AQI और फेफड़ों की बीमारी पर सरकार का रुख
Dehli ,Government

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के ऊंचे स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच सीधा संबंध साबित करने वाले ठोस वैज्ञानिक आंकड़े फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी माना कि वायु प्रदूषण श्वसन संबंधी रोगों को बढ़ाने वाले कारणों में शामिल है। यह जानकारी पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने राज्यसभा में लिखित जवाब में दी। यह जवाब दिल्ली-एनसीआर में लंबे समय तक खतरनाक AQI के असर को लेकर पूछे गए सवाल पर दिया गया।

 

 

 

सरकार के बयान के विपरीत, मेडिकल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इंडिया में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि प्रदूषित हवा फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम कर रही है। यह रिसर्च दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान के कुछ इलाकों में 15 से 29 वर्ष के युवाओं पर की गई। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में सांस से जुड़ी 2.04 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें करीब 35 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मंत्रालय ने वायु प्रदूषण को इन मामलों का प्रमुख कारण बताया है।

 

 

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए व्यापक अभियान तेज कर दिया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के अनुसार, 24 घंटे में 11,700 से ज्यादा चालान काटे गए और 12,164 मीट्रिक टन से अधिक कचरा हटाया गया। इसके तहत 2,068 किलोमीटर सड़कों की मैकेनिकल स्वीपिंग, 1,830 किलोमीटर पर पानी का छिड़काव और 5,500 किलोमीटर क्षेत्र में मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा 542 ट्रकों को शहर में प्रवेश से रोका गया और 34 ट्रैफिक जाम बिंदुओं को खाली कराया गया। मंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए नागरिकों से सहयोग की अपील की है।

Priyanshi Chaturvedi 20 December 2025

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.