MP की पांच पारंपरिक कलाओं को मिला GI टैग
Gwalior , Five traditional arts , MP , GI tag

 

मध्य प्रदेश अपनी समृद्ध कला और संस्कृति के लिए देश-विदेश में पहचाना जाता है। अब प्रदेश की इसी सांस्कृतिक विरासत को और मजबूती देते हुए पांच कलाओं को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग प्राप्त हुआ है। इनमें ग्वालियर की पेपर मेशी और स्टोन क्राफ्ट प्रमुख हैं। इन दोनों कलाओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए लंबे समय से प्रयास हो रहे थे, और GI टैग मिलने के बाद इनके कारीगरों को नए रोजगार और बाजार की संभावना मिलेगी।

 

ग्वालियर की पेपर मेशी और स्टोन क्राफ्ट कला अपने विशिष्ट कौशल और खास तकनीक के लिए जानी जाती है। बीते वर्ष इनके लिए GI टैग का आवेदन किया गया था, जिसके बाद विस्तृत जांच और दावों की प्रक्रिया पूरी करते हुए इन्हें मान्यता प्रदान की गई। इससे अब इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अलग पहचान मिलेगी, जिससे इन्हें वैश्विक स्तर पर नया उपभोक्ता आधार भी प्राप्त हो सकेगा।

 

इसके अलावा, GI टैग से इस क्षेत्र से जुड़े शिल्पियों के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और उनकी आय में भी वृद्धि संभावित है। ग्वालियर की कलाओं के साथ बैतूल का भरेवा मेटल क्राफ्ट, छतरपुर का फर्नीचर और खजुराहो का स्टोन क्राफ्ट भी GI टैग की सूची में शामिल हुए हैं। इस उपलब्धि से कला-संस्कृति से समृद्ध मध्य प्रदेश को नई उड़ान मिली है और पारंपरिक शिल्प को संरक्षित करने की दिशा में यह बड़ा कदम साबित होगा।

Dakhal News 4 December 2025

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