Patrakar Priyanshi Chaturvedi
केंद्र सरकार ने सभी नए स्मार्टफोनों में ‘संचार साथी’ ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने का आदेश वापस ले लिया है। साइबर फ्रॉड से बचाव के उद्देश्य से जारी किया गया यह निर्देश जोरदार विरोध के बाद बुधवार को हटाया गया। दूरसंचार विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 6 लाख से अधिक लोगों ने ऐप को स्वेच्छा से डाउनलोड किया है, जिससे सरकार को महसूस हुआ कि जागरूकता अभियान प्रभावी हो रहा है।
ऐप अब पूरी तरह स्वैच्छिक
DoT ने स्पष्ट किया कि प्री-इंस्टॉलेशन का उद्देश्य केवल ऐप अपनाने की प्रक्रिया तेज करना था, न कि इसे अनिवार्य करना। बयान में कहा गया है कि ऐप का उपयोग पूरी तरह स्वैच्छिक रहेगा और नागरिकों की निजता तथा डेटा सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।
विरोध के बाद लिया गया निर्णय
आदेश जारी होते ही विपक्षी दलों—कांग्रेस, AAP, TMC—और डिजिटल अधिकार संगठनों ने इसे निजता पर हमला बताया। आलोचकों ने कहा कि सरकारी ऐप की अनिवार्यता नागरिकों की निगरानी का रास्ता खोल सकती है, जिससे 2021 के पेगासस विवाद जैसी चिंताएं फिर उभर आईं। उधर, Apple और Samsung जैसी कई बड़ी कंपनियां भी इस नियम को लेकर असहज थीं और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौती देने पर विचार कर रही थीं।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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