छतरपुर । मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के भीमकुंड आश्रम के महंत शंकर शरण दास (62) ने गुरुवार सुबह कथित तौर पर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा बनाया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया गया है कि महंत ने 8 वर्ष पहले ही यहाँ पदभार संभाला था और पूर्व में अध्यक्ष भी थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्होंने अपना अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।
रुरावन मंदिर के पुजारी भागीरथ ने बताया कि सुबह महंत शंकर शरण महाराज उनसे मिले और गले लगकर कहा कि मैंने विष पी लिया है। इसके बाद वे अपने कमरे में गए और गिर पड़े। उन्हें तत्काल बंडा अस्पताल ले जाया गया, जहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंचने पर डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है, जिसमें महंत को प्रताड़ित करने और ब्लैकमेल करने के आरोपों की भी पड़ताल की जाएगी।
महंत के भाई धर्मेंद्र दुबे और पुजारी संतोष मिश्रा ने आरोप लगाया है कि पूर्व गद्दीदार नारायण आचार्य और कमलनयन विगत दिनों से महंत को लगातार परेशान कर रहे थे और उन्हें झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दे रहे थे। परिजनों का कहना है कि इसी प्रताड़ना से तंग आकर महंत ने यह आत्मघाती कदम उठाया। परिजनों ने यह भी बताया कि शनिवार को भी 10 से 12 लोगों ने आश्रम परिसर में आकर तोड़फोड़ की थी। इस घटना की रिपोर्ट महंत ने स्थानीय थाने में दर्ज कराई थी।
भाई धर्मेंद्र दुबे ने बताया कि शंकर शरण महाराज छतरपुर स्थित भीमकुंड में महंत थे। उनके आश्रम में खाना बनाने का काम करने वाली एक महिला और खजुराहो क्षेत्र के दो लोग मिलकर महंत को लगातार परेशान कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग महंत को झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर उन्हें महंत का पद छोड़ने और एक करोड़ रुपये देने की मांग कर रहे थे। इस प्रताड़ना से महंत मानसिक रूप से परेशान होकर भीमकुंड छोड़कर रुरावन आ गए थे। बुधवार रात को महंत को महिला के बयानों का एक वीडियो भेजा गया था। वीडियो में महिला महंत शंकर शरण पर हाथ पकड़ने का आरोप लगा रही थी और उसने छतरपुर महिला थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। दुबे ने बताया कि गुरुवार को महंत शंकर शरण को थाने बुलाया गया था। महंत ने आत्मसम्मान और छवि खराब होने के डर से इतना बड़ा कदम उठा लिया। उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने गुरुवार दोपहर सागर स्थित बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराने के बाद महंत का शव परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजन उनके पार्थिव शरीर को रुहावन लेकर गए, जहाँ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिजनों के अनुसार, अंतिम संस्कार के बाद उन्हें भीमकुंड भी ले जाया जाएगा।
गौरतलब है कि ऐतिहासिक भीमकुंड आदिकाल से प्रसिद्ध तीर्थस्थान रहा है। यह कई ऋषियों, मुनियों व तपस्वियों की साधना का केंद्र रहा है। लेकिन बीते कुछ दशकों से यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ वैज्ञानिकों के शोध केंद्र के रूप में भी विकसित होते जा रहा है। इसका कारण है भीमकुंड की रहस्यमयी गहराई, जो आज तक नापी नहीं जा सकी है। पर्यटन प्रेमियों के लिए यह एक रमणीक जबकि इतिहास और प्रकृति पर शोध करने वालों के लिए यह रहस्मयी स्थान है। इस कुंड का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, यही वजह है कि लोगों के लिए यह कुंड आस्था का केंद्र बना हुआ है।