Patrakar Priyanshi Chaturvedi
रेगिस्तान का गहना कही जाने वाली राजस्थान की पचपदरा रिफाइनरी अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड (एचआरआरएल) ने परियोजना को शीघ्र शुरू करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। 9 मिलियन टन क्षमता वाली इस मेगा रिफाइनरी के लिए अरब देशों से क्रूड ऑयल की आपूर्ति शुरू हो चुकी है, जिसे परिसर में बने विशाल स्टोरेज टैंकों में रखा जा रहा है। फिलहाल 26 हजार से अधिक श्रमिक दिन-रात निर्माण और तकनीकी कार्यों में जुटे हैं। कुल 7.5 मिलियन टन क्रूड अरब देशों से और 1.5 मिलियन टन कच्चा तेल राजस्थान से इसी रिफाइनरी में उपयोग किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार रिफाइनरी के औपचारिक शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से समय मांगा गया है और उनकी उपलब्धता के अनुसार जनवरी में कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। परियोजना के तकनीकी रूप से जल्द शुरू होने की संभावना है, जबकि व्यावसायिक उत्पादन जुलाई तक शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। यह देश की पहली ऐसी परियोजना है, जहां रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स का एकीकृत विकास हो रहा है। लगभग 80 हजार करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना में अब तक 90 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है और सभी उत्पाद बीएस-6 मानकों के अनुरूप होंगे।
अरब देशों से आने वाला क्रूड ऑयल समुद्री मार्ग से गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पहुंचेगा, जहां से 485 किलोमीटर लंबी इलेक्ट्रिक हीटेड पाइपलाइन के जरिए पचपदरा रिफाइनरी तक लाया जा रहा है। इस रिफाइनरी से पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, जेट फ्यूल और पेट्रोकेमिकल उत्पाद जैसे पॉलीएथिलीन, पॉलीप्रोपिलीन, ब्यूटाडाइन और बेंजीन का उत्पादन होगा। तैयार उत्पादों की आपूर्ति राजस्थान के साथ-साथ उत्तर भारत के कई राज्यों तक की जाएगी। इसके लिए रिफाइनरी को नई रेल लाइन से जोड़ा जा रहा है, जिससे ईंधन और पेट्रोकेमिकल उत्पाद सीधे देश के प्रमुख शहरों और बंदरगाहों तक पहुंच सकेंगे।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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