियों को धक्का-मुक्की के बीच अंदर प्रवेश कराया गया। वहीं, लिंक रोड पर शिवाजी चौक से लेकर चिनार पार्क के सामने कई बार जाम के हालात बने।
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राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पिछली वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के फैसलों की समीक्षा कराएगी। एक तरफ जहां वसुंधरा राजे सरकार की कथित अनियमितताओं जांच के लिए आयोग गठित करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मंत्रियों की समिति वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के अंतिम दौर में हुए फैसलों की समीक्षा करेगी। आयोग हाईकोर्ट के सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में बनेगा। इस बारे में अधिकारिक आदेश अगले कुछ दिनों में जारी कर दिए जाएंगे। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं की जांच कराने की बात कही थी। अब सत्ता संभालते ही गहलोत और पायलट के बीच वसुंधरा सरकार के दौरान हुए खान,जलदाय,चिकित्सा और आईटी विभागों में हुई अनियमितताओं की जांच कराने को लेकर सहमति बनी है। अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में भी वसुंधरा राजे के साल 2003 से 2008 तक सीएम रहते हुए अनियमितताओं की जांच के लिए एन.एन.माथुर आयोग गठित किया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की याचिका पर इस आयोग के गठन को रदद कर दिया था । लेकिन इस बार फिर वसुंधरा राजे सरकार के 2013 से 2018 तक के कार्यकाल में हुई कथित अनियमितताओं की जांच कराने को लेकर आयोग बनाने की तैयारी की जा रही है । उधर वसुंधरा राजे सरकार द्वारा कार्यकाल के अंतिम छह माह में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए मंत्रियों की उच्च स्तरीय समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया है । इस बारे में अधिकारिक घोषणा अगले कुछ दिनों में हो जाएगी । उल्लेखनीय है कि विपक्ष में रहते हुए गहलोत ने कई बार अफसरों को चेतावनी दी थी कि यदि वे वसुंधरा राजे के कहने पर गलत काम करेंगे तो कांग्रेस के सत्ता में आने पर जांच कराई जाएगी और उन्हे इसका अंजाम भुगतना होगा । सरकार के एक विश्वस्त सूत्र के अनुसार गहलोत सरकार के निशाने पर भाजपा सरकार में मंत्री रहे नेता और कुछ अधिकारी है। इन लोगों पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके है । दो आईएएस अफसरों को जेल भी जाना पड़ा है। अब गहलोत सरकार ने इन अफसरों और नेताओं के बारे में पूरी रिपोर्ट तैयार कराई है । यह रिपोर्ट एक सेवािनवृत आईएएस अधिकारी और सीएमओ में तैनात एक अधिकारी ने तैयार की है।
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के टारगेट 'अब की बार 200 पार" को पाने के लिए पार्टी पूरी ताकत लगा रही है। पार्टी ने सर्वे में कमजोर परफॉरमेंस वाले विधायकों को टिकट बदलने के संकेत दे दिए हैं। पिछले ड़ेढ़ साल के दौरान लगभग 67 विधायकों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने वन-टू-वन बातचीत की थी। उन सभी को पार्टी के प्रत्याशी केपक्ष में काम करने कहा गया है। सर्वे में बताया गया था कि 67 से अधिक विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। कई विधायकों के बारे में सर्वे रिपोर्ट में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने, मुलाकात नहीं करने सहित कई तरह की शिकायतें भी प्राप्त हुई थीं। सत्ता और संगठन पिछले डेढ़ साल से इन्हें कामकाज सुधारने की सलाह दे रहा था। बार-बार उनसे कहा गया था कि कार्यकर्ता नाराज रहेंगे तो आप किसके भरोसे चुनाव लड़ोगे। इसके बावजूद विधायक अपना परफॉरमेंस नहीं सुधार पाए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिन विधायकों के टिकट काटे जा रहे हैं, उन्हें उनके विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट से काफी पहले अवगत करा दिया गया था। रिपोर्ट में एक-एक वर्ग से लेकर वार्ड-मोहल्ले और गांव में विधायक के कामकाज और कार्यकर्ताओं के साथ उनके समन्वय सहित आम जनता की नजर में उनकी छवि का बिंदुवार उल्लेख किया गया है। गौरतलब है कि इस रिपोर्ट के आधार पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के वक्त विधायकों के परफारमेंस पर विस्तार से चर्चा हुई थी। इसमें बताया गया था कि लगभग 70 विधायक ऐसे हैं जो अब चुनाव जीतने की स्थिति में नहीं हैं। कमजोर परफारमेंस वले इन विधायकों को लेकर पार्टी की कवायद काफी पहले से चल रही है। हर विधायक के साथ बातचीत में उनके विधानसभा क्षेत्र की सर्वे रिपोर्ट भी साथ रखी गई थी। विधायकों को बाकायदा बताया गया कि उनके इलाके में सरकार की ओर से कितने विकास कार्य करवाए गए हैं। उनके इलाके में कांग्रेस की स्थिति क्या है। दलित वोट बैंक विधायक से कितना नाराज है। अल्पसंख्यक वोटों में विधायक को लेकर किस तरह की नाराजी है। इस तरह हर एक पहलू से विधायकों को अवगत कराया गया था। उन्हें समय भी दिया गया था कि वे अपना परफारमेंस सुधार सकते हैं। विधायकों से कहा था कि कार्यकताओं के साथ समन्वय बढ़ाएं। सर्वे रिपोर्ट में कई विधायकों के बारे में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करने, मुलाकात नहीं करने सहित कई तरह की शिकायतें भी प्राप्त हुई थीं। इसके बाद उन्हें सुधार करने का मौका भी दिया, फिर भी कोई खास बदलाव नहीं आया। बीजेपी के प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के कार्यों का समय-समय पर आकलन होता रहता है। सभी का परफॉरमेंस पार्टी और मुख्यमंत्री के समक्ष स्पष्ट है। पार्टी की राय भी स्पष्ट है कि सिर्फ जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा ।
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की होड़ लगी हुई है। पहले चरण की 18 सीटों के लिए इस बार ज्यादा ही उम्मीदवार रुचि दिखा रहे हैं। नामांकनपत्र भरने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसमें सभी जानकारी सही देनी होती है। लिखने में त्रुटि होने या गलत जानकारी देने से नामांकनपत्र खारिज हो जाता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाता। बीते दो विधानसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि जिन इलाकों को पढ़ा-लिखा माना जाता है, वहीं के नामांकनपत्र ज्यादा खारिज किए गए हैं। इसके विपरीत जंगल इलाके की विधानसभा सीटों पर भरे गए ज्यादातर नामांकनपत्र ही पाए गए हैं। नामांकनपत्र सही तरीके से भरने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारी हर जिले में राजनीतिक दलों की मीटिंग लेते हैं। इसके बाद भी बड़े शहरों के उम्मीदवार इसमें गलती कर रहे हैं। हर दल अपने वकील सदस्यों की मदद इसमें लेते हैं। बस्तर की कोंटा और बीजापुर विधानसभा सीटों को दुर्गम इलाका माना जाता है। वहां शिक्षा के साधन भी मजबूत नहीं हैं। इसके बाद भी चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार सही तरीके से नामांकन भरते हैं। कोंटा में पिछले चुनाव में छह और 2008 के चुनाव में चार पर्चे भरे गए। इनमें से किसी का रद नहीं हुआ। इसी तरह बीजापुर में बीते चुनाव में सात प्रत्याशियों में से केवल एक का पर्चा रद हुआ। 2008 में यहां से दस पर्चे भरे गए और एक ही रद हुआ। जगदलपुर और बस्तर सबसे कमजोर बस्तर संभाग में जगदलपुर और बस्तर सीट के उम्मीदवार इस काम सबसे कमजोर दिख रहे हैं। बीते चुनाव में जगदलपुर में 38 में से 18 पर्चे निरस्त कर दिए गए थे। बस्तर सीट का भी यही हाल रहा, वहां बीते चुनाव में 18 में से 11 पर्चे गलत पाए गए। पिछले चुनाव में चित्रकोट सीट से भी यह संयोग जुड़ा हुआ है। वहां 22 में से 14 रद हुए। अहिवारा सीट के लिए बीते चुनाव में 29 नामांकन भरे गए थे, मगर इसमें 15 रद हो गए। भिलाई नगर सीट पर 2008 में 18 में से छह और पिछले चुनाव में 23 में से चार खारिज कर दिए गए थे। वैशालीनगर सीट के 2013 के चुनाव में 25 में से पांच और 2008 में 22 में से तीन रद हुए। दुर्ग ग्रामीण में खारिज पर्चे की संख्या तीन तक ही रही है। गुंडरदेही में पिछले चुनाव में 23 में से सात और संजारी बालोद में 15 में से पांच नामांकन बीते चुनाव में खारिज किए गए।
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की होड़ लगी हुई है। पहले चरण की 18 सीटों के लिए इस बार ज्यादा ही उम्मीदवार रुचि दिखा रहे हैं। नामांकनपत्र भरने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसमें सभी जानकारी सही देनी होती है। लिखने में त्रुटि होने या गलत जानकारी देने से नामांकनपत्र खारिज हो जाता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाता। बीते दो विधानसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि जिन इलाकों को पढ़ा-लिखा माना जाता है, वहीं के नामांकनपत्र ज्यादा खारिज किए गए हैं। इसके विपरीत जंगल इलाके की विधानसभा सीटों पर भरे गए ज्यादातर नामांकनपत्र ही पाए गए हैं। नामांकनपत्र सही तरीके से भरने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारी हर जिले में राजनीतिक दलों की मीटिंग लेते हैं। इसके बाद भी बड़े शहरों के उम्मीदवार इसमें गलती कर रहे हैं। हर दल अपने वकील सदस्यों की मदद इसमें लेते हैं। बस्तर की कोंटा और बीजापुर विधानसभा सीटों को दुर्गम इलाका माना जाता है। वहां शिक्षा के साधन भी मजबूत नहीं हैं। इसके बाद भी चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार सही तरीके से नामांकन भरते हैं। कोंटा में पिछले चुनाव में छह और 2008 के चुनाव में चार पर्चे भरे गए। इनमें से किसी का रद नहीं हुआ। इसी तरह बीजापुर में बीते चुनाव में सात प्रत्याशियों में से केवल एक का पर्चा रद हुआ। 2008 में यहां से दस पर्चे भरे गए और एक ही रद हुआ। जगदलपुर और बस्तर सबसे कमजोर बस्तर संभाग में जगदलपुर और बस्तर सीट के उम्मीदवार इस काम सबसे कमजोर दिख रहे हैं। बीते चुनाव में जगदलपुर में 38 में से 18 पर्चे निरस्त कर दिए गए थे। बस्तर सीट का भी यही हाल रहा, वहां बीते चुनाव में 18 में से 11 पर्चे गलत पाए गए। पिछले चुनाव में चित्रकोट सीट से भी यह संयोग जुड़ा हुआ है। वहां 22 में से 14 रद हुए। अहिवारा सीट के लिए बीते चुनाव में 29 नामांकन भरे गए थे, मगर इसमें 15 रद हो गए। भिलाई नगर सीट पर 2008 में 18 में से छह और पिछले चुनाव में 23 में से चार खारिज कर दिए गए थे। वैशालीनगर सीट के 2013 के चुनाव में 25 में से पांच और 2008 में 22 में से तीन रद हुए। दुर्ग ग्रामीण में खारिज पर्चे की संख्या तीन तक ही रही है। गुंडरदेही में पिछले चुनाव में 23 में से सात और संजारी बालोद में 15 में से पांच नामांकन बीते चुनाव में खारिज किए गए।
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छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की होड़ लगी हुई है। पहले चरण की 18 सीटों के लिए इस बार ज्यादा ही उम्मीदवार रुचि दिखा रहे हैं। नामांकनपत्र भरने के लिए एक प्रक्रिया होती है, जिसमें सभी जानकारी सही देनी होती है। लिखने में त्रुटि होने या गलत जानकारी देने से नामांकनपत्र खारिज हो जाता है। ऐसी स्थिति में उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाता। बीते दो विधानसभा चुनावों का विश्लेषण करें तो पता चलता है कि जिन इलाकों को पढ़ा-लिखा माना जाता है, वहीं के नामांकनपत्र ज्यादा खारिज किए गए हैं। इसके विपरीत जंगल इलाके की विधानसभा सीटों पर भरे गए ज्यादातर नामांकनपत्र ही पाए गए हैं। नामांकनपत्र सही तरीके से भरने के लिए चुनाव आयोग के अधिकारी हर जिले में राजनीतिक दलों की मीटिंग लेते हैं। इसके बाद भी बड़े शहरों के उम्मीदवार इसमें गलती कर रहे हैं। हर दल अपने वकील सदस्यों की मदद इसमें लेते हैं। बस्तर की कोंटा और बीजापुर विधानसभा सीटों को दुर्गम इलाका माना जाता है। वहां शिक्षा के साधन भी मजबूत नहीं हैं। इसके बाद भी चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार सही तरीके से नामांकन भरते हैं। कोंटा में पिछले चुनाव में छह और 2008 के चुनाव में चार पर्चे भरे गए। इनमें से किसी का रद नहीं हुआ। इसी तरह बीजापुर में बीते चुनाव में सात प्रत्याशियों में से केवल एक का पर्चा रद हुआ। 2008 में यहां से दस पर्चे भरे गए और एक ही रद हुआ। जगदलपुर और बस्तर सबसे कमजोर बस्तर संभाग में जगदलपुर और बस्तर सीट के उम्मीदवार इस काम सबसे कमजोर दिख रहे हैं। बीते चुनाव में जगदलपुर में 38 में से 18 पर्चे निरस्त कर दिए गए थे। बस्तर सीट का भी यही हाल रहा, वहां बीते चुनाव में 18 में से 11 पर्चे गलत पाए गए। पिछले चुनाव में चित्रकोट सीट से भी यह संयोग जुड़ा हुआ है। वहां 22 में से 14 रद हुए। अहिवारा सीट के लिए बीते चुनाव में 29 नामांकन भरे गए थे, मगर इसमें 15 रद हो गए। भिलाई नगर सीट पर 2008 में 18 में से छह और पिछले चुनाव में 23 में से चार खारिज कर दिए गए थे। वैशालीनगर सीट के 2013 के चुनाव में 25 में से पांच और 2008 में 22 में से तीन रद हुए। दुर्ग ग्रामीण में खारिज पर्चे की संख्या तीन तक ही रही है। गुंडरदेही में पिछले चुनाव में 23 में से सात और संजारी बालोद में 15 में से पांच नामांकन बीते चुनाव में खारिज किए गए।
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मध्यप्रदेश और राजस्थान में बसपा के साथ गठबंधन करके भाजपा को चुनौती देने की कांग्रेस की मंशाओं पर पानी फिर गया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को साफ कर दिया कि इन दोनों राज्यों में भी बसपा अपने बूते चुनाव लड़ेगी। इससे पहले छत्तीसगढ़ में भी बसपा ने कांग्रेस को छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से हाथ मिला लिया है। बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया मायावती ने बुधवार को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता यह गठबंधन नहीं चाहते। वो ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों से डरते हैं। दिग्विजय तो वैसे भी भाजपा के एजेंट हैं। वो कहते हैं कि मैं केंद्र सरकार के दबाव में हूं। ये आधारहीन आरोप हैं। मुझे लगता है कि सोनिया और राहुल गांधी कांग्रेस-बसपा गठबंधन को लेकर ईमानदार हैं। लेकिन, कांग्रेस के कुछ नेता उनके प्रयासों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बसपा राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। मायावती ने यह भी कहा कि वे (कांग्रेस) घमंडी हो रहे हैं और उन्हें गलत धारणा है कि वे अकेले ही भाजपा को पराजित कर सकते हैं, लेकिन जमीन की वास्तविकता यह है कि लोगों ने कांग्रेस की पार्टी को उनकी गलतियों और भ्रष्टाचार के लिए माफ नहीं किया है। वे खुद को सुधारने के लिए तैयार नहीं हैं। दरअसल, दिग्विजय सिंह ने बयान दिया था कि बसपा मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस से इसलिए गठबंधन नहीं करना चाहती क्योंकि मायावती सीबीआई से डरती है। जिसका जवाब आज मायावती ने दिया।
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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की तबीयत बुधवार सुबह अचानक बिगड़ गई। उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर आईसीयू में उनका इलाज कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि तोमर का शुगर लेवल अचानक बढ़ गया था। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। साथ मौजूद लोग उन्हें तुरंत एम्स लेकर पहुंचे। नरेंद्र सिंह तोमर की तबीतय बिगड़ने की खबर मिलते ही उनके समर्थक एम्स अस्पताल पहुंचना शुरू हो गए हैं।
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अभी से ताकत झोंक दी है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल से शंखनाद करने के बाद पार्टी उन्हें प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में ले जा रही है। अक्टूबर में राहुल महाकोशल, ग्वालियर और मालवा क्षेत्र में चार दिन के चुनावी दौरे करेंगे। प्रदेश में 15 साल से सत्ता से दूर कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर रही है। मंदसौर गोलीकांड में किसानों की मौत की बरसी पर छह जून को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आए थे। उसमें विधायक और पीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ मोटर साइकिल पर घूमकर राहुल गांधी ने माहौल बनाया था। इसके बाद 17 सितंबर को भोपाल से राहुल ने चुनाव अभियान का शंखनाद किया। भोपाल में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए उनसे सीधे संवाद करने के पहले करीब साढ़े 12 किलोमीटर का रोड शो किया। 27 और 28 सितंबर को वे विंध्य क्षेत्र में चुनावी दौरे पर हैं। इसमें भी वे सभाएं और रोड शो कर रहे हैं। मध्यभारत और विंध्य के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी राहुल गांधी को महाकोशल, ग्वालियर और मालवा क्षेत्र में ले जाने का चुनावी दौरा तैयार कर रही है। अगले महीने पांच और छह अक्टूबर को राहुल गांधी जबलपुर और ग्वालियर में रहेंगे। दोनों स्थानों पर वे कार्यकर्ताओं से संवाद के साथ रोड शो भी करेंगे। ग्वालियर में एक सम्मेलन भी प्रस्तावित है, जिसमें उनकी मौजूदगी अभी तय करने का प्रयास चल रहा है। इसके बाद राहुल 15 और 16 अक्टूबर को फिर मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र के दौरे पर पहुंचेंगे। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर व धार्मिक शहर उज्जैन के दौरों का प्रस्ताव भी है।
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भाजपा के हिदुत्व का जवाब देने के लिए कांग्रेस पिछले कुछ चुनावों से लगातार सॉफ्ट हिदुत्व की राह पर चल रही है। गुजरात में मंदिर-मंदिर घूमकर कांग्र्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की छवि सॉफ्ट हिदुत्व की बनाने की जो पहल शुरू की वह मध्यप्रदेश के चुनाव के आते तक राममय होने लगी है। ऐसे में मप्र में राम कांग्र्रेस के मुद्दा हो सकते हैं पर छत्तीसगढ़ में तो रोटी पर ही चुनाव लड़ जाएगा। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने राम वनगमन मार्ग पर काम शुरू किया है। इसे चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की बात भी कही जा रही है। चुनाव प्रचार के तहत कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के विंध्य पर्वत श्रेणी से लेकर प्रदेश के दक्षिणी हिस्से तक राम वनगमन मार्ग की तलाश भी शुरू कर दी है। उधर, छत्तीसगढ़ में भाजपाई मंत्री की कथित सेक्स सीडी में उलझी कांग्र्रेस जंगल सत्याग्रह से लेकर तमाम और आयोजन करने की तैयारी में है, लेकिन राम का नाम नहीं ले रही है। मध्यप्रदेश में राम का सहारा है तो यहां क्यों नहीं? इस सवाल पर कांग्रेस के प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी कहते हैं-यहां लोगों की रोजी-रोटी ही प्रमुख मुद्दा है। प्रदेश में भय, भूख, भ्रष्टाचार का मुद्दा ज्यादा अहम है। भाजपा और रमन सरकार के 15 साल के कुशासन से जनता त्रस्त हो गई है। वे कहते हैं राम भी हमें याद हैं। हो सकता है आगे राम पर भी कुछ कार्यक्रम हों, लेकिन अभी तो पार्टी ने ऐसा कुछ सोचा नहीं है। भगवान राम की बात हो तो छत्तीसगढ़ यानी दक्षिण कौशल और दंडकारण्य की चर्चा जरूर होगी। अपने वनवास का ज्यादातर समय राम ने यहीं गुजारा था। छत्तीसगढ़ को भगवान राम की ननिहाल भी माना जाता है, लेकिन यहां राम मुद्दा नहीं हैं। असल में राजनीति चलती ही ऐसे है। मध्यप्रदेश में एससी-एसटी एक्ट पर सवर्ण आंदोलन खड़ा हो गया। भाजपा भी वहां हिदुत्व को लेकर मुखर है, जबकि यहां तो भाजपा भी राम के बजाय विकास के नाम पर वोट मांगने निकली है। छत्तीसगढ़ में भगवान से राम से जुड़े कई स्थल मिलते हैं। भगवान राम मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के भरतपुर पहुंचे थे। यहां से जनकपुर, बैकुंठपुर होते हुए देवगढ़ के जमदाग्नि आश्रम पहुंचे थे। भगवान राम विश्रामपुर से होकर सीतापुर के गुरु गाहिरा आश्रम आए थे। कोरबा में लक्ष्मण पादुका, रामझरना जैसे स्थल हैं। शिवरीनारायण को भगवान राम का स्थल माना जाता है। तुरतुरिया में ऋषि वाल्मीकि का आश्रम है। फिंगेश्वर, राजिम, सिहावा आदि जगहों पर भगवान राम के ढेरों प्रमाण मिलते हैं। भगवान राम ने छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य इलाके में वनवास का सबसे ज्यादा समय गुजारा था। धमतरी जिले के सिहावा से धनोरा के रास्ते भगवान राम ने दंडकारण्य में प्रवेश किया था। बस्तर में नारायणपुर, चित्रकोट, बारसूर, सुकमा जिले के रामारम के रास्ते भगवान वर्तमान तेलंगाना के भद्राचलम पहुंचे थे। इसी रास्ते से होते हुए रामेश्वरम तक गए थे।
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सिर्फ आपकी ही नहीं बात करते वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी कॉल ड्राप हो गई। पीएम ने बताया कि नई दिल्ली एयरपोर्ट से अपने आधिकारिक आवास तक यात्रा करते समय उनकी कॉल ड्राप हो गई थी। इस अनुभव को दूरसंचार विभाग के साथ साझा करते हुए पीएम ने इस परेशानी का तकनीकी समाधान ढूंढने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि ऑपरेटर्स उच्च स्तर वाली उपभोक्ता संतुष्टि प्रदान करें। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने टेलीकॉम सचिव से यह भी कहा कि यह भी तय करें कि कॉल ड्राप होने पर टेलीकॉम ऑपरेटर पर कितना जुर्माना लगाने की आवश्यकता है। पीएम का बयान ऐसे समय पर आया है, जब उन्होंने शीर्ष सचिवों के साथ प्रगति अभियान के अंतर्गत दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन के नेतृत्व में उन शिकायतों को साझा किया था, जो उन्हें ग्राहकों से मिली थीं। इनमें कॉल ड्रॉप की समस्या भी शामिल थी। एक अधिकारी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कैसे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते ही वह लगातार फोन करने की कोशिश करते रहते हैं और कॉल ड्रॉप अब राष्ट्रीव्यापी खतरा बन गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीड़ित उपभोक्ताओं की परेशानी का समाधान निकालना बहुत जरूरी है। सुंदरराजन ने पीएम को बताया कि तीन कॉल ड्रॉप होने पर एक रुपया वसूले जाने वाले प्रस्ताव ने ठीक तरह से काम नहीं किया, जिसके बाद दूरसंचार नियामक ट्राई ने क्वालिटी ऑफ सर्विस मानदंड को पेश किया। इसमें खराब नेटवर्क की वजह से बड़े अर्थ दंड लगाए जाने का प्रावधान है। हालांकि, जहां तक खराब नेटवर्क की वजह से मोबाइल ऑपरेटर्स से वसूले गए जुर्माने के आकंड़ों की बात है मंत्रालय उसका विवरण नहीं दे सकता है। ट्राई के नए नियमों के अनुसार हर मोबाइल टावर से जुड़े नेटवर्क की सर्विस का मिलान किया जाएगा। दो फीसदी से ज्यादा कॉल ड्रॉप होने पर कंपनियों को 5 लाख रुपए तक का जुर्माना देना होगा।
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मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 15 साल बाद कांग्रेस की हार की वजह बताई। उन्होंने कहा कि 2003 में राज्य में कांग्रेस की हार के लिए छत्तीसगढ़ की तत्कालीन जोगी सरकार जिम्मेदार है। यदि जोगी सरकार बिजली दे देती उनकी पार्टी की हार नहीं होती। गौरतलब है कि 2003 में दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री थे और उस विस चुनाव में उनका जबर्दस्त विरोध हुआ था। बालाघाट प्रवास के दौरान दिग्विजय सिंह के बयान में 15 साल बाद हार का दर्द छलका। दिग्विजय सिंह ने कहा कि बंटवारे के दौरान सारे पावर प्लांट छत्तीसगढ़ के पास चले गए और उपभोक्ता मध्यप्रदेश में रह गए। इस दौरान उन्होंने भी छग से बिजली की मांग की थी, पर भले ही छग में कांग्रेस की सरकार रही हो, तब अजीत जोगी ने मध्यप्रदेश को बिजली न देते हुए गुजरात में भाजपा की मोदी सरकार को सस्ती बिजली दे दी थी। इसके चलते मध्यप्रदेश की जनता को बिजली का संकट झेलना पड़ा था। इससे कांग्रेस की यहां हार हो गई?
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भोपाल पहुंचे। पार्टी के प्रदेशअध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्टेट हैंगर पर राहुल गांधी का स्वागत किया। स्टेट हैंगर से राहुल गांधी का काफिला लालघाटी चौराहे पर पहुंचा। जहां से राहुल ने अपना रोड शो शुरू किया। राहुल गांधी रोड शो के दौरान करीब 13 किलोमीटर का रास्ता तय कर वे भेल दशहरा मैदान पहुंचे और कार्यकर्ताओं से संवाद किया । लालघाटी चौराहे पर 21 पंडितों द्वारा मंत्रोचार के बीच 11 कन्याओं ने तिलक लगाकर राहुल गांधी की आरती उतारी और उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे। यहां से राहुल गांधी बस में सवार हुए। बस में उनके साथ कमलनाथ व सिंधिया के अलावा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, अरुण यादव, विवेक तनखा, कांतिलाल भूरिया, राजमणि पटेल व आरिफ अकील मौजूद हैं। राहुल गांधी के इस शो और सभा के लिए प्रदेशभर से कांग्रेसी भोपाल पहुंचे हैं। इस दौरे को लेकर कांग्रेसियों में जबर्दस्त उत्साह रहा । लालघाटी से होते हुए राहुल का रोड शो लालघाटी से वीआईपी गेस्ट हाउस, इमामी गेट, सदर मंजिल, कमला पार्क, पॉलिटेक्निक चौराहा, बाण गंगा, रोशनपुरा चौराहा, अपेक्स बैंक, पीसीसी, ज्योति टॉकीज, चेतक ब्रिज, कस्तूरबा नगर तिराहे से अन्ना नगर होता हुआ दशहरा भेल मैदान पहुंचा।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल दौरे को लेकर प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर उजागर हुई है। यहां भेल दशहरा मैदान पर प्रदेश के लगभग सभी बड़े नेताओं के पोस्टर और कटआउट लगाए गए हैं, लेकिन इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पोस्टर और कटआउट गायब हैं। इससे दिग्विजय समर्थक नाराज हो गए हैं। इधर SC/ST एक्ट को लेकर करणी सेना द्वारा राहुल गांधी के विरोध की घोषणा के बाद करणी सेना के नेता सुरेंद्र सिंह को नजरबंद कर लिया है। राहुल गांधी के भोपाल पहुंचने से पहले कांग्रेस की अंदरुनी सियासत में बवाल आ गया है। मामला सभा स्थल पर दिग्विजय सिंह के कटआउट नहीं लगने का है। दरअसल भेल दशहरा मैदान पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कमलनाथ, ज्योतिरादित्या सिंधिया, सुरेश पचौरी, अजय सिंह सहित सभी बड़े नेताओं के कटआउट लगे हैं। यहां तक की विवेक तन्खा, शोभा ओझा, कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव के भी बड़े-बड़े कटआउट सभा स्थल पर लगे हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कटआउट नहीं लगाए गए हैं। इससे दिग्गी समर्थकों ने नाराजगी जताई है। कांग्रेस विरोधी जहां इसे पार्टी की गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं वहीं पार्टी के भीतर भी इसे लेकर बवाल मच गया है। कांग्रेसी नेता इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। इधर इस बारे में जब दिग्विजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद अपना कटआउट हटाने को कहा था। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे रोज अपना चेहरा देख लेते हैं, इसलिए उन्हें अपना चेहरा दिखाने के लिए कटउट की जरुरत नहीं है। वहीं पूरे मामले को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस में हर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है। वहां कमलनाथ और सिंधिया के अलावा दूसरे नेता भी मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। इसलिए खुद को दिखाने के लिए दिग्विजय का कटआउट नहीं लगवाया। लालघाटी से दोपहर करीब 1 बजे राहुल गांधी का रोड शो शुरू हुआ । रोड़ शो लालघाटी से वीआईपी गेस्ट हाउस, इमामी गेट, सदर मंजिल, कमला पार्क, पॉलिटेक्निक चौराहा, बाण गंगा, रोशनपुरा चौराहा, अपेक्स बैंक, पीसीसी, ज्योति टॉकीज, चेतक ब्रिज, कस्तूरबा नगर तिराहे से अन्ना नगर होता हुआ दशहरा भेल मैदान पहुंचा।
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एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिन पर बधाई और शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री मोदी के रूप में देश को एक सशक्त और दूरदर्शी नेतृत्व मिला है। श्री मोदी के नेतृत्व में आज पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ा है। उन्होंने श्री मोदी के सुदीर्घ और यशस्वी जीवन की ईश्वर से कामना की है।
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तेलंगाना सरकार ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी है। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सदन भंग करने की सिफारिश करने का फैसला लिया गया। इसके तुरंत बाद राव राजभवन गए और प्रस्ताव राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन को सौंप दिया। राज्यपाल ने सिफारिश मंजूर कर ली और केसीआर को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने को कहा। इस बीच राज्य में सियासी उबाल आ गया है और सभी दल अचानक चुनावी रंग में नजर आने लगे हैं। केसीआर के इस्तीफे के साथ ही बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है। खुद चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है। केसीआर के इस बयान का कांग्रेस ने विरोध करते हुए उन्हें भाजपा के हाथों की कठपुतली तक करार दे दिया। खबरों के अनुसार केसीआर ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि राहुल गांधी देश के "सबसे बड़े मसखरे" हैं, वह जितना तेलंगाना आएंगे टीआरएस उतनी ज्यादा सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा, "सब जानते हैं कि राहुल गांधी क्या हैं। वह देश के सबसे बड़े मसखरे हैं। पूरे देश ने देखा कि वह कैसे नरेंद्र मोदी के पास गए और उन्हें गले लगाया और किस तरह वह आंख मार रहे थे। वह जितना तेलंगाना आएंगे हम उतनी ज्यादा सीटें जीतेंगे।" कांग्रेस ने टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव को भाजपा के हाथों की कठपुतली कहा है। पार्टी ने उनपर तेलंगाना के हितों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। राज्य विधानसभा भंग करने की सिफारिश के बाद कांगे्रस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राव ने यह कदम उठाकर जनादेश का अपमान किया है। भाजपा ने कहा कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस की सबसे बड़ी चुनौती वही होगी। इसका कारण यह है कि कांगे्रस विभाजित पार्टी है। केवल भाजपा के पास ही सकारात्मक एजेंडा है। यही पार्टी विजेता बनेगी।
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आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ एक बार फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता मंजीत कौर बल और कृष्ण कुमार साहू ने हाईकोर्ट में यह याचिका लगाई है। हालांकि इस याचिका को हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने अगले बेंच को रेफर कर दिया है। रायपुर निवासी मंजीत कौर बल और कृष्ण कुमार साहू ने पूर्व में भी मंत्री अजय चंद्राकर के खिलाफ रायपुर की निचली अदालत और फिर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ता ने मंत्री अजय चंद्राकर की संपत्ति की स्वत: जांच की मांग की थी, लेकिन दोनों जगहों से याचिका खारिज हो गई थीं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जहां से सुप्रीम कोर्ट ने मामले को निचली अदालत के लिए भेज दिया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट के सिंगल बेंच ने इस याचिका को अगले बेंच में रेफर कर दिया है। मामले में अब फैसला दूसरी बेंच सुनाएगी।
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देशभर में एससी-एसटी एक्ट को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। सवर्णों द्वारा इस एक्ट को खत्म किए जाने की मांग अब चौतरफा होने लगी है। राजधानी भोपाल में भी अन्य सवर्ण संगठनों के साथ ही ब्रह्म समागम समागम संगठन ने भी एससी- एसटी एक्ट के विरोध में शांतिपूर्ण भारत बंद आव्हान किया है। संगठन के अध्यक्ष पं. धर्मेन्द्र शर्मा का कहना है कि संगठन द्वारा अब सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को पत्र लिखकर एससी-एसटी एक्ट समाप्त करने की मांग की जाएगा। क्योंकि इस एक्ट के कारण आरक्षित वर्ग को छोडकर सभी वर्गों के लोग प्रभावित होंगे। संगठन के पदाधिकारी इस अनैतिक कानून के विरोध में 6 सितंबर को अपने संस्थान बंद रखकर एक्ट को वापस लेने की मांग करेंगे। साथ ही इस एक्ट के संबंध में लोगों को जागरुक कर उनका समर्थन जुटाने रैली भी निकाली जाएगी।
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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के दावेदारों की पार्टी निरंतर परीक्षा ले रही है। अब कांग्रेस ने टिकटार्थियों की भीड़ में ऐसे लोगों के दावे को मजबूत मानने की शर्त रख दी है जिनके ट्वीटर-फेसबुक पर कम से कम 20 हजार फालोअर होंगे। व्हाट्सअप पर उनकी सक्रियता होने पर दावेदारी को ठोस माना जाएगा। प्रदेश कांग्रेस इस बार विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर जनता के बीच पैठ रखने वाले दावेदारों की परख के लिए कई परीक्षाएं ले रही हैं। अब मौजूदा विधायकों, दावेदारी करने वाले पूर्व विधायकों और अन्य नेताओं से 15 सितंबर तक सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले नेताओं का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी शहर व ग्रामीण जिला अध्यक्षों को पीसीसी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया है। उन्हें अपने क्षेत्र की विधानसभा सीटों के दावेदारों से उनके ट्वीटर-फेसबुक फालोअर्स की संख्या और व्हाट्सअप पर सक्रियता की जानकारी मांगी गई है। सभी दावेदारों से यह जानकारी लेकर 15 सितंबर तक पीसीसी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। कांग्रेस के दिग्गज सोशल मीडिया फ्रेंडली हैं। ट्वीटर पर जहां सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी पार्टी के नेताओं में सबसे आगे हैं तो फेसबुक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की फालोअर्स की संख्या बहुत ज्यादा है।
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एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को देर रात सीधी को मिनी स्मार्ट-सिटी बनाने के लिये 21 करोड़ के कार्यो सहित जिले में 600 करोड़ रुपये लागत के निर्माण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया। श्री चौहान ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश को विकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में देश का नम्बर-1 राज्य बनाया जायेगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये अभियान शुरू कर दिया गया है। राज्य सरकार विकास के साथ-साथ आम जनता की जिंदगी को खुशहाल बनाने के लिये कृत-संकल्पित होकर कार्य कर रही है। श्री चौहान ने प्रदेश में संचालित जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए लोगों से आग्रह किया कि योजनाओं का लाभ लेने के लिए अधिकारपूर्वक आगे आएँ। उन्होंने कहा कि समाज के कमज़ोर वर्ग को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के लिए संबल योजना आरंभ की गयी है। इसके माध्यम से गरीब परिवारों को पट्टा, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार आदि सुविधा प्रदान की जा रही है। संबल योजना में गरीब परिवारों के प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए राज्य सरकार हर तरह की सुविधाएँ और सहायता मुहैया करवा रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि बच्चों की उच्च शिक्षा के ख़र्च की चिन्ता छोड़कर उन्हें ख़ूब पढ़ायें, पूरी व्यवस्था राज्य सरकार करेगी। श्री चौहान ने बताया कि ग़रीब परिवारों के भारी-भरकम बिजली के बिल माफ़ कर उन्हें मात्र 200 रूपये प्रति माह के मान से बिजली देने का निर्णय लिया गया है। सौभाग्य योजना की जानकारी देते हुए श्री चौहान ने कहा कि हर गाँव और मजरे टोले में बिजली पहुँच रही है। अब वह दिन दूर नहीं है, जब हर ग़रीब के घर में बिजली से उजाला होगा। मुख्यमंत्री ने 486 करोड़ 96 लाख रुपये लागत की महान (गुलाब सागर) परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण किया। यह एक वृहद परियोजना है जो रामपुर नैकिन विकासखंड के खड्डी ग्राम की महान नदी पर निर्मित है। अमरपुर में इसके द्वितीय चरण का भूमि-पूजन रविवार को ही मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। इस योजना के पूर्ण होने पर तहसील रामपुर नैकिन, गोपद बनास, बहरी एवं सिहावल के 167 ग्रामों के 23 हजार 574 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 40 लाख हेक्टेयर में सिंचाईं की व्यवस्था की है। बाणसागर परियोजना के माध्यम से पूरे विन्ध्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया गया है। गुलाब सागर महान परियोजना के माध्यम से सीधी जिले में सिंचाई का विस्तार किया जा रहा है। इस योजना की पूर्णता के पश्चात् लाभान्वित कृषकों की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार होगा, भू-जल स्तर में वृद्धि होगी, पशुओं को पर्याप्त चारा मिलेगा और पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
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भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मासिक पुण्यतिथि की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जानकारी के मुताबिक, पार्टी आगामी 16 सितंबर को काव्यांजलि का आयोजन करवाएगी। यह कार्यक्रम देशभर में 4000 स्थानों पर होगा। इनमें अटल जी की कविताओं का पाठ होगा। कहीं-कहीं अटल जी की आवाज में रिकॉर्ड कविताएं सुनाई जाएंगी। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। इस दिन से 25 सितंबर तक सेवा सप्ताह मनाने का फैसला किया गया है। ऐसा देशभर में 20 हजार स्थानों पर होगा। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ता सामाजिक कार्यों में हिस्से लेंगे।
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने भोपाल में कहा है कि 2013 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आयकर विभाग ने जितनी भी नकदी पकड़ी थी, उनमें से ज्यादातर मामलों में अंतिम रूप से जब्ती की कार्रवाई हो गई है। इसी तरह जो आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए थे, उनमें 69 फीसदी तक सजा हुई है। यह बात राजनीतिक दलों के उन लोगों को पूरी तरह से भयभीत कर देगी जो किसी भी तरह की गड़बड़ी की सोच रखते हैं। रावत ने चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा और अशोक लवासा सहित अन्य अधिकारियों के साथ दो दिन मप्र में चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव की तारीफ की। साथ ही कहा कि आयकर विभाग, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों ने पिछले चुनाव के वक्त दर्ज मामलों में हुई कार्यवाही को लेकर जो ब्योरा दिया, वो काफी अच्छा है। इससे चुनाव में गड़बड़ी करने की सोच रखने वाले भयभीत होंगे। रावत ने यह भी बताया कि यह भ्रम है कि ईवीएम चीन या जापान से बनकर आ रही हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ईवीएम भारत में जहां बन रही हैं, वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि अधिकारियों को हिदायत दी गई है कि अब से पूरी तरह से निष्पक्षता के साथ काम करें। पक्षपाक्षपूर्ण कार्रवाई को गंभीरता से लिया जाएगा। कड़ी कार्रवाई भी होगी। जब यह पूछा गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा में कई अधिकारी शिरकत कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जानकारी आने पर ऐसे मामलों में संज्ञान लेंगे। रावत बोले कि राजनीतिक दल और उम्मीदवारों को 24 घंटे के भीतर चुनाव संबंधी अनुमतियां मिलेंगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। इसमें एक जगह पर सभी अधिकारी बैठेंगे और अनुमतियां देने की कार्यवाही पूरी करेंगे। नीमच के कुछ गांवों में एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में मतदान नहीं करने या नोटा में वोट देने के पोस्टर लगाए जाने पर रावत ने कहा कि हम मतदाताओं को समझाएंगे। चुनाव की प्रक्रिया में भाग लेने से रास्ते खुलते हैं। चुनाव आयोग पहली बार दिव्यांगों के लिए पर्यवेक्षकों को तैनात करेगा। इनके लिए मतदान केंद्रों में व्यवस्थाएं भी की जाएंगी। एनजीओ की मदद भी लेंगे। इस चुनाव में सीविजिलेंस सिस्टम भी लागू किया जाएगा। इसका प्रयोग बेंगलुरु में किया गया था। इसमें कोई भी व्यक्ति कहीं से भी वीडियो या फोटो भेज सकता है। इसमें फर्जी शिकायतों पर जहां न्यूनतम हो जाएंगी, वहीं कार्यवाही तेजी के साथ होगी। सहकारिता राज्य मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत से दो बार मुलाकात की। एक ही दिन में दो बार हुई इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सारंग दोपहर को रावत से मिलने नर्मदा भवन पहुंचे थे, यहां उन्होंने चलते-चलते सारंग से बातचीत की। इसके बाद सारंग ने शाम को होटल जहांनुमा जाकर रावत से बातचीत की। माना जा रहा है कि सारंग ने नरेला विधानसभा में हटाए गए नामों को लेकर बातचीत की है। कांग्रेस की शिकायत के बाद नरेला की मतदाता सूची से 34 हजार मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं, जबकि सारंग का कहना है कि आयोग ने 5 हजार सही मतदाताओं के नाम काट दिए हैं। मुलाकात को लेकर सारंग ने कहा कि भाजपा की ओर से कुछ लिखित सुझाव देने के लिए उनसे मुलाकात की गई है। पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता राजकुमार पटेल ने भी रावत से मुलाकात की और चुनाव सुधार को लेकर कुछ सुझाव दिए।
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राफेल सौदे के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है। गुरुवार को कांग्रेस ने राजधानी में दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ट्वीट कर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साध चुके हैं। राहुल ने ट्वीट कर जेटली को 24 घंटे में उसका जवाब देने का चैलेंज दिया था। राहुल ने लिखा था - मिस्टर जेटली, राफेल रॉबरी पर देश का ध्यान लाने के लिए धन्यवाद! क्या राफेल सौदे की जांच जेपीसी से कराई जाए? लेकिन, समस्या ये है कि आपके सुप्रीम लीडर अपने दोस्तों को बचा रहे हैं। इसीलिए यह उनके लिए असुविधानजक हो सकती है। आप 24 घंटे में इसका जवाब दें, हम इंतजार कर रहे हैं। बाद में कांग्रेस उपाध्यक्ष ने गुरुवार को एक और ट्वीट कर लिखा- 'डियर मिस्टर जेटली, राफेल सौदे पर जेपीसी जांच के जवाब पर डेडलाइन खत्म होने में 6 घंटे से भी कम समय बचा है। युवा भारत इंतजार कर रहा है। मुझे आशा है कि आप पीएम मोदी और अनिल अंबानी जी को ये समझा रहे होंगे कि वे आपको क्यों सुने और इसे मंजूरी दे।' राफेल अनेक भूमिकाएं निभाने वाला एवं दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है और इसका निर्माण डसॉल्ट एविएशन ने किया है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है। भारत ने 2007 में 126 मीडियम मल्टी रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी, जब तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने भारतीय वायु सेना से प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इस बड़े सौदे के दावेदारों में लॉकहीड मार्टिन के एफ-16, यूरोफाइटर टाइफून, रूस के मिग-35, स्वीडन के ग्रिपेन, बोइंड का एफ/ए-18 एस और डसॉल्ट एविएशन का राफेल शामिल था। लंबी प्रक्रिया के बाद दिसंबर 2012 में बोली लगाई गई। डसॉल्ट एविएशन सबसे कम बोली लगाने वाला निकला। मूल प्रस्ताव में 18 विमान फ्रांस में बनाए जाने थे जबकि 108 हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किये जाने थे। संप्रग सरकार और डसॉल्ट के बीच कीमतों और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर लंबी बातचीत हुई थी। अंतिम वार्ता 2014 की शुरुआत तक जारी रही लेकिन सौदा नहीं हो सका। प्रति राफेल विमान की कीमत का विवरण आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया था, लेकिन तत्कालीन संप्रग सरकार ने संकेत दिया था कि सौदा 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा। कांग्रेस ने प्रत्येक विमान की दर एवियोनिक्स और हथियारों को शामिल करते हुए 526 करोड़ रुपये (यूरो विनिमय दर के मुकाबले) बताई थी।
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पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि राजद्रोह मामले में उसकी जमानत खारिज कर दी जाए या 25 अगस्त से शुरू होने वाले आमरण उपवास से पहले जेल भेज दिया जाए तो वे जेल में उपवास शुरु कर देंगे। हार्दिक ने साफ कहा कि किसी भी सूरत में वे आंदोलन को बंद नहीं करेंगे, सरकार को जो करना है वो करे। उधर हार्दिक के उपवास आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने सभी जवान व अधिकारियों का 2 दिन का अवकाश रद्द कर दिया है। पाटीदार समाज को आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी के लिए शनिवार से आमरण उपवास की घोषणा करने वाले हार्दिक पटेल को पुलिस व प्रशासन से अहमदाबाद व गांधीनगर में कहीं भी उपवास करने की इजाजत नहीं मिली। हार्दिक अब सरखेज गांधीनगर हाइवे पर स्थित अपने आवास पर ही उपवास करने वाले हैं। शनिवार को दोपहर तीन बजे हार्दिक उपवास शुरु करेंगे, इससे पहले पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने पुलिस महकमे में सभी जवान व अधिकारियों के दो दिन के अवकाश रद्द कर दिए हैं, पुलिस ने राज्य में शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एहतियातन यह कदम उठााए हैं। उधर हार्दिक ने कहा है कि अदालत से उनकी जमानत खारिज किए जाने पर वे खुद साबरमती जेल पहुंचकर समर्पण कर देंगे तथा पुलिस के गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने पर जेल में रहते हुए उपवास करते रहेंगे।
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पूर्व मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सुप्रीमो अजीत जोगी के विधायक बेटे अमित जोगी की नागरिकता मामले में मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हाई कोर्ट में अमित ने बहन बताकर जिस नेहा जोगी के प्रमाण पत्रों के आधार पर अपना प्रमाण पत्र बनवाने की जानकारी दी थी, उसे गवाह व अमित के चाचा ने पहचानने से ही इन्कार कर दिया है। मरवाही सीट से कांग्रेस विधायक (निष्कासित) अमित जोगी के खिलाफ समीरा पैकरा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उनकी भारतीय नागरिकता पर सवाल उठाए हैं। गुरुवार को हाई कोर्ट में अमित जोगी का जन्म कहां हुआ, इस बिंदु पर उनके पिता अजीत जोगी का बयान दर्ज होना था। उनके में उपस्थित नहीं होने पर अमित जोगी की ओर से शंकरसिंह कंवर का बयान दर्ज कराया गया। कवंर अजीत जोगी के चचेरे भाई हैं। याचिकाकर्ता समीरा पैकरा के अधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने शंकर सिंह से कंवर से आदिवासी समाज के नवाखाई परंपरा के संबंध में सवाल किए। इस पर गवाह ने कहा कि कंवर आदिवासी घर के अंदर नवाखाई करते हैं। इसमें परिवार के लोग ही शामिल रहते हैं। बाहर या सार्वजनिक रूप से नवाखाई करने की कोई परंपरा नहीं है। वहीं, अजीत जोगी के संबंध में कहा कि सीएम बनने के बाद वह सार्वजनिक रूप से इस परंपरा को करते हैं। इसी प्रकार नेहा जोगी के संबंध में पूछे गए सवाल पर गवाह ने कहा कि वह सिर्फ अजीत जोगी को जानते हैं। नेहा जोगी को नहीं जानने। गवाह ने जोगी को छोड़कर अन्य किसी को नहीं जानने व इनके रिश्तेदार नहीं होने की बात कही है। कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 11 व 12 सितंबर को रखने का आदेश दिया है।
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शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ आईआरसीटीसी को होटल आवंटन के मामले हुई मनी लॉन्ड्रिंग में पहली चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और पार्टी में उनके सहयोगी पीसी गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता का नाम भी चार्जशीट में रखा है। ईडी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव और आईआरसीटीसी के अफसरों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पुरी और रांची में बने रेलवे के दो होटलों को सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को लीज पर दिया था। इन होटलों को लीज पर देने के एवज में पटना में मौजूद बेशकीमती जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के नाम ट्रांसफर की गई, ये कंपनी लालू के करीबी पीसी गुप्ता के परिवार के नाम दर्ज थी। इस जमीन को मौजूदा सर्किल रेट से काफी कम दर पर डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को दी गई थी। इसके बाद पीसी गुप्ता की डिलाइट मार्केटिंग ने ये जमीन राबड़ी देवी और लालू के बेटे तेजस्वी यादव के नाम कर दी। इस जमीन को खरीदने के लिए जो पैसा इस्तेमाल हुआ, वो संदिग्ध स्रोतों के जरिए आया। इस पैसे को भी ट्रांसफर करने के लिए पीसी गुप्ता की कंपनियों का इस्तेमाल किया गया। इस केस में ईडी ने अब तक 44 करोड़ की संपत्ति सीज की है। इसी मामले में सीबीआई ने भी कुछ वक्त पहले चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई की एफआईआर में लालू प्रसाद यादव पर ये आरोप है कि यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री रहते उन्होंने आईआरसीटीसी के होटलों के मेंटेनेंस का ठेका जिस कंपनी को दिया था, उससे उन्होंने घूस में पटना की बेशकीमती जमीन ली थी। ये जमीन पीसी गुप्ता की पत्नी सरला के नाम दर्ज एक बेनामी कंपनी के जरिए लालू के परिवार को मिली थी।
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केरल में मौसम का जानलेवा रुख बना हुआ है। इस बीच शुक्रवार रात केरल पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बाढ़ प्रभाविता इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन भी थे। हवाई सर्वेक्षण के बाद प्रधानमंत्री ने केंद्र की तरफ से राज्य को 500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद का ऐलान किया है वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी को सड़को की मरम्मत के निर्देश दिए हैं। दावा है कि राज्य में 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। प्रदानमंत्री ने इसके अलावा बाढ़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की मदद का भी ऐलान किया है। केंद्र सरकार पहले 100 करोड़ की मदद दे चुकी है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने राज्य में आपदा प्रबंधन के व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोच्चि में बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री भी शामिल थे। राज्य में अकेले गुरुवार को ही वर्षा जनित घटनाओं में 106 लोगों की जान चली गई। इसके साथ ही राज्य में अब तक बाढ़ और बारिश की वजह से 324 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, केरल के बदतर हालात को देखते हुए अन्य राज्यों के अलावा केंद्र ने मदद का हाथ बढ़ाया है। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने जहां बाढ़ राहत कोष के लिए 10 करोड़ की मदद का ऐलान किया है वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी 5 करोड़ की मदद का ऐलान किया है। इनके अलावा तेलंगाना ने 25 करोड़ की मदद का ऐलान किया है। इनके अलावा बिहार के मुख्यमंत्री ने केरल को 10 करोड़ की मदद, ओडिशा के मुख्यमंत्री ने 5 करोड़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 10 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2 करोड़ की मदद की है। जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि राज्य के विधायक अपनी एक महीने की तनख्वाह केरल बाढ़ राहत के लिए देंगे। महिला व बाल विकास मंत्रालय ने 10 टन खाने के पैकेट केरल भेजे हैं। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने यह जानकारी दी। रनवे पर भी पानी भर जाने से कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर परिचालन बंद कर दिया गया है। 25 से अधिक ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कुछ के समय में परिवर्तन किया गया | दक्षिण रेलवे ने शुक्रवार को तीन विशेष ट्रेनों से प्रभावित इलाकों के लिए पेयजल भेजा है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 100 मीट्रिक टन तैयार खाने के पैकेट बाढ़ प्रभावित इलाकों को भेजा है। बीमा नियामक इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को दावों का तुरंत भुगतान करने के लिए विशेष शिविर लगाने को कहा है। राज्य में शुक्रवार को संकट और गहरा गया, अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है और पेट्रोल पंपों में ईंधन नहीं है। सदी के भीषण संकट का सामना कर रहे राज्य में आठ अगस्त से अभी तक 173 मौतें हो चुकी हैं। हजारों एकड़ में फसलें तबाह हो चुकी हैं। राज्य के बुनियादी ढांचा को भी भारी तबाही का सामना करना पड़ रहा है। ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन से प्रवासी टीवी चैनलों के माध्यम से अपने प्रियजनों की मदद की गुहार लगा रहे हैं। एक महिला ने अपने छह साल के बच्चे के साथ वाट्सएप संदेश से मदद की गुहार लगाई है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के साथ ही सैनिकों ने फंसे लोगों को बचाने के लिए शुक्रवार सुबह से बचाव अभियान तेज कर दिया। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण सड़क जाम हो रहे हैं। कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को सेना के हेलिकॉप्टरों से निकाला जा रहा है। अलुवा, कालाडी, पेरुंबवूर, मुवाट्टुपुझा एवं चालाकुडी में फंसे लोगों को निकालने में स्थानीय मछुआरे भी अपनी-अपनी नौकाओं के साथ शामिल हुए। प्रधानमंत्री के निर्देश पर रक्षा मंत्रालय ने राहत एवं बचाव के लिए सेना के तीनों अंगों की नई टीम भेजी है। राज्य में करीब डेढ़ लाख बेघर एवं विस्थापित लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है। एनडीआरएफ की 51 टीमें केरल भेजी गई हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि सेना ने 9 अगस्त से अभी तक 3627 लोगों को सुरक्षित निकाला है। केरल की स्थिति को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने शुक्रवार को भी बैठक की। टीवी चैनलों ने एक गर्भवती महिला को निकालने का दृश्य प्रसारित किया है। जिस समय नौसेना के हेलिकॉप्टर से महिला को निकाला गया उस समय प्रसव पीड़ा शुरू हो चुकी थी। महिला को गिराए गए रस्सी से हवा में झूलते हुए ले जाया गया। महिला का एमनिओटिक थैली फूट गई थी। उसे नौसेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने बच्चे को जन्म दिया। अधिकारियों ने बताया है कि जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।
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शिवराज सिंह चौहान मैं बचपन से ही अपने गाँव से भोपाल पढ़ने चला गया था। भोपाल में मैंने सुना कि भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी की एक सभा चार बत्ती चौराहे बुधवारे में है। मैंने सोचा चलो भाषण सुन के आएं। अटल जी को जब बोलते सुना तो सुनते ही रह गया।ऐसा लग रहा था कि जैसे कविता उनकी जिव्हा से झर रही है। वो बोल रहे थे,“ये देश केवल जमीन का टुकड़ा नहीं, एक जीता जागता राष्ट्र-पुरुष है, हिमालय इसका मस्तिष्क है, गौरी-शंकर इसकी शिखा हैं, पावस के काले- काले मेघ इसकी केश राशि हैं, दिल्ली दिल है, विंध्यांचल कटि है, नर्मदा करधनी है, पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट इसकी दो विशाल जंघाएँ हैं, कन्याकुमारी इसके पंजे हैं, समुद्र इसके चरण पखारता है, सूरज और चन्द्रमा इसकी आरती उतारते हैं, ये वीरों की भूमि है, शूरों की भूमि है, ये अर्पण की भूमि है, तर्पण की भूमि है, इसका कंकर-कंकर हमारे लिए शंकर है, इसका बिंदु-बिंदु हमारे लिए गंगाजल है, हम जियेंगे तो इसके लिए और कभी मरना पड़ा तो मरेंगे भी इसके लिए और मरने के बाद हमारी अस्थियाँ भी अगर समुद्र में विसर्जित की जाएंगी तो वहां से भी एक ही आवाज़ आएगी –“भारत माता की जय, भारत माता की जय”... इन शब्दों ने मेरा जीवन बदल दिया। राष्ट्र प्रेम की भावना हृदय में कूट-कूट कर भर गई और मैंने फैसला किया कि अब ये जीवन देश के लिए जीना है। ये राजनीति का मेरा पहला पाठ था। इसके बाद से राजनीति में मैं माननीय अटल जी को गुरू मानने लगा. जब भी कभी अटल जी को सुनने का अवसर मिलता, मैं कोई अवसर नहीं चूकता। बचपन में ही भारतीय जनसंघ का सदस्य बन गया, और मैं राजनीति में सक्रिय हो गया। आपातकाल में जेल चला गया, और जेल से निकल कर जनता पार्टी में काम करने लगा, फिर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गया। अटल जी से मेरी पहली व्यक्तिगत बातचीत भोपाल में एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान तब हुई जब मेरी ड्यूटी एक कार्यकर्ता के नाते उनकी चाय नाश्ते की व्यवस्था के लिए की गई।मैं अटल जी के लिए फल, ड्राई फ्रूट इत्यादि दोपहर के विश्राम के बाद खाने के लिए ले गया। तो वे बोले,“क्या घास- फूस खाने के लिए ले आए, अरे भाई, कचौड़ी लाओ, समोसे लाओ, पकोड़े लाओ या फाफड़े लाओ” और तब मैंने उनके लिए नमकीन की व्यवस्था की। एक छोटे से कार्यकर्ता के लिए उनके इतने सहज संवाद ने मेरे मन में उनके प्रति आत्मीयता और आदर का भाव भर दिया। उनके बड़े नेता होने के नाते मेरे मन में जो हिचक थी, वो समाप्त हो गई। 84 के चुनाव में वे ग्वालियर से हार गए थे, लेकिन हारने के बाद उनकी मस्ती और फक्कड़पन देखने के लायक था। जब वो भोपाल आए तो उन्होंने हँसते हुए मुझे कहा, “अरे शिवराज, अब मैं भी बेरोजगार हो गया हूँ”। 1991 में उन्होंने विदिशा और लखनऊ, दो जगह से लोकसभा का चुनाव लड़ा, और ये तय किया कि जहां से ज्यादा मतों से चुनाव जीतेंगे, वो सीट अपने पास रखेंगे। मैं उस समय उसी संसदीय क्षेत्र की बुधनी सीट से विधायक था। बुधनी विधानसभा में चुनाव प्रचार की ज़िम्मेदारी तो मेरी थी ही, लेकिन युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते, मुझे पूरे संसदीय क्षेत्र में काम करने का मौक़ा मिला था। उस समय अटल जी से और निकट के रिश्ते बन गए। जब मैं उनके प्रतिद्धन्दी से उनकी तुलना करते हुए भाषण देता था, तो मेरे एक वाक्य पर वो बहुत हंसते थे। मैं कहता था,“कहाँ मूंछ का बाल और कहाँ पूंछ का बाल”, तो वो हंसते हुए कहते थे “क्या कहते हो भाई, इसको छोड़ो”। विदिशा लोकसभा वो एक लाख चार हजार वोट से जीते और लखनऊ एक लाख सोलह हजार से। ज्यादा वोटों से जीतने के कारण उन्होंने लखनऊ सीट अपने पास रखी और विदिशा रिक्त होने पर मुझे विदिशा से उपचुनाव लडवाया। उपचुनाव में जीत कर जब मैं उनसे मिलने गया तो उन्होंने मुझे लाड़ से कहा, “आओ विदिशा-पति”. और तब से वो जब भी मुझसे मिलते तो मुझे विदिशा-पति ही कहते और जब भी मैं विदिशा की कोई छोटी समस्या भी लेकर जाता तो उसे भी वो बड़ी गम्भीरता से लेते। एक बार गंजबासौदा में एक ट्रेन का स्टॉप समाप्त कर दिया था। जब मेरे तत्कालीन रेल मंत्री श्री जाफर शरीफ जी से आग्रह करने बाद भी ट्रेन को दोबारा स्टॉपेज नहीं दिया गया तो मैं अटल जी के पास पहुंचा, और मैंने कहा कि आप इस ट्रेन का स्टॉप फिर से गंजबासौदा में करवाइए। उन्होंने संसद भवन में ही पता लगवाया कि श्री जाफर शरीफ जी कहाँ हैं संयोग से वे संसद भवन में ही थे, अटल जी चाहते तो फोन कर सकते थे। लेकिन फोन करने की बजाय उन्होंने कहा कि चलो सीधे मिल के बात करते हैं। इतने बड़े नेता का एक ट्रेन के स्टॉप के लिए उठकर रेल मंत्री के कक्ष में जाना मुझे आश्चर्यचकित कर गया और तब मैंने जाना कि छोटे-छोटे कामों को करवाने के लिए भी अटल जी कितने गम्भीर थे कि जनता की सुविधा के लिए उन्हें वहां जाने में कोई हिचक नहीं है। मैं भी उनके साथ श्री जाफर शरीफ जी के पास गया और तत्काल जाफर शरीफ जी ने रेल का स्टाफ गंजबासौदा में कर दिया। 2003 में मध्यप्रदेश में विधान सभा के चुनाव थे। उस समय तत्कालीन कांग्रेस की सरकार द्वारा सूखा राहत के लिए राशि केंद्र सरकार से मांगी जा रही थी। हम भाजपा के सांसदों का एक समूह यह सोचता था कि विधान सभा के चुनाव आने के पहले यदि यह राशि राज्य शासन को मिलेगी तो सरकार इस राशि का दुरूपयोग चुनाव जीतने के लिए करेगी, इसलिए कई सांसद मिलकर माननीय अटल जी, जो उस समय प्रधानमंत्री थे, के पास पहुंचे, और उनसे कहा कि इस समय राज्य सरकार को कोई भी अतिरिक्त राशि देना उचित नहीं होगा, तब अटल जी ने हमें समझाते हुए कहा कि लोकतन्त्र में चुनी हुई सरकार किसी भी दल की हो, उस सरकार को मदद करने का कर्त्तव्य केंद्र सरकार का है, इसलिए ऐसे भाव को मन से त्याग दीजिये। 1998 के अंत में मेरा एक भयानक एक्सीडेंट हुआ। मेरे शरीर में 8 फ्रैक्चर थे। उसी दौरान एक वोट से माननीय अटल जी की सरकार गिर गई। मैं भी स्ट्रेचर पर वोट डालने गया था। तब फिर से चुनाव की घोषणा हुई। मुझे लगा ऐसी हालत में मेरा चुनाव लड़ना उपयुक्त नहीं होगा। मैंने अटल जी से कहा कि इस समय विदिशा से कोई दूसरा उम्मीदवार हमें ढूँढना चाहिए, मेरी हालत चुनाव लड़ने जैसी नहीं है, तब उन्होंने स्नेह से मुझे दुलारते हुए कहा, “खीर में इकट्ठे और महेरी में न्यारे, ये नहीं चलेगा. ...जब तुम अच्छे थे तब तुम्हें चुनाव लड़वाते थे। आज तुम अस्वस्थ हो तब तुम्हें न लड़वाएं, ये नहीं होगा। चुनाव तुम ही लड़ोगे, जितना बने जाना, बाक़ी चिंता पार्टी करेगी”. और मैं अस्वस्थता की अवस्था में भी चुनाव लड़ा और जीता। ऐसे मानवीय थे अटल जी। ऎसी कई स्मृतियाँ आज मस्तिष्क में कौंध रही हैं। सबको अपना मानने वाले, सबको प्यार करने वाले, सबकी चिंता करने वाले, सर्वप्रिय अजातशत्रु राजनेता, उनके लिए कोई पराया नहीं था, सब अपने थे।पूरा जीवन वे देश के लिए जिए। भारतीय संस्कृति, जीवन मूल्यों और परम्पराओं के वे जीवंत प्रतीक थे। भारत माता के पुजारी. उनकी कविता, “हार नहीं मानूँगा, रार नहीं ठानूँगा, काल के कपाल पर लिखता-मिटाता हूँ, गीत नया गाता हूँ”, साहस के साथ हमें काम करने की प्रेरणा देती है।उनके चरणों में शत-शत नमन – प्रणाम |[लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं ]
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देश के पूर्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत बुधवार से लगातार नाजुक बनी हुई है। इस बीच गुरुवार सुबह से ही एम्स में केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मूवमेंट बढ़ गया है। हालचल तेज होती नजर आ रही है और एसपीजी की टीम अटल जी के तुगलक रोड़ स्थित घर पहुंच चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एम्स पहुंचे। फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि हम उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं। वो केवल भारत नहीं पूरी दुनिया में शांति चाहते थे। अटल जी के हालचाल जानने के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला एम्स पहुंचे। एम्स के बाहर और उस तरफ के रास्तों पर ट्रैफिक डाइवर्ट कर दिया गया है।एम्स से निकलकर अमित शाह सीधे भाजपा मुख्यालय पहुंचे हैं। देशभर में अटल जी के स्वस्थ्य होने की कामना की जा रही है। हमेशा मस्तमौला रहे अटल जी, विमान भटका तो डरने की बजाय सो गए थे एम्स ने अटल जी का मेडिकल बुलेटिन जारी कर दिया है जिसमें कहा गया है कि अटल जी की हालत वैसी है जैसी कल रात को थी। अस्पताल के बाहर हलचल तेज हो गई है, रास्ते बंद कर दिए गए हैं और एम्स के बाहर खड़े वाहनों को हटाया जा रहा है। पुलिस ने भी बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं और सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। इसके बाद अब तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। सुबह उपराष्ट्रपति वैकेंया नायडू के अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, मुख्तार अब्बास नकवी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अलावा कई वरिष्ठ नेता अटल जी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एम्स पहुंचे। उनके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी एम्स पहुंचे और अटल जी के स्वास्थ्य की जानकारी ली। इनके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी एम्स जाएंगे। पिछले 66 दिनों से एम्स में भर्ती अटल जी की तबीयत बुधवार को अचानक बिगड़ी और उसके बाद से ही उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। जानकारी के अनुसार उनकी देखरेख में लगी डॉक्टर्स की टीम वाजपेयी के स्वास्थ्य पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अटल जी के स्वास्थ्य की सूचना के बाद देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए एम्स पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटे तक एम्स के डॉक्टरों से वाजपेयी के स्वास्थ्य पर चर्चा की। रात करीब दस बजे एम्स प्रशासन की ओर से बताया गया कि अटल की तबीयत पिछले 24 घंटे से बेहद गंभीर है। जानकारी के अनुसार आज सुबह एम्स की तरफ से अटल जी के स्वास्थ्य को लेकर अपडेट आ सकता है। बुधवार दोपहर भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत खराब होने की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एम्स पहुंचीं। उन्होंने अटल के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इस बीच शाम तक एम्स के बाहर मीडिया का जमावड़ा लग गया। शाम करीब सात बजे वाजपेयी के स्वास्थ्य का हाल जानने के लिए पीएम मोदी बिना ट्रैफिक रूट के ही अचानक एम्स पहुंचे और करीब आठ बजे तक रुके। इसके बाद रात करीब दस बजे एम्स प्रशासन की ओर से मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया गया कि वाजपेयी पिछले 24 घंटे के दौरान उनकी हालत ज्यादा गंभीर हो गई है। उन्हें जीवन रक्षक उपकरणों की सहायता दी जा रही है। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री पिछले दो माह से एम्स में भर्ती हैं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही है। उन्हें सांस लेने में परेशानी, यूरीन व किडनी में संक्रमण होने के कारण 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था।
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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य खराब होने के बाद एम्स में इलाज चल रहा है। इस दौरान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार की अपनी जनआशीर्वाद यात्रा को स्थगित कर दिया। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि अटलजी की उपस्थिति मात्र से हमको हौसला मिलता है। वो हमारे बीच बने रहें यही हमारी प्रार्थना है। अटलजी की कविताओं से सभी को प्रेरणा मिलती है। स्वतंत्रता दिवस पर उनकी कविता का उल्लेख किया था। सीएम शिवराज ने कहा कि विदिशा से चुनाव लड़ने के दौरान मैं उनके करीब आया था। जब भी उनसे मिलता था तो वे मुझे विदिशापति कहते थे।
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रायपुर में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अटलबिहारी वाजपेयी के पुराने दिनों को याद किया। उन्होंने कहा कि मुझे आज भी याद है कि सुबह 7 बजे किस तरह से हमने टलजी की रैली की तैयारी की थी। तब मैंने अटल जी को पहली बार इतने करीब से देखा था। मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ के निर्माण को लेकर अटल जी की भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। अटल जी देश के पहले ऐसे नेता हैं, जिनकी लोकप्रियता आज 50 साल से लगातार बरकरार है। अटल जी हमेशा सभी के चहेते रहे हैं। देश में ऐसा कोई नेता नहीं है, जिसे पक्ष हो या विपक्ष, सभी याद करते हैं। उनकी सादगी और लोगों के प्रति अपनत्व की भावना की वजह से वे लोगों के दिलों में रहते हैं।
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भारतीय जनता पार्टी 15 से 30 अगस्त तक "सामाजिक न्याय पखवाड़ा" मनाएगी। ओबीसी आयोग के सशक्तीकरण संबंधी बिल के पारित होने के उपलक्ष्य में अगले साल से भाजपा एक-नौ अगस्त तक सामाजिक सप्ताह मनाया करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा सांसद इस दौरान अपने क्षेत्रों में इस विधेयक के प्रभाव पर नजर रखें। देश के हर कोने में जाकर लोगों को सामाजिक न्याय के इस फैसले से अवगत कराना होगा। उन्होंने कहा कि इतिहास में मौजूदा मानसून सत्र भी "सामाजिक न्याय के सत्र" के रूप में याद किया जाएगा। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि एक ऐतिहासिक विधेयक पारित हो चुका है और दूसरा एक या दो दिन में पारित होने वाला है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में याद दिलाया कि 2014 के चुनावों में भाजपा की विजय पर उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार गरीबों, ग्रामीणों और समाज के पिछड़े वर्ग के लिए समर्पित रहेगी। यह विधेयक उनकी उसी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। भाजपा संसदीय दल ने एक प्रस्ताव पारित करके सरकार के इस बिल को पारित कराने पर सराहना की। ऐसा दूसरी बार हुआ जब भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि इसी सोमवार को संसद में पिछड़े वर्ग के राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। इसी दिन लोकसभा ने भी अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) संशोधन बिल को पारित किया। सोमवार को ही राज्यसभा ने ध्वनिमत से संविधान के 123वें संशोधन बिल को पारित करके पिछड़े वर्ग के राष्ट्रीय आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।
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लोकसभा में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक पारित होने का स्वागत करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि गत दो अप्रैल के सफल भारत बंद के दबाव में ही बिल को पारित कराया गया। उन्होंने राज्यसभा में भी पारित होने की उम्मीद जताते हुए गरीब मुस्लिमों को आरक्षण देने की मांग भी की। एक बयान में मायावती ने बिल पारित होने पर सभी लोकसभा सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उम्मीद है, यह बिल राज्यसभा द्वारा भी पारित करा दिया जाएगा। इससे दलित वर्ग के लोगों को मदद मिल सकेगी। लोकसभा सदस्यों का आभार जताने के बाद मायावती गत दो अप्रैल को हुए भारत बंद को विधेयक पारित होने का श्रेय देना नहीं भूलीं। उन्होंने कहा कि उन लोगों को धन्यवाद, जिन्होंने गत दो अप्रैल को सफलतापूर्वक भारत बंद का आयोजन किया था। इससे ही केंद्र सरकार पर बिल पास कराने का दबाव बढ़ा। मायावती ने कहा कि सफलता का श्रेय देशवासियों के साथ बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ताओं को भी दिया जाएगा जो भारत बंद में शामिल रहे। बसपा प्रमुख ने नौकरियों में प्रमोशन में आ रही बाधाओं को दूर करने की मांग को भी दोहराया। उनका कहना था कि भाजपा ऐसा नहीं करती है तो उसकी नीयत और नीति पर संदेह बना रहेगा। मायावती ने आरक्षण के मुद्दे को हवा देते हुए आर्थिक आधार पर आरक्षण को मजबूती से उठाया। सर्वसमाज (अपरकास्ट) के गरीबों को अलग आरक्षण सुविधा देने में अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को शामिल करने की मांग की। उनका कहना था कि गरीब मुस्लिमों को आर्थिक आरक्षण लाभ दिलाने को संविधान संशोधन किया जाता है तो बसपा हर स्तर पर समर्थन करेगी।
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बाबा जनता आपसे मांग रही 4 पीढ़ी का हिसाब जयपुर में शनिवार को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा की शुरुआत हो गई है। सीएम वसुंधरा की ये यात्रा 165 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह खुद इस यात्रा की शुरुआत में शामिल हुए। सीएम वसुंधरा और अमित शाह ने राजसमंद जिले में स्थित चारभुजाजी मंदिर में दर्शन-पूजन के साथ ही इस यात्रा की शुरुआत की। इस मौके पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर कोसा। उन्होंने राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि, "राहुल बाबा अगर आपको गिनती आती है, क्योंकि मैं तो इटेलियन नहीं जानता, वरना इसी भाषा में आपको ये बताका कि हमारी सरकार ने जनता को कितनी सौगातें दी हैं। मोदी सरकार ने अकेले राजस्थान में 116 जनकल्य़ाणकारी योजनाओं की शुरुआत की, इसके बाद कांग्रेस पूछती है कि भाजपा ने क्या किया?" शाह यहीं नही रूके, "राजसमंद की रैली में राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा कि, राहुल बाबा हमसे चार साल का क्या हिसाब मांगते हो? देश की जनता आपसे चार पीढ़ी का हिसाब मांग रही है। राजपूत मतदाताओं का गढ़ समझे जाने वाले राजसमंद में वसुंधरा ने महाराणा प्रताप, राणा कुंभा, भामाशाह, पन्ना धाय को नमन कर अपना मकसद भी साफ कर दिया। वसुंधरा राजे की यह बहुप्रचारित 'राजस्थान गौरव यात्रा' अगले 40 दिन तक 165 विधानसभा सीटों से होकर गुजरेगी। बता दें कि राजस्थान में विधानसभा की कुल 200 सीटें हैं। इस 6,000 किमी. यात्रा में राजे 135 रैलियों को संबोधित कर सकती हैं। वहीं यात्रा की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने वसुंधरा राजे के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, 'राजस्थान में जिस प्रकार से बीजेपी सरकार चली है, उससे मुझे भरोसा है कि यहां की जनता एक बार फिर कमल के फूल की सरकार बनाकर नया इतिहास रचेगी।' अमित शाह ने रैली के दौरान असम के एनआरसी ड्राफ्ट का मुद्दा भी उठाया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से जवाब मांगा। अमित शाह ने कहा, "देश की सुरक्षा का सवाल है , लेकिन कांग्रेस को एनआरसी मुद्दे पर वोट बैंक दिखाई दे रहा है। मैं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि आप एनआरसी के मामले पर अपना स्टैंड क्यों नहीं क्लीयर कर रहे हैं। इसीलिये कि आपको उसमें अपना वोट बैंक नजर आ रहा है।" इस यात्रा में वसुंधरा की कोशिश जनता के साथ सीधा संवाद साधने की रहेगी। इस दौरान उनका राज्य के प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजन जारी रहेगा। चारभुजाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री कांकरोली स्थित द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन करेंगी। इसके बाद नाथद्वारा के लिए रवाना हो जाएंगी। प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी की इस यात्रा को शक्ति परीक्षण के रूप में देखा जा रहा है। इस यात्रा के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि खुद अमित शाह इस रैली को रवाना करने के लिए राजसमंद पहुंचे हैं। बीजेपी की कोशिश राज्य में 180 सीटें जीतकर फिर से सत्ता में आने की है। बीजेपी को पिछले चुनाव में 163 सीटें मिली थीं। अब तक राज्य में सिर्फ एक बार बीजेपी लगातार सत्ता में आई है। उस समय पूर्व राष्ट्रपति और बीजेपी के दिग्गज नेता भैरों सिंह शेखावत ने 1990-92 तक शासन करने के बाद 1993 में सत्ता में वापसी की थी। दरअसल, वसुंधरा की इस यात्रा का मकसद राजपूत मतदाताओं का साधना है। राजपूत राज्य की कुल जनसंख्या का 7 प्रतिशत हैं और हाल के दिनों में हुई घटनाओं की वजह से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। वसुंधरा ने पिछले दिनों जोधपुर से राजपूत समुदाय के प्रभावशाली नेता गजेंद्र सिंह शेखावत को राजस्थान बीजेपी का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया था। इससे राजपूतों में उनकी छवि और ज्यादा खराब हो गई है। यही नहीं राजपूत समुदाय गैंगस्टर आनंद पाल सिंह के कथित फर्जी मुठभेड़ से भी नाराज है। यही नहीं देशभर में पद्मावत फिल्म दिखाए जाने से भी कई राजपूत बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं। राजस्थान सरकार ने जयपुर के शाही परिवार के राज महल पैलेस को पिछले दिनों सील कर दिया था, इससे उनके राजपूत नेताओं से संबंध और भी ज्यादा खराब हो गए। हाल ही में हुए उपचुनाव में भी वसुंधरा सरकार को राजपूत मतदाताओं के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा था। बीजेपी को सभी तीन उपचुनावों में कांग्रेस के हाथों मात खानी पड़ी। केंद्र और आरएसएस के साथ अपने संबंधों के कारण वसुंधरा अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती हैं और माना जा रहा है कि राजपूतों को फिर से साधने के लिए वसुंधरा राजे यात्रा निकाल रही हैं।
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मध्यप्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और कांतिलाल भूरिया को उनके क्षेत्र में घेरने के लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस की परम्परागत सीटों को छीनने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा छिंदवाड़ा, गुना और झाबुआ लोकसभा सीट के प्रभारी बनाए गए उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह शुक्रवार को गुना पहुंचे। उन्होंने गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। शनिवार को वे रतलाम-आलीराजपुर लोकसभा सीट के पेटलावद में रहेंगे और 6 अगस्त को छिंदवाड़ा का दौरा करेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना शिवपुरी सीट जीतने की रणनीति के तहत कुछ दिनों पहले केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस क्षेत्र में 3500 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया था। पिछोर में भी मुख्यमंत्री ने किसानों को प्रोत्साहन राशि बांटी। प्रदेश के मंत्री जयभान सिंह पवैया भी दौरा कर रहे हैं। पार्टी ने 2019 के लोस चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत सिंधिया सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की छिंदवाड़ा और आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया की रतलाम-आलीराजपुर सीट को भी कांग्रेस से छीनने के लिए तीनों नेताओं की घेराबंदी की जा रही है। स्वतंत्रदेव सिंह ने संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने एक साल पहले चंदेरी में हुई बैठक में सौंपे दायित्वों की समीक्षा की। साथ ही सरकार की योजनाओं के नाम पूछे। पं. दीनदयाल पुण्यतिथि पर पंचायतों में पदाधिकारियों द्वारा दिए गए भाषण को रिपीट कराया, लेकिन पदाधिकारी दोनों ही सवालों के जवाब देने में फेल हो गए। सिंह ने करीब एक साल पहले चंदेरी में गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक ली थी। इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को विधानसभा स्तर पर संगठनात्मक संरचना तैयार करने को कहा था। सवालों का जवाब न मिलने पर सिंह ने पदाधिकारियों को नसीहत दी कि पार्टी की योजनाओं और संगठन की पूरी जानकारी होना चाहिए। सरकार की योजनाओं के लिए 12 प्रभारी बनाए है।
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छत्तीसगढ़ की चुनावी जंग में भाग्य आजमाने के लिए दो पुलिस अधिकारियों ने डीजीपी एएन उपाध्याय को इस्तीफा दे दिया है। डीएसपी विभोर सिंह और इंस्पेक्टर गिरजा शंकर जोहर ने पुलिस मुख्यालय में डीजीपी को इस्तीफा सौंपा। दोनों कांग्रेस के टिकट के दावेदार हैं। विभोर की दावेदारी कोटा से है जबकि जोहर मस्तूरी विधानसभा से दावेदारी कर रहे हैं विभोर लंबे समय से रायपुर में पदस्थ थे। कुछ महीनों से वे छुट्टी पर थे। उनका कांग्रेस से पुराना नाता है। वे बिलासपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं और एनएसयूआई के उपाध्यक्ष भी थे। पुलिस अफसर विभोर को वर्ष 2003 में गोली लगी थी। वर्ष 2004 में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में भी वे घायल हो गए थे। बताया जा रहा है कि वे बिलासपुर के कोटा विधानसभा से ताल ठोंकने की तैयारी में हैं। यहां से कांग्रेस की पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष रेणु जोगी विधायक हैं। वहीं, गिरजा शंकर जोहर की दावेदारी मस्तूरी विधानसभा से है। एक दशक में गिरजा बिलासपुर और मस्तुरी के कई थानों में पदस्थ थे। उनकी क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। मस्तुरी से कांग्रेस के दिलीप लहरिया विधायक हैं।
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असम में एनआरसी(नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स) के ड्राफ्ट को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में तो हंगामा हुआ ही, बाहर भी सियासी पारा चढ़ा रहा। इस मुद्दे को लेकर बिहार के बक्सर से सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और कांग्रेस सांसद प्रदीप भट्टाचार्य के बीच जमकर बहस हो गई। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें दोनों एक-दूसरे को घेरते नजर आ रही हैं। वीडियो में भाजपा सांसद अश्विनी चौबे साफ कह रहे हैं कि, "जो भारतीय बनकर रहेगा, वही इस देश का नागरिक है। वो यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों को भारत से वापस भेजा जाएगा।" इस पर कांग्रेस सांसद ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि, "सरकार लोगों को गुमराह कर रही है। नेताओं को जानकारी ही नहीं है। काफी देर तक दोनों के बीच बहस हुई।"
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मध्यप्रदेश के सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील मुख्यालय पर 2208 करोड़ की लागत की वृहद सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करते हुए कहा कि आगामी दिनों में राज्य सरकार कृषि उपज की लागत में 50 प्रतिशत लाभांश जोड़कर समर्थन मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि इस तरह निर्धारित समर्थन मूल्य पर ही किसान की फसल की खरीदी प्रदेश सरकार करेगी। श्री चौहान ने इस अवसर पर मगरौनी कस्बे को नगर पंचायत का दर्जा दिये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वृहद सिंचाई परियोजना से खनियाधाना और पिछोर क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में पेयजल व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा 40 लाख हेक्टेयर तक पहुँचा दिया गया है। अब राज्य सरकार का लक्ष्य इसे 80 लाख हेक्टेयर तक पहुँचाने का है। मुख्यमंत्री ने शिलान्यास समारोह में उपस्थित जन-समुदाय को संबल योजना सहित महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हित-लाभ भी वितरित किये। जनसम्पर्क, जल-संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि परियोजना की पूर्ण जल-ग्रहण क्षमता 371.80 मैट्रिक घनमीटर होगी और जल-ग्रहण क्षेत्र 1843 वर्ग किलोमीटर रहेगा। उन्होंने कहा कि परियोजना से पिछोर विधानसभा क्षेत्र के 208 ग्रामों में एक लाख 67 हजार एकड़, शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में 11 ग्रामों की 7 हजार एकड़, करैरा विधानसभा क्षेत्र में 87 ग्रामों की 67 हजार एकड़ और दतिया विधानसभा क्षेत्र में 37 ग्रामों की 32 हजार एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई होगी। मुख्यमंत्री ने शिलान्यास समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व राजस्व मंत्री श्री लक्ष्मीनारायण गुप्ता को शॉल-श्रीफल से सम्मानित किया। उन्होंने पिछोर की कु. आशिया खान को बेडमिंटन नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण-पदक हासिल करने पर सम्मानित किया। अपर मुख्य सचिव जल-संसाधन श्री आर.एस. जुलानिया ने परियोजना की जानकारी दी। समारोह में विधायक श्री प्रहलाद भारती, अन्य जन-प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
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संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नेताओं पर तंज कसा है। उन्होंने बुधवार को दिल्ली में कहा कि अब तो भाजपा के सांसद उन्हें देखते ही डर से दो कदम पीछे हट जाते हैं कि कहीं वह उन्हें गले न लगा लें। पिछले सप्ताह लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री की सीट तक गए और उन्हें गले से लगाया। उनके इस कदम की भाजपा नेताओं ने आलोचना की थी। राहुल ने कहा कि सत्ताधारी दल के नेताओं से उनकी राय भिन्न हो सकती है और वह उनसे लड़ सकते हैं, लेकिन उनसे नफरत करने की कोई जरूरत नहीं है। एक पुस्तक विमोचन समारोह में पहुंचे राहुल ने कहा कि वह लालकृष्ण आडवाणी से असहमत हो सकते हैं। देश के बारे में जो आडवाणी के विचार हैं उनसे उनके विचार पूरी तरह भिन्न हैं। वह हर कदम पर आडवाणी से लड़ सकते हैं, लेकिन उनसे नफरत करने की कोई जरूरत नहीं है। समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी, शशि थरूर और माकपा नेता सीताराम येचुरी आदि मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को भी राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। एक ट्वीट में राहुल ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री ने जब राफेल सौदे की घोषणा की थी उसके कुछ ही दिनों पहले प्रमुख उद्योगपति ने एक कंपनी शुरू की थी। उनका इशारा रिलायंस समूह की ओर था।
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महाराष्ट्र में एक बार फिर भड़का मराठा आंदोलन हिंसक हो चुका है। मंगलवार को बुलाए गए बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल की मौत हो गई वहीं 9 अन्य घायल हो गए। इसके बाद आंदोलनकारियों ने आज भी राज्य में बंद बुलाया है। मराठा क्रांति समाज ने यह बंद ठाणे, नवी मुंबई और रायगढ़ में बंद बुलाया है। हालांकि इस बंद से स्कूल, लोकल, मेडकल और कॉलेजों को बाहर रखा गया है। इस बीच जगन्नाथ सोनावणे नाम के प्रदर्शनकारी, जिसने औरंगाबाद के देउगांव में आरक्षण की मांग को लेकर जहर खा लिया था। उसकी अस्पताल में मौत हो गई है।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे के तहत बुधवार को जगदलपुर पहुंचे। मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति कोविंद 25 व 26 जुलाई को बस्तर में ही रहेंगे। बस्तर आने वाले कोविंद चौथे राष्ट्रपति हैं, लेकिन इस दौरान चित्रकोट जैसी संवेदनशील जगह पर रात गुजारने वाले वे पहले राष्ट्रपति होंगे। यहां राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए मुख्यमंत्री रमन सिंह मौजूद थे। इसके अलावा बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, वन मंत्री महेश गागड़ा, बस्तर सांसद दिनेश कश्यप, जगदलपुर विधायक संतोष बाफना, युवा आयोग के अध्यक्ष कमलचंद भंजदेव, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जगदलपुर महापौर जतीन जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष जबिता मंडावी, मुख्य सचिव अजय सिंह, कमिश्नर दिलीप वासनीकर, कलेक्टर धंनजय देवांगन, पुलिस अधीक्षक डी श्रवण सहित जनप्रतिनिधिगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। जगदलपुर एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, यहां 100 से ज्यादा जवान एयरपोर्ट के अंदर तैनात हैं। राष्ट्रपति के प्रवास के दौरान पूरे बस्तर में हेलीकॉप्टर लगातार उड़ान भरेंगे। स्पेशल फोर्स के जवानों को खास हिदायतों के साथ तैनात किया गया है। चित्रकोट से बारसूर होकर गीदम जाने वाली सड़क पर सतर्कता रखी जा रही है। इससे पहले 2007 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल चित्रकोट गई थीं। उस दौरान नक्सलियों ने चित्रकोट-गीदम मार्ग पर सीआरपीएफ की एक बोलेरो उड़ा दी थी। इस बार इस तरह की घटना न होने पाए इसकी तैयारी की गई है
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अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा उठाए गए राफेल डील का मुद्दा ठंडा होता नहीं दिख रहा है। कांग्रेस इस मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ लोकसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएगी। इसके अलावा इस मामले पर संसद में बोलने वाली रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन के खिलाफ भी नोटिस लाने की तैयारी है। बता दें कि शुक्रवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर राफेल विमान की खरीद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने कहा था कि, रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन ने पीएम मोदी के दवाब में राफेल डील को लेकर देश से झूठ बोला। राहुल गांधी के बयान को फ्रांस सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था। राहुल के बयान पर फ्रांस सरकार ने प्रतिक्रिया जारी करते हुए कहा था कि, राफेल डील की जानकारी दोनों देश सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं। फ्रांस की सरकार ने कहा था कि, 'हमें भारतीय संसद में राहुल गांधी के बयान की जानकारी मिली है। फ्रांस और भारत के बीच 2008 में सुरक्षा समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों के बीच होने वाली डिफेंस डील की जानकारी गोपनीय रखी जाती है, ताकि सुरक्षा और ऑपरेशनल संभावनाएं प्रभावित न हों। यही प्रावधान 23 सितंबर 2016 को भारत-फ्रांस के बीच हुए 36 राफेल हवाई जहाज और उनके हथियारों की डील पर भी लागू होता है। वहीं, फ्रांस सरकार के बयान के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि, वो अब भी संसद में दिए गए अपने बयान पर कायम हैं। उन्होंने कहा- अगर वे (फ्रांस) मना करना चाहते हैं तो उन्हें करने दो। फ्रांस के राष्ट्रपति ने मेरे सामने ये बात कही थी, उस वक्त मेरे साथ आनंद शर्मा और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी थे।
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टीडीपी ने सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया है। पार्टी की तरफ से पहली बार के सांसद जयदेव गाला ने बहस की शुरुआत की। टीडीपी सांसद ने सरकार को घेरते हुए कहा कि, "आंध्र प्रदेश के साथ सरकार ने न्याय नहीं किया है। पांच करोड़ जनता के साथ अन्याय हुआ है। तेलंगाना नहीं, आंध्र प्रदेश नया राज्य बना है। सरकार ने आंध्र प्रदेश से किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। आंध्र प्रदेश पर भारी बोझ है। इस राज्य ने बहुत कुछ गंवाया है।" टीडीपी सांसद जयदेव गाला ने पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, "आप अलग धुन में बात कर रहे हैं, जिसे आंध्र प्रदेश की जनता समझ रही है और आने वाले चुनाव में उसका मुंहतोड़ जवाब देगी। भाजपा का भी वैसा ही हाल होगा, जैसा कांग्रेस का आंध्र प्रदेश में हुआ था। पीएम मोदी ये धमकी नहीं, ये शाप है।" जयदेव गाला आंध्र प्रदेश के अरबपति उद्योपति हैं। वो गुंटूर से सांसद हैं। जानिए उनके भाषण की खास बातें- आंध्र प्रदेश के लोग सच में पीड़ा में है,केंद्र की तरफ से आंध्र को एक पैसा भी नहीं मिला है, हम धमकी नहीं, शाप दे रहे हैं, मोदी सरकार ने आंध्र से किया वादा पूरा नहीं किया है, ये जंग तानाशाह और लोकतंत्र के बीच है, वित्त मंत्री तथ्यों से खेलना बंद करें, हमारे पास ऐसे सबूत हैं कि आंखें खुल जाएंगी, विकास के सूचकांक पर आंध्र बहुत पीछे है,हाथ जोड़कर विनती की आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य दर्जा दें | सदन के भीतर भी कांग्रेस नेता मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने अविश्वास प्रस्ताव पर कम समय देने को लेकर शिकायत की। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस को जो वक्त दिया गया है, वो काफी कम है। इस पर से पाबंदी हटनी चाहिए। इस बीच बीजेडी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। लोकसभा की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में वरिष्ठ भाजपा नेताओं की संसद में बैठक चल रही है। इस बैठक में राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मौजूद हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, देश का विश्वास पीएम के साथ है। ईमानदारी से काम करने पर कांग्रेस को परेशानी हो रही है। सदन में सरकार के पास बहुमत है। वहीं राहुल गांधी पर भी उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि, "देखते हैं कि राहुल गांधी के बोलने से कितना बड़ा भूचाल आता है।" सरकार की अहम सहयोगी शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपना रुख साफ कर दिया है। संसदीय दल की बैठक में पार्टी प्रमुख उद्वव ठाकरे ने फैसला लिया कि शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहेगी। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी का रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि, "शिवसेना वोटिंग के दौरान गैर हाजिर रहेगी। इसके लिए सांसदों को निर्देश दिए जा चुके हैं। राउत ने कहा कि, सरकार जनता का भरोसा खो चुकी है। सबका पता है कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा, मगर लोकतंत्र में सबको बोलने का अधिकार होता है।" वहीं कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, "सरकार ने सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाया है। आज किसान, युवा सब परेशान हैं। ऐसे में सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है।" इस बीच भाजपा की तरफ से लोकसभा में राजनाथ सिंह, राकेश सिंह, वीरेंद्र सिंह और अर्जुन मेघवाल अविश्वास प्रस्ताव पर बोलेंगे। वहीं शाम को प्रधानमंत्री मोदी भी अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखेंगे। भाजपा नेता अनंत कुमार ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है।भाजपा अध्यक्ष अमित साह अन्य नेताओं के साथ संसद पहुंचे। मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया लेकिन विक्ट्री साइन दिखाया।
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मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गैर भाजपाई महागठबंधन की कवायद तेज हो गई है। आगामी 2 अगस्त को आधा दर्जन छोटे दलों के भोपाल में होने वाले सम्मेलन में शिरकत को लेकर कांग्रेस और बसपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन गठबंधन के सूत्रधार पूर्व जदयू अध्यक्ष शरद यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती की कांग्रेस दिग्गजों से अलग-अलग मुलाकातें हो चुकी हैं। महागठबंधन की स्क्रिप्ट तैयार करने में जुटे समाजवादी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस कर्नाटक के अनुभव के बाद ज्यादा सतर्कता से कदम आगे बढ़ा रही है। उसकी चिंता है कि चुनाव बाद गठबंधन की स्थिरता पूरी विश्वसनीयता के साथ बनी रहे। मप्र के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए भी सैद्धांतिक चर्चा हुई है, लेकिन अभी सीटों की कोई बात नहीं हुई। मायावती की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के अलावा अशोक गेहलोत से भी चर्चा हुई है। उधर, शरद यादव की भी कांग्रेस के दिग्गजों से मुलाकात में इसी मुद्दे पर लंबी चर्चा हो चुकी है। जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव गोविंद यादव का कहना है कि छग में कांग्रेस के साथ गोंगपा के हीरासिंह मरकाम मंच साझा कर चुके हैं। भोपाल सम्मेलन में मरकाम और फूलसिंह बरैया सहित राष्ट्रीय समानता दल को मिलाकर छह क्षेत्रीय दल शामिल होंगे। कांग्रेस और बसपा से अभी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई है। इस सम्मेलन के बहाने गैर आदिवासी, गैर दलित और गैर कांग्रेसी हिन्दू वोटों पर फोकस किया जा रहा है। गठबंधन से जुड़े नेताओं का कहना है कि भाजपा के जनाधार में बड़ी संख्या ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य वर्ग से है। इनमें से एक हिस्सा कांग्रेस के पास भी है। इनके अलावा गैर कांग्रेसी हिन्दू में ज्यादातर कम आबादी वाले समाज और गरीब-ओबीसी वर्ग के लोग शामिल हैं। इस वर्ग को रिझाने के बाद ही महागठबंधन का उद्देश्य पूरा होगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को किसान जन कल्याण रैली में हिस्सा लेने के लिए पश्चिम बंगाल के मिदनापुर पहुंचे। शहर के कॉलेज मैदान में आयोजित इस सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां किसानों के लिए सरकार द्वारा हाल में उठाए कदमों का जिक्र किया वहीं ममता सरकार पर ईशारों में जमकर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि मां-माटी-मानुष की बात करने वालों का पिछले 8 साल में असली चेहरा, उनका सिंडिकेट सामने आ चुका है। सिंडिकेट की मर्जी के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ भी करना मुश्किल हो गया है। यहां हर चीज के लिए सिंडिकेट बना हुआ है। कुछ भी काम करना हो तो यह सिंडिकेट ही तय करता है। पीएम ने कहा कि राज्य में सिंडिकेट सरकार है। जब तक इस सिंडिकेट की मंजूरी नहीं होती तब तक कोई काम नहीं होता। बंगाल में नई कंपनी खोलनी हो, नए अस्पताल खोलने हों, नए स्कूल खोलने हों, नई सड़क बनानी हो, बिना सिंडिकेट को चढ़ावा दिए, उसकी स्वीकृति लिए, कुछ भी नहीं हो सकता। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि पीएम ने कहा कि किसानों को MSP सही मिले इसके लिए किसान मांग करते रहे, आन्दोलन करते रहे लेकिन दिल्ली में बैठी सरकार ने किसानों की एक न सुनी। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हमारी सरकार ने किसानों को डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का निर्णय ले लिया। किसान हमारे अन्नदाता और गांव हमारे देश की आत्मा हैं। कोई भी समाज तब तक आगे नहीं बढ़ सकता। अगर देश का किसान उपेक्षित हों तो कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता है। स्वतंत्रता आन्दोलन हो, सामाजिक सुधार के कार्यक्रम हो, सामान्य मानवीय का सशक्तिकरण हो या फिर शिक्षा के उच्च मापदंड मेदिनीपुर ने इतिहास में अपना एक विशेष स्थान बनाया है। देश आज परिवर्तन के बड़े दौर से गुजर रहा है, स्वतंत्रता आन्दोलन के समय जिस प्रकार एक संकल्प लेकर उसे सिद्ध किया गया था वैसे ही समग्र देश में आज 'संकल्प से सिद्धि' की यात्रा आगे बढ़ रही है। किसानों के लिए हमने इतना बड़ा फैसला किया है कि आज तृणमूल को भी इस सभा में हमारा स्वागत करने के लिए झंडे लगाने पड़े और उनको अपनी तस्वीर लगानी पड़ी, ये भाजपा की नहीं हमारे किसानों की विजय है।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने आज मिर्जापुर में उस बाण सागर परियोजना का लोकार्पण किया, जिसकी परिकल्पना 1956 में की गई थी। इसको मंजूरी मिली 1977 में तथा शिलान्यास 1978 में किया गया। इसके बाद चार दशक तक इसकी ओर किसी का ध्यान नहीं गया। इस दौरान उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि 300 करोड़ की परियोजना को पूरा करने में 3200 करोड़ रुपए में पूरा करना पड़ा। उन्होंने कहा कुछ लोग किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाते हैं। अधूरी सिंचाई परियोजानाओं को पूरा क्यों नहीं किया गया। मोदी ने कहा कि देशभर में दशकों से अटकी परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। सपा और बसपा की सरकार में विकास का एजेंडा था ही नहीं कभी। कांग्रेस की पूर्व सरकार ने कभी यूपी में स्वास्थ्य सुविधा का ख्याल नहीं किया, मोदी के नेतृत्व में 8 नए मेडिकल कालेज खुलने जा रहा है, एम्स और कैंसर संस्थान मिल रहा है। यूपी में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा और विकास तेज हुआ है। बताते चलें कि केंद्रीय जल विद्युत शक्ति आयोग से 1977 में इस परियोजना को स्वीकृति मिलने के बाद 14 मई 1978 को ही इसका शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने किया। इसके बाद शासन-प्रशासन के दांव-पेंच के चलते अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था। मगर,अब इस परियोजना को मौजूदा केंद्र व प्रदेश की सरकार ने परवान चढ़ाया। परियोजना से उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व मध्य प्रदेश के भी लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। करीब 3148.91 करोड़ रुपए की लागत से तैयार बाणसागर परियोजना के रामबाण से प्रधानमंत्री विकास का पूरे देश को नया संदेश दिया। इसके साथ ही विंध्य की धरती से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हुंकार भरेंगे। मोदी ने कहा कि अभी हाल ही में एक खबर आई है। अगर यह निगेटिव होती, तो कई दिनों तक इस पर हो हल्ला होता। मगर, खबर पॉजिटिव थी, तो यह आई-गई हो गई। दो सालों में पांच करोड़ लोग भीषण गरीबी से बाहर निकले हैं। इसके साथ ही आयुष्मान योजना का जिक्र भी पीएम ने किया, जिसके तहत पांच लाख रुपए के चिकित्सकीय बिल का भुगतान सरकार करेगी। स्वच्छ भारत पर मोदी ने कहा कि गांवों में शौचालय बनने से वहां के परिवारों की बीमारियों में कमी आई है। बाणसागर परियोजना का प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण होने के मद्देनजर अदवा बैराज को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यह परियोजना हलिया विकास खंड में अदवा नदी के कैमूर पहाड़ की तलहटी में 3148.91 करोड़ की लागत से वर्ष 1977-78 में प्रारंभ की गई थी। विंध्य पर्वत एवं कैमूर श्रृखंलाओं की बाधाओं को पार करते हुए 25.600 किलोमीटर अदवा मेजा लिंक नहर का निर्माण किया गया। इसमें 150132 हेक्टेयर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अदवा, मेजा, जरगो बांध को पानी से भरने की योजना बनाई गई है। सिंचाई सुविधा को देखते हुए बैराज में आठ गेट अदवा नदी में पानी छोड़ने के लिए बनाए गए हैं वहीं दूसरी ओर तीन गेट बाणसागर नहर में पानी गिराने के लिए बने हैं। बाणसागर से अदवा बैराज मध्य प्रदेश के शहडोल जिले देवलोन बाणसागर बांध से अदवा बैराज के लिए पानी छोड़ा गया है। इससे मीरजापुर में 75309 हेक्टेयर तथा इलाहाबाद में 74823 हेक्टेयर यानी कुल 150132 हेक्टेयर सिंचाई करने की योजना है। नहरों की कुल लंबाई 171.80 किमी और क्षमता 46.46 क्युसेक पानी की होगी। इससे 170000 किसानों का परिवार लाभान्वित होगा। बाणसागर परियोजना से मध्यप्रदेश में 1.54 लाख हेक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में 1.50 लाख हेक्टेयर तथा बिहार राज्य में 94 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। केंद्र तथा प्रदेश सरकार ने विंध्य क्षेत्र की इस महत्वांकाक्षी अंतरराज्यीय परियोजना को पूरा करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। अब अदवा बैराज डाक-बंगले सहित भवन तथा पुल सहित पूरी परियोजना भगवा में रंग गए हैं। ऐसे में अब बाणसागर परियोजना का लोकार्पण कर प्रधानमंत्री एक तीर से कई निशाने साधेंगे।
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हैदराबाद में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम लोकसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगा। शाह की पार्टी की तेलंगाना राज्य समिति के साथ हुई बैठक के संबंध में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पेराला शेखरजी ने शाह का हवाला देते हुए कहा कि इस संबंध में उठाए गए कदमों को देखें तो अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम लोकसभा चुनावों से पहले शुरू हो जाएगा। एक दिन की यात्रा पर हैदराबाद पहुंचे अमित शाह ने समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए जाने की संभावनाओं से भी इन्कार किया है। शाह ने पार्टी नेताओं से राज्य में सरकार बनाने के लिए रणनीति तैयार करने को भी कहा। बता दें कि शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस पर सुनवाई के दौरान शिया वक्फ बोर्ड ने मुस्लिमों को मिली जमीन मंदिर के लिए दान देने की बात कही है।
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मप्र राज्य निर्वाचन आयोग ने 5 नगरीय निकाय के चुनाव को स्थगित कर दिया है। कलेक्टरों द्वारा वॉर्डों के आरक्षण में सही प्रक्रिया नहीं अपनाने और आरक्षित वॉर्डों की सूची राज्य शासन के गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशित नहीं करने के चलते ये फैसला किया गया है। इस फैसले के बाद नगरपालिका परिषद अनूपपुर, नगर परिषद सांची (रायसेन), नगर परिषद भैंसदेही (बैतूल), नगर परिषद चुरहट (सीधी) और नगर परिषद नरवर (शिवपुरी) के चुनाव स्थगित हो गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले से सरकार को राहत मिली है। गौरतलब है कि सोमवार को ही आयोग ने इन 5 नगरीय निकायों के लिए निर्वाचन कार्यक्रम घोषित किया था। इसके तहत 3 अगस्त को मतदान और 7 अगस्त को मतगणना होना थी। लेकिन 9 जुलाई को नगरीय विकास व आवास विभाग ने शिवपुरी और रायसेन कलेक्टर को पत्र जारी कर उनके द्वारा किए गए आरक्षण में त्रुटियों की जानकारी दी। इसके अलावा नगरीय विकास विभाग ने आयोग को भी पत्र लिखकर जानकारी दी कि अनूपपुर, रायसेन, बैतूल, सीधी और शिवपुरी कलेक्टरों द्वारा किए गए वॉर्डों के आरक्षण की अधिसूचना का प्रकाशन राज्य शासन द्वारा मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित नहीं कराया गया। विभाग ने इस आधार पर निर्वाचन कार्यक्रम स्थगित करने का अनुरोध किया। मप्र नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 29 के तहत नगरीय निकायों के क्षेत्र विस्तार और वॉर्डों के आरक्षण का विषय शासन के अधिकार क्षेत्र का विषय है। आयोग ने नगरीय विकास विभाग के पत्र का परीक्षण किया और निष्कर्ष निकाला कि वॉर्डों का आरक्षण प्रक्रिया यदि सही तरीके से नहीं अपनाई गई तो निर्वाचन प्रक्रिया दूषित होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में राज्य निर्वाचन आयोग ने मप्र नगरपालिका निर्वाचन नियम 1994 के नियम 23 और सहपठित नियम 11 (क) के अंतर्गत नगरपालिका परिषद अनूपपुर, नगर परिषद सांची (रायसेन), नगर परिषद भैंसदेही (बैतूल), नगर परिषद चुरहट (सीधी) और नगर परिषद नरवर (शिवपुरी) के चुनाव स्थगित करने का फैसला किया। इसके अलावा आयोग ने राज्य शासन को निर्देश दिए कि वॉर्डों के आरक्षण में सही प्रक्रिया अपनाकर उसकी अधिसूचना मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित कर तत्काल आयोग को सूचित किया जाए जिससे इन स्थानों पर निर्वाचन की प्रक्रिया को नियमित किया जा सके।
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भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश का किसान मोर्चा 11 जुलाई को प्रदेश की 2200 पंचायतों में एक साथ किसान चौपाल लगाएगा। इसमें युवा किसानों को बुलाया जा रहा है, ताकि उन्हें दिग्विजय शासनकाल में किसानों की बदहाल स्थिति से अवगत कराया जा सके। ये बात भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रणवीर सिंह रावत ने कही। बकौल रावत, कुछ बहरूपिए हैं जो हमारे 19-20 साल के युवा किसानों को बरगला रहे हैं। इन युवाओं ने चूंकि दूसरी सरकार देखी नहीं हैं, इसलिए हम उन्हें कांगे्रस शासनकाल की हकीकत से अवगत कराएंगे। प्रदेश की 200 विधानसभाओं में प्रत्येक विधानसभा की 11 ग्राम पंचायतों में किसान चौपाल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह आदि शामिल होंगे।
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एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक साल में किसानों के खातों में विभिन्न योजनाओं में लगभग 35 हजार करोड़ रूपये की सहायता पहुँचाई गई है। राज्य सरकार ने नर्मदा के पानी को क्षिप्रा नदी में डालने के असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है। आज नर्मदा मैया की कृपा से देवास को पीने का पानी सहजता से उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि देवास, उज्जैन, शाजापुर और आगर जिलों में सिंचाई के लिए नर्मदा-कालीसिंध पार्ट-1 व पार्ट-2 तथा नर्मदा मालवा-गंभीर पार्ट-01 और पार्ट-02 तथा नर्मदा मालवा-क्षिप्रा पार्ट-2 लिंक परियोजनाओं से सिंचाई की योजना तैयार की गई है। इसमें विभिन्न चरणों में लगभग 14 लाख 20 हजार एकड़ में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सिंचाई की व्यवस्था होने से अगले पांच साल में इन जिलों में फसलों का पूरा पैटर्न ही बदल जाएगा। मुख्यमंत्री रविवार को देवास में ‘‘किसान महासम्मेलन’’ को संबोधित कर रहे थे। किसानों के 30 हजार बेटा-बेटियों के लिये ऋण की व्यवस्था श्री चौहान ने कहा कि किसानों को फसलों को लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए फसलों के निर्यात के भी प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिये एक्सपोर्ट प्रमोशन बोर्ड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फुड प्रोसेसिंग इकाईयों की स्थापना को भी बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस साल किसानों के 30 हजार बेटा-बेटियों को इस योजना में ऋण दिलाने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान ने असंगठित श्रमिकों और गरीबों के लिए लागू की गई मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना में मिलने वाले लाभों की जानकारी देते हुए कहा कि अगले चार साल में हर गरीब के पास अपना पक्का मकान होगा। गरीबों, श्रमिकों के बेटा-बेटियों की उच्च शिक्षा की फीस सरकार भरेगी। उन्होंने बताया कि बिजली बिल माफी योजना में सभी गरीबों और श्रमिकों के बिजली बिल माफ करने के लिए कैम्प लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मासूम बेटी के साथ अगर कोई दुराचार करेगा तो उसे फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। सागर में एक बच्ची के साथ हुई दुराचार की घटना में आरोपी को फांसी की सजा हो गई है। श्री चौहान ने महा-सम्मेलन में जनसैलाब से बेटी बचाने, बेटियों का मान-सम्मान करने, पानी बचाने, नया मध्यप्रदेश बनाने और खेती को लाभ का धंधा बनाने का आह्वान किया। महा-सम्मेलन में तकनीकी कौशल विकास (स्वतंत्र प्रभार) स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री श्री दीपक जोशी, सांसद श्री मनोहर ऊंटवाल तथा विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार ने भी विचार रखे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 34 करोड़ 81 लाख लागत की 3 सड़कों का भूमि-पूजन किया। देवास जिले के लगभग एक लाख 6 हजार किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में खरीफ-2017 के 552 करोड़ रुपए से अधिक की दावा राशि के भुगतान प्रमाण-पत्र वितरण कार्य की शुरूआत की। प्रतीक स्वरूप हितग्राहियों को बीमा दावा राशि के प्रमाण-पत्र भी वितरित किए। महा-सम्मेलन में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में 2105 हितग्राहियों को 25 करोड़ 26 लाख के स्वीकृति पत्रों का वितरण किया गया। इसके अलावा मुख्यमंत्री बिजली माफी योजना के पांच हितग्राहियों तथा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में दो महिलाओं को प्रतीक स्वरूप गैस कनेक्शन के प्रमाण-पत्र दिए गए। कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा जिले के प्रभारी मंत्री श्री सुरेंद्र पटवा, विधायक श्री आशीष शर्मा, श्री राजेंद्र वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह राजपूत, महापौर श्री सुभाष शर्मा, म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री रायसिंह सेंधव, मप्र खादी ग्रामोद्योग बोर्ड अध्यक्ष श्री सुरेश आर्य सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी दिल्ली का झगड़ा सुलझता नजर नहीं आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आते ही केजरीवाल सरकार ने अफसरों के तबादलों की लंबी लिस्ट जारी कर दी थी। अब दिल्ली के सर्विसेज विभाग ने इस आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है। इसके बाद गुरुवार सुबह केजरीवाल सरकार मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, यदि अफसर सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानेंगे तो अफरातफरी मचेगी। सिसोदिया ने अपील की कि केंद्र सरकार और उपराज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट की वह बात मानें, जिसमें आपसी सामंजस्य के साथ काम करने की सलाह गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के बुधवार को अधिकारों के विवाद में फैसला आते ही केजरीवाल सरकार ने कैबिनेट बैठक के बाद ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार मंत्रियों को दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के सर्विसेज विभाग ने केजरीवाल सरकार के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बुधवार की शाम को ही ट्रांसफर को लेकर आदेश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक, सर्विसेज विभाग का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में कहीं भी अगस्त 2016 के उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया गया है, जिसमें ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार उपराज्यपाल, मुख्य सचिव या सचिवों को दिया था। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अधिकारियों के ट्रांसफर अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की इजाजत से होंगे। इस बीच, दिल्ली सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है, जो उसके निर्देशों में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे। दिल्ली सरकार में काम कर रहे कई बड़े अधिकारियों के तबादले के आदेश गुरुवार तक जारी होने की संभावना है। उन्हें ऐसे विभागों में भेजा जा सकता है, जहां सीधे तौर पर सक्रिय भूमिका नहीं रहती है। इसमें उन अधिकारियों के नाम सबसे ऊपर हैं जो मुख्य सचिव के साथ मारपीट की घटना के बाद से अधिकारियों की ओर से विरोध में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपने हक में मानते हुए दिल्ली सरकार ने आईएएस और दानिक्स के 30 से 35 अधिकारियों की लिस्ट तैयार कर ली है। उनसे महत्वपूर्ण विभाग छीने जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली सरकार का दावा है कि अधिकारियों के तबादले का अधिकार उसके पास आ गया है, जबकि अभी तक ये तबादले उपराज्यपाल के निर्देश पर होते आ रहे हैं। वहीं, दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एसके शर्मा का कहना है कि अभी भी सेवाएं विभाग गृह मंत्रलय के पास है। जिस पर उपराज्यपाल ही तबादला व नियुक्तियों पर फैसला लेंगे। दिल्ली सरकार यदि इसमें कुछ कह रही है तो गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी याद दिला दिया कि जनादेश का अर्थ यह नहीं कि वह अधिकार से बाहर जाकर या फिर संविधान से परे भी कुछ किया जा सकता है। काल्पनिक आदर्श के लिए कोई स्थान नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि जनप्रतिनिधि पद ग्रहण करते वक्त संविधान की शपथ लेते हैं। ऐसे में उनसे यह अपेक्षा होती है कि वह संविधान की मर्यादा और उसकी व्याख्या का ध्यान रखें। वोटरों की अपेक्षाओं को नीतियों में बदलने, उसे कानून का स्वरूप देने का कर्तव्य है। लेकिन संविधान के बाहर जाकर नहीं। संविधान में किसी भी तरह के वैचारिक सिद्धांत या कल्पना के लिए स्थान नहीं है। वही किया जा सकता है जो संविधान के अनुसार व्यावहारिक हो। ध्यान रहे कि इसी क्रम में कोर्ट ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा से इन्कार कर दिया। पिछले दिनों में जिस तरह दिल्ली सरकार अनशन पर दिखी शायद उस पर भी कोर्ट ने असहमति जताई।
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राजस्थान सरकार ने गुर्जरों की एक मांग और मानते हुए उन्हें बैकडेट (पूर्व प्रभावी) से एक प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश जारी कर दिया है। गौरतलब है कि गुर्जरों ने सात जुलाई को प्रधानमंत्री की जयपुर में होने वाली सभा में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी हुई है। राजस्थान सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में कहा गया है कि गुर्जर सहित पांच अति पिछड़ी जातियों को दिसंबर, 2016 से सितंबर 2017 के बीच निकाली गई सरकारी भर्तियों में भी एक प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाए। इसके लिए यदि अतिरिक्त पद सृजित कराने हों तो उसकी अनुमति भी ले ली जाए। दरअसल, गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का जो बिल राजस्थान सरकार ने 2015 में पारित किया था, उस पर हाई कोर्ट ने दिसंबर 2017 में रोक लगा दी थी। इसके चलते गुर्जरों के पास सिर्फ ओबीसी में ही आरक्षण रह गया था। यह स्थिति सितंबर 2017 तक रही। सितंबर 2017 में सरकार ने एक नया बिल पारित किया था, जिसमें गुर्जरों सहित पांच पिछड़ी जातियों को ओबीसी का 21 प्रतिशत का कोटा बढ़ा कर आरक्षण दिए जाने का प्रावधान था। गुर्जरों ने हाल में राजस्थान सरकार से जो समझौता किया था, उसमें उन्हें दिसंबर 2016 से सितंबर 2017 के बीच की भर्तियों में भी एक प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था, लेकिन यह आदेश सोमवार को जारी नहीं किया गया था। गुर्जरों के विरोध प्रदर्शन के रूख को देखते हुए सरकार ने कैबिनेट से मंजूरी दिलवा कर यह आदेश भी जारी कर दिया। हालांकि, गुर्जरों की ओबीसी के वर्गीकरण के लिए राजस्थान में समिति बनाने की मांग पर सरकार ने अब भी कुछ नहीं किया है। गुर्जर नेता हिम्मत सिंह का कहना है कि विरोध-प्रदर्शन के निर्णय पर हम समाज के प्रतिनिधियों से बात कर निर्णय करेंगे।
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दिल्ली में राज्य सरकार और केंद्र के बीच जारी अधिकारों की जंग पर सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को फैसला सुनाया। अपने फैसले में पांच जजों की बैंच ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की चुनी सरकार का महत्व है। इसलिए मंत्रिमंडल के पास फैसले लेने का अधिकार है। तीन जजों ने एकमत से कहा कि एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं लेकिन वो कैबिनेट के साथ समन्वय के साथ काम करें। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जनता की जीत करार दिया है। सिसोदिया ने कहा कि यह एक लैंडमार्क फैसला है और अब सरकार को अपनी फाइले मंजूरी के लिए एलजी के पास नहीं भेजनी होंगी। कोर्ट ने कही यह अहम बातें राज्य में चुनी हुई सरकार है और एलजी उसके फैसले में बाधा नहीं डाल सकते। चुनी हुई सरकार की जनता के प्रति जवाबदेही है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य में अराजकता के लिए कोई जगह नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि शक्तियों का समन्वय होना चाहिए। शक्ति एक जगह केंद्रित नहीं हो सकती। कोई भी सरकार जनता को उपलब्ध होनी चाहिए। हमारी संसदीय प्रणाली है और और केंद्र संसद के प्रति जवाबदेह है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र और राज्य मिलकर काम करें। संघीय ढांचे में राज्यों को स्वतंत्रता है। कोर्ट ने कहा कि जनमत महत्वपूर्ण है और इसे तकनिकी मामलों में नहीं उलझाया जा सकता। एलजी दिल्ली के प्रशासक हैं क्योंकि और राज्यों के मुकाबले दिल्ली की स्थिति भिन्न है। अगर किसी मामले पर राज्य कैबिनेट से एलजी की राय मेल नहीं खाती है तो एलजी उसे खारिज करने की बजाय राष्ट्रपति को भेजे। कोर्ट ने कहा कि कैबिनेट को भी लिए गए फैसले के लिए एलजी की मंजूरी जरूरी नहीं है लेकिन उन्हे हर फैसला बाताया जाए। राज्य सरकार कोई भी फैसला अकेले लेकर उसे लागू कर दे यह ठीक नहीं है। संसद का बनाया कानून सर्वोच्च है, हालांकि, कुछ मामलों में राज्य सरकार कानून बना सकती है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने उप राज्यपाल को दिल्ली का प्रशासनिक मुखिया घोषित करने के हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अपीलीय याचिका में दिल्ली की चुनी हुई सरकार और उप राज्यपाल के अधिकार स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एके सीकरी, न्यायमूर्ति एमएम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से पेश दिग्गज वकीलों की चार सप्ताह तक दलीलें सुनने के बाद गत छह दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम, पी. चिदंबरम, राजीव धवन, इंद्रा जयसिंह और शेखर नाफड़े ने बहस की थी जबकि केन्द्र सरकार का पक्ष एडीशनल सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने रखा था। दिल्ली सरकार की दलील थी कि संविधान के तहत दिल्ली में चुनी हुई सरकार है और चुनी हुई सरकार की मंत्रिमंडल को न सिर्फ कानून बनाने बल्कि कार्यकारी आदेश के जरिये उन्हें लागू करने का भी अधिकार है। दिल्ली सरकार का आरोप था कि उप राज्यपाल चुनी हुई सरकार को कोई काम नहीं करने देते और हर एक फाइल व सरकार के प्रत्येक निर्णय को रोक लेते हैं। हालांकि दूसरी ओर केंद्र सरकार की दलील थी कि भले ही दिल्ली में चुनी हुई सरकार हो लेकिन दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है। दिल्ली विशेष अधिकारों के साथ केंद्र शासित प्रदेश है। दिल्ली के बारे में फैसले लेने और कार्यकारी आदेश जारी करने का अधिकार केंद्र सरकार को है। दिल्ली सरकार किसी तरह के विशेष कार्यकारी अधिकार का दावा नहीं कर सकती।
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रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल ने जिस समय सदन में अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी, उस वक्त सदन में अमित जोगी व सियाराम कौशिक नहीं थे। केवल आरके राय ही सदन में मौजूद थे। इस पर मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आपत्ति की। कहा- अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देकर सदन में उपस्थित नहीं होना दुर्भाग्यजनक और सदन का अपमान है। अमित की अनुपस्थिति पर कांग्रेसी सदस्यों ने टिप्पणी करते हुए उन्हें सरकार की बी टीम करार दिया। भूपेश बघेल ने कहा कि सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप ही लोगों के कहने पर यह प्रस्ताव लाया गया था। इस पर मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि दो दिन में उनको भान हो गया कि यह सरकार विश्वास के लायक है। अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2015 के सत्र में पहला अविश्वास प्रस्ताव रखा गया। 24 व 25 जुलाई को 24 घंटे 25 मिनट चली चर्चा। दिसंबर 2017 के सत्र में आया दूसरा अविश्वास प्रस्ताव। 22 जुलाई को दोपहर 12ः22 पर चर्चा शुरू हुई, जो दूसरे दिन सुबह 07ः06 बजे तक कुल 18 घंटे 38 मिनट चली। एक मात्र अविश्वास प्रस्ताव दिसंबर 2011 में लाया गया। इस पर 16, 19 और 20 दिसंबर को कुल 23 घंटे 19 मिनट चर्चा चली। रमन सरकार के पहले कार्यकाल में दिसंबर 2007 में अविश्वास प्रस्ताव सदन में रखा। इस पर 03 और 04 दिसंबर को कुल 17 घंटे 50 मिनट तक चर्चा चली। तत्कालीन जोगी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव 2002 में लाया गया। इस पर 30 सितंबर व 01 अक्टूबर को कुल 17 घंटे 08 मिनट चर्चा हुई। राज्य की पहली सरकार के खिलाफ दूसरा अविश्वास प्रस्ताव जुलाई 2003 में सदन में लाया गया। इस पर 29 जुलाई को 11 घंटे 52 मिनट तक चर्चा चली।
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बाबा रामदेव द्वारा गंगा की सफाई को लेकर दिए गए बयान से केंद्रीय मंत्री उमा भारती नाराज हो गईं हैं। उन्होंने इसके विरोध में पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में उमा भारती ने लिखा है कि ऐसी बाते उन्हें नुकसान पहुंचा सकती हैं। उमा ने अपने पत्र में लिखा कि आपके द्वारा गंगा की विवेचना करते समय दो मंत्रियों की तुलना करना मुझे अजीब लगा। मैं खुद भी गडकरी जी की प्रशंसक हूं। लंदन में न्यूज चैनल पर मेरे बारे में टिप्पणी करते समय आपको यह ध्यान नहीं रहा कि आप मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं। पत्र में आगे लिखा है कि आठ साल की उम्र से आज 50 साल तक के परिश्रम, विचार और राष्ट्रवाद मेरी शक्ति रहे हैं जिनकी विश्वसनीयता के चलते मुझे राजनीति में उचित स्थान मिला है। आप मेरे मार्गदर्शक हैं। बता दें कि बाबा रामदेव ने लंदन में एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान गंगा की स्वच्छता को लेकर कहा था कि उमा की फाइल ऑफिस में अटक जाती है जबकि गडकरी की नहीं। देश में सबसे ज्यादा किसी का काम दिखाई देता है तो वो गडकरी का है।
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रायपुर में विधानसभा में मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। विपक्ष ने विधानसभा में रिंकू खनूजा की मौत मामले में जमकर हंगामा किया। कांग्रेस ने खनूजा की मौत को सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए स्थगन पेश कर चर्चा की मांग की, लेकिन आसंदी ने विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए रिंकू खनूजा की मौत मामले में जांच कराए जाने की मांग की। विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि रिंकू खनूजा की पत्नी ने एसपी को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या है और इस आत्महत्या मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की भूमिका बेहद संदिग्ध है। बघेल ने कहा कि अब तक इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पेश नहीं की है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और ये बेहद गंभीर मामला है ।टी एस सिंहदेव ने इस मामले में कहा कि रिंकू खनूजा की मौत मामले की जांच पुलिस कर रही है जबकि रिंकू की मौत सीबीआई पूछताछ के दौरान हुई है। इस मामले पर बोलते हुए प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था है। सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, उसकी चर्चा सदन में नहीं कराई जा सकती। जो मामला विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, उस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती है। गौरतलब है बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड मामले में सीबीआई जांच के घेरे में आने के बाद रिंकू खनूजा की कथित आत्महत्या पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
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स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में बढ़ोतरी को लेकर विपक्ष के हमलों का वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तर्कों के साथ जवाब दिया है। उन्होंने इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। कहा, जरूरी नहीं है कि स्विस बैंकों में जमा सारा पैसा कालाधन ही हो। फिर भी अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अपने ब्लॉग में जेटली ने बताया कि स्विस बैंकों में जमा धन किनका है। भारतीय मूल के उन लोग का, जिन्होंने दूसरे देश की नागरिकता ले रखी है या फिर अनिवासी भारतीय हैं। भारतीय भी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए स्विस बैंकों में पैसा जमा करा सकते हैं। इसलिए इन श्रेणियों के जमाकर्ताओं की राशि को कालाधन नहीं कहा जा सकता। कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने इस बीच मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इसमें से करीब 40 फीसद राशि रुपए बाहर भेजने की उदार योजना (लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम-एलआरएस) की वजह से वहां पहुंची है। एलआरएस पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के कार्यकाल में लागू हुई थी। इसमें कोई भी व्यक्ति प्रतिवर्ष 2.50 लाख डॉलर तक बाहर भेज सकता है। राहुल ने सरकार को घेरा इस मामले पर कांग्रेस ने राजग सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 2014 में उन्होंने कहा था स्विस बैंकों में जमा सारा कालाधन वापस लाएंगे और सभी भारतीयों के खातों में 15 लाख रुपए जमा कराए जाएंगे। इसी तरह 2016 में नोटबंदी के समय उन्होंने कहा था कि इस फैसले से भारत को कालेधन से छुटकारा मिल जाएगा। अब 2018 में वह स्विस बैंकों में भारतीयों के जमा धन में 50 फीसदी उछाल को साफ-सुथरी रकम बता रहे हैं।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीब को उसका जायज़ हक़ मिले। इसके लिये सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर प्रयास किये गये हैं। योजनाओं का क्रियान्वयन इस तड़प के साथ किया जाये कि कोई भी पात्र व्यक्ति इनके लाभ से वंचित नहीं रहे। क्रियान्वयन पंचायत स्तर तक प्रशासनिक कसावट के साथ हो। इसकी नियमित मॉनीटरिंग की जाये। लापरवाही के प्रकरणों में कठोर कार्रवाई की जाये। श्री चौहान ने अवैध खनन के प्रकरणों में वाहन नीलामी की कार्रवाई करने और महिलाओं पर होने वाले अपराधों को रोकने के लिये प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आगामी पर्वों और मौसम को दृष्टिगत रखते हुए अग्रिम कार्य-योजना बनायें। श्री चौहान आज मंत्रालय में संभागायुक्तों और पुलिस महानिरीक्षकों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह और पुलिस महानिदेशक श्री आर.के. शुक्ला भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि संबल योजना गरीबी दूर करने का सबसे प्रभावी प्रयास है। योजना का लाभ हर जरूरतमंद को मिले, इसकेलिये सजगता और सक्रियता के साथ योजना की मॉनीटरिंग की जाये। उन्होंने कहा कि योजना के क्रियान्वयन कार्य की वे स्वयं प्रतिदिन समीक्षा करेंगे। योजना का सीएम डैशबोर्ड बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब की आवश्यकताओं को पूरा करना ही गरीबी दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है। संबल योजना का क्रियान्वयन व्यापक स्तर पर करने के लिये जरूरी है कि आम आदमी योजना को भलीभांति समझें। इसके लिये व्यापक स्तर पर सभी प्रचार माध्यमों का उपयोग किया जाये। इसमें कोई कोर-कसर बाकी नहीं रहनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने फ्लेट रेट विद्युत और बकाया बिल समाधान योजना की समीक्षा की। उन्होंने विद्युत कनेक्शन के नामांतरण कार्य के लिये स्टाम्प शुल्क की बाध्यता को समाप्त करवाने केलिये कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबल निगरानी समिति के सदस्यों को योजना के एम्बेसडर के रूप में स्थापित किया जाये। विद्युत बिल पंजीयन शिविरों में और मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम में समिति सदस्यों को शामिल किया जाये। उन्होंने कहा कि इस वर्ष उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने वाले द्वितीय और अंतिम वर्ष के अध्ययनरत छात्रों की फीस भी सरकार भरवा रही है। इस संबंध में व्यापक स्तर पर छात्र-छात्राओं को जानकारी दी जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहाकि प्रशासनिक व्यवस्थाएं इतनी चुस्त और दुरूस्त हों कि गरीब और अनूसूचित जनजाति के सदस्य के साथ कोई छल नहीं कर सके। उन्होंने सरकार के कल्याणकारी कार्यों के लाभ उन तक पहुँचाने और उनकी समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ समाधान करने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने वनाधिकार पट्टे, कुपोषण, बँटवारे, जाति प्रमाण पत्र, वनोपज संग्रहण और विक्रय, निजी भूमि पर पेड़ काटने के अधिकार से संबंधित समस्याओं का परीक्षण करने और प्रभावी समाधान के लिये संभागायुक्तों को व्यक्तिगत उत्तरदायित्व के साथ कार्य करने के लिये निर्देशित किया। कहा कि वनाधिकार दावों के पुन: परीक्षण के कार्य को और अधिक गति से संचालित करें ताकि अगस्त माह तक सभी पात्रों को वनाधिकार पट्टे मिल जायें। चरण पादुका योजना के अंतर्गत सभी पात्र व्यक्तियों को सामग्री मिलना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रहने लायक भूमि के टुकड़े का अधिकार पत्र 15 अगस्त से पूर्व सभी पात्र परिवारों को मिल जाये। नगरीय क्षेत्र की भूमि पर लम्बे समय से बसे परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिये विशेष दृष्टि के साथ प्रयास हो। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी राजस्व न्यायालय मॉनीटरिंग सिस्टम की समीक्षा समय-समय पर करेंगे। साथ ही बटाईदार कानून एवं भू-राजस्व संहिता में किये जा रहे क्रांतिकारी बदलाव का प्रचार-प्रसार करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अगर किसी किसान को गेहूँ, चना और मसूर का किसी कारणवश उपार्जन पोर्टल पर दर्ज नहीं हो सका है, उन प्रकरणों का परीक्षण स्वयं संभागायुक्त करें। उनके प्रतिवेदन के आधार पर छूट गये किसानों को दर्ज करने के लिये पोर्टल खुलवाया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि व्यवस्था से केवल वास्तविक किसान ही लाभान्वित हों। साथ ही, गेहूँ खरीदी की राशि का शीघ्र भुगतान भी सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंदसौर की घटना के अपराधियों को जल्द से जल्द दण्ड दिलाने के लिये सजगता के साथ प्रयासों की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि आगामी समय में पर्वों को दृष्टिगत रखते हुए संवदेनशील कार्य प्रणाली के साथ व्यवस्थाएं की जायें। हर हाल में साम्प्रदायिक सौहार्द्र को सुनिश्चित किया जाये। प्राकृतिक आपदाओं की आशंका के दृष्टिगत अग्रिम कार्य-योजना बनाई जाये, जिसमें राहत और बचाव के समुचित प्रबंध हों। उन्होंने कहा कि अवैध खनन के प्रकरणों में वाहन जप्त कर नीलामी की कार्रवाई की जानी चाहिये। इसी तरह असामाजिक तत्वों के विरूद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाये। मुख्यमंत्री ने विगत दिनों प्रदेश में की गई कार्रवाई के सकारात्मक परिणामों का उल्लेख भी किया। उन्होंने सायबर क्राईम और सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी की जरूरत बताई। मादक पदार्थों के व्यापार को रोकने के लिये विशेष प्रयास करने के लिये कहा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि 14 जुलाई से प्रदेश में जन-आशीर्वाद यात्रा का आयोजन किया जायेगा। यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री आम जन के साथ सीधा संवाद करेंगे। गरीब बस्तियों में जाकर रहवासियों के साथ चर्चा करेंगे। शासन की योजनाओं की जमीनी हकीकत से परिचित होंगे। क्रियान्वयन कार्य की समीक्षा के लिये राजस्व न्यायालय, छात्रावास, चिकित्सालय, विद्यालय और निर्माण कार्यों का भी आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। इस दौरान बताया गया कि फसल बीमा योजनांतर्गत खरीफ 2017 के दावों की राशि का शीघ्र वितरण किया जायेगा। इससे प्रदेश के 17 लाख 77 हजार 300 किसानों को 5260 करोड़ रूपये की राशि मिलेगी। यह देश में किसानों को मिलने वाली अभी तक की सर्वाधिक राशि है। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री पी.सी. मीना, अपर मुख्य सचिव वन श्री के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री इकबाल सिंह बैस, श्रम, कृषि, ऊर्जा, सूक्ष्म एवं लघु उद्योग, अनुसूचित जनजाति कल्याण, राजस्व, नगरीय प्रशासन आदि विभागों के प्रमुख सचिव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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मध्यप्रदेश के लिये एक जुलाई 2018 ऐतिहासिक दिन साबित होने जा रहा है। इस दिन से मध्यप्रदेश सरकार लाखों पंजीकृत श्रमिकों और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली के मामले में बहुत बड़ी राहत देने जा रही है। कम आय वाले श्रमिक और बीपीएल उपभोक्ताओं को अब बिजली के बड़े बिल को लेकर चिंता नहीं करनी होगी। पंजीकृत श्रमिकों को प्रति माह बिजली बिल मात्र 200 रूपये का भुगतान करना होगा। इससे ज्यादा राशि का बिल आने पर उसकी पूर्ति राज्य शासन द्वारा सब्सिडी देकर की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल और मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री जन-कल्याण (संबल) योजना-2018 में पंजीकृत श्रमिकों को बिजली बिलों में राहत देने के लिये एक जुलाई से व्यापक स्तर पर सरल बिजली बिल स्कीम एवं मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम को लागू किया जा रहा है। सरल बिजली बिल स्कीम का लाभ 88 लाख पंजीकृत श्रमिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम से 77 लाख पंजीकृत श्रमिक और बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता लाभांन्वित होंगे। सरल बिजली बिल स्कीम में शामिल होने के लिये कोई अंतिम तिथि नहीं होगी। वितरण केन्द्रों में हितग्राहियों को लाभ देने की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। जहां मीटर स्थापित होंगे, वहां उनमें अंकित खपत के आधार पर बिल की राशि की गणना की जायेगी। ग्रामीण क्षेत्रों के अनमीटर्ड संयोजनों पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल की गणना की जायेगी। उपभोक्ता को केवल 200 रूपये प्रति माह देने होंगे, शेष राशि की सब्सिडी शासन द्वारा दी जायेगी। पात्रताधारी परिवारों को बिना कनेक्शन प्रभार लिये (नि:शुल्क) बिजली कनेक्शन की सुविधा दी जायेगी। राज्य शासन वार्षिक सब्सिडी के रूप में एक हजार करोड़ रूपये उपलब्ध करायेगा। हितग्राही के स्वयं उपभोक्ता होने पर स्कीम का लाभ मिलेगा। उपभोक्ता परिवार का सदस्य होने और साथ में निवास करने पर भी लाभ की पात्रता रहेगी। इसके लिये परिवार का सदस्य वही माना जायेगा, जो समग्र डाटाबेस में परिवार के रूप में दर्ज होगा। उपभोक्ता के चाहने पर 500 रूपये के स्टाम्प पर नामांतरण की सुविधा रहेगी। एयर कंडीशनर (ए.सी.), हीटर, एक हजार वॉट से अधिक के उपभोक्ता योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में स्कीम के तहत सुविधा केवल बल्ब, पंखा और टी.वी. चलाने पर ही मिलेगी। एक हजार वॉट में 4 बल्ब, 2 पंखे, एक टीवी और एक कूलर चल सकेंगे। हितग्राही को विद्युत वितरण कंपनी के केन्द्र या जोन या इसके लिये लगाये जा रहे केम्प में निर्धारित फार्म में आवेदन देना होगा। आवेदन में केवल श्रमिक पंजीयन नंबर ही देना होगा। स्कीम में शामिल होने के लिये कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। बिजली का बिल आवेदन का परीक्षण कर पात्र हितग्राहियों का जुलाई का बिल जो अगस्त में आयेगा, उसमें अधिकतम 200 रूपये भुगतान करने का उल्लेख होगा। बिल में उपभोक्ता द्वारा दी जाने वाली राशि और शासन की सब्सिडी का भी उल्लेख होगा। मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम पंजीकृत श्रमिकों और बीपीएल उपभोक्ताओं को राहत पहुँचाने के लिये एक जुलाई से शुरू हो रही मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम में हितग्राहियों को लाभ दिलवाने की कार्रवाई भी वितरण केन्द्रों में लगातार जारी रहेगी। जून 2018 स्थिति में बिजली बिल की बकाया पूरी राशि माफ की जायेगी। इसमें मूल बकाया राशि एवं सरचार्ज भी शामिल रहेगा। शासन द्वारा इस योजना के लिये लगभग 1806 करोड़ रूपये की सब्सिडी दी जायेगी। योजना का लाभ 77 लाख पंजीकृत श्रमिकों और बीपीएल उपभोक्ताओं को मिलेगा। उपभोक्ता के पंजीकृत श्रमिक के सगे-सम्बधी होने और साथ में रहने पर ही लाभ मिलेगा। इस योजना में भी परिवार का सदस्य उन्हीं को माना जायेगा, जिनका नाम सम्रग डाटा बेस में परिवार के रूप में अंकित होगा। न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण तथा विद्युत अधिनियम की धारा 126, 135 एवं 138 में दर्ज प्रकरणों की स्थिति में भी लाभ दिया जायेगा। पिछली सामाधान योजना में लाभ ले चुके उपभोक्ता भी स्कीम का लाभ ले सकेंगे। हितग्राही को वितरण केन्द्र या जोन अथवा शिविरों में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन देना होगा। विद्युत कंपनियों द्वारा वितरण केन्द्रवार जुलाई में शिविर लगाये जायेगे। फार्म में उपभोक्ता को केवल श्रमिक पंजीयन अथवा बीपीएल कार्ड का नंबर देना होगा। आवेदन के परीक्षण के बाद हितग्राहियों को बिल माफी का प्रमाण-पत्र दिया जायेगा।
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कबीर दास जी की जयंती पर कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को संत कबीर दास की परिनिर्वाण स्थली मगहर पहुंचे। यहां उन्होंने आयोजित एक कार्यक्रम को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने इशारों में विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि कबीर धूल से उठे और माथे का चंदन बन गए, उन्होंने समाज में जाति का भेद मिटाने के साथ उस समाज को जागृत किया। कबीर का पूरा जीवन सत्य की खोज में बीता है। वह फक्कड़ स्वभाव के थे, लेकिन दिल के साफ थे। बाहर से कठोर और भीतर से कोमल थे। वह अपने जन्म से नहीं कर्म से महान बन गए। संत कबीर के बाद संत रैदास आए। अंबेडकर आए। सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। बाबा साहब अंबेडकर ने हमें जीने का अधिकार दिया। आज समाज में राजनीतिक लाभ लेने के लिए समाज में असंतोष पैदा कर रहे हैं। कुछ दलों को शांति और विकास नहीं, कलह और अशांति चाहिए, उनको लगता है जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उतना राजनीतिक लाभ होगा। पीएम ने कहा कि सच्चाई यह है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश के राजनेताओं को गरीबों की चिंता नहीं रही। उन्हें बंगले का मोह है। करोड़ों के बंगले बनाने वालों ने गरीबों के लिए कुछ नहीं कहा। उन्होंने कभी गरीबों के लिए घर का निर्माण नहीं कराया। जब मोदी सरकार आई तो गरीबों के लिए छत का इंतजाम शुरू करा दिया। अभी दो दिन पहले ही देश में आपाल काल के 47 साल हुए। सत्ता की लालच ऐसा हो गया है कि आपात काल लाने वाले और उसका विरोध करने वाले कंधा से कंधा मिला लिए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन तलाक के मामले में भी इन राजनीतिक दलों को देखा है। आज मुस्लिम महिलाएं भी तीन तलाक के खिलाफ हैं। लेकिन राजनीतिक दलों के लोग मुस्लिम महिलाओं की भलाई की कोई चिंता नहीं है। कबीरदास ने कहा था कि शासक वही है जो जनता की पीड़ा को समझता हो और उसका निदान करता हो। पर अफसोस कुछ परिवार आज कबीरदास की बात को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वह भूल गए हैं कि आज हमारे साथ कबीर दास हैं। कबीर दास मनुष्य-मनुष्य के बीच भेद पैदा करने वालों के खिलाफ थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर के दर्शन को लोग नहीं समझ रहे हैं। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीडि़त, वंचित लोगों के लिए काम कर रही है। लगभग पांच करोड़ लोगों का खाता खुलवाया। करीब एक करोड़ लोगों को सुरक्षा बीमा का कवच देकर और यूपी के गांवों में सवा करोड़ शौचालय बनवाया। हमने सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वीणा उठाया है। कबीर श्रमयोगी थे। कबीर ने कहा था कि काल करे सो आज कर---उसी के तहत तेजी के साथ बन रही सड़कें एवं कार्य कबीर के विचारों का प्रतिबिंब है। भारत का पूर्वी भाग काे विकास से अलग कर दिया था। आज काम हो रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर को समझने के लिए कोई भाषा नहीं गढ़ी। बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल किया। बोलचाल की भाषा में ही उन्होंने जीवन दर्शन को बताया। उनके कई दोहों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए ऋृषियों, मुनियों ने हमें मार्ग दिखाया। देश की चेतना को बचाने का कार्य संतों ने समय समय पर किया। उन्होंने बल्लभाचार्य, रामानुजाचार्य, रामानंद, तुलसी आदि कई संतों का नाम लेते हुए कहा कि उस दौर में भी तमाम विपत्तियों से गुजरते हुए समाज को नई दिशा दी। रामानंद ने तो समाज के सभी वर्गों को जोड़कर जाति-पाति और छुआछूत को समाप्त किया। पीएम आगे बोले कि, प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर व्यक्ति से अभिव्यक्ति बन गए। उन्होंने समाज की चेतना को जागृत करने का काम किया। उन्होंने कहा था कि यदि हृदय में राम है तो क्या काशी क्या मगहर। कबीर दास कहते थे कि हम काशी में प्रकट भये हैं, रामानंद चेताए। कबीर भारत की आत्मा और रससार कहे जा सकते हैं। उन्होंने जाति-पाति के भेद तोड़ा। पीएम ने कहा कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो ऐसे संतों की वजह से ही हुआ। इससे पहले अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम ने उपस्थित जनसमुदाय को भोजपुरी में प्रणाम किया और कहा कि इस पावन भूमि को प्रणाम करत बानी। यह हमार सौभाग्य है कि आज हम यहां आइल बानी। उन्होंने कहा कि आज मुझे भी तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला। मैने कबीर की मजार पर चादर चढ़ाई, फूल चढ़ाया। कबीर दास की गुफा भी देखी। ऐसा कहा जाता है कि यहां पर गुरु गोरखनाथ, संतकबीर दास और गुरु नानक ने एक साथ बैठकर आध्यत्मिक चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि तीरथ गए तो एक फल...कहकर कहा कि यह भूमि पूण्य फल देने वाला है। करीब 24 करोड़ रुपये की लागत से कबीर के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जाएगा। इससे पहले पीएम ने यहां कबीर की समाधि और मजार पर चादर चढ़ाकर शीश नवाया। इसके बाद उन्होंने यहा 24.9375 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली संतकबीर शोध अकादमी का शिलान्यास किया। क्षेत्र के विकास के लिए कई अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी जाएगी। मजार पर चादर चढ़ाने के बाद प्रधानमंत्री उस गुफा में भी गए जहां कहा जाता है कि कबीर दास जी ध्यान किया करते थे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। कबीर निर्वाण स्थली पर आयोजित इस समारोह में प्रधानमंत्री एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। कबीर की निर्वाण स्थली मगहर में प्रधानमंत्री का आगमन 2019 के आसन्न लोकसभा चुनावों के लिहाज से खास माना जा रहा है।
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छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय उपचुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र राजनांदगांव में पार्षद के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार एजाज अंसारी की जीत हुई है। अंसारी ने भाजपा के घनश्याम ताम्रकार को 107 वोट से हराया। हालांकि नगर पंचायत राहौद में अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा की शैलबाई कश्यप ने बचा ली। यहां भाजपा के सीताराम कश्यप के निधन के बाद उपचुनाव हुआ था। नगरीय निकाय की 13 सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम बुधवार को घोषित हुए। इसमें भाजपा ने छह, कांग्रेस ने पांच और दो सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस के अवधेश शुक्ला ने तखतपुर, सीमा सिन्हा ने धमतरी, रश्मि मिश्रा ने नगर पंचायत बेमेतरा में जीत दर्ज की है। बोदरी से निर्दलीय रेखा सोनी व डोंडी से किरणकुमार गुवार्य ने जीत दर्ज की। आदिवासी क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार बाबूराव मरकाम ने कोंटा, बिमला बघेल व भूपेश ठाकुर ने अंतागढ़ में सीट बचाई है। चिरमिरी में भाजपा की चांदनी यादव व झगड़खान से बिंदू वर्मा जीती हैं।
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केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने करीब चार दशक पूर्व (25 जून, 1975) इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लागू "कपटपूर्ण" आपातकाल को याद करते हुए रविवार को कहा कि इसमें संवैधानिक प्रावधानों का इस्तेमाल लोकतंत्र को संवैधानिक आपातकाल में बदलने के लिए किया गया। "द इमरजेंसी रीविजिटेड" शीर्षक से फेसबुक पोस्ट की तीन भागों की श्रृंखला के पहले भाग में जेटली ने लिखा, "25-26 जून, 1975 की मध्य रात्रि को कई प्रमुख विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जहां हमने आपातकाल का पुतला जलाया। जो कुछ हो रहा था उसके खिलाफ मैंने भाषण दिया। बड़ी तादाद में पुलिस वहां पहुंच गई। मुझे मीसा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। मुझे दिल्ली की तिहाड़ जेल ले जाया गया। इस तरह 26 जून, 1975 की सुबह मुझे आपातकाल के खिलाफ एक मात्र विरोध प्रदर्शन करने का मौका मिला था और मैं आपातकाल के खिलाफ पहला सत्याग्रही बन गया। 22 साल की उम्र में किए गए इस छोटे से कार्य से मुझे अहसास हुआ कि मैं उन घटनाक्रमों का हिस्सा बन रहा था जो इतिहास का भाग बनने जा रहे थे। मेरे लिए, इस घटना ने मेरी जिंदगी का भविष्य बदल दिया।" जेटली ने आगे लिखा कि इंदिरा गांधी की नीतियों का त्रासद पक्ष यह था कि उन्होंने ठोस और सतत नीतियों की बजाए लोकप्रिय नारों को प्राथमिकता दी। केंद्र और राज्यों में जबर्दस्त जनादेश के बावजूद सरकार उसी आर्थिक नीतियों पर चलती रही जो 1960 के आखिर में अपनाई गई थीं। वह मानती थीं कि देश की धीमी विकास दर का कारण तस्करी और आर्थिक अपराध हैं।
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संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 10 अगस्त तक चलेगा। कैबिनेट कमेटी ने सत्र की इन तारीखों पर फैसला किया है। इस सत्र में 18 कार्य दिवस होंगे। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इस सत्र को लेकर देश को बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि संसद में इससे पहले का सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। उम्मीद की जा रही है कि इस सत्र में उन बिलों को पास किया जा सकेगा जो पिछले सत्र में हंगामे की वजह से पास नहीं हो सके थे।
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मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत काफी हंंगामेदार रही। सरकार ने 11 हजार 190 करोड़ से ज्यादा का प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। इसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय देने के लिए 130 करोड़ का प्रावधान किया गया। हालांकि हंगामे और विपक्ष के विरोध के चलते सत्र समय से पहले ही स्थगित करना पड़ा। विधानसभा के 5 दिनी मानसून सत्र में सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया। साल के अंत में विधानसभा चुनाव के पहले ये विधानसभा का अंतिम सत्र है। अनुपूरक बजट में सरकार ने प्याज और लहसुन की फसल पर प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया। इसके लिए सरकार ने बजट में 448 करोड़ों रुपए का प्रावधान किया गया। इसके अलावा मनरेगा के लिए सरकार ने 500 करोड़ और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत सचिव व्यवस्था के लिए 360 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। सरकार ने ये भी घोषणा की कि असंगठित मजदूरों के बेटे-बेटियों को शैक्षणिक शुल्क में छूट मिलेगी। इसके लिए सरकार ने 9 करोड़ रुपए, अध्यापक संवर्ग को 7वां वेतनमान का लाभ देने 299 करोड़, जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों को 7वां वेतनमान के लिए 204 करोड़, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम नई दिल्ली की देनदारियों का भुगतान करने के लिए किसानों को सूखा फसल क्षति सहायता के लिए 150 करोड़, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट के लिए वेयर हाउस बनाने के लिए 15 करोड़ रुपए सहित इस पहले अनुपूरक बजट में कई विभागों के लिए वित्तीय प्रावधान किए गए।
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कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने अपने बयान में कश्मीर की आजादी का समर्थन किया है जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। नई दिल्ली। कश्मीर को लेकर अक्सर विवादास्पद बयान आते रहते हैं और इस बार एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने विवादित बयान दे दिया है। सोज ने अपने बयान में कश्मीर की आजादी का समर्थन किया है जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। जानकारी के अनुसार कश्मीर को लेकर दिए एक बयान में सोज ने कहा है कि मुशर्रफ ने कहा था कि कश्मीरी पाकिस्तान में शामिल होना नहीं चाहते, उनकी पहली पसंद आजादी है। यह बयान तब भी सही था और आज भी। मैं भी आज यही कहूंगा लेकिन यह संभव नहीं है। कश्मीर को आजादी मिल जाएगी तो शांति भी होगी और लड़ाई भी नहीं होगी। सोज के इस बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि एक केंद्रीय मंत्री के रूप में जब उनकी बेटी को जेकेएलएफ ने किडनैप किय था तो उन्हें कई लाभ मिले थे। इस तरह के लोगों की मदद करने का कोई फायदा नहीं। जो यहां रहना चाहता है वो लोकतंत्र को माने और अगर वो मुशर्रफ को पसंद करते हैं तो हम उन्हें एकतरफा यात्रा का टिकट दे देंगे।
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शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस विधायक दल ने बुधवार को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सुबह विधानसभा पहुंचे और उन्होंने प्रमुख सचिव विधानसभा अवधेश प्रताप सिंह को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी। अविश्वास प्रस्ताव की सूचना देने के लिए कांग्रेस विधायकों में से कोई भी मौजूद नहीं था, केवल नेता प्रतिपक्ष वहां थे। नेता प्रतिपक्ष ने आशंका जताई है कि सरकार प्रस्ताव पर चर्चा से बचने के लिए सत्र को समय से पूर्व समाप्त कर सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रमुख सचिव सिंह से सवाल किया कि अब तक कितने छोटे सत्र बुलाए गए हैं तो उन्होंने 1986 से लेकर अब तक बुलाए गए ऐसे सत्रों के बारे में बताया। 23 से 26 जून 1986, 17 से 21 दिसंबर 1990, 7 से 11 जुलाई 2008 और 16 से 20 मार्च 2009 चार से छह दिन के सत्र थे। विस के प्रमुख सचिव ने कहा कि पांच दिन के सत्र में भी अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा पूरी कराई जा सकती है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने 2013 की तरह षड्यंत्र करना शुरू कर दिया है। पिछली बार एक विधायक को अपने साथ कर लिया था और इस बार मेरे परिवार को इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने मां (सरोज कुमारी) द्वारा अदालत में लगाए गए परिवाद को इसी षड्यंत्र का हिस्सा बताया है। सदन के दस फीसदी सदस्यों का मत पक्ष में होने पर अविश्वास प्रस्ताव ग्राह्य होता है।आरोप पत्र सौंपने के बाद कम से कम दो दिन का समय सीएम या संबंधित मंत्रियों व सत्ता पक्ष को जवाब देने के लिए समय देना जरूरी है।
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प्रणब मुखर्जी के नागपुर स्थित संघ मुख्यालय जाने और कार्यक्रम में संबोधन देने को लेकर लगातार बयानबाजी जारी है। उनके इस कदम से जहां कांग्रेस में खलबली मची थी वहीं उनकी बेटी शर्मिष्ठा ने भी अपने पिता को ऐसा ना करने की नसीबत दी थी। इस सब के बावजूद प्रणब कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि संबोधन भी दिया। हालांकि, इसके बाद उनकी कुछ फर्जी तस्वीरें भी वायरल हुईं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अब प्रणब के बेटे अभिजीत ने नाराजगी जताई है। इंडियन एक्सप्रेस के कॉलम दिल्ली कॉन्फिडेंशियल में छपी रिपोर्ट के अनुसार अभिजीत मुखर्जी के टीएमसी में शामिल होने की अफवाहें उड़ रही हैं। फिलहाल अभिजीत अपने पिता की सीट जंगीपुर से सांसद हैं। रिपोर्ट के अनुसार हालांकि, टीएमसी ने पहले भी अभिजीत को संपर्क किया था लेकिन तब उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि टीएमसी में जाना उनके पिता के लिए अपमानजनक होगा। लेकिन प्रणब के नागपुर जाने के बाद अब कहा जा रहा है कि अभिजीत फिर से टीएमसी के ऑफर पर विचार कर रहे हैं। दूसरी तरफ शिवसेना नेता संजय राउत ने दावा किया है कि संघ प्रणब मुखर्जी को 2019 के चुनाव में पीएम उम्मीदवार बना सकता है। हालांकि, शिवसेना के इस दावे को उनकी बेटी शर्मिष्ठा ने यह कहते हुए खारिज किया है कि उनके पिता अप सक्रिय राजनीति में नहीं लौटेंगे।
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देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को सोमवार को एम्स में भर्ती करवाया गया है। नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को सोमवार को एम्स में भर्ती करवाया गया है। वाजपेयी का स्वास्थ्य ठीक है और उन्हें रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है। खबरों के अनुसार आज रात 8 बजे तक उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री लंबे समय से अस्वस्थ्य हैं और समय-समय पर उनका रूटीन चेकअप होता रहता है। इस बार भी डॉक्टरों की सलाह पर ही उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी की आखिरी तस्वीर 2015 में तब सामने आई थी जब उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नावाजा गया था।
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भाजपा के समर्थन के लिए संपर्क अभियान के तहत पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल से मुलाकात की। इस दौरान वहां सुखबीर बादल भी मौजूद थे। इस मुलाकात के साथ शाह ने पंजाब में भाजपा के विस्तार का रास्ता बनाने की ओर कदम बढ़ाएं वहीं दोनों दिग्गज नेताओं ने 2019 लोकसभा चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा की। यह पहला बड़ा मौका है, जब दोनों दलों के नेताओं की आमने-सामने इस तरह मुलाकात हो रही है। शिरोमणि अकाली दल एनडीए का सबसे पुराना साथी है। 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी सरकार बनाने को लेकर दूसरी पार्टियों का समर्थन जुटा रहे थे, तो प्रकाश सिंह बादल ने सबसे पहले बिना शर्त भाजपा को समर्थन दिया था। यही नहीं अकाली-भाजपा गठबंधन में अभी तक कोई खटास भी नहीं आई है। पंजाब में दोनों दलों ने मिलकर अभी तक तीन कार्यकाल पूरे किए हैं। 2014 में भी अकाली दल के पास सीटें कम होने के बावजूद नरेंद्र मोदी ने बीबी हरसिमरत कौर बादल को कैबिनेट में लेकर अपने गठजोड़ साथी पर विश्वास जताया। यह अलग बात है कि दोनों पार्टियों के प्रदेश स्तरीय नेतृत्व में खटपट लगी रहती है। अकाली दल पिछले चार साल से यह महसूस कर रहा है कि शीर्ष भाजपा नेतृत्व और केंद्र सरकार ने उन्हें वह सहयोग नहीं दिया, जिसकी उन्हें आस थी। अब कर्नाटक में सरकार बनाने में नाकाम रहने के बाद जिस तरह से अमित शाह पुराने सहयोगियों को मनाने की राह पर चल पड़े हैं, उससे अकाली दल की बांछें खिल गई हैं। शिरोमणि अकाली दल के सरपरस्त प्रकाश सिंह बादल के साथ मीटिंग कर अमित शाह भाजपा के सभी लोकसभा प्रभारियों व कोर ग्रुप के साथ बैठक करेंगे। इसमें पार्टी का प्रदेश नेतृत्व तीन की बजाय पांच सीटों की अकाली दल से मांग कर सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पार्टी श्री आनंदपुर साहिब और लुधियाना सीटें अकाली दल से लेना चाहती है। उनका कहना है कि दोनों ही सीटें हिदू प्रभाव वाली हैं। लुधियाना सीट वैसे भी अकाली दल पिछले दो बार से लगातार हार रहा है, ऐसे में यह सीट भाजपा को देकर एक बार नया प्रयोग किया जा सकता है। इस अभियान को अमित शाह चंडीगढ़ में भी बढ़ाएंगे। इस अभियान के तहत वह देशभर में बड़ी हस्तियों से मिल रहे हैं। चंडीगढ़ में वह पूर्व ओलंपियन बलबीर सिंह से मुलाकात करेंगे। इन बैठकों के माध्यम से पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाना चाहती है। इसके अलावा वह शहर के व्यापारियों व अन्य प्रतिष्ठित लोगों से मिलेंगे।
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नमो ऐप के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाले लोगों से बात करने की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वास्थ्य योजनाओं के लाभार्थियों से बात की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को फायदा हुआ है। पीएम ने इस बातचीत में उन लोगों के अनुभव भी पूछे जिन्हें भारतीय जनऔषिधि पारियोजना, किफायती कार्डियाक स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण का लाभ मिला है। बातचीत में लाभार्थियों ने भी खुलकर मोदी सरकार की योजनाओं की तारफी की। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अच्छी और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं जो गरीब से गरीब व्यक्ति तक पहुंच सके इसके लिए अच्छे अस्पतालों का निर्माण और डॉक्टरों की सीटें बढ़ाने का काम किया है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए युवा उद्यमियों से बात की थी।स्टार्ट अप इंडिया के तहत अपना स्वरोजगार स्थापित करने वाले युवा उद्यमियों से उन्होंने कहा कि आज हमारा युवा रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बन रहा है। उन्होंने कहा, 'हम दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक हैं। वार्ता के मुख्य अंश प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत हमने सुनिश्चित किया है कि देश की जनता को दवाइयां कम से कम कीमतों में मिल सके ,किसी भी बीमारी में गरीब के लिए सबसे बड़ी चिंता होती है दवाई, हमने यह सुनिश्चित किया है कि गरीबों को सस्ती दवाई मिल सकें। कटक से जन औषधि केंद्र के लाभार्थी मोहंती दास ने पीएम मोदी को बताया कि पहले उनका महीने में 3 हजार के करीब दवाई का खर्च था, जो अब सिर्फ 500 रुपये तक रह गया है। ह्रदय रोगियों को सहूलियत देने के लिए हमारी सरकार ने स्टेंट के दामों में 80 से 90% तक की कमी की है। पहले जो स्टेंट 2 -2.5 लाख का मिलता था, अब वो ज़्यादा से ज़्यादा 25 हज़ार में मिलता है ,हर सफलता और समृद्धि का आधार स्वास्थ्य है और हमने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा 'आयुष्मान भारत' योजना को लागू किया अलवर, राजस्थान से स्वास्थ्य योजना के तहत घुटना प्रत्यारोपण की लाभार्थी लक्ष्मी देवी ने बताया कि वो बहुत परेशान थीं, डॉक्टर्स करीब 4 लाख रुपये मांग रहे थे। फिर मोदी सरकार की योजना के बारे में सुना। आज उनकी जिंदगी खुशहाल है और बहुत सस्ते में उनका इलाज हो गया। स्वास्थ्य योजना के लाभार्थी विजय ने बताया कि डायलिसिस के लिए हर महीने 30-40 हजार रुपया ख़र्च करना पड़ता था लेकिन अब डायलिसिस योजना से इलाज एक दम फ़्री हो रहा है।
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अपराधियों के भय से पलायन को लेकर देशभर में चर्चित कैराना में मोदी बनाम ऑल की लड़ाई में भाजपा हार गई। नूरपुर में भी यही हुआ। दोनों भाजपा की सिटिंग सीटें थीं। सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई कैराना लोकसभा सीट पर उनकी बेटी मृगांका सिंह मैदान में थीं, तो विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह की असामयिक मृत्यु के बाद नूरपुर की सीट पर उनकी पत्नी अवनी सिंह को प्रत्याशी बनाया गया था। भाजपा को दोनों जगह बड़ी उम्मीद थी, लेकिन सहानुभूति की एक लहर तक नहीं उठी। मुख्यमंत्री ने सभा की, मंत्रियों ने डेरा डाला, भाजपा संगठन ने दिन-रात एक कर दिया लेकिन एकजुट विपक्ष के आगे पार्टी असहाय हो गई। भाजपा ने 44618 से कैराना और 5678 वोट से नूरपुर की सीट गंवा दी। भाजपा की सबसे ज्यादा दुर्गति राज्यमंत्री सुरेश राणा व धर्मवीर सिंह सैनी के गढ़ में हुई। हार की वजह कैराना व नूरपुर में मुस्लिमों का ध्रुवीकरण। गन्ना भुगतान को लेकर किसानों की नाराजगी। एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर दलितों में नाराजगी। भाजपा की अंतर्कलह व बाहरी नेताओं को तरजीह देना। भाजपा के परम्परागत वोटर का उदासीन होना। कैराना लोकसभा व नूरपुर विधानसभा सीट पर 28 मई को मतदान हुआ था। सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस की एकजुटता से बने महागठबंधन से पूर्व तबस्सुम हसन को कैराना और नूरपुर से नईमुल हसन को प्रत्याशी बनाया गया था। महागठबंधन ने मुस्लिम, दलित, जाट समीकरण के आधार पर चुनावी रणनीति तैयार की थी। गुरुवार को आए परिणाम में महागठबंधन के प्रयोग पर जनता ने जीत की मोहर लगा दी। कैराना व नूरपुर में मतगणना के शुरुआत से अंत तक भाजपा पिछड़ती रही। 28 चक्र तक चली मतगणना में महागठबंधन प्रत्याशी तबस्मुम हसन ने मृगांका सिंह को 44618 वोट से शिकस्त दी। पांच में तीन विधानसभा में भाजपा की बड़ी दुर्गति हुई। राज्यमंत्री सुरेश राणा की थानाभवन विधानसभा में भाजपा 16336 वोट से हारी, जबकि इसी लोकसभा से दूसरे राज्यमंत्री धर्मवीर सिंह सैनी की नकुड़ विधानसभा से मृगांका सिंह 28117 वोट से पिछड़ गईं। गंगोह विधानसभा में अपना विधायक प्रदीप चौधरी होने के बाद भी भाजपा 12263 वोट से पिछड़ गई। कैराना विधानसभा में भाजपा को चौंकाने वाली 14203 वोट की बढ़त मिली। इसे सहानुभूति वोट के रूप में देखा जा रहा है। शामली में भाजपा किसी तरह 414 वोट से जीत हासिल कर अपनी इज्जत बचा पाई। कैराना लोकसभा सीट पर आए परिणामों को भाजपा की अंतर्कलह, कार्यकर्ताओं की उदासीनता, पिछड़ों में बंटवारे व सत्ता से नाराजगी के रूप में देखा जा रहा है। दलितों की पसंद भी गठबंधन प्रत्याशी रहा। नूरपुर में नईमुल हसन ने 94866 तथा अवनी सिंह ने 89188 वोट हासिल किए। यहां भाजपा प्रत्याशी अवनी सिंह पिछले विधानसभा चुनाव से दस हजार ज्यादा वोट हासिल करने के बाद भी चुनाव हार गईं। कैराना में भाजपा के पूरी ताकत झोंकने के बाद भी जाट मतदाता रालोद के साथ खड़े दिखे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान, केन्द्रीय मंत्री सत्यपाल व तमाम जाट विधायक यहां कोई करिश्मा नहीं दिखा पाए, जबकि रालोद सुप्रीमो चौधरी अजित सिंह व जयंत चौधरी ने कैराना में दिन-रात प्रचार किया। नूरपुर में ज्यादातर जाट मतों के भाजपा के पाले में जाने की चर्चा है। भाजपा ने उपचुनाव नतीजों को ज्यादा महत्व नहीं देते हुए कहा है कि ऐसे चुनावों में लोग प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के लिए मतदान नहीं करते, बल्कि इनके परिणाम स्थानीय मुद्दों से तय होते हैं। पार्टी ने जोर देकर कहा कि 2019 का चुनाव वही जीतेगी। साथ ही पार्टी ने कहा है कि वह उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की अपनी कब्जे वाली सीटों पर हार के कारणों का विश्लेषण करेगी। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में वह दूसरे दर्जे की खिलाड़ी बनकर रह गई है। उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले हुए ज्यादातर उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने विधानसभा चुनावों में 325 सीटें हासिल की थीं। पार्टी के एक अन्य प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हाराव ने भी कहा कि उपचुनावों में स्थानीय मुद्दे और जातिवाद हावी रहता है। संबित पात्रा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री बनने के लिए "पी" से परफॉरमेंस (प्रदर्शन) और "एम" से मेहनत की जरूरत होती है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है। उन्होंने दावा किया प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 2019 में भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा सीटें हासिल करेगी। भाजपा की सहयोगी रह चुकी तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) ने कहा है कि उपचुनावों के परिणाम नरेंद्र मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण भाजपा के मुंह पर तमाचा हैं। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री यनामला रामकृष्णनुडु ने कहा कि भाजपा की हार देश के मूड को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक से भाजपा का पतन शुरू हो चुका है और यह उपचुनाव इसका दूसरा चरण है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का कहना है कि भंडारा-गोंदिया लोकसभा उपचुनाव में उसकी जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तानाशाही कार्यशैली के खिलाफ लोगों के आक्रोश को व्यक्त करती है। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि अगर कांग्रेस ने बहुजन विकास अगाधी को समर्थन दिया होता तो भाजपा पालघर सीट भी नहीं जीत पाती।
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कर्नाटक विधानसभा के बाद उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी छत्तीसगढ़ में कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। रायपुर। कर्नाटक विधानसभा के बाद उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी की करारी हार के बाद अब पार्टी छत्तीसगढ़ में कोई कोर-कसर छोड़ने को तैयार नहीं है। विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर केंद्रीय नेताओं का दौरा तेज हो गया है। राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले 15 दिनों में प्रदेश का दौरा करेंगे और पार्टी की चुनावी स्थिति के जमीनी आकलन के साथ जीत की रणनीति भी बनाएंगे। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान को जीत के छठवें द्वार के रूप में देख रही है। पार्टी ने कर्नाटक, गुजरात और उत्तर प्रदेश चुनाव, राजस्थान में उपचुनाव, कर्नाटक उपचुनाव को पांच द्वार माना है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अब छठवें द्वार में जीत ही मिशन 2019 में भाजपा की नैया को पार कराने वाला होगा। यही कारण है कि जेपी नड्डा चार जून को न सिर्फ पत्रकारों से चर्चा करेंगे, बल्कि पार्टी पदाधिकारियों का फीडबैक भी लेंगे। पार्टी में अब तक हुए चुनावी सर्वे, बस्तर और सरगुजा में पार्टी की वर्तमान स्थिति, आइटी सेल और मोर्चा पदाकिारियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे। जेपी नड्डा को संगठन का करीबी माना जाता है, ऐसे में अमित शाह के दौरे से पहले नड्डा की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। नड्डा लंबे समय तक प्रदेश प्रभारी भी रहे हैं। माना जा रहा है कि उनके फीडबैक के बाद जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 10 जून को अंबिकापुर आएंगे, तो विकास यात्रा में उमड़ी जनता के मूड को भांपने के साथ संगठन की तैयारियों की भी जानकारी लेंगे। मिशन 2019 को देखते हुए दुर्ग लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा ने अभी से फोकस कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भिलाई में 14 जून को कार्यक्रम है। वे यहीं से चुनावी बिगुल फूकेंगे। मोदी के कार्यक्रम को लेकर सरकार और संगठन अभी से सक्रिय हो गए हैं। पिछले चुनाव में दुर्ग लोकसभा से सरोज पांडेय की हार के लिए संगठन के नेताओं की गुटबाजी को जिम्मेदार पाया गया था। उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने भी अपनी रिपोर्ट में कैडर को मजबूत बताया, लेकिन नेताओं की आपसी गुटबाजी का हार का मुख्य कारण माना था। अब मोदी न सिर्फ संगठन को संदेश देंगे, बल्कि नेताओं को एकजुट करने की कोशिश भी करेंगे। भाजपा के आला नेताओं की मानें तो मिशन 2019 का रास्ता छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान से खुलेगा। पिछले चुनाव में पार्टी ने 11 में से दस लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी के बड़े नेताओं के दौरे में सांसदों के रिपोर्ट कार्ड की जांच होगी और कमजोर परफार्मेंस वाले सांसदों को आखिरी अल्टीमेटम भी दिया जाएगा। साथ ही पार्टी 9 व 10 जून को केन्द्रीय योजना से लाभान्वित लोगों का सम्मेलन करने जा रही है, जिसमें अमित शाह भी शामिल होंगे। भाजपा के केंद्रीय नेता अगले 15 दिन में रायपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग की नब्ज टटोलेंगे। यहां की 34 विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के खाते में 20 सीट है। इसमें दुर्ग संभाग में भाजपा की स्थिति कमजोर है, जबकि सरगुजा संभाग में सात-सात सीट कांग्रेस और भाजपा के पास है। रायपुर संभाग में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा की स्थिति बेहतर है।
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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अजीत जोगी को गुरुवार को वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया। अब उनका ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, ऑक्सीजन सेचुरेशन, रेस्पिरेटरी रेट, यूरिन आउटपुट समेत सभी शारीरिक प्रक्रियाएं सामान्य हो गई हैं। जोगी संक्रमण मुक्त हो गए हैं। गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती होने के 39 घंटे बाद डॉक्टरों ने जोगी से पहली बार पत्नी डॉ. रेणु जोगी, पुत्र अमित जोगी और बहू रिचा जोगी को मुलाकात करने दी। मेदांता हॉस्पिटल से जारी मेडिकल बुलिटेन के अनुसार गुरुवार दोपहर 3.10 बजे जोगी का वेंटिलेटर सपोर्ट हटाया गया। अब वे खुद बिना किसी परेशानी के सांस ले पा रहे हैं। जोगी को दो महीनों से ब्लड और फेफड़े में संक्रमण था। भविष्य में इस तरह का संक्रमण न हो, इसका उपचार मेदांता के डॉक्टर नरेश त्रेहन और यतिन मेहता ने शुरू कर दिया है। अभी जोगी को आइसीयू के नेगेटिव प्रेशर रूम में रखा गया है। जोगी ने पत्नी, पुत्र और बहू के सामने अपने शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा है, 'पहाड़ों का सफर है, शीशे का बदन है, ठीक हो रहा हूं, आपकी दुआओं का असर है"। बुवार रात को सोशल मीडिया में जोगी के स्वास्थ्य पर दुष्प्रचार करने वाला मैसेज पोस्ट किया गया। इससे नाराज जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता गुस्र्वार को सिविल लाइन थाना पहुंचे और पुलिस से आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।
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पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान जारी है। सुबह 7 बजे से शुरू हुए मतदान के बाद 11 बजे तक 26.28 प्रतिशत वोट पड़े थे। इस बीच कड़े सुरक्षा इंतजामों के बावजूद हुई हिंसा में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है वहीं 50 से ज्यादा घायल हो गए हैं। जानकारी के अनुसार दक्षिण 24 परगना में टीएमसी कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई वहीं वाम नेता की पत्नी की हत्या कर दी गई। इसके अलावा अलीपुरद्वार में कई लोग घायल हुए हैं जबकि उत्तर 25 परगना में एक क्रूड बम धमाके में 20 लोग घायल हुए हैं। इससे पहले राज्य के कूच बिहार में हुई झड़प में 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए वहीं कई वाहनों को नुकसान पहुंचा है। स्थानीय लोगों के अनुसार वो लोग मतदान करने के लिए गए थे लेकिन इस बीच टीएमसी के समर्थकों ने उ न पर हमला कर दिया। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इसके अलावा मुर्शिदाबाद में बूथ कैप्चरिंग की घटना सामने आई है जबकि पनीहाटी में एक भाजपा कार्यकर्ता को चाकू मारकर घायल कर दिया गया है। राज्य चुनाव में हिंसा को लेकर भाजपा ने टीएमसी पर निशाना साधा है। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह बेहद निंदनीय है। घटनाएं बताती हैं कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के राज में राजनीतिक हिंसा ने पूरे राज्य को चपेट में ले लिया है और यह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। बता दें कि चुनाव के पहले राज्य में हुई हिंसा को देखते हुए सभी बूथों पर सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है। अतिसंवेदनशील व संवेदनशील बूथों पर विशेष नजर रखी जा रही है। इस बार पंचायत चुनाव में सत्ताधारी टीएमसी और विपक्षी भाजपा के बीच जोरदार लड़ाई देखने को मिल रही है। अगले साल होने आम चुनावों से पहले के प्रमुख चुनाव होने के कारण इस चुनाव की अहमियत काफी बढ़ गई है। राजनीतिक दल इसे लोकसभा चुनावों से पहले अपनी ताकत के परीक्षण के तौर पर देख रहे हैं। चुनावों की गणना 17 मई को होगी। अगर किसी कारणवश जरूरत पड़ी तो 16 मई को पुनर्मतदान हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक, 3,358 ग्राम पंचायतों की 48,650 में से 16,814 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। वहीं 31 पंचायत समितियों की 9,217 में से 3,059 सीटों पर उम्मीदवारों को निर्विरोध चुना गया है। इसी तरह 20 जिला परिषदों की 825 में से 203 सीटों पर मुकाबला निर्विरोध रहा है। चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हुई हिंसा को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, और वाम मोर्चा के नेताओं ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। विपक्ष का आरोप है कि सत्तारूढ़ टीएमसी ने नामांकन प्रक्रिया के दौरान हिंसा की, वहीं तृणमूल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि विपक्ष का कोई जनाधार नहीं है और वह चुनाव से बचने का प्रयास कर रहे थे। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों पर हिंसा का आरोप लगाते हुए विपक्षी पार्टियों हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी गुहार लगाई थी। वहीं नामांकन दाखिल करने से रोके जाने के विपक्ष के आरोपों के चलते हाईकोर्ट ने उम्मीदवारों को वाट्सऐप और ईमेल के जरिये भी नामांकन भरने की इजाजत दी थी।
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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। खबरों के अनुसार कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों प्रताप सिंह बाजवा और अमी हर्षाद्रे याज्ञिक ने सुप्रीम कोर्ट में उपराष्ट्रपति के इस फैसले को चुनौती दी है। अपनी याचिका में इन नेताओं ने कहा है कि एक बार सांसदों ने चीफ जस्टिस को हटाने के लिए मोशन प्रस्तुत कर दिया तो उपराष्ट्रपति के पास कोई विकल्प नहीं होता सिवाए इसके कि वो एक जांच कमेटी बनाएं जो चीफ जस्टिस के खिलाफ लगे आरोपों की जांच करे। इसके साथ ही कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस मामले की जस्टिस चेलमेश्वर के सामने अर्जेंट लिस्टिंगी की अपील की है। वहीं जस्टिस चेलमेश्वर ने इसे लेकर कहा है कि मास्टर ऑफ रोस्टर को लेकर संवैधानिक बेंच का फैसला है और ऐसे में याचिका चीफ जस्टिस के सामने पेश होनी चाहिए। इस पर सिब्बल ने कहा है कि महाभियोग प्रस्ताव खुद चीफ जस्टिस के खिलाफ है और ऐसे में सबसे वरिष्ठ जज इस याचिका की सुनवाई करे।
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जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ सोमवार से 'हमर संग जोगी अभियान" शुरू करने जा रही है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता दो महीने में 20 हजार गांवों में पहुंचेंगे और कैम्प लगाकर सात कामों को अंजाम देंगे। इसके अलावा, पार्टी के अध्यक्ष अजीत जोगी के शपथपत्र की प्रति भी जनता तक पहुंचाई जाएगी, जो कि पार्टी का मुख्य चुनावी घोषणापत्र होगा। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के मुख्य प्रवक्ता सुब्रत डे ने बताया कि 'हमर संगर जोगी अभियान" सात मई से सात जुलाई तक चलेगा। इस दौरान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता गांवों में पहुंचेंगे। कैम्प लगाकर काबिज जमीन और घर पर सबको जोगी पट्टा देने का लिखित में वादा किया जाएगा। मोबाइल पर जॉब गारंटी का फॉर्म भेजा जाएगा। गांवों का जल इकट्ठा करके जल आरती होगी और प्रदेश के पानी पर छत्तीसगढ़ियों का पहला अकिार की शपथ ली जाएगी। बूथवार जोगी महिला वाहिनी का गठन किया जाएगा। पन्ना मितानों की बैठक ली जाएगी और बूथ जीतने की रणनीति बनेगी। सभी गांवों में पूर्ण शराबबंदी का संकल्प लिया जाएगा। गांवों की समस्याओं का संकलन करके पुलिंदा तहसील या जिला कार्यालय को सौंपा जाएगा और समस्याओं के निराकरण के लिए 10 दिन का अल्टीमेटम देंगे। इस समयाि में समस्याएं दूर नहीं हुईं तो तहसील या जिला कार्यालय का घेराव किया जाएगा।
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के पहले पीएम नरेंद्र मोदी लगातार रैलियां और नमों ऐप के माध्यम से कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने सोमवार को भी ऐप के जरिए युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं से बात की। अपनी बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। पीएम बोले कि '1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हिंसा भड़की थी। ऐसा लगता है कि उसके बाद से ही यह हिंसा देश के राजनीतिक तंत्र का हिस्सा बन चुकी है। त्रिपुरा, केरल और कर्नाटक में हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या हुई है। यह लोकतंत्र में अच्छा नहीं लगता, इस हिंसा को रोका जाना चाहिए।' प्रधानमंत्री ने कहा कि 'जब एक व्यक्ति अपने आप में भरोसा खो देता है और उसमें सच बोलने और मानने की क्षमता नहीं होती तो वो राजनीतिक हिंसा का रास्ता चुनता है। ' इससे पहले पीएम ने कहा, ‘कर्नाटक का चुनाव भाजपा के कार्यकर्ता नही बल्कि कर्नाटक की जनता लड़ रही है।‘ युवाओं की तारीफ करते हुए पीएम ने कहा कि कर्नाटक के युवाओं ने हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। बता दें कि 1 मई से ही उन्होंने कर्नाटक में चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ले रखी है और अब वे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी नमो मंत्र दे रहे हैं। इसकी जानकारी पीएम ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा, 'हमारे युवा कार्यकर्ता जोश से लबरेज हैं और केंद्र सरकार के बेहतर काम को लोगों तक पहुंचाने में काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रहे हैं और लगातार पार्टी की आगे पहुंचाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।' बता दें कि इससे पहले एक मई को पीएम मोदी ने भाजपा के किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं से भी नमो ऐप के जरिये संवाद किया था और उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की थी। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी तमाम रैलियां कर रहे हैं। उन्होंने 1 मई से अपना चुनावी अभियान शुरू किया था पहले ही दिन धुआंधार तीन रैलियां की थी। वहीं, राज्य में पीएम की रैली में बढ़ते जनसैलाब के बाद उन्होंने रैलियों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। अब वे राज्य में 21 रैलियां करेंगे। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे भाजपा और कांग्रेस की आक्रमकता बढ़ती जा रही है। लगातार दोनों ही दल के शीर्ष नेता एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को मतदान होगा, जबकि 15 मई को चुनाव के परिणाम घोषित किये जाएंगे।
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए ज्यादा दिन नहीं बचे हैं और ऐसे में सियासी पारा चढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राज्य में चार रैलियां सबोधित करने पहुंचे। उन्होंने टुमकुर में अपनी पहली रैली को संबोधित किया और उनके निशाने पर एक बार फिर कांग्रेस थी। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस पिछले कई सालों से गरीब, गरीब चिल्लाती आ रही है लेकिन आजतक उनकी जिंदगी बेहतर करने के लिए कुछ नहीं किया। अब उन्होंने गरीब कहना बंद कर दिया क्योंकि लोगों ने एक गरीब परिवार के शख्स को पीएम बना दिया। पीएम ने कहा कि कांग्रेस गरीब-गरीब की माला जपकर राजनीति कर रही है। कांग्रेस को 50 साल काम करने का मौका मिला लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया। अगर इस दौरान कांग्रेस किसान के खेत तक पानी पहुंचाती तो जमीन सोना उगलती। कांग्रेस रोज एक नया झूठ बोलती है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए लोगों को मूर्ख बनाती आ रही है। वो पार्टी झूठी है और वोट के लिए वो फिर झूठ बोलेंगे। वो किसानों के बारे में नहीं सोचते और ना ही गरीबों के बारे में। लोग कांग्रेस से परेशान हो गए हैं।
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मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी के 15 साल में 15 मिनट भी नहीं बोलने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में चर्चा कराने से बचते हैं। वे संसद में अपने सहयोगी दलों से खुद हंगामा कराते हैं। कमलनाथ ने यह बात बुधवार को अपने निवास पर मीडिया से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है जो पार्टी सत्ता में है वही संसद नहीं चलने दे रही। संसद वो इसलिए नहीं चलने देना चाहते, क्योंकि उन्हें वहां जवाब देना होगा कि नीरव मोदी के मामले में कब स्वीकृति मिली। ये नहीं चाहते थे कि संसद में कोई खुलासा हो, क्योंकि कर्नाटक में विधानसभा चुनाव होना है। साथ ही कमलनाथ ने ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने शिवराज पर तंज कसा है कि कुछ लोग 15 साल भी लगातार बोलें तो भी उनके अलावा किसी को समझ नहीं आएगा। वे 13 साल से रटा रटाया ही बोल रहे हैं। कमलनाथ ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे दिन की शुरूआत लालघाटी स्थित हनुमान मंदिर में पूजा के साथ की। यहां से वे उज्जैन में महाकाल मंदिर पहुंचे और वहां से दतिया में पीतांबरा पीठ के दर्शन करने पहुंचे। इसके पूर्व कमलनाथ ने मंगलवार को आयोजित रैली को लेकर कार्यकर्ताओं का आभार माना और आमजनों से परेशानी होने पर माफी मांगी है।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को सिर्फ दो घंटे के लिए भोपाल आएंगे। इस दौरान वे सिर्फ भेल दशहरा मैदान पर आयोजित भाजपा की प्रदेश विस्तृत बैठक को संबोधित करेंगे। वे सुबह साढ़े दस बजे विशेष विमान से भोपाल पहुंचेंगे और सीधे कार्यक्रम स्थल पर जाएंगे। इससे पहले प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक होगी। सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद शाह का यह पहला दौरा है। इसमें पार्टी के संगठन महामंत्री रामलाल भी मौजूद रहेंगे।
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कर्नाटक चुनाव में धुआंधार प्रचार को जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को बेल्लारी, कलबुर्गी और बेंगलुरु पहुंचे। यहां उन्होंने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। बेल्लारी में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कांग्रेस पर इतिहास को बर्बाद करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री बोले कि कांग्रेस ने बल्लारी का इतिहास और लिजेसी को बर्बाद किया। शहर को बदनाम कर कांग्रेस ने यहा के लोगों का अपमान किया है। आपका उत्साह दिखाता है कि कांग्रेस कर्नाटक में हारने वाली है। प्रधानमंत्री आगे बोले कि राज्य में बढ़ते खनन माफिया को देखें, कांग्रेस सरकार ने राज्य में इसस निपटने के लिए कोई पॉलिसी नहीं बनाई। कर्नाटक में अब सिद्दा-रुपया सरकार है। इस सरकार ने राज्य को कर्ज में डूबो दिया है। भाजपा को इससे पहले जब राज्य की सेवा का मौका मिला तो हमने कई विकास कार्य किए। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि राज्य में पानी के इतने स्त्रोत होने के बावजूद सरकार ने किसानों तक पानी नहीं पहुंचाया। इससे पहले कलबुर्गी में प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां मौजूद भीड़ को देखकर लगता है कि कर्नाटक की जनता को मई की गर्मी मंजूर है लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं। पीएम ने आगे कहा कि यह चुनाव कर्नाटक का भविष्य तय करेगा। यह महिलाओं की सुरक्षा और किसानों के विकास के लिए है ना कि सिर्फ विधायक चुनने के लिए। पीएम ने आगे कहा कि कांग्रेस सैनिकों और उनके त्याग का सम्मान नहीं करती। जब हमारे सैनिकों ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की तो कांग्रेस ने मुझसे पूछा की इसके सबूत कहां हैं। कर्नाटक की धरती वीरों की धरती है। लेकिन कांग्रेस ने फील्ड मार्श करिअप्पा और जनरल थिमैया के साथ कैसा व्यवहार किया? इतिहास इसका गवाह है। 1948 में पाकिस्तान को हराने के बाद उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू और रक्षा मंत्री रक्षा मंत्री कृष्णा मेनन ने जनरल थीमय्या का अपमान किया। कांग्रेस चाहती थी कि हमारे सैनिक सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान बंदूकों की बजाय कैमरे लेकर जाते। प्रधानमंत्री आगे बोले कि कांग्रेस दलितों की बात करती है लेकिन वो धोखा दे रही है। पिछले चुनाव में उसने कहा था कि वो खड़गे को मुख्यमंत्री बनाएगी लेकिन ऐसा नहीं किया। कांग्रेस इसी तरह से राजनीति करती है। राहुल गांधी के कैंडल मार्च पर तंज कसते हुए कहा कि मैं कांग्रेस के लोगों से पूछना चाहता हूं जिन्होंने दिल्ली में कैंडल मार्च निकाला था कि तब उनकी कैंडल्स कहां थीं जब बिदार में एक दलित लड़की पर अत्याचार हुआ। इससे पहले प्रधानमंत्री ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि उनका कलबुर्गी से गहरा रिश्ता रहा है। सरदार पटेल ही थे जिन्होंने इसे देश के साथ जोड़ा। लेकिन सरदार पटेल के लिए तिरस्कार कांग्रेस के स्वभाव में है। कांग्रेस शहीदों और देशभक्तों को भुलाना चाहती है।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान में गुरुवार को आई खराबी को लेकर कांग्रेस ने छेड़छाड़ की आशंका जताई है वहीं ऑपरेटर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिक्कत ऑटो पायलट मोड में थी। डीजीसीए ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि विमान के ऑटो पायलट मोड में कुछ दिक्कत आ गई थी जिसके बाद उसे मेन्यूअल मोड में डाला गया और विमान सुरक्षित रूप से लैंड हो गया। इसमें आगे कहा गया है कि ऑटो पायलट मोड के फेल होने की घटना आम है। घटना की जांच के लिए दो सदस्यों वाली कमेटी का गठन कर दिया गया है जो 2-3 हफ्ते में रिपोर्ट दे देगी। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने हुबली पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान में उड़ान के दौरान गुरुवार सुबह अचानक खराबी आ गई थी। इस कारण विमान की लैंडिंग इतनी खराब रही कि अंदर बैठे राहुल समेत चारों यात्रियों की जान पर बन आई थी। पार्टी ने "जानबूझकर की गई छेड़छाड़" की आशंका जताते हुए इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी। इस पर दिल्ली में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि वह मामले की जांच करेगा। कांग्रेस ने इस संबंध में गुरुवार को पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। इसमें दो पायलटों को नामित किया गया है। कर्नाटक के पुलिस प्रमुख नीलमणि एन. राजू को दी गई शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली से हुबली के लिए दो घंटे की उड़ान के दौरान विमान में कई "अस्पष्ट तकनीकी खामियां" सामने आईं। विमान में जबर्दस्त झटके लग रहे थे, जिसके बाद वह एक तरफ झुक गया और उसमें चरमराने की आवाज आने लगी। विमान का ऑटो पायलट सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था। विमान तीसरी कोशिश में सुबह करीब 11.25 बजे हुबली एयरपोर्ट पर उतर पाया। इस दौरान वह बुरी तरह हिल रहा था। जबकि उस वक्त बाहर का मौसम बिल्कुल साफ था, धूप खिली हुई थी और हवा की रफ्तार भी सामान्य थी। इस दौरान चालक दल के सदस्य भी खासे सहम गए थे।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान में गुरुवार को आई खराबी को लेकर कांग्रेस ने छेड़छाड़ की आशंका जताई है वहीं ऑपरेटर की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दिक्कत ऑटो पायलट मोड में थी। डीजीसीए ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि विमान के ऑटो पायलट मोड में कुछ दिक्कत आ गई थी जिसके बाद उसे मेन्यूअल मोड में डाला गया और विमान सुरक्षित रूप से लैंड हो गया। इसमें आगे कहा गया है कि ऑटो पायलट मोड के फेल होने की घटना आम है। घटना की जांच के लिए दो सदस्यों वाली कमेटी का गठन कर दिया गया है जो 2-3 हफ्ते में रिपोर्ट दे देगी। बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने हुबली पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विमान में उड़ान के दौरान गुरुवार सुबह अचानक खराबी आ गई थी। इस कारण विमान की लैंडिंग इतनी खराब रही कि अंदर बैठे राहुल समेत चारों यात्रियों की जान पर बन आई थी। पार्टी ने "जानबूझकर की गई छेड़छाड़" की आशंका जताते हुए इस मामले की गहराई से जांच कराने की मांग की थी। इस पर दिल्ली में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा कि वह मामले की जांच करेगा। कांग्रेस ने इस संबंध में गुरुवार को पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई। इसमें दो पायलटों को नामित किया गया है। कर्नाटक के पुलिस प्रमुख नीलमणि एन. राजू को दी गई शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली से हुबली के लिए दो घंटे की उड़ान के दौरान विमान में कई "अस्पष्ट तकनीकी खामियां" सामने आईं। विमान में जबर्दस्त झटके लग रहे थे, जिसके बाद वह एक तरफ झुक गया और उसमें चरमराने की आवाज आने लगी। विमान का ऑटो पायलट सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था। विमान तीसरी कोशिश में सुबह करीब 11.25 बजे हुबली एयरपोर्ट पर उतर पाया। इस दौरान वह बुरी तरह हिल रहा था। जबकि उस वक्त बाहर का मौसम बिल्कुल साफ था, धूप खिली हुई थी और हवा की रफ्तार भी सामान्य थी। इस दौरान चालक दल के सदस्य भी खासे सहम गए थे।
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महाकौशल और 1600 किमी की नर्मदा अब भाजपा और कांग्रेस के लिए गढ़ बन गई है। चुनाव से पूर्व महाकोशल में संगठन के 'कौशल' का दांव लग चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा यात्रा की शुरुआत की थी। उन्होंने तकरीबन 1500 किमी की परिक्रमा की और नर्मदा को बचाने के लिए 6 करोड़ पौधे नर्मदा किनारे रोपे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 6 माह 11 दिन नर्मदा परिक्रमा की। उन्होंने 110 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा की। इसके बाद नर्मदा से जुड़े मुद्दे राजनीति के मुद्दे बन गए। कितने पौधे रोपे गए और उसमें से कितने पौधे जीवित बचे, इन पर राजनीति शुरू हो गई। भाजपा और कांग्रेस ने संगठन की जवाबदारी महाकोशल के दो बड़े नेताओं को सौंप दी है। भाजपा ने महाकोशल क्षेत्र से राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने भी एक सप्ताह के अंदर महाकोशल क्षेत्र के वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इससे अब पूरे प्रदेश की राजनीति महाकोशल और नर्मदा से जुड़े मुद्दों पर टिक गई है। पिछले साल मंडला में एक कार्यक्रम में पहुंचे एक दर्जन विधायकों ने कमलनाथ को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने आवाज उठाई थी। इसके बाद सालभर में करीब दस बार कमलनाथ को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की चर्चा चली, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि विधायकों का एक प्रतिनिधि मंडल ने राहुल गांधी से मिलकर कमलनाथ को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने की मांग की, लेकिन उस वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि अरुण यादव से मिलें। इससे सभी विधायक सकते में आ गए थे। महाकोशल क्षेत्र- जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट, सिवनी, डिंडौरी। कुल सीट - 38 भाजपा - 24 कांग्रेस - 13 निर्दलीय - 1 नर्मदा से जुड़े मुद्दे भाजपा और कांग्रेस के लिए राजनीति का केन्द्र बन गए हैं। दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा के दौरान कमलनाथ दो बार उनकी परिक्रमा में शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और सांसद कमलनाथ के बीच गठजोड़ वहीं से शुरू हो गया था। नर्मदा परिक्रमा के समापन दिवस पर भी कमलनाथ पहुंचे। इसके बाद वे दोबारा शंकराचार्य स्वरूपानंद जी का आशीर्वाद लेने झोंतेश्वर आए। दिग्विजय सिंह की नर्मदा परिक्रमा के दौरान ही कमलनाथ को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने दिग्विजय सिंह का समर्थन मिल गया था। नर्मदा से जुड़े मुद्दों पर राजनीति करना है, इसके संकेत भी उन्हें मिल गए थे। विधिक विमर्श कार्यक्रम में कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह से मंच से ही पूछा था कि नर्मदा किनारे कितने पौधे आपको दिखाई दिए जोकि सीएम ने लगाए थे, दिग्जिवय सिंह ने कहा कि उन्हें कोई पौधा रोपा हुआ दिखाई नहीं दिया। वहीं मुख्यमंत्री ने नर्मदा घोटाला उजागर करने वालों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। महाकोशल में भाजपा की 24 सीटें हैं, लेकिन जो गुप्त रिपोर्ट भाजपा के पास पहुंची है उसके अनुसार भाजपा अधिकतर सीटें विधानसभा चुनाव में हार रही है। यह जानकारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास भी पहुंची है। इससे भाजपा ने महाकोशल क्षेत्र के ही नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाकर कुछ हद तक इस क्षेत्र का जनाधार खिसकने से रोकने की कोशिश की। भाजपा में प्रदेशाध्यक्ष महाकोशल का बनते ही कांग्रेस ने भी महाकोशल क्षेत्र के नेता कहे जाने वाले कमलनाथ पर अपना दांव चल दिया। कांग्रेस की महाकोशल में केवल 13 सीटें हैं।
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को "संविधान बचाओ" राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी को देश में हो रही घटनाओं से कोई मतलब नहीं, वो सिर्फ अपने मन की बात करते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष बोले कि पिछले 70 सालों में कांग्रेस ने इस देश को बनाने और सम्मान बढ़ाने का काम किया है लेकिन जब से भाजपा और आरएसएस सत्ता में आई है तब से दुनिया में भारत की छवि खराब हो रही है। संविधान ने हमें आईआईटी, आईआईएम और संसद दी, हम इतने सालों इनका सम्मान करते आए लेकिन भाजपा सरकार इनका सम्मान नहीं करती। राहुल गांधी ने कहा कि अपनी किताब कर्मयोग में पीएम मोदी वाल्मिकी समाज के लोगों द्वारा सफाई के काम को उन्होंने स्पिरिचुअल अनुभव करार दिया है, यह उनकी दलित विरोधी मानसिकता को दिखाता है राहुल ने आगे कहा कि पीएम ने अपने सांसदों को कहा है कि मीडिया को मसाला ना दें और चुप रहें, केवल मैं बोलूंगा और अपने मन की बात करूंगा। पीएम मोदी संसद में नहीं बोलते अगर मुझे संसद में 15 मिनट बोलने का मौका दे दिया जाए तो प्रधानमंत्री मेरे सामने खड़े नहीं हो सकते। राहुल आगे बोले कि देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, मीडिया को दबाया जा रहा है, बच्चियों के साथ दुष्कर्म होता है लेकिन मोदी जी को इससे कोई मतलब नहीं, वो सिर्फ यह जानते हैं कि पीएम कैसे बना जाता है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलितों में पैठ पुख्ता करने की रणनीति के तौर देखे जा रहे इस अभियान की शुरुआत के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे, सुशील कुमार शिंदे समेत कई और वरिष्ठ नेताओं के मौजूद थे। इनके अलावा पार्टी के पूर्व और मौजूदा दलित सांसद, विधायक, जिला परिषद तथा पंचायत समितियों के सदस्य भी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं, जिन्हें दलितों के मौजूदा हालात के बारे में जागरूक किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ये लोग ऐसे ही अभियान राज्यों में चलाएंगे। पार्टी के एक नेता ने कहा- "भाजपा शासन में संविधान खतरे में है। दलितों को शिक्षा और रोजगार के मौके देने से इनकार किया जा रहा है। कार्यक्रम इन मुद्दों को देश भर में उठाने के लिए है। मालूम हो कि देश भर में करीब 17 फीसदी दलित मतदाता हैं। लोकसभा में 84 सीटें अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए सुरक्षित हैं। भाजपा ने 2014 में इन सीटों में से करीब आधी सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को इनमें से सिर्फ तीन-चार सीटें ही मिलीं।
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कांग्रेस समेत 7 विपक्षी दलों की सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कोशिशों को करारा झटका लगा है। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वैकेंया नायडू ने कांग्रेस के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। जानकारी के अनुसार उपराष्ट्रपति ने इसे तकनीकी आधार पर खारिज किया है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के इस प्रस्ताव में 71 सांसदों के हस्ताक्षर थे जिनमें से 7 सांसद रिटायर हो चुके हैं और इसी को आधार बनाते हुए उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। साथ ही उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित भी बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रस्ताव में चीफ जस्टिस पर लगाए गए सभी आरोपों को मैंने देखा और साथ ही उसमें लिखी अन्य बातें भी देखीं। प्रस्ताव में जो फैक्ट बताए गए हैं वो ऐसा केस नहीं बनाते जिससे इस बात को माना जा सकता की चीफ जस्टिस को इन बातों के आधार पर दुर्व्यवहार का दोषी माना जाए। उपराष्ट्रपति के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि कांग्रेस की सारी बाते हवा में होती है। न्यायपालिका का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। इससे पहले उपराष्ट्रपति नायडू इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अपना हैदराबाद का दौरा बीच में छोड़कर रविवार को ही दिल्ली लौट आए थे। रविवार की शाम जिनसे उनकी चर्चा हुई उनमें लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मलहोत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह व राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी शामिल थे। बताते हैं कि देर शाम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी से भी उनकी मुलाकात हुई। सूत्रों का कहना है कि यह एक प्राथमिक चर्चा थी जिसमें यह देखा गया कि सबकुछ कानून सम्मत है या नहीं।
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जबलपुर से 3 बार के सांसद राकेश सिंह भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा के चुनाव उनकी पहली बड़ी परीक्षा होगी। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने पत्र जारी कर राकेश सिंह की अधिकृत नियुक्ति की घोषणा की। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों के ठीक पहले प्रदेश संगठन की कमान राकेश सिंह को सौंप दी है। राकेश सिंह नंदकुमार सिंह चौहान का स्थान लेंगे। हालांकि पार्टी ने नंदकुमार सिंह चौहान को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य नियुक्त कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर राकेश सिंह पर प्रदेश सरकार के लिए बन रहे एंटी इनकम्बंसी फेक्टर को खत्म करने की अहम जिम्मेदारी है। संगठन और सत्ता के बीच तालमेल बनाना भी राकेश सिंह के सामने बड़ी चुनौती है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे पहले ही राकेश सिंह के नाम की पुष्टि कर चुके थे लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से पत्र जारी कर राकेश सिंह के नाम की अधिकृत घोषणा की गई। प्रदेश अध्यक्ष के लिए कैलाश विजयवर्गीय, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह और राजेंद्र शुक्ला के नामों चर्चाएं थी, इतना ही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का नाम भी प्रमुखता से उठा था। लेकिन तमाम अटकलों को बुधवार सुबह विराम लग गया। बताया जा रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामलाल ने राकेश सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा। जिस पर पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों और संगठन प्रमुखों में चर्चा हुई और फिर सहमति बनी। राकेश सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा की मंशा लोधी वोट बैंक को साधने की भी है। महाकौशल से आने वाले राकेश सिंह 2004 से जबलपुर से सांसद हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र भाजपा के प्रभारी भी हैं। बताया जा रहा है कि केंद्र के कई बड़े नेताओं से अच्छे संबंधों का भी उन्हें फायदा मिला है। आपको बता दें कि राकेश सिंह जबलपुर से 3 बार के सांसद हैं और उनकी पहचान जुझारु और प्रभावशाली नेता के रुप में है। पार्टी के लिए वे अच्छे कैंपेनर की भूमिका भी निभाते रहे हैं। जबलपुर सांइस कालेज में प्रहलाद पटेल के अगुवाई में राकेश सिंह की छात्र राजनीति शुरू हुई। वे 2004 से जबलपुर सीट से सांसद हैं। राकेश सिंह को मजबूत संगठनात्मक कौशल रखने वाले नेता के रूप में जाना जाता है। वे महाराष्ट्र भाजपा के प्रभारी भी हैं और संसदीय समिति के सदस्य भी हैं। राकेश सिंह सीएम शिवराज सिंह चौहान, राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। राकेश सिंह जबलपुर से पिछले 3 बार से सांसद हैं ,पहली बार 2004 में कांग्रेस के विश्वनाथ दुबे को 97 हजार वोट से हराया ,2008 में रामेश्वर नीखरा को 1 ला 6 हजार वोट से हराया , 2014 में विवेक तन्खा को 2 लाख 8 हजार वोटों से परास्त किया ,घर में पत्नी माला सिंह के अलावा 2 बेटियां, माता और छोटा भाई ,मूलत: जबलपुर के रहने वाले हैं और खेती-किसानी के साथ टिम्बर का व्यवसाय है ,2001 से 2004 तक ग्रामीण जिला अध्यक्ष जबलपुर ,2010 में प्रदेश के महामंत्री। इधर मंगलवार रात को इस्तीफे के बाद नंदकुमार सिंह चौहान के सरकारी बंगले के बाहर लगी नाम पट्टिका पर स्टीकर लगाकर प्रदेश अध्यक्ष पद को छिपा दिया गया है। सुबह बंगले पर तैनात कर्मचारी नाम पट्टिका पर स्टीकर लगाता दिखाई दिया। गौरतलब है कि नंदकुमार सिंह चौहान को बदले जाने को लेकर काफी दिनों से चर्चाएं थी। मंगलवार को भीकनगांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात का खुलासा किया कि नंदकुमार सिंह चौहान अपने पद से हटना चाहते हैं क्योंकि वे अपने संसदीय क्षेत्र में समय देना चाहते हैं। ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष की कवायद शुरू हो गई थी।
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अमेठी के दौरे पर गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी संसद में खड़े होने से डरते हैं, अगर मुझे 15 मिनट का भाषण मिल जाए तो पीएम खड़े नहीं हो पाएंगे फिर चाहे वो राफेल का मामला हो या नीरव मोदी का। देश में कैश की किल्लत को लेकर कहा कि पीएम मोदी ने बैंकिस सिस्टम को ध्वस्त कर दिया है। नीरव मोदी 30 हजार करोड़ लेकर भाग गया और पीएम ने एक शब्द नहीं कहा। वहीं जब उन्होंने नोटबंदी की तो हमें लाइन में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ा। हमसे छीना पैसा नीरव मोदी की जेब में डाल दिया। अमेठी जगेसरपुर में सामुदायिक मिलन केंद्र सहित एक दर्जन विकास कार्यो का लोकार्पण करने के बाद अपने सम्बोधन में राहुल गांदी पीएम मोदी पर बरसे और कहा कि मोदी के 56 इंची सीने में गरीबों व किसानों के लिये कोई जगह नहीं। मोदी सरकार पूंजीपतियों की मददगार है। युवाओं को रोजगार देने का वादा पूरा नहीं किया। मोदी जहां जाते हैं जाति धर्म के नाम पर लड़ाते है। हमारी लड़ाई उनकी लड़ाने वाली विचारधारा से है। हम उन्हें हराकर रहेंगे।
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असंगठित श्रमिक सम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान भीकनगांव पहुंचे। यहां मौजूद लोगों ने उन्होंने कहा कि अमीरी और गरीबी का फासला खत्म होना चाहिए। मजदूर जरूर हो पर मजबूर नहीं। उन्होंने कहा कि हमने सभी तबकों का ख्याल रखा है। कपास पर टैक्स एक प्रतिशत कम कर दिया गया है। गरीब बच्चों को भी मुस्कुराने का हक है। सीएम ने इस दौरान कहा कि कांग्रेस प्रदेश को हिंसा की आग में झोंकना चाहती है, मध्यप्रदेश शांति का टापू है। कुछ बड़े लोग जाति के नाम पर झगड़ा करवाना चाहते हैं, सभी एकजुट रहें। कांग्रेस सरकार सिर्फ गरीब-गरीब करती थी, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। सीएम ने कहा कि सभी को रहने के लिए जमीन का टुकड़ा चाहिए। प्रदेश में कोई भी गरीब बिना जमीन के टुकड़े के नहीं रहेगा। सब इस जमीन के हकदार हैं, इसका कानून हमने बना दिया। खरगोन जिले में एक लाख लोग आवास के मालिक होंगे। 2006 से हकदार लोगों को वन अधिकार पट्टे वितरित होंगे। सीएम ने कहा कि बिजली के पुराने बिल खुद की जेब से भर लूंगा, गरीबों को भारी भरकम बिल नहीं भरने देंगे। गर्भवती महिला को चार हजार रुपए दिए जाएंगे, जिससे उसे पौष्टिक भोजन मिले। सभी महिलाओं की अस्पताल में ही डिलेवरी हो। यह फायदा 2 डिलीवरी तक मिलेगा, जनता से पूछकर सीएम ने यह एलान किया। उन्होंने कहा कि एक करोड़ 92 लाख असंगठित श्रमिकों के पंजीयन हो चुके हैं। श्रमिक खुद फार्म भरेंगे और उसकी दी गई सभी जानकारियां सही मानी जाएंगी।
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मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उन्होंने कठुआ और उन्नाव की घटनाओं में 'गुनहगार बचेंगे नहीं, बेटियों को न्याय मिलेगा" बयान दिए, उनका पालन मध्यप्रदेश में भी कराएं। नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में प्रीति रघुवंशी आत्महत्या मामले और उससे जुड़े सारे पहलुओं की जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस ने पिछले 28 दिन में अगर कोई कार्रवाई की है तो वह सिर्फ मंत्री रामपाल सिंह को बचाने में की है। उन्होंने कहा कि प्रीति के परिजनों के बयान हुए, लेकिन रामपाल सिंह और उनके पुत्र के आज तक बयान दर्ज नहीं हुए। प्रीति के भाई का अपहरण हुआ और चार दिन बाद छोड़ दिया गया। सिंह ने पत्र में लिखा कि आपने प्रधानमंत्री बनते ही हरियाणा के हिसार से 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" का एक महाअभियान शुरू किया था, पर जो हालात पूरे देश में पैदा हो गए है उससे लोगों में फिर यह धारणा बन रही है कि बेटी होना कलंक है। मंत्री रामपाल सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि बेटी बचाओ तो उसे या तो दरिंदे नोच लेते हैं और अगर वह बहू बन जाती है तो उसे आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ता है। सिंह ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि वे शिवराज सरकार को निर्देश दें कि रामपाल सिंह को मंत्री पद से हटाएं और उनके व उनके बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं।
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बदलाव की चर्चा के बीच मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके बारे में फैसला पार्टी करेगी। चौहान ने कहा कि उनके जीवन का फैसला वे खुद नहीं करते हैं, बल्कि पार्टी करती है, इसलिए संगठन जो फैसला करेगा, वे उसका पालन करेंगे। चौहान से पूछा गया था कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के बदलाव की लंबे समय से चर्चा चल रही है, क्या ये सही है। मीडिया के साथ बातचीत में चौहान ने बाबाओं को उपकृत किए जाने के सवाल पर कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। कांग्रेस के कार्यकाल में भी बाबाओं को मंत्री दर्जा देकर उपकृत किया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इन बाबाओं ने ही नर्मदा में पौधेे लगाने के दावे पर आरोप लगाए थे, इसलिए सरकार ने उन्हें ही जिम्मेदारी दे दी कि आप ही जांच करो और आप ही नर्मदा का संरक्षण करो। देवास सांसद मनोहर ऊंटवाल द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बारे में दिए गए आपत्तिजनक बयान पर चौहान ने कहा कि इस बारे में सांसद से बात की है। ऊंटवाल ने अपनी सफाई में कहा कि उनका आशय ये था कि दिग्विजय सिंह जादूगर टाइप के आदमी हैं। चुनाव से पहले वो कोई भी चौंकाने व