महाकाल की नगरी में सोमनाथ के दिव्य अवशेषों का आगमन
Ujjain,divine relics ,Somnath arrive in the city of Mahakal

आर्ट ऑफ लिविंग मुख्यालय बेंगलुरु से भगवान सोमनाथ के पुरातात्विक 11 अवशेषों से बने दो विशेष शिवलिंग आज उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। इन शिवलिंगों को भगवान महाकालेश्वर की भोग आरती में शामिल किया गया, जिसके बाद गर्भगृह में विधिवत पूजन हुआ। पूजन के पश्चात श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए दोनों शिवलिंगों को कुछ समय के लिए जूना महाकाल मंदिर परिसर में रखा गया। इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी महाराज और सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया ने यात्रा में शामिल सभी सदस्यों का स्वागत और सम्मान किया।

सोमनाथ से महाकाल तक, आस्था की ऐतिहासिक यात्रा

 

आर्ट ऑफ लिविंग के डायरेक्टर दर्शक हाथी और मध्यप्रदेश यात्रा प्रभारी मनीष सोनी ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सतयुग में चंद्रदेव द्वारा निर्मित सोमनाथ मंदिर का शिवलिंग महमूद गजनवी के आक्रमण में खंडित हो गया था। इसके बाद अग्रिहोत्री ब्राह्मणों ने इन पवित्र अवशेषों से 11 छोटे वाण शिवलिंग बनाकर पीढ़ियों तक गुप्त रूप से पूजा की। वर्ष 1924 में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य के निर्देश पर सौ साल बाद ये अवशेष आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर को सौंपे गए। इन्हीं अवशेषों से बने शिवलिंग आज पूरे देश में भ्रमण पर हैं। मध्यप्रदेश में यात्रा की शुरुआत उज्जैन से हुई है। यह यात्रा इंदौर, महू, ओंकारेश्वर, आलीराजपुर, बुरहानपुर, भोपाल, बैतूल होते हुए जबलपुर तक जाएगी। 14 दिसंबर को इंदौर के गांधी हॉल में रुद्रपूजा होगी, 17 दिसंबर को महू के चक्की वाले महादेव मंदिर में सार्वजनिक पूजन और 19 दिसंबर को ओंकारेश्वर में भगवान ओंकार के साथ शिवलिंगों का मिलन होगा। श्रद्धालुओं के लिए यह यात्रा आस्था, इतिहास और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनूठा संगम मानी जा रही है।

Vandana Singh 14 December 2025

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