Patrakar Priyanshi Chaturvedi
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष से पहले संगठनात्मक ढांचे में अहम बदलाव की ओर बढ़ रहा है. संघ सूत्रों के मुताबिक, देश को 11 क्षेत्रों में बांटने की मौजूदा व्यवस्था को घटाकर 9 क्षेत्र किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र प्रचारकों की संख्या भी कम होगी. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को मिलाकर एक ही क्षेत्र बनाया जाएगा, जबकि राजस्थान को अलग क्षेत्र न रखकर उत्तरी क्षेत्र में शामिल करने की तैयारी है.
संघ में अब तक अहम मानी जाने वाली प्रांत व्यवस्था को समाप्त कर ‘राज्य प्रचारक’ का नया पद बनाया जा सकता है. इसके तहत हर राज्य में एक ही राज्य प्रचारक होगा. उदाहरण के तौर पर, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में अभी जहां सात प्रांत प्रचारक हैं, वहां आगे चलकर एक ही राज्य प्रचारक की व्यवस्था होगी. मौजूदा उत्तर क्षेत्र में हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के साथ अब राजस्थान को जोड़ने का प्रस्ताव है.
नए ढांचे में कमिश्नरी स्तर पर ‘संभागीय प्रचारक’ का पद बनाया जाएगा. पूरे देश में 75 से अधिक संभागीय प्रचारकों की नियुक्ति की योजना है. हालांकि इसके नीचे विभाग प्रचारक और जिला प्रचारक की व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी. संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर आंतरिक ढांचे और पदानुक्रम की समीक्षा के लिए बनी समिति की सिफारिशों पर लगभग सहमति बन चुकी है, और यह नई व्यवस्था शताब्दी समारोह के बाद लागू की जा सकती है.
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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