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राजगढ़। सिविल अस्पताल ब्यावरा में जन्म के 11 घंटे बाद दो शिशुओं की मौत हो गई। मौत की खबर से परिजन हतप्रभ हो गए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगाम कर दिया। सूचना पर पहुंचे स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश पर मामले को शांत किया गया। मंगलवार सुबह विशेषज्ञ टीम की मौजूदगी में शिशुओं का पोस्टमार्टम किया गया। मौत की वास्तविकता का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद लग सकेगा।
जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह बागपुरा और बरखेड़ा निवासी महिलाओं ने स्वस्थ बेटों का जन्म दिया, इसके बाद अस्पताल स्टाफ द्वारा बच्चों को बीसीजी सहित एक अन्य टीका लगाया गया, जिससे बच्चों का शरीर काला पड़ गया और देर रात उनकी मौत हो गई। इससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। सूचना पर पहुंचे विधायक रामचंद्र दांगी सहित स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने परिजनों को समझाया और कहा कि मामले में जांच की जा रही है, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक सोमवार को तीन -चार बच्चों को टीके लगाए गए थे, जिसमें से दो की मौत हो गई, अन्य नवजात स्वस्थ है। मामले में सिविल अस्पताल प्रभारी डाॅ. शरद साहू का कहना है कि बच्चों को सामान्य प्रक्रिया के तहत बीसीजी का टीका लगाया गया था। उन्होंने कहा कि बच्चों के जन्म के बाद मां का दूध स्वांस नली में चला जाने के कारण बच्चों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई और उनकी मौत हो गई। साथ ही उन्होंने मामले की जांच की बात कही।
बांकपुरा के हेमराज पुत्र हरिसिंह वर्मा और बरखेडा के एक अन्य के यहां बेटे का जन्म हुआ था, परिजनों के अनुसार जन्म के समय शिशु का वजन ढ़ाई किलो था, उनके जन्म से परिवार में खुशी का माहौल था और मौत के बाद माहौल मातम में बदल गया। परिजनों का आरोप है कि बच्चों की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते हुई है। मंगलवार को विशेषज्ञ टीम द्वारा शिशुओं का पोस्टमार्टम किया गया है, वास्तविकता का पता रिपोर्ट आने के बाद लग सकेगा। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले में जांच शुरु की।
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