Patrakar Priyanshi Chaturvedi
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्पष्ट किया है कि जवाहरलाल नेहरू के निजी कागजात प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) से गायब नहीं हुए हैं, बल्कि वर्ष 2008 में विधिवत गांधी परिवार को लौटाए गए थे। उन्होंने इन दस्तावेजों को राष्ट्रीय धरोहर बताते हुए कहा कि इन्हें किसी निजी दायरे में नहीं, बल्कि सार्वजनिक अभिलेखागार में होना चाहिए।
शेखावत ने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि नेहरू से जुड़े 51 कार्टन पेपर्स सोनिया गांधी के पास हैं, जिनमें पत्र, डायरी, नोट्स और उस दौर के ऐतिहासिक संदर्भ शामिल हैं। उन्होंने जयराम रमेश से आग्रह किया कि वे सोनिया गांधी से उनके लिखित वचन का पालन करने को कहें और इन दस्तावेजों को पीएमएमएल को वापस करें, ताकि इतिहास का निष्पक्ष और पारदर्शी अध्ययन संभव हो सके।
केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि जब पीएमएमएल के अभिलेखों में इन दस्तावेजों का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित है, तो फिर इन्हें अब तक सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री थे और उनसे जुड़े कागजात निजी संपत्ति नहीं, बल्कि देश की ऐतिहासिक धरोहर हैं। ऐसे अभिलेखों को सार्वजनिक करना केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है, ताकि शोधकर्ता, विद्यार्थी और आम नागरिक उनसे लाभ उठा सकें।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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