Patrakar Priyanshi Chaturvedi
TMC के निलंबित विधायक हुमांयू कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “जो भी बाबर के साथ खड़ा होगा, उसके साथ वही व्यवहार होगा जो एक आक्रांता के साथ होता है।” शंकराचार्य ने बाबर को एक आक्रमणकारी बताते हुए कहा कि जो लोग खुद को उससे जोड़ते हैं, उन्हें भी उसी नजर से देखा जाएगा।
शंकराचार्य ने स्पष्ट किया कि मस्जिद बनाने पर उनकी कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बाबर के नाम पर बनाई जाने वाली किसी संरचना को स्वीकार्य नहीं मानते। उन्होंने कहा कि लोग मस्जिद बनाएं और अपनी आस्था के अनुसार पूजा करें—इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म किसी उपासना स्थल को तोड़ने की अनुमति नहीं देता और यदि इतिहास में ऐसा हुआ है, तो वह राजनीतिक कारणों से हुआ, धार्मिक आधार पर नहीं।
अविमुक्तेश्वरानंद ने काशी और मथुरा पर भी अपना मत रखा। उन्होंने कहा कि यह पवित्र स्थल उन लोगों को उपलब्ध होने चाहिए जिनका वे मूल रूप से हैं, ताकि वहां पूजा–अर्चना कर विश्व कल्याण की कामना की जा सके। उन्होंने कहा कि जो लोग कब्जे में बैठे हैं, उनका भी कल्याण इसी प्रक्रिया से संभव है। शंकराचार्य ने टिप्पणी की कि राजनीतिक कारणों से हुए ऐतिहासिक विवादों को धार्मिक लोग अनावश्यक रूप से बनाए रखने की कोशिश न करें, क्योंकि यह राजनीतिक मानसिकता की निरंतरता को दर्शाता है।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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