प्रोजनी मैपिंग से जुड़े SIR का चमत्कार: बिछड़े परिवारों को मिलाया आपस में
SIR,  progeny mapping,  reunites , separated families

देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के अंतिम चरण में प्रोजनी मैपिंग का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करना और अयोग्य को हटाना है। हालांकि, अनजाने में इस तकनीक ने कई बिछड़े परिवारों को फिर से मिलाने का काम किया। ब्लॉक लेवल अधिकारियों द्वारा 2003 की SIR सूची के आधार पर मतदाताओं का वंशानुगत मिलान किया जा रहा है, जिससे परिवार और रिश्तेदारों के बीच टूटे संबंध भी जुड़ सके।

 

पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बरेली और फरीदपुर में प्रोजनी मैपिंग की मदद से कई वर्षों बाद बच्चे अपने माता-पिता से मिले। हाबरा में 26 साल बाद तरुण अपने माता-पिता से मिला, भीलवाड़ा में 45 साल बाद उदय सिंह अपनी मां से मिला, जबकि बरेली की स्नेहलता और फरीदपुर की सुलेखा भी वर्षों बाद अपने परिवारों से जुड़ सकीं।

 

गुजरात में भी इसी प्रक्रिया ने पिता और पुत्र की कशमकश खत्म की। एसआईआर के तहत 2003 की सूची का मिलान कर अवधेश सिंह अपने पिता रामवीर सिंह से जुड़े। इस तरह प्रोजनी मैपिंग न सिर्फ मतदाता सूची को सटीक बना रही है, बल्कि समाज में बिछड़े रिश्तों को भी जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

Priyanshi Chaturvedi 5 December 2025

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.